08-02-2019, 12:48 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
जबकी मैं बुरी तरह से चीखने और चिल्लाने लगी- “आह्ह... उफफ्फ़... मैंनन् मर्रर गई उफफ्फ़... आह्ह... साले हरामी, भड़वे, मादरचोद मेरी गाण्ड फट गई है उफफ्फ़.. आहहह... कोई मुझे बचाओऊ उफफ्फ़... कोई मुझे बचाओ, मुझे मेरे हरामी दादा से, देखो ये चोदू मास्टर कैसे अपनी पोती की गाण्ड मार रहा है उफफ्फ़... ऊऊऊईई...
आहहह..."
दादाजान को मेरे चीखने से और जोश चढ़ रहा था और वो और ज्यादा जोरदार झटके मारने लगे और कहने लगे- “साली छिनाल, रंडी की ओलाद, तू जितना चाहे चीख, मैं तुझे नहीं छोडूंगा... आज तुझे ये हरामी दादा असली में हरामी बनकर दिखायेगा और तेरी गाण्ड की खूब बैंड बजायेगा। मुझसे दादाजान का लण्ड बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मैं बुरी तरह से तड़प रही थी। मैं दादाजान से बचकर भाग जाना चाहती थी। दादाजान ने मेरा इरादा भाँप लिया और वो मेरे ऊपर झुक गये और उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों मम्मों को पकड़कर मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया और जोरदार अंदाज से मेरी गाण्ड मारने लगे।
दादाजान कोई 20 मिनट तक मुझे इसी तरह जकड़कर कस-कसके मेरी गाण्ड मारते रहे और मैं चीखती चिल्लाती रही और दादाजान को गलियां बकती रही। मेरी गलियों पर वो भी मुझे गलियां बक रहे थे और खूब मेरी गाण्ड मार रहे थे। फिर धीरे-धीरे मेरी गाण्ड दादाजान के लण्ड की आदी होती गई और मेरा दर्द कम हो होकर बिल्कुल खतम हो गया। और अब मुझे बहुत मजा आ रहा था दादाजान से अपनी गाण्ड मरवाते हुये।
अब मैं मजे के आलम में लज़्ज़त भारी सिसकारियां लेने लगी- “उफफ्फ़... उफफ्फ़... आह्ह... दादाजान आप बहुत अच्छे हैं... ऊऊऊईई... आहहह... मुझे बहुत मजा आ रहा है... दादाजान... उफफ्फ़... और जोर से झटके मारिए मेरे । प्यारे दादाजान... उफफ्फ़... हाँ और जोर से झटके मारकर अपनी चुदक्कड़ पोती की गाण्ड मारें आह्ह... और जोर से झटके मारिए ना दादाजान उफफ्फ़... हाँ और जोर से... हाँ और जोर से... उफफ्फ़... उफफ्फ़... आहह्ह... ऊऊईई... ऊऊऊईई.. म्माआ... उफफ्फ़... आप बहुत अच्छा चोदते हैं दादाजान उफफ्फ़... मुझे बहुत मजा आ रहा है।
दादाजान हँसे और बोले- “साली कुतिया पहले तू मुझे गलियां बक रही थी और अब मेरी तारीफें कर रही है...”
मैं मुश्कुराई और सिसकारी लेकर बोली- “उफफ्फ़... मेरे प्यारे चोदू दादा, वो तो मैं आपको जोश दिला रही थी ताकी आप मेरी खूब कस-कसकर चुदाई करें और मुझे चोद-चोदकर अपनी इस रंडी पोती को हाल से बेहाल कर दें..."
दादाजान मुश्कुराये और बोले- “हरामजादी अगर ऐसी बात है तो आज मैं तुझे चोद-चोदकर तेरी चूत और गाण्ड का हुलिया बिगाड़ दूंगा...” फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठाया और वो मुझे लेकर सोफे पर बैठ गये फिर उन्होंने अपने खड़े लण्ड पर मुझे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया।
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08-02-2019, 12:49 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
अदनान की बात पर मैं मुश्कुराई और बोली- “मेरा मतलब ये है की आप किसी का लाइफ इंश्योरेन्स किस तरह करते हैं.. पूरे जिश्म का जिश्म की मुखुटलीफ हिस्सों का। अब आप लोग मेरा इंश्योरेन्स करने आये हैं तो मेरा इंश्योरेन्स किस तरह करेंगे मेरे पूरे जिम का, या जिम के मखसूस हिस्सों का..”
अब अदनान मेरी बात का मतलब समझ गया और कहने लगा- “आप किस तरह इंश्योरेन्स करवाना चाहती हैं.”
मैं मुश्कुराकर कहने लगी- “अब मुझे क्या पता की इंश्योरेन्स किस तरह करवाया जाता है ये तो आप लोग मुझे बतायेंगे...”
अदनान बोला- “मिस्स्स हम तो क्लाइंट की मर्जी के मुताबिक काम करते हैं अगर कोई क्लाइंट अपने पूरे जिम के बजाए जिश्म के कुछ मखसूस हिस्सों का इंश्योरेन्स करवाए तो हम वैसा ही करते हैं। अब आप बतायें की। क्या चाहती हैं.”
मैं बोली- “अब मैं क्या कहूं इस बारे में... आप लोग ही बतायें की मेरे लिए कौन सा इंश्योरेन्स सही रहेगा... पूरा जिम वाला या जिश्म के मखसूस हिस्सों वाला...”
अदनान ने मेरे जिश्म को फिर गौर से देखा और बोला- “मिस अगर मेरी राय लेना चाहती हैं तो आपके लिए जिश्म के मखसूस हिस्सों वाला इंश्योरेन्स ही ठीक रहेगा.." अदनान बोला- “तो आप अपने जिश्म के किस किस हिस्से का इंश्योरेन्स करवाना चाहती हैं...”
अपने जिम के किस किस हिस्से का
मैं बोली- “ये काम भी आप लोगों का है... आप लोग ही बतायें इंश्योरेन्स करवाना चाहिए...”
अदनान ने एक नजर दादाजान को देखा जो हमसे बेपरवाह अखबार पढ़ने में मसरूफ थे, फिर अदनान मुश्कुराकर कहने लगा- “आप अपने जिश्म के मुख़्तलिफ हिस्सों पर हाथ रखें, जो हिस्सा इंश्योरेन्स के काबिल होगा उसपर मैं “एस” कह दूंगा...” अदनान की बात से मैं राजी हो गई।
अभी तक हम दोनों की बातों में तबिश ने हिस्सा नहीं लिया था। दादाजान अखबार पढ़ते हुये मुश्कुरा रहे थे। यानी उनका पूरा ध्यान हमारी ही तरफ था और वो जान गये थे की उनकी चोदक्कड़ पोती अपने नये शिकार रही है। सबसे पहले मैंने अपने सर पर हाथ रखा तो अदनान ने “नो" कह दिया।
फिर मैंने अपने गालों पर हाथ रखा तो अदनान ने “एस” कह दिया। फिर मैंने अपने रसीले होंठों पर हाथ रखा तो अदनान ने मुश्कुराते हुये
एस” कह दिया। फिर मैं अपनी गर्दन पर हाथ फेरती हुई जब अपने मम्मों पर आई और मैंने अपने हाथ अपने मम्मों पर रखे तो अदनान और तबिश के जिम में झटका लगा और अदनान ने अपने खुश्क होते हुये होंठों पर जुबान फेरते हुये “एस” कह दिया। फिर जब मैंने अपने पेट से हाथ ले जाते हुये जब अपनी चूत पर हाथ रखा। तो वो दोनों अपनी अपनी जगहों पर बेचैनी से पहलू बदलने लगे और अदनान ने बामुश्किल “एस” बोला। शायद उन दोनों को मेरे इतने बोल्ड स्टेप की उम्मीद नहीं थी। फिर इससे पहले की कमरे में कुछ और होता की दरवाजे पर आहत हुई तो सब संभल गये और मैंने भी अपनी चूत पर से हाथ हटा लिया।
अब्बू कमरे में आए तो बोले- “मुझे तो देर हो रही है, मैं आफिस चलता हूँ...”
तभी दादाजान उठे और मुझे आँख मारते हुये पापा के साथ चले गए और पापा जाते हुये अदनान और तबिश से बोले- “अगर आप दोनों को कोई जरूरी कम ना हो तो मेरे आने तक यही रुक जायेंन, मुझे आप दोनों से कुछ काम है और हो भी सकता है मेरे साथ तुम्हारे बास सयीड़ साहिब भी हों...” फिर अब्बू चले गये।
अब्बू के जाने के बाद मैं कहने लगी- “चलिये, आप लोग मेरा इंश्योरेन्स शुरू करें...”
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08-02-2019, 12:53 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
मेरे पीछे उमार खड़ा था, और मेरे कूल्हे उससे थोड़ी ही दूड़ होंगे, उमार ने उधर बढ़कर अपनी रानों का बीच का हिस्सा मेरे कूल्हों के बीच लगाकर मुझे एकदम से दबोच लिया। मेरे वहमे-ओ-गुमान में भी नहीं था की वो ऐसी हरकत करेगा। जब कोई सख्त सी लंबी सी चीज मेरी गाण्ड से टकराई तो मैं एकदम से घबरा गई। मैं एकदम से खड़ी हुई तो उमार ने मुझे पूरी तरह से जकड़ लिया। मैं जानबूझ कर नाटक करने लगी। उमार के मजबूत बाजुओं में मैं हिल भी नहीं पा रही थी।
मैं एकदम से चीखी।
रशीद ने उधर बढ़कर एक जोरदार थप्पड़ मेरे चेहरे पर मारा। तकलीफ से मेरी आँखों में आँसू उभरे और मेरा सिर घूम गया।
रशीद बोला- “कुतिया अब तेरी कोई आवाज ना निकले.."
फिर उसने मेरे गिरेबान में हाथ डाला, फिर एक चिर्र की आवाज से मेरी कमीज फटती चली गई। रशीद ने मेरी कमीज को फाड़ डाला था। नीचे ब्रा ना होने की वजह से मेरी बड़े-बड़े खूबसूरत चूचियां आजाद हो गई। रशीद पागला की तरह मेरी बड़ी-बड़ी चूचियों को दबाने लगा। जबकी उमार का लण्ड मुझे अपनी गाण्ड में घुसता हुवा महसूस हो रहा था।
मैं बोली- “प्लीज मेरे साथ ऐसा ना करो...”
रशीद ने फिर एक और जोरदार थप्पड़ मुझे मारा और बोला- “साली कुतिया मैंने मना करा था ना बोलने के लिए, तू अब क्यों शरीफ बन रही है, क्या तूने बगैर ब्रा के इतने बारीक कपड़े अपने यार के लिए पहने थे...” वो बोला- “अब तेरी आवाज ना निकले वरना तेरा वो हाल करेंगे की तू अपने आपसे नफरत करेगी, अब जो हम करना चाहते हैं, तू वो हमें करने दे वरना...” इतना कहकर रशीद खामोश हो गया।
और उसकी धमकी सुनकर मैं चुप हो गई क्योंकी मैं खुद भी यही चाहती थी और फिर मैंने कोई आवाज नहीं निकाली। मैं अब कोई फजीहत बर्दाश्त नहीं कर सकती थी क्योंकी रशीद ने जो थप्पड़ मुझे मारे थे उससे ही मेरी हालत खराब हो गई थी। रशीद ने मेरी कमीज को फाड़कर बिल्कुल ही अलग कर दिया। उमार ने मेरी शलवार का आजारबंद खोल दिया, और मेरी शलवार खोला तो मेरी शलवार नीचे गिर गई। अब मैं बिल्कुल नंगी थी। रशीद और उमार ने मुझे बेडरूम में लेजाकर बेड पर लिटा दिया।
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08-02-2019, 12:53 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
फिर उमार रशीद से बोला- “यार रशीद आज तो हमारी लाटरी खुल गई है, क्या शानदार माल मिला है?”
रशीद भी बोला- “यार उमार आज अपना नसीब बहुत अच्छा है आज दिल खोलकर इसकी चुदाई करेंगे...”
फिर दोनों मुझ पर टूट पड़े और मेरे पूरे जिश्म को पागलों की तरह चूमने लगे। थोड़ा-थोड़ा मजा भी आ रहा था। मैंने अब बिल्कुल ही हिलना डुलना बंद कर दिया था और खुद को उन दोनों के हवाले कर दिया था की वो दोनों
जो करना चाहते हैं मेरे साथ कर लें। अब रशीद तो मेरी चूत को चाट रहा था जबकी उमार मेरी चूचियों को दबा-दबाकर चूम और चूस रहा था। अब मुझे बहुत मजा आने लगा था और अब मुझे इस बात की परवाह नहीं हो रही थी की मेरा रेप होने जा रहा है।
और फिर जब रशीद ने अपनी एक उंगली मेरी कुँवारी चूत में घुसाई तो मेरी लज़्ज़त भरी एक सिसकारी निकल गई- “आह्ह... उफफ्फ़... ऊओह... ऊऊओह... उफफ्फ़.. जिर से एस्स... ऊओह... आअज्ज मिल्ल कर मारोओ मेरीइ ऊऊओह... उफफ्फ़.. उफफ्फ़... ऊओह... ऊओह...
मुझे सिसकारी लेता देखकर उमार मुश्कुराकर रशीद से बोला- “यार लड़की लाइन पर आ रही है..”
दोनों काफी देर तक मेरे जिश्म को चूमते और चाटते रहे। फिर दोनों लेट गये और फिर रशीद मुझसे बोला- “चल रंडी अब तू हम दोनों के लण्ड को चूस.. मैंने देखा के दोनों के लण्ड छत की तरफ मुँह करके खड़े हुये थे।
उमार का लण्ड 8 इंच लंबा और 2% इंच मोटा था, जबकी रशीद का लण्ड 9 इंच लंबा और तीन इंच मोटा था, रशीद की बात सुनकर मैं उठकर बैठ गई। मैंने अपने दोनों हाथ से दोनों के लण्ड पकड़ लिए। मुझे उन दोनों के लण्ड बहुत अच्छे लगे और फिर मैं रशीद के लण्ड पर झुक गई, और फिर मैंने उसका लण्ड अपने मुँह में ले लियाऔर लोलीपोप की तरह चूसने लगी।
मुझे लण्ड चूसने में बहुत मजा आने लगा और मैं उमार के लण्ड को सहलाती हुई मजे ले लेकर रशीद का लण्ड चूस रही थी। काफी देर तक मैंने रशीद के लण्ड को चूसा, फिर मैंने रशीद का लण्ड छोड़कर उमार का लण्ड चूसना शुरू कर दिया, मुझे बहुत जोश चढ़ रहा था। मेरे जोश को देखकर वो दोनों भी मेरी तरफ से मुतमइन हो गये थे। फिर दोनों मुझे चोदने के लिए तैयार हो गये।
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08-02-2019, 12:53 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
रशीद बेड पर लेटा हुवा था और मैं रशीद के कहने पर उसके ऊपर पीठ के बल लेट गई, फिर मेरे ऊपर उमार लेट गया, और मैं दोनों के बीच में सैंडविच बन गई, फिर दोनों ने अपने-अपने लण्ड मेरी चूत और गाण्ड के सुराख में फँसा दिए। रशीद का लण्ड मेरी चूत में था और उमार का लण्ड मेरी गाण्ड में। दोनों ने एक साथ झटका मारा और मेरे हलाक से एक जोरदार चीख निकल गई। दोनों ने मेरी चूत और गाण्ड की परवाह ना करते हुये बड़ी बेदर्दी से अपने अपने लण्ड मेरी चूत और गाण्ड में घुसा दिए थे। रशीद का लण्ड 4 इंच मेरी चूत में । चला गया था, जबकी उमार का लण्ड तीन इंच तक मेरी गाण्ड में घुसा था। अभी मैं संभाल भी नहीं पाई थी की दोनों ने फिर झटका मारा और मैं फिर से चीख पड़ी।
अब उमार का लण्ड 6 इंच तक मेरी गाण्ड में और रशीद का लण्ड 7 इंच तक मेरी चूत में समा चुका था। दोनों ने फिर झटका मारा और अबकी झटके में दोनों के लण्ड पूरे के पूरे मेरी चूत और गाण्ड में चले गये थे।
फिर दोनों रुके बगैर जोर-जोर से झटकों पर झटके मारने लगे, और मेरी हालत खराब होने लगी। मुझसे एक साथ दोनों सुराखों में तकलीफ बर्दाश्त नहीं हो रही थी और मैं बुरी तरह से चीख और चिल्ला रही थी, मैं मजे से बोल रही थी- “आआह्ह... आहह... प्लीज झटके मारो उफफ्फ़... उफफ्फ़.. जी आह्ह्ह... उफफ्फ़... ऊऊहह... जोर से आअह्ह. मैंने तुम दोनों का क्या बिगाड़ा है, आहह... मैं चुदवाने के लिए राजी तो हूँ फिर ये जुलुम मेरे ऊपर क्यों कर रहे हो?”
वो दोनों मुसलसल पूरे एक घंटे तक कुत्तों की तरह चोदते रहे और फिर वो दोनों अपने-अपने लण्ड का पानी मेरी चूत और गाण्ड में छोड़कर फारिग हो गये थे। इस दौरान मैं कितनी बार फारिग हुई थी मुझे कुछ नहीं पता। बेड की चादर मेरी चूत से निकलने वाले पानी से खराब हो गई थी। मैं बड़ी मुश्किल से बैठी और अपनी चूत की । तरफ देखा तो मेरी चूत से पानी के साथ-साथ रशीद के लण्ड की मनी भी निकल रही थी, और ये ही हाल मेरी गाण्ड का भी था।
मैंने दोनों की तरफ देखा तो वो दोनों लेटे हुये लंबी-लंबी सांसें ले रहे थे। जब वो दोनों उठे तो मेरी हालत को देखकर मुझे उठाकर बाथरूम में ले गये। वहां वो दोनों नहाते हुये मुझे भी नहलाने लगे। नहाने के दौरान ही । दोनों के लण्ड फिर से खड़े हो गये। मैं दोनों की नायत समझ गई और बाथरूम में ही दोनों ने मेरी चुदाई शुरू कर दी। यहां भी दोनों ने मुझे 40 मिनट तक चोदा, फिर वो दोनों मुझे वापिस बेडरूम में ले आये। उन दोनों ने ही बेड की चादर बदली और खराब चादर को धो दिया।
***** समाप्त *****
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
शादी में भी लण्ड मिल गये
अब सब कुछ नार्मल चल रहा था। लाइनमैन मुझे चोदकर चले गए। काफी दिन तक फिर मुझे कोई आदमी चुदवाने के लिये नहीं मिला। कोई दो दिन गुजरें होंगे की मुझे पापा के साथ अपने कजिन की शादी में शिरकत के लिये लाहोर गई थी। शादी वाला दिन था। हम सब लड़कियां खूब तैयार शैयार हुई लड़कों के दिल पर छयरियां चलाने के लिये। फिर शादी का फंक्सन शुरू हो गया। जो भी लड़के थे वो बार-बार हम लड़कियों के तरफ देख रहे थे और उनकी नजर शायद हमारे मम्मों पर ही पड़ती थी और हमारी नजर शायद उनकी पैंट की जिप पर।
फिर जब गली में बारात चली तो काफी भीड़ हो गई और धक्के लगने लगे।
इतने में एक लड़का मेरे से थोड़ा टकराकर गुजर गया, मुझे थोड़ा आशा लगी। फिर हम गाड़ियों में बैठ गये और एक घंटे बाद दूल्हे के घर पहुंच गये। गली में फिर एक दो लड़कों से ऐसे ही मजा लिया, लेकिन कोई खास मजा नहीं आया। असल में मैं यह चाह रही थी की कोई लड़का मुझे छेड़े, कोई बात आगे बड़े, लेकिन वो भी बिचारे हम लड़कियों से डरते हैं। मैंने दूल्हन को देखा काफी खूबसूरत थी।
मैंने सोचा लो इस बेचारी की तो आज सील फटी ही फटी लेकिन इसको मजा भी तो कितना आयेगा। फिर दूल्हे को साथ बिठाया गया। मैंने दूल्हा को देखकर सोचा की यह आज इसकी फुद्दी मारेगा। यह सोचकर मेरी अपनी फुद्दी में खारिश होने लगी। मैंने सोचा की काश इस दूल्हन की जगह पर मैं होती तो इतने खूबसूरत दूल्हे से मैं भी फुद्दी मरवा लेती। लेकिन शादी मेरी तो ना थी। फिर वापसी का सफर शुरू हुवा, रास्ते में मैं इन्हें खयाल्लों में खोई रही की आज रात मजे तो ये लोग करेंगे और हमलोग यूं ही मुफ्त में ख्वार हो रहे हैं। खैर हम रात को घर पहुँचे फिर उनको मसेहरी में बैठे गई। अब तो मेरे दिमाग में सुहागरात की फिल्म चलने लगी की यह दोनों नंगे होंगे। उफफ्फ़. क्या सीन होगा।
मेरी फुद्दी मचलने लगी। फिर क्या मैं छुप करके वहाँ से ऊपर वाली मंजिल पर चली आई। वहाँ मेरी कजिन नयला पहले ही मोजूद थी वो मेरी दूर की कजिन थी, शादीशुदा थी लेकिन उनका पति दूसरे मुल्क में होता है। मेरे साथ उसकी काफी फ्री गपशप थी।
वो बोली- “क्यों निदा मजा आया शादी में?”
मैंने नाक चढ़ाते हुये कहा- “हूं मजा तो वो लोगे करेंगे आज की रात...”
वो हँस पड़ी और बोली- “मैं तो समझी के मेरा ही दिल जला हुवा है, मुझसे तो खुद लड़के लड़की को अख्ते नहीं। देखा जाता। मेरे अपने पति... बहुत मिस करती हूँ उनको। तुम चेंज कर लो फिर सोते हैं...” हमने कुण्डी लगाई और कपड़े बदलने लगी।
मैंने कमीज उतारी तो नयला बोली- “निदा तुम्हारे मम्मे बड़े टाइट हैं लगता है बहुत लोगों के हाथ लगे हैं."
मैंने कहा- “अरे यार... हाँ यार... पर आज भी बहुत दिल कर रहा है की कुछ हो जाए पर...”
वो बोली- “तो तुम इंतेजर क्यों कर रही हो... किसी को दावत दोगी तो ही कोई आएगा...”
मैंने कहा- “नयला जी क्या करूं... दिल तो बहुत मचलता है। मेरा तो दिल था की आज दूल्हन की जगह मैं होती...”
नयला सलवार पहन रही थी, अपनी फुद्दी पर हाथ फेरते हुये बोली- “आए हाए क्यों फुद्दी में आग लगा रही हो। ऐसी बातें करके...”
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