06-05-2017, 03:04 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
मैं- आहह…तेज …बेटा…ऐसे ही..अह्ह्ह्ह
पारूल-उउंम्म…उउंम्म.उउंम्म…..आअहह
मैं- शाबाश..मेरी गुड़िया….ज़ोर से चूस….
पारूल- सस्ररुउउप्प्प्प..सस्ररुउउप्प..सस्ररुउउप्प..उउउम्म्म्म…उउउम्म्म्म
मैं- आहह ..हाँ बेटा…ऑर तीज्ज्ज…अंदर तक ले जा…आहह
पारूल- सस्ररुउपप…सस्ररुउउउप्प..सस्ररुउउप्प..उउम्म्म्म..उउंम्म
पारूल ने अपनी मस्त छूसा से मे लंड को पूरा खड़ा कर दिया…ऑर अब मैं पारूल की चूत को मारने के लिए तड़पने लगा…..
मैं- बस कर बेटा…अब आजा…तेरी तड़प मिटा दूं…
पारूल(लंड मुँह से निकाल कर)- आहह..भैया...अब जल्दी करो....खुजली बढ़ गई है...ऑर पानी भी आने लगा..
मैं- अभी करता हूँ बेटा...आ जा...
मैने पारूल को अपने उपेर आने को बोला ऑर उसके दोनो पैरो को अपने दोनो साइड कर के अपनी गोद मे बैठा लिया….अब पारूल के बूब्स मेरी आँखो के सामने आ गये…
और मैने पारूल के बूब्स को मुँह मे भर कर बारी-बारी चूसना शुरू कर दिया...
पारूल मस्त होकर अपने बूब्स चुसवाने लगी ओर मस्ती मे सिसकने लगी....
मैं- उम्म्मह…आहह…उउउम्म्म्म..आहह
पारूल-आहह…भैया..चूस लो…आहह…
मैं-आहह…अभी लो…उम्म्म्म…उउउंम्म
पारूल-आहह....भैया…ज़ोर से…आहह खा जाओ…आहह…अह्ह्ह्ह
थोड़ी देर तक पारूल के बूब्स चूसने के बाद मैने बूब छोड़े और पायल को उपर करके अपना लंड उसकी चूत मे सेट किया…
मैं- अब डाल दूं गुड़िया…
पारूल- हाँ भैया....डालो ना...बहुत खुजली हो रही है...जल्दीीईईईईई..आहह....
मैने पारूल की बात ख़त्म होने से पहले ही एक धक्का मारा ऑर आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत मे चला गया...पारूल की चूत मे अभी दर्द था ओर मैने उसे ऑर बढ़ा दिया...
पारूल-आहह...आहह..भैया...आराम से...माआ....
मैं- थोड़ा दर्द होगा...फिर सब अच्छा लगेगा...
मैने पारूल के बूब्स चूसना शुरू किया ऑर बूब्स चूस्ते हुए धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी चूत मे डाल दिया….
मैं- अब दर्द ठीक है…
पारूल-आहह..हाँ भैया..अब चोदो…जल्दी..आहह
मैने पारूल का इशारा मिलते ही उसकी गान्ड को पकड़ के चोदना शुरू कर दिया ऑर साथ मे उसके बूब्स को चूमने लगा….
पारूल भी अब मस्त हो कर उपर नीचे हो रही थी ऑर चुदाई का मज़ा ले रही थी….
मैं- अच्छा है ना गुड़िया…
पारूल -आहह…आअहह….आहहह..….हाँ..भैया..आहह
मैं- बता बेटा ..भैया का लंड कैसा है….यीहह
पारूल-आअहह…म्म्माहअस्सटत्…ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाईयैयाीइ….भैयाअ…आहह..आहह
मैं- ह्म्म..तो अब मज़े कर मेरी गुड़िया....ये ले...…
पारूल—आहह…आऐईइईसीई,,हिी………आहह….ऊओररर…त्तीज्ज……
मैं-इहहाअ….य्ययहहाअ…ऑर तीज्ज्ज्ज
पारूल-आअहह…ऊओह..आहह...उउउफ़फ्फ़..म्मा...आहह
मैं- ज़ोर से...ओर ज़ोर से.....येस्स..येस्स..
पारूल- हाँ…आअहह….आऐईीससी…भैया…आअहह…आहह…
थोड़ी देर तक मैं पारूल को पूरे जोश के साथ लंड पर उछलता रहा ऑर फिर उसे उछालना छोड़ दिया तो मेरे लंड पर बैठ गई ओर धीरे-धीरे खुंद ही चुदने लगी…..
मैं- आहह..मज़ा आया..
पारूल- हाअ…भैया…आपका लंड अच्छा है…आहह
मैं- तो अब और मज़ा कर्वाऊ तुझे….???
पारूल- अहहह...हाँ...हाअ..भैया….जल्दी…
मैं- अब तू रुक …अब मैं तुझे नया पोज़ दिखाता हूँ…
पारूल- आहह..जैसे भी चोदो…बस खुजली मिटा दो.…
मैं- अच्छा मेरी गुड़िया..तो अब ये देख..…
मैने पारूल की कमर पकड़ कर उसे साइड मे उल्टा लिटा दिया और उसे कुतिया बनने को कहा…..
जैसे ही पारूल कुतिया के पोज़ मे आई तो मैने पीछे से एक ही धक्के मे आधा लंड उसकी चूत मे डाल दिया ऑर चोदने लगा….पारूल भी अब मस्त हो गई थी उसका दर्द दूर हो गया था ऑर वो अब मज़े से चुदने लगी….
पारूल- आहह….माँ…उूउउइइ…..आहह
मैं- अब तेरी फाड़ता हूँ गुड़िया..…अब दर्द नही होगा…
पारूल-आअहह..फाड़...दो भैया…आअहह…ज्ज़ोर..सी…माररू….आहह
मैं- तो ये ले …अब फटी तेरी..यीहह
मैने पारूल को कमर से पकड़ कर फुल स्पीड मे चोदना शुरू किया ऑर पारूल भी कमर पीछे करते हुए चुदाई करवाने लगी..और मेरी जागे उसकी गान्ड पर थाप मारते हुए उसे लाल करने लगी…
पारूल-आहह…भैया…तीज्ज…हाँ.भैया…फाड़ दो…अपनी गुड़िया की…आहह..भीयाअ
मैं- हाँ गुड़िया..ये ली…अब तेरी चूत गई…
और मैं फुल स्पीड मे चुदाई करने लगा…
पारूल-आअहह…आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,भैया….आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्माेआ….उूउउफ़फ्फ़…म्म्माक….फ़फफादद्ड़..दद्दूव…भैय्ाआआहह...उूउउफ़फ्फ़..म्म्मा .....आाऐययईई...
..म्म्माकआ...आअहह
मैं- आहह..ईएहह….येस्स..येस्स….ये..ले…ये ले बेटा…
पारूल- आअहह…आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्माहआ….उूउउफ़फ्फ़…माआ…म्माईिईन्न्न…..म्म्माक…आआईइ……आअहह…
मैं- ऑर तेजज्ज़ डालु बेटा..
पारूल-आअहह….भैयाया…दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल…ददाआल्लू…..आआअहह……आअहह…आअहह....तीएजज्ज़....ऊओरर..त्त्तीज्ज्ज
....आहह...उउफफफ्फ़...आआहह
मैं-यस बेटा..ये ले..…ये ले
मैने तेज़ी से पारूल की चुदाई कर रहा था ऑर ऐसी तेज चुदाई मे पारूल झड़ने लगी ऑर उसकी सिसकारिया तेज हो गई…
पारूल-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..भैया…..आहह…..
आहहह…अहहह...सहहाः…ज्जॉर्र्र..ससी..आहहह
फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…भैयाअ…..हहूऊ…आअहह.…आऐईइईसीए हहीी……ज्जूओर्रर…ससीए…..तीज़्ज़ज्ज…हहाअ…उउउफफफ्फ़
आअहह…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह…भैया…आहह
मैं-यस …ये ले गुड़िया…ऑर ले…
पारूल- अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.…आऐईइईसीए हहीी…भैया…ज्जूओर्रर…ससीए…..एस्स्स्स्स…आअहह…
पारूल झड़ने के बाद भी पूरे जोश के साथ चुदने का मज़ा ले रही थी ऑर मैं भी पूरी स्पीड से उसे चोदता रहा....ऑर पारूल का चूत रस मेरे लंड के साथ अंदर बाहर होता रहा....
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06-05-2017, 03:05 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
मैं इतना थक गया था कि पता ही नही चला कि कब नीद आ गई ऑर मैं दूध पीते-पीते सो गया…...
सुबह मेरी नीड आंटी के जगाने से टूटी …उनका कॉल आ गया था…
जब मैने आँखे खोली तो देखा कि मैं अभी भी पारूल के बूब को मुँह मे भरे लेटा था ऑर पारूल मस्ती मे सो रही थी…
मैं तुरंत उठा ऑर कॉल पिक की…
( कॉल पर)
मैं- हेलो आंटी
आंटी- गेट खोल ना बेटा…कब्से खड़ी हूँ….
मैं- ओके..पर आप अकेली हो या कोई साथ मे है.??
आंटी- अकेली हूँ…क्यो…
मैं- कुछ नही ..अभी आया…
मैने कॉल कट की ऑर अपना बॉक्सर पहन कर गेट खोल दिया…जैसे ही आंटी अंदर आई तो मैने जल्दी से गेट बंद किया….
आंटी- क्या हुआ..
मैं – कुछ नही…
आंटी ने मुझे गले लगा लिया ऑर बोली…
आंटी- और कितना तडपाएगी बेटा..
मैं- क्या हुआ आंटी
आंटी- पता है कितने दिन से तूने मुझे चोदा नही
मैं- अरे आंटी …अब आप घर चलिए…आपको इतना चोदुन्गा..की आपकी चूत ओर गान्ड फट जाएगी…
आंटी- सच मे…चल ना फिर…मैं इसी लिए तो जगाने आई…
मैं- ह्म्म्म..तो चलिए…
जैसे हूँ आंटी ने मुझे छोडा ऑर पलटी तो सामने पारूल को देख कर ….शॉक्ड रह गई…
आंटी-ओह्ह..तो इस बच्ची को बड़ा कर दिया…
मैं(मुस्कुरा कर)- जी आंटी…और अब ये बच्ची मेरे साथ मेरे घर मे रहेगी…
आंटी- अच्छा…रखेल बना लिया क्या…
मैं- नही आंटी…बहन बना लिया…ऑर इसको पढ़ना है तो मैं हेल्प करूगा…
आंटी- मेरा प्यारा बेटा…ये तूने अच्छा काम किया…पर इसकी माँ …???
मैं- उसको भी अपने घर मे जॉब दे दूँगा…दोनो का ख्याल रखूँगा…
आंटी- ह्म्म..ऑर ये तेरी बहन , तेरे लंड का ख्याल रखेगी..हहहे
मैं- ह्म्म..कभी-कभी…पर आप जितना नही...
आंटी- ह्म्म्म..तो मुझे भूल मत जाना …
मैं- कभी नही…आप तो मेरी हो..आपको तो हमेशा चोदता रहूँगा,,,
आंटी- ओके..अब इसे उठा..ऑर रेडी कर ..हमे चलना भी है…
मैं- हाँ..पर आप निकलो पहले…इसको पता नही चलना चाहिए कि आपको कुछ पता है ओके
आंटी- ओके..मैं जाती हूँ तुम जल्दी करना…
मैं - अरे आंटी 1 और बात...
आंटी- क्या..बोलो
मैं - आंटी वो इसके लिए प्रेगञेंसी रोकने की टॅबलेट चाहिए...वो मैं इसकी चूत मे ही झाड़ गया था...
आंटी- ह्म्म..ठीक है , नीचे आएगा तो दे दूँगी...ऑर कुछ हुंकुम...
मैं- ह्म्म...अभी तो और कुछ नही...मेरी रानी...हाहाहा
आंटी- तो मेरे राजा...मैं चलूं...तू भी जल्दी आना...
मैं –ओके..
इसके बाद आंटी चली गई ऑर मैं गेट बंद करके पारूल के पास गया ओर उसके सॉफ्ट-सॉफ्ट होंठो को चूसने लगा…
थोड़ी देर मे ही पारूल जाग गई ऑर मेरे गले मे बाहें डाल कर किस का रेस्पॉन्स देने लगी….
फिर मैने किस ख़त्म किया ऑर पारूल को कहा…
मैं- कैसी है मेरी गुड़िया…
पारूल- बहुत अच्छी हूँ..भैया….आपकी बाहों मे मस्त नीद आई…
मैं-ह्म्म..तो अब उठ जाओ..ऑर रेडी हो जाओ…हमे जाना है ओके…
पारूल- जी भैया…
इसके बाद पारूल उठी ऑर कपड़े पहन कर अपने रूम मे निकल गई…मैने उसे रेडी हो कर नीचे मिलने का बोल दिया ऑर मैं बाथरूम मे घुस गया…रेडी होने को….
फिर मैं रेडी हो कर नीचे जाने लगा…ऑर जाते हुए मुझे सोनम दिख गई….वो आज बिल्कुल अकेली थी…
मैने सोचा कि आज सही मौका है इससे बात करने का....और मैने उसके सामने जा कर खड़ा हो गया…
मैं- हाई सोनम
सोनम- जी कहिए..कुछ काम था क्या…???
मैं- आक्च्युयली ..वो..मैने कुछ पूछा था तो..
सोनम- तो..क्या…???
मैं- कुछ अन्सर तो दे दो…
सोनम- देखिए…मुझे काम है..मेरे पास टाइम नही…आप रास्ता छोड़ेगे…प्ल्ज़्ज़...
मैं- हाँ..बस हाँ या ना बोल दो…बस..
सोनम(गुस्से मे)- मुझे काम है..समझ नही आता क्या…
मैं सोनम के ऐसे तेवर देख के डर ही गया…ऑर साइड हो गया…सोनम तुरंत ही निकल गई..ऑर मैं उसे देखता रह गया…
फिर मैं नीचे आने लगा ऑर सोचने लगा कि ये क्या हो गया..इतनी गुस्सा…..समझ मे नही आया….सिर्फ़ हाँ या ना ही बोलना था…पर गुस्सा क्यो…पता नही….
ये साली ऐसे रंग बदल देगी सोचा नही था...चलो...ये तो गई हाथ से..अब कोई और सही….
मैं सोचते हुए नीचे आ गया तो मेरे सामने मनु और आंटी बैठी हुई थी…मैं भी वही चल गया…ऑर हम साथ मे कॉफी पीने लगे…
मैने आज फिर मनु की आँखो मे उदासी सॉफ देख रहा था पर वजह आज भी पता नही थी….इसके साथ भी कुछ नही हुआ…..
साला मेरी किस्मत भी अजीब है...चोदने को ज़माने की चूत मिल जाती है ऑर प्यार करू तो नखरे….भाड़ मे जाए ये प्यार…ऑर मैने अपने टूटे हुए दिल को तसल्ली दे दी…
मैं अपनी दुनिया मे ही खोया था कि दामिनी मेरे पास आ गई…
दामिनी- अरे आप रेडी हो गये..
मैं- हाँ..आज निकल रहा हूँ…और आप
दामिनी- मैं कुछ दिन बाद आउन्गी…
मैं- ओक..ऑर कामिनी
दामिनी- वो भी साथ मे ही आयगी…
मैं- अच्छा ..तो अब आपसे वही मुलाक़ात होगी..
दामिनी(धीरे से)- हाँ बिल्कुल..अभी एक साइड बाकी है मेरी….
(दामिनी का मतलब चूत से था..उसकी गान्ड तो मार ही ली थी)
मैं- ह्म्म..डोंट वरी…अब तो आप मिलती ही रहेगी…
दामिनी- हाँ बिल्कुल
इतने मे कामिनी ऑर रिचा भी आ गई ऑर दूसरी तरफ से दीपा भी
कामिनी- तो अब जाने का मूड बना ही लिया..
मैं- वैसे दिल तो नही कर रहा बट एग्ज़ॅम है मेरे तो जाना ही होगा…
कामिनी- ओह..तब तो रोक भी नही सकती…वैसे आपको हमारा गाओं पसंद आया …???
मैं- बहुत ..खास कर यहाँ के लोग…
कामिनी- तो अब भूल मत जाइएगा…टच मे रहना…
मैं-अरे बिल्कुल…हर वीक आपसे मिलुगा ओके
और हम सब हँसने लगे….
ऐसे ही हँसते ऑर बाते करते हुए हमने नाश्ता किया ऑर अब हम चलने को रेडी थे…
पारूल भी रेडी हो कर आ गई ऑर हमारा सामान भी…
हमारे साथ रिचा दीपा ऑर मनु भी आ रहे थे…साथ मे सोनू ओर उसकी फॅमिली भी…
हम 3 कार्स मे थे…एक मेरी थी जिसमे मैं , पारूल, आंटी ऑर मनु थे…
दूसरी कार दीपा के पति ने भेजी थी..जिसमे दीपा रिचा ऑर उनका ड्राइवर था…एक कार सोनू की थी …जिसमे सोनू , सोनम ऑर उसके मोम-डॅड थे…
हम सभी कामिनी दामिनी ऑर बाकी सब को बाइ कह कर निकलने लगे…..तभी मेरी नज़र काजल पर पड़ी….जो आज भी मुझे घूर रही थी पर आज खा जाने वाली नज़र से नही बल्कि प्यार की नज़र से…जैसे कह रही हो कि मत जाओ…मुझसे बात करो…मुझे तो समझ ही नही आई ये लड़की…..
पर अब कर भी क्या सकते थे…कार स्टार्ट थी ऑर हम निकल रहे थे..
मैने काजल को देख कर बाइ कहा तो उसने कुछ नही कहा बस घूरती रही..ऑर मैं कई सवाल दिल मे लिए हुए कार को बढ़ने लगा….
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