Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-04-2021, 12:12 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
इधर रीमा भटकते भटकते एक रास्ते पर दौड़ी चली जा रही थी | तभी उसे एक चाभी लगा स्कूटर दिखाई दिया | रीमा ने चारो तरफ देखा और स्कूटर को स्टैंड से उतारा, थोड़ी दूर पैदल लेकर चली, फिर उस पर पीछे लटकता हेलमेट पहना और एक छोटे से रूमाल से अपना मुहँ बंधा | उसने स्कूटर स्टार्ट किया उर तेजी से उसी रास्ते पर आगे बढ़ गयी |
उसे नहीं पता था कहाँ जाना है क्या करना है बस उसी रास्ते की ओर बढ़ गई उसे नहीं पता कहां जाना है यह कहां रास्ता जाएगा लेकिन वह बस यहां से निकल के बाहर जाना चाहती थी |

उधर अनिल को जैसे ही रीमा के सैंडल में लगे ट्रांसमीटर का सिग्नल मिला पूरी की पूरी पुलिस फ़ोर्स निकल पड़ी | पुलिस की टीमें रवाना हो गई थी और तेजी से वह गंतव्य की ओर पर पहुंच रही थी |

उधर जब काफी देर तक बाथरुम से वापस नहीं आई तो वह महिला गार्ड ने अन्दर जाकर तलाशना शुरू किया और जब उसने बाथरूम खोलकर देखा तो वहां कोई नहीं था उसने हंगामा मचा दिया | उसने तुरंत गेट पर बैठे सिक्योरिटी गार्डों को फोन किया ... गेट से सभी गार्ड को और अपने सारे आदमियों को चौकन्ना कर दिया गया ............पलक देखते ही देखते उस उस गैंग के पूरे नेटवर्क में खबर फैल गई कि एक मैडम भाग गई है उनको जहां भी दिखाई दे उन्हें तुरंत हवाले किया जाए इधर रीमा स्कूटर पर बैठ कर के तेजी से एक रास्ते पर चली जा रही थी | रीमा ने सालो से स्औकूटर नहीं चालाया था इसलिए बड़ी सावधानी से धीमे धीमे चला रही थी | तभी देखा उसने कि उसके पीछे कुछ बाइक सवार लग गए हैं वह हैरान थी उसे नहीं पता पहले तो उसे पता नहीं चला कि उसके पीछे आ रहे हैं लेकिन थोड़ी देर बाद एक ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो रीमा को लगा कि नहीं यह बाइक सवार उसी का पीछा कर रहे हैं उसने स्कूटर की स्पीड बढ़ा दी बाइक सवार ने जोर लगाया और तेजी से आगे पीछे हो लिया हम दोनों के बीच में तेजी से लैस होने लगी थी ऐसा हो गया था दुपहिया वाहन चलाए इसीलिए उसके लिए बहुत दिक्कत हो रही थी लेकिन इस समय तो जान पर बनी थी इसलिए वह कैसे करके
चला रही थी |

रीमा एक अनजान सड़क पर तेजी से चलती जा रही थी रीमा ने सालों से स्कूटर नहीं चलाया था इसलिए उसे स्कूटर को संभालने में दिक्कत हो रही थी लेकिन इस समय उसकी जान पर बन आई थी और इसलिए वह जैसे तैसे भी करके स्कूटर को चला रही थी कुछ देर बाद उसे एहसास हुआ कोई उसका पीछा कर रहा है हालांकि स्कूटर में बैक व्यू मिरर नहीं था इसलिए वह देख नहीं पाई फिर उसने कुछ देर चलने के बाद पीछे गर्दन घुमाकर देखा तो उसे लगा एक बाइक पर दो लड़के शायद उसी का पीछा कर रहे हैं | कुछ देर तक तो रीमा सतर्क होकर सीधे चलती रही फिर जब बाइक सवार पीछे आ गया और उसने रीमा को रोकने की कोशिश की तब रीमा को

पक्का हो गया की वो दोनों उसी का पीछा कर रहे है ........ उसने अचानक से एक्सीलेटर को बढ़ा दिया और तेजी से आगे निकल गई बाइक सवार ने भी स्पीड बढ़ा दी | रीमा की धड़कने तेज हो गयी ...... उसके अन्इदर फिर से सूर्तयदेव की गिरफ्नीत में जाने का खौफ सताने लगा | इतनी जल्दी इन लोगों को कैसे पता चल गया इसका मतलब इन का नेटवर्क बहुत तगड़ा है रीमा के मन में बस यही सवाल बार बार घूमने लगा और दहशत के मारे उसके हाथ पांव कांपने लगे थे | उसने खुद को संभाल कर के स्कूटर को तेजी से आगे बढ़ा दिया ...बाइक पर सवार दोनों लड़के भी रीमा से मजे लेने लगे वह बाइक की स्पीड बढ़ा कर के रीमा के पीछे तक आते और उसके बाद जब रीमा भी थोड़ी सी थोड़ी स्पीड बढ़ा देती तो बाइक सवार थोड़ी सी अपनी स्पीड बढ़ा देते | वो जीतनी स्पीड में स्कूटर दौड़ा सकती थी उतनी स्पीड में स्कूटर दौड़ा रही थी | वह बहुत ही घबरा गई थी अब तो उसके अंदर दिल जोर जोर से धड़क रहा था और दहशत के कारण उसका बुरा हाल हो गया था वह क्या करें क्या ना करें से समझ में नहीं आ रहा था बस उसके दिमाग में बस एक ही चीज दौड़ रही थी कि तेजी से स्कूटर को आगे की तरफ भागते रहो जब तक भगा सको |

इधर इधर सूर्य देव ने वहां के लोकल थाने में भी फोन कर दिया था और बाइक पर सवार लड़कों ने फोन करके सूर्यदेव को रीमा की लोकेशन भी बता दी थी इसलिए सामने से 1 जीप में रीमा को पकड़ने के लिए पुलिस वाले रीमा की उलटी दिशा से वापस कस्उबे की तरफ चल पड़े | रीमा तक कस्बाबे से बाहर आ चुकी थी | रोड जमीन से 50 फीट की पकी ऊँचाई पर बनी थी | दोनों तरफ रोड के ढलान पर बड़े बड़े पत्थर कटाव रोकने के लिए बने थे | बीच बीच में पानी के बहाव के लिए पक्की सीमेंट की नालियां बनी हुए थी | सड़क के दोनों तरफ सिर्फ घना जंगल था | थोड़ा आगे चलकर एक छोटी सी नदी पड़ती थी जो जंगल को दो भागो में बांटती थी | नदी के दूसरी तरफ भी 100 घरो की एक बस्ती थी | पुलिसवालों ने ठीक नदी के पुल से पहले जीप बीचो बीच रोड पर खड़ी कर दी | रीमा की आँखों में पोलिस की जीप देखते ही चमक आ गयी | तभी बाइक सवार ने रीमा को ओवरटेक कर लिया, लेकिन रीमा बायीं तरफ कट मार के बचकर रोड पर चल रहे ट्रक की ओट में हो गयी और फिर उसे क्रॉस करते हुए तेजी से आगे निकल गयी | रीमा ने इधर उधर नजर दौड़ाई चारों तरफ गहरा अंधेरा छाने लगा था | जैसे जैसे जीप करीब आती जा रही थी, रीमा के दिमाग में गार्ड की बात घूम गयी कि यहां पर पुलिस और गुंडे दोनों ही सूर्यदेव के इशारों पर नाचते हैं अब उसके सामने कोई चारा नहीं था | जीप उसका रास्ता रोके बीच रोड में खड़ी हुई थी | रीमा ने अपने स्रीकूटर की स्मापीड थोड़ी सी कम करी और जीप के सामने जाते जाते तेजी से लेफ्ट कट मार के तेजी से स्पीड बढ़ा दी |
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09-04-2021, 12:13 PM,
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उल्टा साइड से आगे की तरफ बचकर निकल कर जाने की कोशिश करने लगी लेकिन ही उसने जीप को कट मार कर के थोड़ा आगे बढ़ी सामने से एक ठेलेवाला नजर आया | रीमा को कुछ समझ में ना आया, उसने तेजी से ब्रेक मारे लेकिन वो नाकाफी थे, उसने बायीं तरफ को ही हँडल मोड़ दिया | स्कूटर सड़क पर से उतर कर के नीचे जा रही ढलान पर उतर गया था ढलान पर बड़े-बड़े पत्थर पड़े हुए थे और उन पत्थरों पर स्कूटर कुछ देर उछालने के बाद रीमा के हाथ से स्कूटर का नियनत्रण समाप्त हो गया | रीमा उसे संभाल नहीं पाई स्कूटर से उछलकर दूर जा गिरी | उसका सर एक बालू से भरी बोरी से जाकर के टकराया रीमा की किस्मत बहुत अच्छी थी
वो ऐसी जगह जाकर गिरी जहाँ पत्थर नहीं थे | असल में मीती डालकर ऊँची रोड बनाई गई थी जिसके कारण वहां पर से पानी निकलने के लिए नालियां बनी हुई थी और एक जगह पर पानी के बहन के कारन कटाव हो गया जिसके कारण गड्ढा हो गया था तो वहां पर सड़क बनाने वालों ने मिट्टी भरकर उसके ऊपर पॉलिथीन बिछा कर टेम्दीपररी नाली बना दी थी और आसपास बालू की बोरियां रख दी थी रीमा बिल्कुल उसी जगह जाकर गिरी और उसका हेलमेट बालू की बोरी से टकराया, उसकी कमर हाथ पाँव में खुरचन आई | उसकी किस्मत अच्छी थी कि उसने हेलमेट पहन रखा था और सिर में किसी तरह की गंभीर चोट नहीं आई उसके बाद वह वहां से लुढ़कती हुए नीचे की तरफ चली गयी और नदी की रेतीली मिटटी पर जाकर दूर गिरी | पुलिस वाला और बाइक सवार दौड़ कर तेजी से वहां आये जहाँ से रीमा नीचे की तरफ लुढ़की थी लेकिन नीचे अँधेरा था इसलिए कुछ दिखाई नहीं दिया | तब तक ठेलेवाला भी वही आकर नीचे की तरफ देखने लगा | रीमा का स्कूटर रीमा से दूर छिटक कर जा गिरा | उसके अस्थि पंजर सब खुल गए थे |
पुलिसवाले ने हैरान थे कैसी अजीब औरत है खुद को मौत कैसे गले से लगा लिया | बाइक वाले लड़के तेजी से नीचे जाने के लिए आगे बढ़े | तभी ठेलेवाला - अरे कहाँ जा रहे हो |
एक लड़का गुराया - दिख नहीं रहा बुड्ढ़े नीचे जा रहा है |
बुड्ढा उनकी तरफ देखकर - तुमारी कोई रिश्तेदार थी क्या ?
लड़का - अबे अपना काम कर न साले बुड्ढ़े |
बुड्ढा - मैडम इतनी उचाई से गिराने के बाद शायद ही बची हो, अँधेरा हो गया है नीचे नदी के पास जाने का मतलब मौत है |

पुलिसवाला - बुढाऊ सठिया गए हो क्या.............क्या बकवास कर रहे हो |
बुड्ढा - साहब पिछले हफ्ते ही दो लड़का लड़की जवानी के जोश में मेरी बात माने नहीं नीचे चले गए, दो दिन बाद टुकड़ो में लाश मिली है | आपकी इधर ड्यूटी नहीं लगती इसलिए शायद आपको पता नहीं है |
पुलिसवाला - मतलब क्या कहने का तेरा |
बुड्ढा - साहब रात के अँधेरे में जंगल का कौन भरोसा, सुना है एक पागल भालू है जो सिर्फ रात में निकलता है | अब तक 20 लोगो को मार चूका है |
पुलिसवाला - क्या बकवास कर रहा है, एक मारूंगा सही हो जायेगा |
बाइक वाला एक लड़का बोला - सर मैंने भी पेपर में पढ़ा था जगल में एक लड़का लड़की की लाश मिली है | शायद शेर उन्हें खा गया था |
बुड्ढा - शेर नदी के इस पार नहीं आते साहब | मै पिछले पांच साल से यही मशरूम बेचता हूँ बैठकर |
पुलिसवाला - तो |
बुड्ढा - साहब भालू, वो पागल है, मै भी दिन में ही जाता हूँ जंगल में वो भी चार पांच लोग एक साथ |
पुलिसवालो ने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया और नीचे की तरफ जाने लगे | तभी एक तेज आवाज गूंजी और उनके कदम ठिठक गए | न केवल ठिठक गए बल्कि उलटे हो लिए |
उनके चेहरों पर चिंता और डर की लकीरे साफ़ झलक रही थी | सूर्य देव का साफ-साफ आदेश था कि रीमा उनको जिंदा चाहिए |
बुड्ढा - मैडम तो जिंदा बची नहीं होगी आप भी अपनी जान दांव पर क्यों लगा रहे हैं पुलिस वाला हैरान रह गया |
बुड्ढा की बात में दम था | बुड्ढा बोला - साहब नीचे जंगल है और बहुत घना जंगल है इस जंगल में मैं दिन में उजाले में मशरूम लेने जाता हूँ वो भी पांच लोग एक साथ | अकेले कभी नहीं गया | जो भी रात के अंधेरे में इधर जंगल में कहीं भी आसपास पाया जाता है उसे भालू मार देता है |

वहीं पर खड़े खड़े दो पुलिसवाले और दो बाइक वाले सोच विचार करते रहे उन्हें समझ में नहीं आया आखिर क्या करें सूर्य देव का साफ-साफ आदेश था कि रीमा उन्हें जिंदा सही सलामत चाहिए लेकिनअब क्या करें | तभी पुलिस वाले ने नीचे की तरफ टोर्च लगाकर देखा हालांकि टोर्च की रोशनी जहां तक जा रही थी वहां तक उसे कुछ दिखाई नहीं दिया | काफी देर तक इधर-उधर माथापच्ची करने के बाद उन्हें कुछ समझ में नहीं आया | बाइक सवार लड़का फिर से हिम्मत करके नीचे उतर के जाने की कोशिश करने लगा |
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09-04-2021, 12:13 PM,
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बुड्ढा बोला - साहब अब तो आप लौट के नहीं आओगे जाना हो तो जाओ मुझे क्या है |
उन लोगो के सामने अजीब पहेली थी आखिर करें तो क्या करें | सब एक दुसरे को देखते रहे |
फिर आखिर में पुलिस वाले ने पूछा - एक चीज बता तू यह सब कैसे जानता है |
बुड्ढा बोला - साहब मैंने बताया न मेरा मशरूम का काम है मेरे को जंगल में मशरूम लेने जाता हूं और यह काम में आज से नहीं पिछले 20 सालों से कर रहा हूं जंगल में एक भालू भालुनी रहता था वह बहुत ही प्यारा जोड़ा था दोनों आपस में खेलते रहते थे और मस्ती करते रहते थे उनको किसी से कोई मतलब नहीं था नदी के इस तरफ जंगल में वो जोड़ा रहता था और नदी के उस तरफ जो है वह शेर रहते हैं शेर इधर कभी नहीं आते हैं और भालू कभी उधर नहीं जाता है | एक दिन मैंने देखा किसी ने जंगल में भालुनी को गोली मार दी थी, वो पेट से थी | मैं जब तक भाग भाग कर गया तब तक भालुनी मर चुकी थी | और इसी के बाद से वह भालू पागल हो गया उसके बाद उसे जो भी इंसान मिलता है उसे मार डालता है | मैं अक्सर जंगल जाता था भालू मुझे रोज देखता था लेकिन जब से भालुनी मरी मै कभी अकेले जाने की हिम्मत नहीं कर पाया | अन्दर गहरे जंगल में तो कभी जाता ही नहीं हूँ | मुझे जो कहना था मैंने बता दिया साहब अब आपकी मर्जी आप को मरना है तो जाओ | इतना कहकर ठेले वाला अपने ठेले की पास चला गया |
वहां लोगो का तमाशा देखने का मजमा लगाते देख पुलिसवाले सबको भगाने लगे | इधर बाइक वाले लडको ने काफी सोच विचार आने के बाद सूर्य देव को फोन मिलाया और सारी कहानी बता दी |

सूर्यदेव झल्ला कर रह गया और गाली देने लगा - भोसड़ी वालों तुमसे एक काम ढंग से नहीं होता है तेरी आम्मा को चोदूं | सालो मादर चोदो तुम सबको गोली से उड़ा दूंगा एक बार आवो तो सामने |

कुछ देर बात शांत होकर - रीमा का पता लगाओ खाली हाथ आए सब को गोली मार दूंगा | नीचे जाओ और रीमा का पता लगाओ अगर मिल जाती है तो मुझे फोन करना | इसी ऊहापोह में काफी समय बीत गया था आखिरकार उन दोनों लड़के और दो पुलिस वाले एक दूसरे का हाथ पकड़े पकड़े धीरे-धीरे करते हुए नीचे उतर के गए सड़क की ढलान खत्म होते ही कम से कम 20 मीटर बाद उन्हें स्कूटर पड़ा मिल गया था लेकिन उसके बाद उन्होंने इधर-उधर काफी टोर्च मारी लेकिन रीमा का कहीं अता पता ही नहीं था वह हैरान थे इतनी जल्दी भालू रीमा को उठा ले गया | उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था | वह बहुत ही परेशान हो गए थे | जब स्अकूटर है तो मैडम भी आसपास ही होनी चहिये | एक दूसरे का हाथ पकड़े पकड़े और ऊपर वाले की माला जपते जपते उन्होंने चारों तरफ रीमा की ढूंढने की कोशिश की लेकिन उन्हें मिलना तो दूर उसके कोई निशानी तक नहीं मिली वह हैरान थे ऐसे कैसे हो सकता है अचानक से एकदम से रीमा कैसे गायब हो सकती है क्या उसे भालू उठा ले गया अगर उसे भालू ने उठा लिया गया है तो इसका मतलब वो कहीं आस-पास ही होगा उन्हें जल्दी से यहां से भाग लेना चाहिए और वह अपने डर के मारे फिर से वह ढलान चढ़कर के ऊपर सड़क पर आ गए और सूर्यदेव को फोन कर दिया कि साहब स्कूटर तो मिल गया है लेकिन मैडम गायब हो गई हैं |

सूर्यदेव बौखला गया उसे पता था रीमा ही एक ऐसी चाबी है जो उसे जग्गू के बाप विलास के कहर से बचा सकती हैं अगर वो नहीं मिली तो विलास उसको जिन्दा नहीं छोड़े | आखिरकार अपने आदमियों को गली देता हुआ वो खुद ही घटनास्थल की तरफ चल पड़ा|

इधर अनिल और उनकी पुलिस फोर्स फैक्ट्री के गेट पर पहुंच गई थी लेकिन वहां पर गार्डों ने उन्हें अंदर घुसने नहीं दिया क्योंकि सभी के सभी पुलिसवाले सादी वर्दी में थे अनिल ने धमकाने की भी कोशिश करी लेकिन गार्ड टस से मस नहीं हुए उसके बाद अनिल को लगा अब तो समस्या हो जाएगी उसके बाद में उन्होंने रोहित को फोन किया और पुलिस वाले ने अपने साहब को फोन किया काफी देर तक फोन पर इधर-उधर लोगों को फोन नंबर मिलाते रहे आखिरकार अनिल की वहां के कमिश्नर साहब से बात हो गई और उसके बाद कमिश्नर के फोन पर लोकल पुलिस अनिल की मदद करने के लिए आई | उन्होंने गार्डों को धमकाया, गार्डो ने सीधे सूर्यदेव को फ़ोन मिला दिया | सूर्यदेव ने फ़ोन नहीं उठाया | गार्ड अपनी जगह पर अड़ गए और पोलिस को मजबूरन अपने असली रूप में आना पड़ा | गार्डो को पकड़ने और काबू करने के बाद अंदर जाकर के जब उन्होंने पूरी फैक्ट्री की तलाशी ली तो उन्हें कुछ नहीं मिला हालांकि जिस जगह से सिग्नल आया था अनिल सीधे वही गए बाकी पुलिसवाले पूरी फैक्ट्री की तलाशी लेने लगे | अनिल को वह सैंडल रीमा की मिल गई थी लेकिन रीमा वहां नहीं थी | | अनिल ने काफी देर तक सब कुछ बारीकी से देखने के बाद वहां से लौट आए वो पूरी तरह से निराश हो चुके थे आखिर रीमा यहां थी तो कहां गई | गार्डो को पता होना चाहिए | गार्डो को नहीं पता होगा तो किसको पता होगा | गार्डो पर पोलिस के लाठी डंडे बरसने लगे | कुछ ही देर में गार्डो ने मुहँ खोल दिया |
अनिल हैरान थे रीमा यहाँ से इतनी खतरनाक जगह से भाग निकली | उस गार्ड को पकड़कर लाने के लिए पोलिस ने छापे मारने शुरु कर दिए | इधर सूर्यदेव को फैक्ट्री में पोलिस के छापे की खबर लग गयी | जब सूर्य देव को पता चला कि पुलिस जो है वह किसी बाहर के आदमी को उसकी फैक्ट्री में लेकर गई है तो वह आगबबूला हो गया था पूरी बात पता चलने के बाद में उसका गुस्सा कुछ कम हुआ लेकिन उसने गुस्से में आकर के गार्ड और महिला गार्ड दोनों को मौत का फरमान सुना दिया था क्योंकि उन्हीं दोनों के कारण यहां से रीमा भाग कर गई थी आखिरकार गार्ड को सूर्य देव के आदमियों ने धर दबोचा और उससे पूछताछ करने पर जब नहीं ज्यादा कुछ जानकारी नहीं मिली तो उसे गोली मार दी | गार्ड मौत के घाट उतार दिया गया | उसे समझ आ गया था अगर रीमा पोलिस के हाथ लग गयी तो उसका खेल ख़त्म है |

अनिल के अंदर आशा की एक उम्मीद जगी और वो रीमा को ढूढ़ने निकल पड़े | उन्होंने पुलिस से कहा कि पूरे शहर की नाकाबंदी कर दो और इस कस्बे से आने जाने वाले सभी के ऊपर पूरी तरह से निगरानी रखो | कस्बे के चारों तरफ बहुत ही पुलिस का पहरा कड़ा हो गया था बाहर जा पाना लगभग असंभव था |
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09-04-2021, 12:13 PM,
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इधर सूर्यदेव भी घटनास्थल पर पहुंच गया था वह हैरान था रीमा के दुस्साहस को देखकर हैरान था किस औरत से पंगा ले लिया है अब तो वह धीरे-धीरे मुसीबत के दलदल में फंसता हुआ जा रहा था इधर अनिल ने रोहित से लंबी चौड़ी बात करी और उसके बाद फैसला किया कि रीमा की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा दिया जाना चाहिए और उसकी फोटो टीवी चैनल पर प्रसारित कर देनी चाहिए रोहित ने भी इससे हामी भरी और अब उसे रीमा की सचमुच में चिंता होने लगी थी अब तक वह सिर्फ इस बात से चिंतित था कि रीमा कहां एकदम से गायब हो गई लेकिन अब तो से लग रहा था कहीं ऐसा तो नहीं कि उसने रीमा को हमेशा के लिए खो दिया है उसने अपने ऑफिस से छुट्टी ली और फ्लाइट पकड़कर के देश वापस आ गया |

इधर रीमा एक कमरे में लेटी हुई थी जब उसको होश आया तो उसने देखा कि वह एक कमरे में लेटी हुई है उसके ऊपर एक चद्दर पड़ी हुई है उसका सिर में बहुत तेज दर्द हो रहा है उसकी कमर और बदन में भी बहुत बहुत तेज दर्द हो रहा है पूरे शरीर में दर्द से बुरा हाल था | ऐसा लग रहा था उसे चक्दिकर आ रहे है | आंखे खुलते ही दिमाग भी सक्रीय हो गया | उसे समझ नहीं आया अभी वो कहाँ है | उसने इधर-उधर गर्दन घुमाकर देखा तो उसे कुछ पता नहीं चला कि आखिर वह इस कमरे में क्या कर रही है उसने अपने दिमाग पर जोर डाला और आखरी चीज जो उसे याद आई है उसका स्कूटर सड़क से उतरकर सड़क के पटान की ढलान पर उतर गया था उसके बाद वह पत्थरों पर स्कूटर को संभाल नहीं पाई थी और लुढ़क गई थी | रीमा के व्यथित मन में एक ही सवाल था मैं कहां हूं क्या मै फिर से सूर्य देव के चंगुल में फंस गई | नहीं अब फिर से नहीं, नहीं अब और नहीं आखिर कितनी बार ..................क्या उन पीछा करने वाले लडको ने मुझे पकड़ लिया........................ वह सूर्य देव के चंगुल में फंस गई है | आखिरकार मै हूँ कहाँ ..................... तभी उसका ध्यान अपने ऊपर पड़ी चद्दर पर गया तो उसे एहसास हुआ है चादर के नीचे वह पूरी तरह से नंगी लेटी हुई है, हाययय वो नंगी, उसने आइस्ते से अपने ऊपर पड़ी चादर को उठाया और देखा | उसकी चोटों पर एक लाल रंग की दवाई लगी हुई थी उसे समझ में नहीं आया यह सब क्या है, उसे लगा कि फिर से सूर्य देव के आदमियों के चंगुल में फंस गई है और चोट लगने के कारण उन्होंने उसकी मरहम पट्टी की | यही सब समझ कर उसका दिल बैठा जा रहा था उसकी आंखों में अंधेरा छाने लगा था और वह सिबुक सिबुक कर करके रोने लगी

कुछ ही देर बाद में जिस कमरे में रीमा लेती थी उसके दरवाजे पर एक दस्तक हुई रीमा चौकन्नी हो गई | उसने तेजी से अपने हाथों से आँखों से बह रहे आंसू पोंछ लिए | हालांकि उसकी कोहनी भी दुख रही थी लेकिन उसने किसी तरह मोड़ कर अपने आंसू पोंचे ताकि सामने वाले को वह लाचार और बेबस ना दिखे | उसने देखा दरवाजा खोलकर एक छ फीट हट्टा कट्टा आदमी अंदर आया उसके हाथ में दो थैले थे उसने आते ही सबसे पहले रीमा की तरफ देखा | रीमा ने जानबूझकर आंखें बंद कर दी थी | उसने एक मेज पर दोनों थैले रखे उसके बाद में उसने पास आकर के रीमा के माथे पर उंगलियों से उसके तापमान का जायजा लिया |
खुद ही बुदबुदाया - बुखार तो नहीं है |

फिर उसने कन्धा हिलाकर रीमा को जगाने की कोशिश की - उठो मैडम, दवाइयाँ खाने का वक्त हो गया है | एक दो बार उसके कंधे हिलाने के बाद रीमा ने धीरे से आंखें खोल दी और उसके मन में हजारों सवाल थे कौन से सवाल पहले पूछे से समझ में नहीं आया था रीमा ने सबसे पहले उससे पूछा - मैं कहां हूं |
वह आदमी काफी ही गंभीर आवाज में बोला - मैडम आपको चोट लगी है आप चिंता ना करें आप जहां भी हैं पूरी तरह से सुरक्षित हैं |
रीमा - तुम सूर्यदेव के आदमी हो |
सूर्यदेव का नाम सुनते ही वो चौंक गया - सूर्यदेव को कैसे जानती हो |
रीवा के मुंह से फिर वही सवाल निकला - मैं कहां हूं |
आदमी थोड़ा भरोसा दिलाने वाले अंदाज में बोला - मैडम आप जहां भी हैं पूरी तरह से सुरक्षित हैं आपको चोट लगी है आपको आराम करना चाहिए और दिमाग पर जोर नहीं डालना चाहिए |
रीमा अन्दर से डर और दहशत से भरी हुई थी लेकिन उसी डर ने उसको हिम्मत भी दी | उसने दृढ़ता से पूछा - मै जानती हूँ तुम सूर्यदेव के आदमी हो |
रीमा के मुंह से सूर्य देव का दुबारा नाम सुनते ही वो आदमी हैरान रह गया - पहले ये बताओ सूर्य देव को आप कैसे जानती हैं |
रीमा भी हैरान रह गई क्या कि सूर्य देव का नाम सुनते ही वह क्यों चौका रीमा ने फिर से उस आदमी को जवाब दिया - सवाल पहले मैंने पूछा है मुझे जवाब चाहिए तुम सूर्य देव के आदमी हो ?
वह आदमी बोला - नहीं मैं सूर्यदेव का आदमी नहीं हूं |
रीमा - फिर तुम कौन हो |
आदमी - मैडम आप ज्यादा दिमाग पर जोर मत डालिए मैं कह रहा हूं ना आप पूरी तरह से सेफ है |
रीमा बोली - मुझे बताओ तुम कौन हो |
आदमी - यूं समझ लीजिए कि मैं सूर्यदेव का दुश्मन हूँ |
रीमा चौंकी ....... उसके सिर में और बदन में तेज दर्द हो रहा था | उस गबरू मर्द के जवाब से रीमा थोड़ा निश्चिंत हुई लेकिन वो सच बोल रहा है इसका कोई भरोसा नहीं था | रीमा का बदन दुःख रहा था वो दर्द से कराहने लगी |
वह आदमी बोला - मैडम मैंने कहा था ना आप अपने दिमाग पर ज्यादा जोर मत दो आप पूरी तरह से सुरक्षित हो , मैं आपके लिए पेन किलर स्प्रे और मरहम पट्टी और दवाइयां लाया हूं | आप को जब यहाँ लाया था तब आप बेहोश थी इसीलिए आपके ऊपर लाल दवाई लगा दी थी | तब मैं आपको दवा नहीं खिला सकता था | अब आप उठ गए हो तो आप पहले यह दवाइयां खा लो | उसके बाद में आपको जो पूछना है आप पूछ लेना |

रीमा ने अपने को उठाने की कोशिश करी लेकिन वह उठ नहीं पाई, वह आदमी आया और उसने रीमा को बिस्तर पर उठाकर बैठाया | लेकिन जैसे ही रीमा बिस्तर पर उठ कर बैठी उसके ऊपर की चद्दर नीचे खिसक कर के कमर तक पहुंच गई और उसके बड़े बड़े उन्नत ठोस तने हुए उरोज नुमाया हो गए रीमा शर्म से दोहरी होकर रह गयी| एक अनजाने मर्द के सामने उसकी चूचियां बिलकुल निवस्त्र नंगी बेपर्दा लेकिन फिर जल्दी ही उसके दिमाग में सवाल आया आखिर मेरे कपड़े कहां गए |
रीमा ने अगला सवाल करते हुए - मेरे कपड़े कहां है |
आदमी के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान है - मैडम आप बहुत खूबसूरत हो, कमाल का गोरा गुलाबी बदन है आपका लेकिन आप सवाल बहुत पूछती हो मैंने कहा ना आप आराम करो मैं आपके हर सवाल का जवाब दूंगा |
रीमा बोली - मेरे कपड़े कहां है पहले ये बताओ तुमने मेरे कपड़े उतारे, तुमने मुझे नंगा किया |
आदमी बोला - मैडम आप जितनी ऊंचाई से लुढ़कते गिरी थी बहुत ही किस्मत वाली है जो जिन्दा है वरना वहां से गिरने के बाद कोई बचता नहीं है इतने बड़े-बड़े पत्थर जो ढलान पर पड़े हैं उसमें से कोई से भी आप टकरा जाती ना तो आपका काम तमाम हो जाता |
रीमा को उस पर गुस्सा आ रहा था - मेरे कपड़े कहां है आखिर तुमने मुझे नंगा क्यों किया |
आदमी - मैडम जब आप नीचे गिरी तो आपके कपड़े धूल मिट्टी से पूरी तरह से गए थे आपके शरीर से निकलने वाला खून भी उन कपड़ों में लग गया था और कपड़े जगह-जगह से फट गए थे तो आपके बदन पर जो कपड़े थे वो धुल मिट्टी खून से पूरी तरह से सने हुए थे और फटे हुए भी थे इसीलिए मैंने उतार दिया था ताकि मैं आपके शरीर पर चोटों पर दवाइयां लगा सकूं | अब आप बतावो आपके कपड़े उतारे बिना मै आपके चुताड़ो या सीने पर लाल मलहम कैसे लगा सकता था | आपकी जान बचाने के लिए ही आपको नंगा किया था, आपके हुस्न का दीदार करने के लिए नहीं |
रीमा चुप हो गयी |
वो आदमी आगे बोला - मैडम अगर आप की परमिशन हो तो मैं आपके चोटों पर मरहम पट्टी कर दूं और आपकी कमर पर यह स्प्रे ताकि आप यह जो दर्द से कराह रही है इससे आपको राहत मिलेगी |
रीमा ताना मारते हुए - तुमने मेरे सारे कपड़े उतारे तुमने मुझे नंगा किया तुमने मुझे पूरी तरह से देख लिया, सर से लेकर पैर तक | अब परमिशन क्यों मांग रहे हो |
आदमी मुस्कुराया - लगता है मैडम नाराज है मैडम आपकी जान बचाने के लिए जो जरूरी था मैंने वही किया अभी भी मैं वही कर रहा हूं |
रीमा क्या कहती है अब आखिरकार उसने जो उसके लिए किया है उसके आगे रीमा के पास कोई सवाल बचा ही नहीं था |
रीमा ने भी अपने खुले सीने को नहीं ढका, वही वैसे ही बैठी रही | वो आदमी रीमा के लिए कुछ गोलियां लेकर आया, रीमा ने गोली खा ली | उसके बाद वो रीमा की मरहम पट्टी करने लगा | उसने रीमा की कोहनियों पर दवाई लगायी और टेप से पट्टी लगा दी , फिर कमर और कंधे पर भी यही किया | रीमा उसी तरह से बैठी रही |
आदमी - आप वैक्सिंग करती हो, तभी आपका जिस्म इतना गोरा और चिकना है |
रीमा कुछ नहीं बोली |
आदमी - मै ही जानता हूँ मैंने खुद को कैसे काबू कर रखा है |
रीमा - मेरी इस लाचारी का फायदा उठाओगे , मेरी इज्जत लूटोगे, मेरे साथ बलात्कार करोगे |
आदमी रीमा की पीठ पर दवाई मलता हुआ - मैडम अगर बिना आपकी मर्जी के कुछ करना होता तो अब तक कर चूका होता | मैडम मर्द जेंटलमैन भी होते है | बिना औरत की मर्जी के उन्हें नहीं चोदते |
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09-04-2021, 12:13 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा - मेरे से ऐसी बाते न करो |
आदमी - क्या करी मैडम, आपको देखकर जो अन्दर गुबार उठ रहा है, वो आचा है बातो से निकल जाये कही और से बहकर पंहुच गया तो मै भी खुद को संभल नहीं पाउँगा |
रीमा - तुम सब मर्द एक जैसे ही होते हो |
आदमी - आपकी कमर पर स्प्रे करना है उलटा होना पड़ेगा आपको |
रीमा ने झटके से बाकि बची चादर भी खुद के जिस्म से हटा कर दूर का दी, और हल्की नाराजगी से - लो करो स्प्रे |
रीमा को फिर से नंगा देख अब उसके लिए खुद को काबू में रख पाना बहुत मुश्किल था | उसने के गहरी साँस ली |
रीमा - अब खुस , करो स्प्रे |
उसने रीमा को हाथ पकड़कर आराम से उल्टा लिटाया और स्प्रे कर दिया |

रीमा अंदर ही अंदर दर्द दहशत और और संशय से भरी हुई थी वह उसे इस समय दर्द के अलावा और कुछ महसूस नहीं हो रहा था हालांकि वह यह समझ रही थी वह पूरी तरह से नंगी है और वह आदमी उसे देख रहा है लेकिन इस समय दर्द की पीड़ा से दिमाग बहुत परेशान थी उस आदमी ने दवा लगाने के बाद उसने रीमा को उसी तरह से लेटे रहने दिया वह ट्यूब स्कप्ररे उठकर थैले में रखने चला गया | उसके बाद में वह रीमा के लिए एक गिलास जूस लेकर आया - इसे पी लो मैडम |
रीमा ने उल्वोटा लेटे लेटे ही थोडा सा सर उठाकर गिलास का जूस पी लिया उसके बाद वही चादर से रीमा का नंगा जिस्म ढक दिया |
| रीमा उस आदमी की शराफत से उसकी कायल हो गई कितना शरीफ आदमी है एक नंगी औरत की न केवल मरहम पट्टी कर रहा है बल्कि उसे उसने चादर ओढ़ा दी है मर्द ऐसे भी होते हैं क्या इसके अंदर इच्छा नहीं है मुझे देख कर के मुझे चोदने की |
आदमी बोला - मैडम आप जिसके चंगुल से निकल कर आई हैं वह बहुत ही पावरफुल आदमी है मैं कुछ देर के लिए कुछ काम से बाहर जा रहा हूं और बाहर से में ताला लगा दूंगा आपको दवा दे दी अब आप आराम करो |
पानी नीचे आपके पास रख दिया है अगर आपको भूख लगती हो तो किचन फल रखे हुए हैं और मैं तो 3 घंटे बाद आऊंगा तब तक आप आराम से सो जाइये |
इतना कहकर उस आदमी ने एक जैकेट अपने शरीर पर डाला और एक रुमाल से अपने मुंह को बांध लिया और एक गन निकाल कर अपनी कमर में लगा ली | तेजी से कमरे की लाइट बंद करके बाहर निकल गया |
रीमा गन देखकर डर गयी थी लेकिन जैसे ही वह बाहर निकल गया रीमा सोचने लगी कौन है यह यहां में मुझे यहां उठाकर क्यों लाया है आखिर इसको क्या जरूरत थी मुझे यहां लाने की .............................................रीमा के दिमाग में हजारों थे और साथ ही साथ में वह भगवान को शुक्रिया भी अदा कर रही थी कि आज इतने बड़े हादसे के बाद वह जिंदा भी बच गई थी इसी तरह की उधेड़बुन में खोई हुई थी रीमा की आंख बंद होने लगी | दवाएं अपना असर करने लगी थी और दवाओं के असर के कारण रीमा धीरे-धीरे गहरी नींद के आगोश में चली गई |

इधर अनिल के कहने पर पुलिस ने पूरे शहर पूरे कस्बे में नाकाबंदी कर दी थी हर आने-जाने वाले पर निगाह रखी जा रही थी और उसको चेक किया जा रहा था लेकिन फिर भी रीमा कोई अता-पता नहीं था इधर सूर्यदेव हैरान था जब स्कूटर यहीं पड़ा है तो फिर रीमा अचानक यहां से कहां गायब हो गई जब पुलिस वालों ने उसे बताया कि यहां पर एक भालू रहता है जो लोगों को यहां से उठा ले जाता है रात में तो वह बहुत जोर से ठहाका मार के हंसा - मुझे क्या चुतिया समझ रखा है लेकिन रात में जंगल की छानबीन नहीं करवा सकता था आखिरकार उसने सुबह तक इंतजार करने का फैसला किया |

इधर रीमा काफी देर तक गहरी नींद में सोती रही लेकिन उसके बाद में एकदम से दरवाजे पर जोर जोर से दरवाजे को पीटने की आवाज आई | दरवाजा इतनी जोर से पीता जा रहा था कि घहरी नीद में सो रही रीमा की आंखों से खुल गई वह अभी भी दवाओं के गहरी नशे में थी इसलिए उसे कुछ समझ में नहीं आया क्या हुआ लेकिन उसे पता चला कि दरवाजे पर कोई तेजी से पीट रहा है उसकी नशे की नींद जल्दी से टूट गई | कुछ देर तक दरवाजे को पीटने के बाद में वह आवाजें आनी बंद हो गई ऐसा लग रहा था जैसे वह कहीं आगे बढ़ गए थे |
रीमा हैरान थी कि सूर्य देव के आदमी क्या यहां भी पहुंच गए इतना ताकतवर है आदमी इस कस्बे में | रीमा डर गई क्या सूर्यदेव के आदमी तो नहीं आ गए, उनको मेरी जगह का पता चल गया .....वह काफी डर गई थी उसने अपने आपको चद्दर के अंदर ढक लिया था लेकिन अगले ही पल उसके मन में संतोष था कि दरवाजा तो बाहर से बंद था उन आदमियों की आवाज धीरे-धीरे कम होती गई और थोड़ी ही देर बाद में दरवाजे पर फिर से दस्तक हुई और दरवाजा खुला तेजी से वह आदमी जो रीमा को यहां लेकर आया था अंदर आया उसने एक चाबी निकाली और फिर से दरवाजा बंद करके बाहर निकल गया और ताला लगा दिया | रीमा को कुछ समझ में नहीं आया वह इधर-उधर दिमाग दौड़ाती रही लेकिन उसके कुछ पल्ले पढ़ा ही नहीं| काफी देर बाद जब फिर से पीछे से हल्की सी आवाज आई तो रीमा ने गर्दन घुमाकर कर देखा तो वही आदमी फर्श की दरी को खिसकाकर के नीचे से निकल कर के ऊपर आ रहा था |
रीमा हैरान थी उसके आंखे ये नजारा देखकर पलक झपकाना भूल गयी |
आदमी - मैडम जी हैरान मत होइए पीछे मैंने ४ फुट की सुरंग बना रखी है इमरजेंसी के लिए, ये मेरे घर के 50 मीटर दूर पीछे खुलती है वही से आ रहा हूं | सूर्य देव के आदमी पूरी बस्ती में कुत्तों की तरह घूम रहे हैं और हर जगह आपको सूंघ रहे हैं आप बिल्कुल चिंता मत करो आप पूरी तरह से आराम करो आप यहां पूरी तरह से हो सुरक्षित हो आज रात में लाइट नहीं जलाएंगे कैंडल में ही सारा काम चलाएंगे | बाहर से लगे ताले के बाद अन्दर बल्ब जलाना ठीक नहीं होगा | कही से भी रौशनी की झलक पाकर भी वो आ सकते है | चारो ओर खतरा ही खतरा है, कोई भी गलती जानलेवा हो सकती है |

इतना कह करके उसने एक मोमबत्ती जला दीजिए इसके बाद उसने आगे बोलना शुरू किया - मैडम पर बुरा ना माने तो मैं आपका नाम पूछ सकता हूं

रीमा धीरे से बोली - रीमा |

रीमा - तुमारा नाम क्या है |

जितेश - जितेश कहते है इस गुलाम को, वैसे सूर्यदेव आपके पीछे क्यों पड़ा है | क्या दुश्मनी है आपसे उसकी |

रीमा - पता नहीं, बस मेरी ख़राब किस्मत मुझे यहाँ ले आई है और कुछ नहीं, दो दिन पहले तक मै इस शख्स को जानती तक नहीं थी |

इतना कहकर रीमा सिबुकने लगी |

जितेश - अरे मैडम रोइए मत, मुझे बुरा लग रहा है |
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09-04-2021, 12:13 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा ने मुहँ फेर लिया लेकिन उसकी आँखों की धारा नहीं रुकी | जितेश पास आया रीमा के गाल पर लुढ़क आये आंसू पोछने लगा | आंसू पोछते पोछते कब रीमा के अनिर्वचीय सौन्दर्य में खो गया उसे भी पता नहीं चला | जितेश के पास आने से उसका सहारा लेकर रीमा उठकर बैठ गयी | उसकी चादर उसके बदन पर से खिसक गयी | जितेश की आंखे जो अभी रीमा की आँखों और चेहरे के सौन्दर्य का रस पान कर रही थी |

अब रीमा की गर्दन के नीचे उसके प्राकृतिक गुलाबी गोरे बदन को निहारने लगी | इस हालत में भी रीमा के बदन की चमक और खूबसूरती बरकरार थी | वही चमकता दमकता बदन | वही उठे सुडौल ठोस स्तन और उसकी उन्नत ऊँचाइयों की नुकीली चोटियाँ, चाहे जितना जीभर करके देखो लेकिन जी नहीं भरेगा | सुडौलता सुन्दरता का पैमाना थे रीमा की उन्नत उठे हुए स्तन | कौन स्त्री अपने भरे हुए सीने के हुस्न में खोये हुए मर्द को देखकर अन्दर ही अन्दर आनंदित नहीं होती | रीमा का दुःख और आंसू पीछे रह गए | वो अपने बेमिशाल हुस्न को देखकर चकाचौंध हुई जितेश की जितेश की आँखों को देखने लगी | सच क्या मांसल ठोस तने हुए उरोज थे रीमा के, जितेश का मन किया बस बच्चा बन जाये और सारी दुनिया को भूल अपने ओंठो से रीमा के हुस्न के रस को उसकी उन्नत नुकीली पहाड़ियों की चोटियों से बस पीता रहे पीता रहे | उसका मन था बस रीमा के मांसल उरोजो को हाथ में भरकर उनकी मालिश करने लगे और उसकी चोटियों की किसमिस को अपनी सख्त उंगलियों से मसल डाले | लेकिन न वक्त ऐसा था न माहौल, रीमा का जैसे ही अपने कमर में हलके दर्द का अहसास हुआ उसका बहकता मन हकीकत में लौट आया और उसके रुक गए आंसू ने फिर धार पकड़ ली |

जितेश को लगा रीमा की दुखती रग छेड़ दी | जैसे वो रीमा के हुस्न में खो गया था उसी तरह झटके से बाहर आया | उसको पता चल गया था उसके जांघो के बीच में कुछ हरकत होने लगी थी इससे पहले कुछ भी ऐसा हो जो उसे रीमा के सामने असहज कर दे वो खुद ही रीमा से दूर हो गया | जितेश - मैडम अब आप सेफ है तो रोना धोना छोड़िये | मै खाना ले आया हूँ, बस नहा लू फिर मिलकर खाते है |

इतना कहकर उसने कपड़े उतारे और चड्ढी पहन बाथरूम की तरफ जाने को तौलिया उठाने चला | चड्ढी के उभार पर नजर पड़ते ही सिसकती रीमा के मुहँ से एक ठंडी आह निकल गयी | मन में बस एक ही तस्वीर उभर गयी | ये तो रोहित के लंड की तरह तगड़ा मोटा है | जब मुरझाया लंड इतना मोटा तगड़ा है तो खड़ा होने पर तो चूत के लिए कहर बन जाता होगा | रीमा की नजरे कुछ देर उसकी चड्ढी पर अटकी रही फिर उसने नजर हटा ली | वो अपने आंसू पोंछ खुद को संयमित करने लगी | वो नहीं चाहती थी की जितेश को ये पता चले की वो कहाँ देख रही है और उसको शर्मिंदा होना पड़े | जितेश को भी लगा शायद उसकी चड्ढी उसकी अन्दर उठे उफान की चुगली कर रही तो उसके झट से तौलिया लपेट ली | इतना कहकर वो बाथरूम में घुस गया |

बाथरूम से जितेश - मैडम तो बताइए न अपने बारे में, वो कहते है न बाटने से दुःख बटता है |

रीमा अपनी पलकों की नमी पोछती हुई - अपनी कहानी बताने लगी | कैसे ऑफिस से कुछ लोगो ने उसे किडनैप किया फिर एक जंगल में उसे बांधकर रखा | कैसे जग्गू और उसके चमचो का लंड चूसकर उसने खुद को आजाद कराने की कोशिश की | फिर किसी ने उसे फिर से किडनैप कर लिया और जब आँख खोली तो एक गोदाम में पाया | फिर वहां से गार्ड को कैसे रिझाकर पटाकर, उसका लंड चूसकर, उसका लंड अपनी गांड में लेकर कैसे वहां से भागी |

जितेश - तो अब समझ में आया सूर्यदेव आपके पीछे क्यों पड़ा है |

जितेश रीमा के गुलाबी जिस्म के बारे में सोचते हुए अपने लंड को सहलाते हुए बोला - मानना पड़ेगा बहुत बोल्ड और हिम्मतवाली है मैडम | काफी खुले दिमाग की मालकिन है ..................चलती फिरती सेक्स गॉडेस, किसी भी तरह का सेक्वस आपके लिए वर्जित नहीं वरना कौन ऐसे किसी अनजाने लंड को पिछवाड़ा देना बहुत हिम्मत का काम है |

रीमा - लोग तो आजादी के लिए जान दांव पर लगा देते है, मैंने भी वही किया जो सही लगा | चूत का वादा किया था लेकिन सिर्फ आजादी की कीमत पर ............................क्या करती मै उस समय, प्रोटेक्शन नहीं था, तो चूत का सवाल ही नहीं था इसलिए मैंने कहाँ पीछे कर लो |

अन्दर बाथरूम में जितेश अपना लंड को कसकर मसलता रगड़ता हुआ बोला - पीछे तो काफी तकलीफ होती होगी |

रीमा - एक बार जब हवस की गर्मी चढ़ जाती है बदन पर .................फिर क्या तकलीफ क्या दर्द |

तभी रीमा को अहसास हुआ कहाँ वो अपनी कहानी सुनाते सुनाते लंड चूत की बातो तक पंहुच गयी | उसे लगा कुछ जितेश के बारे में भी जानना चाहिए |

रीमा - मैंने तो अपनी कहानी सुना दी तुम भी बतावो अपने बारे में |

जितेश हकीकत में लौटा और अपने तन रहे लंड पर ठंडा पानी डालता हुआ बोला - क्या जानना चाहती है मेरे बारे |

रीमा - सब कुछ, जैसे मैंने तुम्हे अपने बारे में सब कुछ बता दिया वैसे ही सब कुछ बतावो |
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09-04-2021, 12:13 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
जितेश - सब बताऊंगा मैडम लेकिन अभी मेरे दिमाग में कुछ सवाल है |

रीमा - पुछो |

जितेश - सूर्यदेव आपके पीछे क्यों पड़ा है, कोई तो कारण होगा |

रीमा मायूसी से - सूर्य देव को लगता है कि जग्गू को मैंने मारा है इसलिए वह जग्गू के बाप के विलास के सामने मुझे पेश करके अपनी गर्दन बचाना चाहता है विलास के साथ जग्गू की दुश्मनी तो तुम्हें पता ही होगी|

जितेश - जग्गू विलास का बेटा ही है |

रीमा - था |

जितेश - तो सूर्यदेव को लगता है की तुमने जग्गू को मारा है और जब वो तुम्हे विलास को सौंप देगा तो विलास उसकी जान बक्श देगा |

रीमा चुप रही |

जितेश - फिर तो आप बुरा फंसी है मैडम |

जितेश - विलास ना केवल बड़ा गुंडा रह चूका है बल्कि उसका राजनैतिक रसूख भी बहुत है ऐसे में वो अपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिए कोई कोर कसर बाकि नहीं छोड़ेगा | आप तो बड़े बड़े माफिया लोगो के गैंगवार में फंस गयी है |

रीमा बोली - मेरी फूटी किस्मत ही ऐसी है |

जितेश - कोई बात नहीं आप यहाँ पूरी तरह से सुरक्षित हैं आपको चोट लगी है तो आप आराम करो ......दवाइयों खाने के बाद अब आपको दर्द तो नहीं हो रहा |

जितेश बाथरूम से बाहर आ गया था | उसके बदन पर एक पतला तौलिया लपेटा था | पूरा बदन पानी से गीला था | उसने कसकर कमर में तौलिया लपेट रखी थी | उसका लंड अभी ठीक से मुरझाया नहीं था इसलिए उसके लंड का उभार और साइज़ दोनों उस तौलिये से नुमाया हो रहे थे |

रीमा की नजर जितेश के बदन पर पड़ी | क्या मर्दों वाली ठोस बॉडी थी | हट्टा कट्टा गबरू जवान | चौड़ा सीना मजबूत कंधे और सपाट पेट | हाथो के मसल्उस देखकर लगता है जैसे रोज कसरत करता हो | उसकी तौलिये के उठान को देखकर लग रहा था जितेश न केवल बदन से असली मर्द है बल्कि उसकी मर्दानगी नीचे भी उतनी ही है | रीमा ने असल में जितेश का लंड नहीं देखा था लेकिन पहले चड्डी और अब तौलिये से बने उभारो से अंदाजा लगा रही थी | रीमा के दिमाग में रोहित और अनिल के मुसल लंड तैर गए | मन ही मन में उसने सोचा - ये तो रोहित से भी उन्नीस है | मुझे तो लग रहा था जीजा जी के मुसल लंड जैसा लंड और किसी का हो ही नहीं सकता लेकिन ये तो जीजा जी और रोहित दोनों को टक्कर दे रहा है | हाय मै तो मर जाउंगी | अगले ही पल रीमा ये क्या सोच रही है......................क्या पूरी की पूरी रंडी बनकर ही दम लेगी | हर जगह तुझे बस लंड ही नजर आते है | दिमाग और अपनी हवस की लालसा को काबू में रख | रीमा जब फैक्ट्री से भागी थी तो वो अतृप्त थी और उसके अन्दर वही आग लगी हुई थी | वोखुद को कोस रही थी, कैसा मुया बदन है , सर फूटने से बचा है हड्डियाँ टूटने से बची है और इसको है बस चुदास चढ़ी हुई है | हाय मै क्या करू जितेश को देखकर मेरी चूत पनिया गयी है तो इसमें मेरी क्या गलती | सारी गलती तेरी ही है , तुझे उसकी इंसानियत नहीं दिखती मुई | बस उसका लंड नजर आ रहा है | वो सीधा शरीफ इंसान है यहाँ कुछ मत करना रीमा | मेरा मन मेरे काबू में नहीं है | उस गार्ड से गांड फड़वा की जी नहीं भरा अभी जो रंडापा करना बाकि है | रीमा के अन्दर तूफ़ान मच गया | रीमा बस उसके भीगे और बलिष्ट बदन को एकटक देखते हुए विचारो में खोयी थी |

जितेश रीमा की तन्द्रा तोड़ता हुआ - मैंने पुछा आपका दर्द कैसा है |

ऐसा लगा जैसे किसी ने खुली आँखों से सोते रीमा को जगाया हो |

रीमा अपनी दिमाग के भावो को सोचकर झेंप गयी | कही जितेश ने उसकी वासना का अंदाजा भी लगा लिया तो कितनी शर्म आएगी उसे | रीमा ने खुद को संभाला |

रीमा - अब पहले से बहुत बेहतर है दर्द काफी हद तक कम हो गया है और कमर भी अब नहीं दुख रही है तुमने मेरी जान बचाई इसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया |

जितेश - मैडम इसमें शुक्रिया की कौन सी बात है यह दुनिया में एक हाथ से ले दूसरे हाथ से दे, मैंने आपकी जान बचाई है आप मेरे लिए कुछ ना कुछ बदले में कर देना हिसाब बराबर हो जाएगा |

रीमा ने उसे शंका की नजर से देखा वह समझ नहीं पाई कि उसका क्या कहने का क्या मतलब है थे इसलिए वह उसके बातों को समझने की नहीं मैंने कोशिश करने लगी | हालाँकि उसका दिमाग बस चुदाई तक ही सोच पाया | उसे लगा जितेश उसकी जान बचाने के बदले उसको चोदने का ख्वाइस मंद है |

जितेश - मैडम ग्यारह बज गए है खाना खाया जाये |

रीमा - मुझे फ्रेश होना है | बहुत धुल मिट्टी लगी है बदन पर |

जितेश - तब भी तो बिलकुल हुस्न परी लग रही हो |

रीमा - तुम सब मर्द एक जैसे होते हो, चिकनी चुपड़ी बाते करवा लो, .............. बाते न बनावो, मुझे बाथरूम जाना है |

जितेश मुस्कुराता हुआ - रीमा को उठाने आ गया | उसने रीमा को एक शर्ट पहनाई | औरत का नंगा बदन देख कर अन्दर की हवस कब उसके दिलो दिमाग को कब्जे में ले ले | कुछ पता नहीं इसलिए उसने रीमा को अपनी एक शर्ट से ढक दिया | हालाँकि कमर के नीचे वो पूरी तरह नंगी थी | शर्ट की लम्बाई रीमा के चुताड़ो को ढके ले रही थी | रीमा जितेश की आँखों में देखती रही फिर मुहँ फेर लिया | जितेश भी रीमा की आँखों में छिपी गहराई में गोते लगाकर कुछ खोजने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसे कुछ मिला नहीं | इस हालत में रीमा से कुछ अपेक्षा करना भी मानवता के हिसाब से गलत था | औरत का बदन भी तो हांड मांस का | उसे भी दर्द होता है तकलीफ होती है बीमारी होती है | औरत का दिल जीतना हो तो उसका ख्याल रखो ये बात तो वो अरसे पहले सीख गया था | उसे खुद को काबू करना आता था | रीमा ने उसके बदन में औरत की लालसा जगा दी नहीं तो वो तो इन सब के बारे में भूल ही गया था |

रीमा काफी हद तक ठीक थी, इसलिए उसने जितेश का सहारा नहीं लिया | शायद अन्दर एक ग्लानी थी कही वो कुछ गलत न समझ ले | हालाँकि उसके मन में सब कुछ उल्टा पुल्टा ही चल रहा था | वो बिना किसी सहारे के अपने पैरो पर चलकर बाथरूम तक गयी |

जितेश खुद के गीले बालो को पोछने लगा |

बाथरूम के अन्दर से कुछ देर बाद रीमा बोली - तुमने अपने बारे में कुछ नहीं बताया जितेश | तुम इस बस्ती के लगते तो नहीं हो |

जितेश - हां मैं यहां का नहीं हूं |

रीमा - फिर कहां के हो और तुम्हारी सूर्यदेव से क्या अनबन है

जितेश - मैं एक रिटायर्ड फौजी हूं |

रीमा हैरानी से - एक फौजी अपराध की दुनिया की इस बस्ती में क्या कर रहा है |

जितेश बोला - एक कहानी बहुत लंबी है कभी मैं भी सूर्यदेव के लिए काम करता था फिर एक बार एक काम को लेकर के झगड़ा हो गया और तब से हमारी राहें अलग हैं |
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09-04-2021, 12:13 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा - रीमा तुम क्या काम करते थे सूर्यदेव जैसे गुंडे के लिए |

जितेश - मै एक कॉन्ट्रैक्ट किलर हूं मैडम मैं कांटेक्ट पर सूर्यदेव के लिए लोगों को मारता था फिर एक बार उसने एक 12 साल की लड़की का मारने का ठेका दिया मैंने मना कर दिया, हालाँकि मैंने उसके पैसे भी नहीं लौटाए | तभी से सूर्यदेव और हमारे बीच में 36 का आंकड़ा चल रहा है मैं बच्चों को नहीं मार सकता ना ही मैं औरतों को मार सकता हूं | इसी बात को लेकर के सूर्यदेव भड़क गया था उसके लिए वह बिजनेस में कुछ इंपॉर्टेंट होगा लेकिन मैं किसी 12 साल की बच्ची का खून कैसे कर सकता हूं |

रीमाँ - तुम अभी भी ये काम करते हो |

जितेश - उसके बाद से मैं इस शहर के पुलिस वालों और दूसरे बड़े धन्ना सेठों के लिए खतरा बने लोगो को निपटाता हूँ |

रीमा यह सुनकर हैरान थी - तो तुम क्या अभी भी यही काम करते हो |

जितेश - हां काम तो अभी भी मैं यही कहता हूं लेकिन असल में यह मेरा काम नहीं था ना ही मैं यहां का हूं |

जितेश एक लम्बी ठंडी साँस लेकर - मै एक रिटायर्ड फौजी हूं या यूं कहिए कि जो एक ऐसा फौजी जिसे फ़ौज से निकाल दिया गया हो | रीमा - तो तुम्हें फ़ौज से क्यों निकाल दिया गया था
जितेश - लंबी कहानी है मैडम सुनाता हूं ....................मैं बहुत अच्छा फौजी था आर्मी में मै पैरा कमांडो था और बतौर स्नाइपर मेरी पोस्टिंग बॉर्डर पर हुई | वहां हम बॉर्डर पार की खबर के लिए लोकल लोगो से जासूसी करवाते थे |

हमारी बटालियन बदलती रहती है लेकिन लोकल वही के वही बने रहते है | अपने कामो से वो दोनों तरफ आते जाते रहते है | इसी का फायदा उठाकर हम उन्हें उधर की खबर लाने को कहते है बदले में उन्हें पैसा भी देते है और सुरक्षा का वादा भी |

जिस चौकी पर मेरी पोस्टिंग थी वही पास में एक गाँव था | वहां एक फिज़ा नाम की औरत रहती थी | उसके तीन बच्चे थे उसका पति उसे छोड़कर दुबई चला गया था | उसने वहाँ किसी और से शादी कर ली | फिजा के पास रोजी रोटी की समस्या आ खड़ी हुई तो उसने अपने आप को बेचना शुरू कर दिया | उसके चाल चलन को देख उसे गाँव से बाहर निकाल दिया गया | जब उसे गाँव से निकाला गया था उस समय बॉर्डर पर जो चौकी इंचार्ज थे उन्होंने उसे अपने छावनी के पास रहने के लिए एक छोटी सी जगह दे दी | बदले में फिजा ने अपना मस्त गदराया बदन उस इंचार्ज को सौप दिया | उसके बाद उसे बॉर्डर पार से खबरे लाने की ट्रेनिंग भी दी गयी | जाहिर सी बात है जो खबर एक आदमी जासूसी की दुनिया में बड़ी मुश्किल से निकाल पाता है वो एक औरत बस अपना ब्लाउज उतार कर निकाल लाती है | फिजा को तो चुदवाने में कोई हर्ज नहीं था | जल्द ही उसके गदराये बदन के हुस्न के कद्रदान उधर भी हो गए | उसके बाद फिजा ने एक से एक दुश्मन की खबरे हम तक पंहुचायी | फिजा के जलवे हो गए | फ़ौज से सीधा सोर्स होने से उसकी गाँव में भी धाक जम गयी | हालाँकि गाँव में सबको पता था ये एक नबर की रंडी है लेकिन अब फिजा के पास न केवल पॉवर थी बल्कि पैसा भी था | उसके बाद सैनिक बदलते रहे चौकी इन चार्ज भी बदलते रहे लेकिन फिजा का जलवा बरकारर रहा | उसकी चूत के दीवाने इंचार्ज से लेकर सैनिक तक सभी बने रहे और उसकी चूत सबके लिए उपलब्ध भी थी |

जब मेरी पोस्टिंग वहां हुई तो मेरा चौकी इंचार्ज संस्कारी ईमानदार और नियम का पक्का था | उसने फिजा के साथ फौजियों का उठना बैठाना बंद कर दिया | साथ ही फिजा को हिदायत दी अगर उसने किसी फौजी के सामने अपना जिस्म परोसा तो उसे मौत के घाट उतार दिया जायेगा | उसे सिर्फ खबरे लानी है और पैसे लेने है और घर लौट जाना है | फिजा को पैसे तभी मिलते जब्वो कोई मतलब की खबर लाती | फिजा अपने खर्चे बढ़ा चुकी थी | अब सैनिको से मिलने वाला चुदाई का पैसा बंद हो गया था | फिजा परेशान थी |

जितेश को बीच में टोकती हुई रीमा बोली - मेरी पीठ जरा गीले तौलिये से साफ़ कर दोगे जितेश |

जितेश उसी तरह से टॉवल में बैठा था - वैसे ही उठकर चला गया | रीमा पैर हाथ और चेहरा गीले तौलिये से पोंछ चुकी थी |

जितेश ने रीमा के हाथ से तौलिया ले लिया और रीमा से शर्ट के बटन खोलने को कहने लगा | रीमा ने बटन खोल दिए और शर्ट खिसकाकर हाथों पर ले आई | जितेश लम्बी सांसे भरता हुआ रीमा को पोछने लगा | थोड़ा सा आगे की तरफ झुककर शर्ट को सर के ऊपर से हाथो में ही फंसाए आगे सीने की तरफ ले आई | लेकिन आगे झुकने के कारन उसके चूतड़ सीधे जितेश की तौलिये से जा टकराए | और तब रीमा को जितेश के तनते मुसल का अहसास हुआ | लेकिन दोनों ने ऐसे जताया जैसे कुछ हुआ ही नहीं | रीमा और जितेश दोनों ही किसी असहज स्थिति से बचना चाहते थे लेकिन हवस की आग धीरे धीरे दोनों के बदन को सुलगाने लगी थी | इसलिए रीमा शर्ट उतार कर सीधे टब में उतर गयी |

इधर जितेश के तौलिये में कैद लंड में झटके लगने लगे | इससे बचने के लिए जितेश रीमा के सर की तरफ आ गया | रीमा उसकी गरम सांसो को अपने कानो से सुन सकती थी |

रीमा ही बोल पड़ी - आगे बतावो |

जितेश रीमा की पीठ और कंधे पर हलके हाथो से गीला तौलिया फिराता हुआ - इस बार हमारा चौकी इंचार्ज काफी सख्त मिजाज था इसलिए फिजा की दाल नहीं गल रही थी उसके खर्चे ज्यादा थे और उसके कमाई का जरिया सिर्फ हमारी तरफ से दिया जाने वाला पैसा ही था इसीलिए उसने हमारी चौकी यूनिट के सैनिकों पर अपना जाल फेंकना शुरू किया | यहां पर जो भी सैनिक चौकी पर पोस्ट होने के लिए आते थे वो अपनी बीबियो से दूर होते थे तो उन्हें भी चूत की ललक लगी रहती थी | इसीलिए फिजा भी उम्मीद कर रही थी कि यह नई यूनिट भी जो है उसके जिस्म के बदले सौदा करके उसे अच्छे खासे पैसे देगी लेकिन हमारी चौकी इंचार्ज एक अलग ही मिजाज का था और इसलिए फिजा की दाल नहीं कर पाई | अब हम सिर्फ उसे खबरें लेते थे और उन खबरों की कीमत के बदले ही हमसे जो कुछ पैसा देते थे उसी से ही फिजा का काम चलता था लेकिन उसके लिए वो नाकाफी था | यही से कमाए पैसो से उसने काफी अच्छा घर बनवाया था | पूरे गांव में मशहूर था कि फिजा फौज की रंडी है लेकिन फ़ौज के डर के कारण कोई भी फिजा को कुछ कह नहीं सकता था और ना ही फिजा की तरफ कोई आंख उठा कर देखता था |
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09-04-2021, 12:13 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
फिजा को भी यह बात मालूम थी कि वह सब ठाठ बाट जो उसके हैं वह किस वजह से हैं लेकिन अब हमारे साहब के कारण उन सब पर असर पड़ने लगा था उसकी जैसी जैसी जरूरत थी उस हिसाब से उसको पैसे नहीं मिल रहे थे इसलिए फिजा के हाथ तंग होने लगे |

मेरे साथ एक और मेरा दोस्त था हम दोनों की यह फील्ड की पहली ड्यूटी थी | हमें बॉर्डर पर बतौर स्नाइपर दुश्मन को ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी मिली थी | हम जवान थे, हमारी जवानी अभी कच्ची दहलीज निकल कर बस बाहर ही निकली थी और इससे पहले बहुत ज्यादा औरतों का अनुभव नहीं रखते थे | जैसे ही फिजा ने हमारे ऊपर डोरे डालना शुरू किया हम उसके दीवाने हो गए थे |

हमारी ड्यूटी 12 घंटे की होती थी हम जंगलों के झुरमुट में एक जगह पर अपनी पोजीशन लगा कर के जो है 8 से 10 घंटे 11 घंटे ड्यूटी करते थे फिजा हमारे लिए दिन में खाना लेकर आने लगी | 3 दिन खाना लाने के बाद में उसने जब अपने जिस्म को दिखाना शुरू किया, तो हमें भी मजा आने लगा | कभी वह पल्लू गिरा देती थी उसके बड़े बड़े फूले उरोजो हाहाकारी उरोज अपने ब्लाउज को फाड़ बाहर आने को बेताब हो जाते | कभी अपना लहंगा खींच लेती थी और अपनी गोरी जांघे दिखाने लगती | कभी तो सीधे सीधे अपनी जांघे फैलाकर उसी जगह देखने लगती थी |

मैं जवान था मुझ से रहा ना गया एक दिन मैं उसे अपनी झुरमुट से निकलकर सरकते हुए नीचे की तरफ गया और साथ में फिजा को भी खींच लिया और उसका लहंगा उतारकर फेंक दिया और अपने कपड़े भी एक झटके में उतार डाले | फिर उसे लगा चोदने | दाये लिटाकर बाये लिटाकर खूब चोदा | उसने भी खूब गपागप लंड लिया अपनी चूत में | फिर मै झड़ने को हुआ तो लपककर मेरा लंड अपने मुहँ में ले लिया |

एक बार चोदने के बाद उसे मन नहीं भरा तो मैंने उसे वही दोबारा चोदा | घोड़ी बनाकर चूतड़ हवा में उठाकर खूब हचक हचक के चोदा | एक नंबर की रंडी थी मजाल जो कही कराही या चीखी हो | गपागप मेरा लंड अपनी चूत में लेती रही | मै ठोकर पर ठोकर मारता रहा और वो बस अपना सर जमीन पर टिकाये, अपने चुताड़ो को घुटने के सहारे हवा में उठाये चुदती रही | बहुत ही मस्त गदराया भरा पूरा बदन था बिलकुल रुई के गद्दे की तरह नरम कोमल मांसल, भरपूर जवानी की आग में धधकता | बहुत मजा आया उसे चोदकर |

उसके बाद मै अपने कपड़े पहनने लगा | फिजा भी अपने कपड़े समेटने लगी लेकिन तब तक मेरा साथी आ गया | मेरे को देख कर के मेरे दोस्त की भी हिम्मत बढ़ी ..................मुझे देख मेरे साथी से भी नहीं रहा गया | उसका लंड उसकी पेंट से बाहर झूल रहा था | ये देख फिजा वही पर फिर से पीठ के बल लेट गयी और अपनी जांघे हवा में उठा दी | मैंने जल्दी से जाकर अपनी पोजीशन ले ली | बीच बीच में मै उसकी चुदाई देखने के लिए पीछे की तरफ गर्दन घुमाता था | उससे भी फिजा खूब जमकर चुदी | उसने भी दो बार फिजा को खूब हचक हचक के चोदा | एक बार सामने से एक बार पीछे से जैसे मैंने घोड़ी बनाकर चोदा था बिलकुल वैसे ही | उसके बाद उसने अपना लंड भी चुसवाया | फिर हम दोनों ने उसे हजार रुपये दिए, वो बोली कम है तो मैंने उसे अपनी तरफ से पांच सौ रुपये और दे दिए |

धीरे-धीरे यह सिलसिला चल निकला अब अक्सर हम फिजा को चोदते रहते थे इसके बदले में वो बॉर्डर से लाने वाली खबरें भी सबसे पहले हमें ही बताती थी | इसके बाद तो यह सिलसिला जैसे चल निकला अब फिजा को चोदना हमारा लगभग लगभग रोज का ही काम हो गया था और इसी के बदले फिजा को हम अच्छे खासे पैसे भी दे रहे थे |

कुछ दिन बाद एक दिन फिजा कुछ दिनों के लिए गायब हो गई और 3 दिन बाद लगभग वह फिर से वापस आई और जब वह खाना लेकर आई तो काफी दुखी लग रही थी | वो मेरे पास आने के बजाय थोड़ा दूर ही बैठ गयी |

मैंने इशारो में पूछा क्या हुआ | वो कुछ नहीं बोली | मै खिसकता हुआ नीचे की तरफ गया | मैंने उसके उभरे उरोजो को मसलते हुए पुछा - क्या हुआ |

वो आइस्ते से बोली - बॉर्डर पार गयी थी | सालो ने मेरी दुर्गति कर दी आगे भी पीछे भी | रात भर एक के बाद एक करके जानवरों को तरह चोदा | एक साथ दो दो ने आगे पीछे एक साथ किया | तब तक किया जब तक खून नहीं निकल आया | दो दिन से बिस्तर पर पड़ी थी | आज चलने फिरने लायक हुई हूँ |

फिर मेरे कान के पास आते ही मेरे कान में बोला - कि आज रात तुम पर हमला होगा तुम्हारी चौकी की लोकेशन उनको पता चल गई है शायद, वो कुछ बड़ा करने का प्लान बना रहे है |
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09-04-2021, 12:13 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मैं समझ गया था उसे आखिर वापस किस कीमत पर लौटने दिया है | उसके शरीर पर बने हुए जख्मो को देखकर मैं समझ गया था उसको मारा पीटा गया है मैंने फिजा को अपनी बाहों में थाम लिया और अपने सीने से लगा लिया | लेकिन जैसे ही मैंने ऐसा किया पीछे से एक सनसनाती हुई गोलियां फिजा के पीठ के बीच में धंस गई थी और दूसरी गोली मेरे कान को छूती हुई निकल गई थी |

हम दोनों जमीन पर लेट गए, उधर से गोलियाँ बरसने लगी | मेरे ऊपर की तरफ फिजा थी इसलिए सारी की सारी उसकी पीठ में धंस गयी लेकिन मेरे साथी को मौका नहीं मिला था सामने की तरफ से अंधाधुंध गोलियां चल रही थी और मेरे साथी को सिर को चीरती हुई एक गोली सीधे उसके पार हो गई | मेरे पैर में गोली लगी | किसी तरह से मैं नीचे की तरफ लुढ़कता हुआ आया | हमारे चारों तरफ खून ही खून था मुझे समझ में नहीं आ रहा था मैं फिजा को संभाल लूं या अपने दोस्त को आखिरकार किसी तरह से मैंने खुद की जान बचाई थी उधर से ताबड़तोड़ गोलियां कम से कम 20 मिनट तक चलती रही उसके बाद बंद हो गई |

दोनों ने चंद मिनटों में ही दम तोड़ दिया | कुछ देर बाद हमारे साथी आये | दुश्मन की चौकी पर भरी गोला बारूद से हमला किया गया |

चौकी की लोकेशन कैसे एक्सपोज हुई इस पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी गई थी जांच के बाद पता चला कि फिजा ने दुश्मन देश के लोगों को हमारी चौकी की जानकारी दी है उसने हमें डबल क्रॉस किया था और उसके साथ अनैतिक संबंध बनाने के कारण मुझे फौज से निकाल दिया गया था मैं अपनी बदनामी के चलते अपने घर नहीं जा सकता था घर में मां बाप तो थे ही नहीं एक बहन जी और एक भाई था दोनों अपनी दुनिया में मस्त हैं मैं उनके लिए किसी तरह की शर्मिंदगी का कारण नहीं बनना चाहता था इसीलिए मैं यहां इस बदनाम शहर में आ गया |

मुझे पता था पहले से ही यहां क्या होता है इसीलिए मैंने यहां पर रहकर के कॉन्ट्रैक्ट किलिंग शुरू कर दी |

जितेश रीमा को छोड़कर बाथरूम से बाहर आ गया था, रीमा भी पीछे से उसके साथ बाहर आ गयी | उसके बदन पर सिर्फ तोलिया लिपटी हुई थी उसके शरीर पर हल्की-हल्की बूंदे पूरे शरीर पर छाई हुई थी |

वो जितेश की तरफ घूमी और मोमबत्ती की हल्की रौशनी में उसका हट्टा कट्टा बदन देख करके रीमा को रोहित की याद आ गयी | उसको ऐसा लगा जैसे सामने रोहित ही खड़ा हो | रीमा के मन में भी एक बार उसको देखने की लालसा जाग उठी | वह चाहती थी इस समय जितेश तौलिया हटा दें ताकि हुआ जितेश को अंदर तक देख सके ..............जितेश को पूरा का पूरा देख सके जैसे कि उसने रीमा देखा हुआ है सर से लेकर पाँव तक उसके गोरे गुलाबी बदन का पोर पोर सब कुछ जितेश ने अपनी आँखों से दिलो दिमाग में संजो लिया था | जितेश ने एकटक उसको देखती रीमा की तरफ नजर दौडाई फिर नजरे फेर ली |

जितेश - मै खाना गरम कर लेता हूँ, आपको भूख लगी होगी |

रीमा बोली - ठीक है मुझे भी भूख लगने लगी है |

रीमा अपना पानी से भीगा हुआ गीला बदन पोछने लगी | कमरे में सिर्फ एक मोमबत्ती जल रही थी | जितेश जहाँ पर खाना गरम कर रहा था वहां रोशनी नाममात्र की थी | उसे लगा उसे मोमबत्ती जितेश के पास ले जानी चाहिए | उसने गीला तौलिया वही छोड़ दिया और मोमबती हाथ में लेकर चल दी | मोबत्ति की सुनहरी रोशनी में उसका बदन भी सोने के तरह दमक रहा था और उस पर पानी की बुँदे ऐसी लग रही थी जैसे अभी ओस उसे भिगो कर गयी है | जितेश ने जब उसकी तरफ गर्दन घुमाई तो बस देखता रह गया | उसका चेहरा और उठा सीना उस स्वर्णिम रौशनी से नहाया हुआ था | रीमा अपने पतली कमर मटकाती और भारी चूतड़ हिलाती उसकी तरफ आ रही थी | हर बढ़ते कदम के साथ उसकी चूत घाटी की दरार के दोनों पाट आपस में रगड़ खा रहे थे | उसकी लचकती कमर एक बार दाए कुल्हे को उठा देती एक बार बांये कुल्हे को | उसकी वो सुनहरी रौशनी की मदमस्त चाल देखकर जितेश अपनी पलक झपकाना भूल गया | रीमा पास आयी और मोमबती उसके पास रखते हुए बोली - अँधेरे में खाना गरम कर रहे हो कोई कीड़ा मकोड़ा चला गया तो |

जितेश की साँस में साँस आई, वो सपने की दुनिया से वापस लौटा और खाने की तरफ उसका ध्यान गया | रीमा जैसे चूतड़ मटकाते हुए आई थी वैसे ही चली गई | उसने वापस जाकर खुद को पोछना शुरू कर दिया | जितेश रीमा के मटकते चूतड़ देखता रहा | उसकी तौलिया में उसके लंड की अकडन शुरू हो गयी थी | जितेश भी रीमा के रूप हुस्न के जाल में बुरी तरह से फंस चूका था | रीमा के कंधे से लेकर चूतड़ तक पूरी पीठ की खूबसूरती निहारता रहा |

जितेश ने फिर से एक लम्बी साँस छोड़ी, खुद को काबू करने के लिए एक गिलास ठंडा पानी पिया और अपने अन्झिदर के भाव छिपाते हुए थोडा झिझकते हुए पूँछ ही लिया -अब कैसा महसूस हो रहा है आपके हाथ पाँव का दर्द कैसा है |

रीमा - हाँ अब बहुत कम है |

इधर जितेश खाने को गरम करता हुआ पूछ बैठा - मैडम आप बुरा ना मानो तो एक बात पूंछु |

रीमा ने तौलिया से अपने गीला बदन को सुखाते हुए - हाँ पूछो |

जितेश - आप बहुत बोल्ड है लेकिन फिर भी जानना चाहता हूँ आपको शर्म नहीं लगती इस तरह से बिना कपड़ों के नंगे .............. |
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