08-14-2019, 03:28 PM,
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RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मैने अपनी गंद के छेद को थोड़ा रिलॅक्स किया तो वो थोड़ा खुल गया. उन्होने अपनी उंगली से मेरी गंद के अंदर तक कोल्ड क्रीम लगाई तो मुझे मेरी गंद मे ठंडा ठंडा लगने लगा. काफ़ी सारी क्रीम उन्होने मेरी गंद के अंदर और बाहर लगाई. अपने कॉंडम चढ़े लंड पर भी कोल्ड क्रीम लगाई.
मेरे पैर चौड़े थे और गंद के नीचे तकिया होने की वजह से मारने के लिए उनको मेरी गंद पूरी तरह नज़र आ रही थी. मैं अपनी गंद मे अपने पति का लंड लेने को, अपनी कुँवारी गंद मरवाने को तय्यार थी. वो मेरे पैरों के बीच मे, अपने घुटनों पर, अपना लंड अपने हाथ मे लेकर मेरी गंद मारने को तय्यार हो गये थे. उन्होने अपने लंड का मूह, सूपड़ा मेरी गंद के छेद पर रखा तो रोमांच से मेरी गंद का छेद फिर से टाइट हो गया.
वो बोले – ढीला करो जूली.
और मैने फिर से अपनी गंद के छ्होटे छेद को ढीला छ्चोड़ा. और उन्होने अपने खड़े लंड का ज़ोर मेरी गंद पर लगाया. मैने उनके लंड का सूपड़ा अपनी गंद के छेद मे महसूस किया. कोई दर्द नही हुआ. उन्होने फिर थोड़ा ज़ोर लगाया तो मुझे दर्द होने लगा पर उनके लंड का सूपड़ा मेरी गंद के अंदर घुस गया. वो रुक गये और मेरी रसीली सफाचत फुददी से खेलने लगे. उनकी उंगलियाँ मेरी चूत के बीच मे घूमने लगी और मेरी चूत और ज़्यादा गीली हो गई. मेरी गंद का दर्द कम हुआ और उन्होने अपने लंड का एक और धक्का लगाया. फिर से मेरी गंद मे दर्द हुआ पर उनके लंड का अगला हिस्सा मेरी गंद मे घुस चुका था. वो लगातार मेरी चूत से खेलते जा रहे थे. एक और धक्का उनके लंड का मेरी गंद मे और मुझे महसूस हुआ जैसे मेरी गंद फॅट गई है. मैं अब समझी कि गंद फटना किसे कहतें है. दर्द काफ़ी हो रहा था पर साथ ही साथ अच्छा भी लग रहा था. मेरी गंद का उद्घाटन मेरे पति के लंड से हो चुका था.
वो बोले – जूली……….. मैं आधा लंड ही डालूँगा ताकि तुम को ज़्यादा दर्द ना हो.
उन्होने फिर एक धक्का लगाया और मैने महसूस किया कि उनका आधा लंड मेरी मस्तानी गंद मे घुस चुका है. मेरी गंद मे बहुत ही ज़ोर से दर्द होने लगा. मैने अपना हाथ नीचे करके अपनी गंद के छेद पर लगाया तो उनका लंड हाथ मे आया जो कि आधा मेरी गंद के अंदर था और आधा बाहर था. मेने अपनी गंद के छेद पर हाथ लगाया तो मेरी उंगलियाँ क्रीम से गीली हो गई. मैने अपनी उंगलियाँ नाइट बल्ब की रोशनी मे देखी तो मैं दंग रह गई. मेरी उंगलियों पर क्रीम के साथ साथ खून भी लगा था. इस का मतलब सचमुच मेरी गंद फट गई थी. मेरा दर्द बढ़ता जा रहा था पर मैने उन से खून के बारे मे कुछ नही कहा. मेरी आँखों मे दर्द के मारे आँसू आ गये थे जो मैने जल्दी से पोंछ लिए. उन का लंड आधा मेरी गंद मे घुस कर आराम कर रहा था और वो मेरा दर्द बाँटने के लिए मेरी चूत से खेलते जा रहे थे. अब तो वो मेरी चूत को उंगली से चोद्ने लगे. उनकी उंगली मेरी चूत मे अंदर बाहर हो रही थी जैसे कोई छ्होटा लंड मेरी चूत चोद रहा था. मुझे लग रहा था जैसे कि जब उनकी उंगली मेरी चूत के अंदर जाती तो उन को मेरी गंद मे घुसा उनका लंड भी महसूस हो रहा था. मतलब मेरी गंद मे घुसा लंड मेरी चूत मे घुसी उंगली को दीवार की दूसरी तरफ महसूस कर सकता था. मुझे दर्द हो रहा था पर मेरी चूत मे घूमती उनकी उंगली और गंद मे घुसा उनका लॉडा मज़ा भी दे रहे थे. थोड़ी ही देर मे मैं अपनी चूत उंगली से चुद्ने के कारण झड़ने के पास पहुँच गई. पर उनकी उंगली ने मेरी चूत को चोद्ना बंद किया और मेरी रसीली चूत के अंदर घुस कर बैठ गई.
वो बोले – इस बार अलग तरीके से झड़ने के लिए तय्यार हो जाओ.
मैने जवाब दिया – ठीक है डियर.
वो – क्या दर्द हो रहा है तुम्हारी गंद मे?
मैं – ज़्यादा नही डार्लिंग. तुम आगे बढ़ो.
उन्होने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और फिर से अंदर धकेला. उनकी उंगली अभी भी मेरी चूत के काफ़ी अंदर थी. फिर वो धीरे धीरे धक्के लगाते हुए मेरी गंद मारने लगे. दर्द थोड़ा कम हो गया था और मैं पहली बार गंद मरवाने का आनंद लूटने लगी. मुझे पता नही था कि गंद मरवाने मे भी इतना मज़ा आता है. जैसे वो हमेशा मेरी चूत चोद्ते है, वैसे ही वो मेरी गंद मार रहे थे अपने कड़क लंड को मेरी गंद मे अंदर बाहर कर के. मेरी तो इच्छा हो रही थी कि वो अपना पूरा लंड मेरी गंद मे डाल कर आज मेरी गंद फाड़ दे, पर मेरे पति बहुत समझदार और धीरज वाले है. उन्होने मेरी गंद मारने की रफ़्तार बढ़ाई और अब उनका लंड बिना ज़्यादा दिक्कत के मेरी गंद मे अंदर बाहर हो रहा था. मैं भी अपनी चूत और अपनी गंद की अंदर की दीवार पर उनकी उंगली और लंड का मिलन महसूस कर रही थी. मैं लिख नही सकती मैं कितना अच्छा फील कर रही थी. उनके मेरी गंद मारने की वजह से, पहली बार मुझे पता चला कि गंद मरवा कर भी झाड़ा जा सकता है. उनकी उंगली फिर से मेरी चूत मे हरकत मे आ गई और अंदर बाहर होने लगी. चूत मे उनकी उंगली अंदर बाहर हो रही थी और गंद मे उनका लंड अंदर बाहर हो रहा था.मेरी दोहरी चुदाई हो रही थी और मैं खुश थी.
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RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मेरे बदन मे तनाव पैदा होने लगा, मेरी नसें खिंचने लगी और उनकी उंगली की मेरी चूत मे और लंड की मेरी गंद मे रफ़्तार बढ़ गई. अचानक मैं झाड़ गई. ऐसी झड़ी थी, इतनी ज़ोर से झड़ी थी जैसी पहले कभी नही झड़ी थी. शायद ऐसा चूत और गंद दोनो एक साथ मरवाने की वजह से हुआ था. ऐसा लग रहा था जैसे मुझे दो मर्दों ने एक साथ चोदा हो. मैने अपने पैर भींच लिए और मेरी गंद का छेद अपने आप ही टाइट हो गया. उनका आधा लंड अभी भी मेरी गंद के अंदर ही था. हम शांत हो गये और मेरी आँखें बंद हुई जा रही थी. मैं अलग तरीके से झड़ने का, पहली बार गंद मरवाने का आनंद ले रही थी और वो भी अपनी सुहाग रात के मौके पर.
उन्होने जब अपना लंड मेरी गंद से बाहर निकाला तो फिर से मेरी गंद मे दर्द हुआ और उन्होने कॉंडम पर खून देख कर कहा – ” ओह डार्लिंग! मैने तो तुम्हारी गंद फाड़ दी. क्या बहुत दर्द हो रहा है?
मैं बोली – नही डियर! ठीक है. दर्द से ज़्यादा मज़ा आया.
उन्होने अपने लंड से कॉंडम उतार कर, बाद मे फेंकने के लिए साइड टेबल के नीचे रखा और टिश्यू पेपर से मेरी गंद साफ की. मेरी गंद के उपर और अंदर एंटिसफटिक क्रीम लगाई. मुझे लग रहा था जैसे मेरी गंद पर सूजन आ गई है. पर ये सब उस मज़े के सामने कुछ नही था जो मैने अपनी कुँवारी गंद अपने पति से सुहाग रात को मरवा कर पाया था.
मैं अब अपने पति के लंड का प्रेम रस अपनी चूत मे निकालने के लिए अपनी दूसरी चुदाई के लिए तय्यार थी.
वो मेरा मूह दूसरी तरफ करके, मेरे पीछे से मेरी चूत मे अपना लंड डाल कर, मेरी चुचियाँ दबाते हुए मुझे चोद रहे थे. उनका लंबा और मोटा प्यारा लंड मेरी चूत को चोद्ने लगा. उनका एक हाथ मेरे नीचे से और दूसरा हाथ उपर से मुझे जकड़े हुए था. मैं पूरी तरह उनकी गिरफ़्त मे थी और चुद्वा रही थी. उनकी कमर और गंद हिल हिल कर उनके लंड को मेरी चूत मे अंदर बाहर कर रहे थे. मैं भी अपनी गंद हिला कर उनका साथ देने लगी. हमेशा की तरह चुदाई का संगीत कमरे मे गूंजने लगा. हमारे सेक्सी बदन आपस मे टकराने लगे, उनका लंबा लंड मेरी गीली रसीली चूत मे अंदर बाहर होने लगा. मैं तो एक बार पहुँच चुकी थी और मुझे लग रहा था जैसे वो भी अपने पहली बार झड़ने के करीब पहुँच रहे थे. मैं खुश थी कि वो हमेशा की तरह जम कर ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई कर रहे थे. उनका लंबा लंड मेरी चूत की गहराइयों तक जा रहा था और मैं दूसरी बार झड़ने को तय्यार थी. मैने उनको और ज़्यादा मज़ा देने के लिए अपनी चूत भींच ली थी और वो मुझे चोदे जा रहे थे……… चोदे जा रहे थे…… और मैं चुद्वाती जा रही थी. मेरा बदन अकड़ता महसूस करके उन्होने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाना चालू किया और उनके चोद्ने की रफ़्तार बढ़ गई. और और…….मैं…….. झाड़ गई. बहुत ही ज़ोर से झड़ी थी पर मैं जानती थी कि वो बीच मे है, उनके लंड का पानी निकलना बाकी है. मैने उनको बिना रुके चोद्ते रहने को कहा ताकि उनको भी चुदाई का पूरा आनंद आए. मैं भी कोशिश करने लगी उनके लंड से पानी निकालने के लिए. अचानक मैने उनके लंड का सूपड़ा अपनी चूत मे फूलता हुआ महसूस किया और उन्होने चोद्ते चोद्ते मुझे पीछे से ज़ोर से जाकड़ लिया. उन्होने लंड के धक्के बंद किए और उनका लंड मेरी चूत के अंदर गहराई मे था. मैने उनके लंड रस की जोरदार बरसात को अपनी चूत मे महसूस किया. उनके लंड का गरम रस उनके नाचते हुए लंड से निकलकर मेरी चूत के अंदर बरस रहा था. हम दोनो ही चोद कर और चुद्वा कर खुश थे. हम दोनो कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे और चुदाई का मज़ा लेते रहे. उनका लंड मेरी चूत मे आराम कर रहा था. मैने महसूस किया कि उनका लंड मेरी चूत के अंदर नरम हो रहा है. मैं उनका नरम लंड चूसना चाहती थी. मुझे नरम लंड चूसना बहुत अच्छा लगता है. उनका लंड नरम पड़ता मेरी चूत से बाहर आने लगा.
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RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
हम ने अपनी पोज़िशन बदली और वो अपनी पीठ के बल लेट गये. मैं उनके उपर 69 पोज़िशन मे आ गई और उनका नरम लंड मेरे मूह मे आ चुका था. मैं उनके नरम लंड को चूसने का मज़ा ले रही थी और साथ मे अपनी चूत के आस और उनके रस का मिला जुला स्वाद भी ले रही थी. उनका लंड नरम होने की वजह से छ्होटा भी हो गया था और पूरे का पूरा मेरे मूह मे था. जल्दी ही मैने उनके लंड को चूस चूस कर सॉफ कर दिया. उधर मेरी चूत के होंठ उनके होठों के बीच मे थे और वो मेरी चूत को ऐसे चूम रहे थे जैसे मेरे होठों को चूमते है. मैं अपनी गंद उपर कर के अपने घुटनों पर थी और अपनी चूत को उन के मूह पर दबा रही थी. मेरे चूसने की वजह से उन का लंड फिर से बड़ा होने लगा जैसे गुब्बारे मे हवा भर रही हो. जैसे जैसे उनका लंड बड़ा होता गया, मेरे मूह से बाहर आता गया. उनका लंड बड़ा….. और बड़ा होने लगा, कड़क……. और कड़क होने लगा, मज़बूत और मज़बूत, मोटा और मोटा, गरम और गरम होने लगा. मैं उनके सुपाडे पर से चॅम्डी नीचे करके उनके लंड का सूपड़ा चूस रही थी. मैं उनका लंड चूसने का मज़ा ले रही थी और उन्होने अपनी जीभ मेरी चूत मे डाल दी. हे भगवान… …. फिर से एक बार उनकी जीभ मेरी चूत को चोद रही थी. मैं जानती थी कि मैं तो जीभ की चूत चुदाई से जल्दी ही झाड़ जाने वाली थी पर उनके लंड का पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है. मैं अपना पूरा अनुभव इस्तेमाल कर रही थी ताकि उन के लंड रस को जल्दी ही पी सकूँ.
हमारा मुख चोदन पूरी बुलंदियों और ऊफान पर था और मैने अपनी चूत उन की जीभ से चोद्ते हुए मूह पर दबाई क्यों कि मैं फिर से पहुँच चुकी थी, मेरा हो गया था, मैं झाड़ गई थी.
मेरी चूत उनके मूह पर होने की वजह से उनका साँस लेना मुश्किल हो रहा था इस लिए मैं उठ कर उनके पास बैठ गई और उनका तना हुआ लंड कस कर पकड़ कर उपर नीचे करते हुए मूठ मारने लगी. उनका लंड पानी बरसने से बहुत दूर था फिर भी मैं उनके लंड से जल्दी से जल्दी पानी पानी निकालने की पूरी कोशिश कर रही थी.
मैने मूठ मारते हुए फिर से उनके लंड का सूपड़ा अपने मूह मे ले लिया ताकि उनके लंड का पानी निकालने मे आसानी हो. मैने उनके लंड पर अपनी मूठ मारने की रफ़्तार बढ़ा दी. मेरे हाथ किसी मशीन की तरह जल्दी जल्दी चलने लगे. थोड़ी देर बाद जब मुझे लगा कि उनके लंड का पानी निकलने वाला है तो मैने जितना हो सका, उतना लंड अपने मूह मे ले लिया. मैने अपने मूह मे उनके लंड का सुपाडा फूलता महसूस किया और अचानक ही उन्होने अपनी गंद उठा कर अपने लंड का पानी मेरे मूह मे छ्चोड़ दिया. उनके लंड से निकला ज़्यादातर पानी तो मैं पी गई और उनके लंड के आस पास, उनके पेट पर गिरा लंड रस भी चाट कर, उनके लंड को चाट कर सॉफ कर दिया.
हम दोनो ही जोरदार और लगातार चुदाई के कारण कुछ थक गये थे और एक दूसरे के नंगे बदन को अपनी बाहों मे भर कर प्यार की बातें करने लगे. हमे पता ही नही चला कि कब हम बातें करते करते नंगे सो गये.
सुबह घर मे होती कुछ आवाज़ों के कारण मेरी आँख खुली तो मैने घड़ी मे देखा. सुबह के 6.45 हो चुके थे. मेरे पति अभी भी गहरी नींद मे थे और मुश्करा रहे थे. शायद कोई सुहाना सपना देख रहे थे. उनका लंड पूरी तरह तन कर खड़ा था और मैं अपने आप को उनके खड़े लंड को चूमने से नही रोक सकी. मैने उनके लंड को चूमा और उनके होंठो को भी चूमा. उन्होने अपनी आँखें खोली और मुझे गुड मॉर्निंग चुंबन वापस दिया.
मैं बिस्तर से कूद कर बाथरूम मे घुसी क्यों कि मुझे जल्दी तय्यार हो कर अपनी ससुराल मे पहली सुबह सब को मिलना था. मेरी गंद अभी भी थोड़ी सूजी हुई थी पर ज़्यादा दर्द नही हो रहा था. सुबह करने मे थोड़ी तकलीफ़ हुई पर कुछ खास नही.
मैं नहा कर आई तो देखा मेरे पति फिर से सो गये थे. मैं जल्दी जल्दी तय्यार हुई और उन को उठा कर बाथरूम मे भेजा.
जब मैने अपने कमरे का दरवाजा खोला तो मेरे पति की दो चचेरी बहने मेरे कमरे के बाहर खड़ी थी. वो कमरे मे आई और बारी बारी से मुझे गले लगाया.. मैं उनका प्यार पा कर बहुत खुशी महसूस कर रही थी.
अचानक एक ने मुझे फिर से अपनी बाहों मे भर लिया और बोली – ” भाभी ! मुझे विश्वास नही होता. इतने सालों तक भैया से प्यार का संभंध होने के बावजूद तुम अपनी शादी तक कुँवारी थी?”
मुझे समझ मे नही आया कि वो क्या और क्यों कह रही है. मैने उसकी तरफ आस्चर्य से देखा तो उसने पलंग पर सफेद तकिये और सफेद चादर पर खून के निशानों की तरफ इशारा किया.
अब उसे क्या पता था कि वो खून मेरी चूत से नही, कुँवारी गंद से निकला था.
वो दोनो मुश्करा रही थी और मैं भी ज़मीन की तरफ देखती हुई मुश्करा रही थी.
क्रमशः...............................
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08-14-2019, 03:33 PM,
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RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मैने मुश्कराते हुए अपने कपड़े उतारने शुरू किए. उन्होने भी अपने कपड़े उतार दिए. मैने उनका सूट हॅंगर मे लगा कर अच्छी तरह से रख दिया.
वो बिना कुछ पहने, नंगे बिस्तर मे सोए थे. उनका प्यारा लॉडा पूरी तरह से नही खड़ा था, आधा तना हुआ था, पर मैं जानती थी कि वो जल्दी ही, मेरे बिस्तर मे पहुँचने से पहले ही, तन कर लंबा, कड़क और तय्यार हो जाने वाला था.
मुझे ये भी पता था कि उन्होने बात तो गुड नाइट किस की कही है मगर वो मुझे चोद्ने से पहले, अपने लंड से पानी निकालने से पहले सोने वाले नही थे. सच कहूँ तो मैं भी केवल गुड नाइट किस नही, उस से थोड़ा ज़्यादा चाहती थी.
मैने आख़िर मे अपनी चड्डी उतार कर उन के पास बिस्तर मे पहुँची. और हमेशा की तरह कमरे की लाइट ऑन थी.
हम ने एक दूसरे को कस कर बाहों मे लिया और हमारे होंठ आपस मे एक लंबे समय के लिए जुड़ गये. हम आमने सामने लेटे हुए थे. उनका बड़ा और गरम लॉडा, चुदाई का हथियार मेरे पेट पर हिल डुल रहा था और चुभ रहा था. मैं उनके गरमा गरम और लंबे चुंबन और उनके मेरे पेट पर नाचते हुए खड़े लंड की वजह से गरम होने लगी थी. मेरी सफाचत फुददी जल्दी ही अपने रस से गीली होने लगी.
चुंबन काफ़ी लंबा था. उन्होने चुंबन पूरा कर के मुझे अपने उपर खींच लिया.
उनका खड़ा लंड मेरी टाँगों के बीच था, बिल्कुल मेरी गोल गोल गंद की दरार पर, मेरी रसीली चूत से ज़रा ही नीचे. अपनी लंबाई के कारण उन का लंड मेरी गंद के उपर तक पहुँच रहा था. मैने उनके तने हुए लॅंड को पकड़ कर अपनी जाँघो के नीचे दबाया तो उन्होने मुझे अपने उपर, मेरी चुचियाँ चूसने के लिए खेंचा तो उनका लंड मेरे पैरों की पकड़ से निकल गया मगर अभी भी मेरी टाँगों के बीच मे था.
वो मेरी, उनके मूह के पास झूलती हुई चुचियों की तनी हुई निपल चूसने लगे जो गुलाबी गुलाबी होने लगी थी. चुदवाने की आग मेरे जिस्म मे भड़क चुकी थी. जिस तरह से वो मेरी चुचियाँ चूस्ते है, मेरा मन करता है कि वो कभी भी उनको अपने मूह से बाहर ना निकाले, हमेशा चूस्ते ही रहें.
उन की मेरी चुचियों की सेक्स से भरी चुसाइ मेरी निपल्स को और भी कड़क बनाती गई और मैं जल्दी से जल्दी चुद्वाने की ज़रूरत महसूस करने लगी.
मैने अपना सेक्सी और नंगा बदन उन के मज़बूत बदन से रगड़ना सुरू किया जब कि मेरी चुचियों की, मेरी निपल्स की चूसा लगातार जारी थी. मैने उनका सिर अपनी दोनो नंगी चुचियों के बीच दबा लिया जो शायद उन को भी अच्छा लगा.
कुछ देर बाद जब मेरी चुचियों की चुसाइ पूरी हुई तो मैं उन की चौड़ी और बालों भारी छाती पर अपना सिर रख कर लेटी हुई उन की चौड़ी छाती के बालों के बीच अपने हाथ घुमाती रही. मेरे हाथ मे उनकी छ्होटी छ्होटी निपल्स आई जो कि मेरे छुने से कड़क हो गई थी.
मैने उनकी एक छ्होटी सी निपल अपनी उंगलियो के बीच ले कर मसली. वो और भी ज़्यादा कड़क हो गई. मैने उनकी निपल्स के आस पास के बालों को हटाया ताकि मैं उनकी छ्होटी छ्होटी निपल्स को सॉफ देख सकूँ. वो बहुत ही छ्होटी मगर प्यारी प्यारी निपल्स थी और मैं अपने आप को उनकी निपल मेरे मूह मे ले कर चूसने से नही रोक सकी. मेरा उनकी निपल को चूसना उनको भी बहुत पसंद आया. मैने अपनी पूरी क़ाबलियत के साथ उनकी निपल को काफ़ी देर तक चूसा और इस दौरान उन का खड़ा हुआ लंड अपनी मौजूदगी मेरे पेट के नीचले हिस्से पर जता रहा था.
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RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
हम दोनो ही प्यार और चुदाई का खेल जल्दी ही ख़तम कर के सोना चाहते थे क्यों कि सुबह हम को जल्दी उठना था, अपना सामान पॅक करना था. शाम को हमारी फ्लाइट गोआ से मुंबई की थी जहाँ से हम अपनी आगे की ज़ूरिच ( स्विट्ज़र्लॅंड) की फ्लाइट हमारे हनी मून के लिए पकड़ने वाले थे.
मैं उनके उपर थी और वो अपनी पीठ के बल लेटे हुए थे. मैं उनके उपर, उनका लंबा और गरम चोद्ने का हथियार लंड अपनी रसीली चूत मे ले कर बैठी थी. मैं उनके उपर बैठी होने के कारण उनका लॉडा मेरी चूत मे आख़िर तक घुस गया था. माने अपना वजन अपने घुटनों पर डाला तो मेरी गंद उन से ज़रा सी उपर हो गई ताकि वो नीचे से अपने लंड से मेरी चूत को चोद सके और मैं उपर बैठ कर चुद्वा सकूँ.
मैं हमेशा की तरह गरम और मेरी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी. मेरी चूत का काफ़ी गीला होना हमेशा उन का लंबा और मोटा लंड मेरी चूत मे दो तीन झटकों मे लेने मे बहुत मददगार होता है.
मैं उन के लंड पर बैठी, उनके लंड को अपनी चूत मे डाले, अपनी गंद को गोल गोल घुमाने लगी. उन का मोटा तगड़ा लंबा लंड मेरी चूत की अन्द्रुनि दीवारों पर रगड़ खा रहा था.
कुछ देर अपनी गंद उनका लंड अपनी चूत मे लिए घुमाने के बाद मैं रुक गई. मैने अपनी दोनो हथेलिया उन की चौड़ी छाती पर रख कर उनको चोद्ने का सिग्नल दिया. मेरी झूलती हुई चुचियों को मसल्ते हुए, दबाते हुए उन्होने नीचे से मुझे चोद्ना शुरू किया. उनका लंबा लॉडा मेरी फुददी मे अंदर बाहर होना शुरू हुआ और मैं चुद्वाते हुए स्वर्ग की सैर करने लगी.
उनकी चोद्ने की रफ़्तार बढ़ती गई और उनका लंड जल्दी जल्दी, ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा और साथ ही साथ वो मेरी चुचियों को भी ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगे जिस से मेरा चुद्वाने का आनंद बढ़ता गया .
मेरे मूह से आनंद और मज़े के मारे आवाज़ें निकलने लगी और मैं तो जैसे उनकी क़ाबलियत भरी चुदाई से सातवें आसमान की सैर करने लगी.
मैं मस्ती मे बोलती जा रही थी “ओह डियर…….. हां डार्लिंग………. लव यू जान….. हां …… हां… आ…… आ….. ओह………. ओह……… हां………. चोदो…….. चोदो……..और………. हां……”
उन को भी अपनी पसदीदा प्यारी चूत चोद्ने मे बहुत मज़ा आ रहा था. आप तो जानते ही है कि मैं बहुत जल्दी गरम हो जाती हूँ. यहाँ तक कि चुदाई की बात भी मुझे सेक्सी बना देती है. और इसीलिए मैं हमेशा ही बहुत जल्दी झाड़ जाती हूँ, अपने चोद्ने वाले से बहुत पहले, चोदते हुए लंड का पानी निकलने से बहुत पहले ही मैं अपनी चुदाई की मंज़िल पर पहुँच जाती हूँ. एक तरह से ये अच्छा भी है. मेरे चोद्ने वाले की एक चुदाई मे मैं दो बार चुद्वाने का मज़ा ले लेती हूँ. वैसे भी मेरे चाचा और मेरे पति, दोनो ही चुदाई के मामले मे बहुत मज़बूत है, उनके लंड से पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है जो एक अच्छे चुड़दकड़ होने का सबूत है. किसी भाग्यशाली लड़की का ही ऐसा नसीब होता है जिसे कोई मज़बूत और बहुत देर तक चोदने वाला पति मिलता है.
मेरी हलचल से वो समझ गये कि मैं चुदाई की मंज़िल के बहुत पास हूँ तो उन्होने मुझे चोद्ने की रफ़्तार और बढ़ा दी और उनका लंड किसी मशीन की तरह मेरी चूत मे जल्दी जल्दी अंदर बाहर हो रहा था. अब उन्होने मेरी चुचिया छ्चोड़ कर मेरी गोल गोल गंद को पकड़ रखा था और मेरी गीली चूत मे अपने लंड के धक्कों के साथ मेरी गंद को उपर नीचे करने मे मेरी मदद करने लगे. मेरी चूत अपने ही रस से बहुत ही गीली हो गई थी और इसी वजह से हमारा चहेता चुदाई का संगीत, “फ़चा फॅक ……….. फ़चा फॅक ……फ़चा फॅक” हमारे कानों मे गूंजने लगा. चुदाई का संगीत दुनिया मे सबसे पसंदीदा संगीत है. हर चुदाई करने वाला जोड़ा चुदाई मे ये संगीत सुन ना पसंद करता है.
वो नीचे से अपनी गंद उठा उठा कर मेरी चूत को चोद्ने का मज़ा ले रहे थे और मुझे चूत चुद्वाने का मज़ा दे रहे थे. मैं तो जैसे पहुँचने ही वाली थी. मेरा नंगा बदन अकड़ने लगा, नसें खींचने लगी और मेरे मूह से निकला ” ओह डियर…….. हां डियर………… हां…… हां……. आअह…. मैं गई जानुउऊउउ….. आ…… ओह…………ऑश.. आआआअहह………. ऊऊऊ हह…………..”
और मैने उन के तनटनाते हुए खड़े लंड को अपनी रसीली चूत मे जाकड़ लिया. मैं अपनी मंज़िल पर पहुँच चुकी थी…….. मेरा हो गया था और मैं बहुत ज़ोर से झाड़ गयी.
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08-14-2019, 03:34 PM,
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RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मेरी चूत से रस निकलता जा रहा था, मेरी आँखें बंद हो गई थी और मैं झड़ने का मज़ा उनके लंबे और तने हुए लंड को अपनी चूत मे लिए ले रही थी.
मैं उनके लंड को अपनी चूत मे जकड़े उनके उपर अपनी टाँगों को सीधा कर के लेट गई.
हम कुछ देर ऐसे ही रहे. मैं तो चुद्वा कर, झाड़ कर अपना मज़ा ले चुकी थी पर वो अभी बीच मे ही थे. उन का लंबा और मोटा चुदाई का औज़ार लॉडा मेरी चूत मे नाच रहा था और अपना लंड रस बरसाने को बेकरार था. उनका लंड जैसे मेरी चूत से बोल रहा था ” तुम्हारा हो गया डार्लिंग? मेरा होना तो अभी बाकी है. मैने तो तुम्हारा रस चख लिया है पर तुम भी तो मेरा रस निकालो और चखो.”
मैने अपना मूह उपर कर के उनके होठों को चूमा.
मैं बोली – आओ डार्लिंग! मैं तो स्वर्ग मे हूँ. तुम भी मेरे साथ आओ.
वो बोले – अभी आता हूँ. मुझे शुरू करने दो.
और मैं नीचे लेट कर चुद्वाने को तय्यार हो गई. मैने देखा कि उनका लंबा और मोटा लंड किसी लोहे के डंडे की तरह तना हुआ कड़क है. वो मेरी चूत के रस से गीला, पर गरम था. मैने उन के लंड को छुआ तो वो सचमुच काफ़ी गरम था.
वो बोले – जूली……….. मैं तुम्हारे प्यार के रास्ते को अपने लंड के प्रेम रस से भरना चाहता हूँ, घूम जाओ और मुझे पीछे से चोद्ने दो.
एक बार तो मैने सोचा कि वो मेरी गंद मारने वाले है. मैं तो उस के लिए भी तय्यार थी. मैं अपनी पीठ उनकी तरफ करके घूम गई और अपने बदन को थोड़ा मोड़ कर अपनी गंद उनके लंड की तरफ की. उन्होने अपने हाथ मेरी नंगी पीठ पर, मेरी गंद की दरार मे, मेरी गंद के मूह पर फिराए और मुझे मज़ा आने लगा. जल्दी ही ये सॉफ हो गया कि वो मेरी गंद नही मारने वाले थे, मेरी चूत मे पीछे से अपना लंड डाल कर मुझे चोद्ने वाले थे.
मैं बिस्तर पर अपनी करवट मे, अपनी गंद उनकी तरफ करके लेटी थी. उन्होने मेरा उपर का पैर ज़रा उठाया ताकि वो पीछे से अपना गरम लंड मेरी गीली चूत मे डाल कर मुझे चोद सके. हम थोड़ा आगे पीछे हुए और अब उनका तना हुआ लंड मेरी चूत के दरवाजे पर था. उन्होने अपना लंड हाथ से पकड़ कर सही जगह लगाया और ज़ोर लगाया तो उनका लंड मेरी चूत मे घुसने लगा.
उन्होने फिर ज़ोर लगाया तो उनका आधा लंड मेरी चूत मे पहुँच गया . वो मेरी पीठ पर चुंबन लेते हुए अपना लंड मेरी चूत मे घुसा रहे थे और मुझे मज़ा आ रहा था. उन्होने अपना नंगा बदन मेरे नंगे बदन से थोड़ा दूर किया. अब हम दोनो का उपरी नंगा बदन एक दूसरे से थोड़ी दूर था पर हमारे नंगे बदन का नीचला हिस्सा जुड़ा हुआ था. उन्होने अपने पैर अपने घुटनों से मोड और मैने भी अपना एक पैर थोड़ा उठा कर, अपनी गंद को ज़रा पीछे करके चुद्वाने के लिए तय्यार हो गई. हमारे पैर एक दूसरे के परों मे फँसे थे और मेरी गंद का एक भाग बिस्तर पर था तो दूसरा भाग ज़रा सा उनके उपर था. चोदने और चुद्वाने के लिए ये बिल्कुल मस्त पोज़िशन थी. अब पीछे से वो मुझे आराम से चोद सकते थे. जब उन्होने थोड़ा ज़ोर लगाया तो उनका लंबा लंड मेरी चूत की गहराइयों तक घुस गया . वो अपना लंड मेरी चूत मे घुमाना और अंदर बाहर करना शुरू कर चुके थे और मैं भी अपनी गंद आगे पीछे कर के उनका साथ देने लगी.
मैं अपनी दूसरी पारी खेल रही थी पर वो तो अभी तक अपनी पहली पारी मे ही नोट आउट खेल रहे थे. जब भी मेरी गंद उनके धक्के मारते बदन से टकराती तो वोही प्यार का. चुदाई का संगीत पैदा होने लगा. दूसरा संगीत उन के लंड के मेरे चूत मे आने जाने से बज रहा था क्यों कि मेरी चूत काफ़ी गीली थी. वो पीछे से मेरे कंधे पकड़ कर मुझे चोद रहे थे, मेरी आँखें बंद थी और मैं चुद्वाने का आनंद ले रही थी.
मैं इतनी नसीब वाली हूँ कि मैने हमेशा ही चुद्वाने का पूरा मज़ा लिया है. मैं जानती हूँ कि कई मर्द होते है जो चुदाई मे ज़्यादा देर तक नही टिक पाते और जल्दी ही उनके लंड का पानी निकल जाता है और बेचारी लड़की प्यासी ही रह जाती है. शुक्र है भगवान का कि मेरे साथ ऐसा नही है. मैं इतनी सेक्सी हूँ कि मैं चुद्वाने के लिए कभी ना नही करती. कभी भी, कहीं भी चुद्वाने के लिए तय्यार रहती हूँ, बस मौका मिलना चाहिए. मैं अपनी जिंदगी मे ज़्यादा से ज़्यादा चुद्वाना चाहती हूँ. और शायद इसी लिए मुझे चुदाई का मज़बूत साथी मिला है.
मेरे पति भी मेरे जैसी पत्नी पा कर भाग्यशाली है क्यों कि मैं चुदाई मे बराबर उनका साथ देती हूँ.
मैं कई औरतों को जानती हूँ जो ज़्यादा चुद्वाना पसंद नही करती, शायद अपने साथी की कमजोर चुदाई की वजह से या किसी दूसरी वजह से. लेकिन मैं तो ऐसी लड़की हूँ जो चुदाई से प्यार करती है, जब भी साथी चोद्ना चाहे चुद्वाती हूँ और जब भी चुद्वाना चाहती हूँ, साथी चोद्ता है.
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08-14-2019, 03:34 PM,
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RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
हम दोनो पति पत्नी बहुत किस्मत वाले है और जब भी मन करता है, हम अपना पसंदीदा चुदाई का खेल खेलतें है. खैर……………….
वो अपने लंड के मेरी फुददी मे जोरदार धक्कों के साथ मेरी चुदाई मे व्यस्त थे और हम आनंद लूट रहे थे. उनको धक्के लगाने मे मेरी गीली चूत का पूरा साथ मिल रहा था और उनका लंड बिना किसी तकलीफ़ के मेरी चूत मे अपना सफ़र कर रहा था.
हम दोनो ही जल्दी सोना चाहते थे पर जब एक बार हम ने चुदाई शुरू करदी तो हम ने समय के बारे मे कभी नही सोचा. बिना किसी बात की चिंता किए हम अपना चुदाई का खेल खेल रहे थे.
अब तक कि उनकी जोरदार चुदाई की वजह से मैं और भी गरम और सेक्सी हो गई. मेरे अंदर फिर एक बार झड़ने का मज़ा पनपने लगा. मैं दोबारा झड़ने के लिए तय्यार थी और वो मुझे तेज़ी से चोदे जा रहे थे…… चोदे जा रहे थे……… मैं चुद्वा रही थी……… चुद्वा रही थी…….. ,
बस अब तो इंतज़ार था उनके लंड से होने वाली प्यार के पानी की, आज रात की पहली बरसात का.
मैं उनका पूरा साथ दे रही थी चुदाई मे और मेरा नंगा बदन फिर एक बार अकड़ने लगा जो कि झड़ने के पहले होता है. उन के कड़क और तने हुए मोटे लौडे के मेरी चूत मे हर धक्के के साथ मैं आसमान मे उड़ने लगी, मेरे मूह से निकलने लगा ” हां जानू……….. मेरी जान……. तेज…. और तेज……. और ज़ोर से………. ऑश……… आआअहह…. चोदो जान…… हाआँ.”
वो बोले ” रूको डार्लिंग! मैं भी आ रहा हूँ……. रूको…. रूको….. ऑश आआहहाा………………”
मैं पूरी कोशिश कर रही थी कि उनके साथ ही झाड़ू. पर……… पर….. अचानक ही मैं अपने आप को रोक नही सकी और मेरी चूत ने बहुत सा रस झाड़ते हुए छ्चोड़ दिया. मैं फिर एक बार झाड़ चुकी थी, पर वो भी ज़्यादा दूर नही थे. मैं तो झाड़ चुकी थी और 4 – 5 जोरदार लंड के धक्कों के बाद
वो भी अपनी मंज़िल पर पहुँच गये. उन्होने मुझे पीछे से कस कर पकड़ लिया और उनके लंड के मूह से प्यार के पानी की बरसात मेरी गीली चूत के अंदर होने लगी.
उनके मूह से निकला ” ओह जुलीईई….. आअहह”
उनका लोहे जैसा मज़बूत चुदाई का औज़ार लॉडा मेरी चूत मे नाच नाच कर अपना रस तेज़ी से फेंक रहा था और हम एक दूसरे से चिपके हुए सोए रहे. वो पीछे से मुझे चिपके हुए मेरी चुचियों से खेलने लगे. हम दोनो को ही चुदाई का भरपूर मज़ा आया, मुझे दो बार और उनको एक बार. उनका कड़क लंड अभी भी मेरी चूत मे था.
थोड़ी देर बाद जब उनका लॉडा नरम होना शुरू हुआ तो उन्होने मेरी चूत से अपना लंड मेरी गीली चूत से बाहर निकाल लिया.
मैं खड़ी हो कर बाथरूम मे अपनी चूत सॉफ करने गई. वहाँ बैठ कर मैने अपने मूत के साथ ही उनका लंड रस बहा दिया और अपनी प्यारी सी, सफाचट चूत को पानी से धोया और जब मैं वापस आई तो उन्हे अपना इंतज़ार करते पाया. वो भी मूतने के लिए बाथरूम जाना चाहते थे.
उनके वापस आने के बाद हमने बत्ती बुझाई और एक दूसरे के नंगे बदन को बाहों मे लिए, एक जोरदार चुदाई के बाद गहरी नींद मे पहुँच गये.
अगले दिन, हम पूरे दिन अपना समान बाँधने मे और अपने हनी मून पर शाम को रवाना होने से पहले परिवार के लोगों से मिलने मे व्यस्त थे.
हम ने गोआ से मुंबई के लिए हवाई जहाज़ पकड़ा और मुंबई पहुँचे. मुंबई से हम को स्विस के ज़ूरिच ( स्विट्ज़र्लॅंड ) जाने वाले हवाई जहाज़ मे सफ़र करना था.
सब कुछ अच्छा रहा और हम अपने हनी मून पर जाने के लिए जहाज़ मे सवार हो गये. जब हमारा हवाई जहाज़ उड़ा तो उस समय रात के या सुबह के 1.50 हुए थे. मैं खिड़की वाली सीट पर बैठी थी और मेरे पति मेरी बगल मे बैठे थे. हम ने थोड़ी से वाइन पी जिस से हम फिर से गरम और सेक्सी होने लगे. हमारी पिछली रात की चुदाई को 24 घंटे से ज़्यादा हो चुके थे.
हम दोनो कंबल ओढ़े बैठे थे और हवाई जहाज़ की अंदर की बत्तियाँ बंद हो चुकी थी. सब लोग सोने की कोशिश करने लगे पर हम दोनो का सेक्सी जोड़ा कंबल के अंदर अपनी पसंद का खेल खेलने लगा.
मैं उनके लंड पर और वो मेरी चूत पर, सोने से पहले, अपने हाथों का कमाल दिखा रहे थे. हमेशा की तरह मैं तो उनसे कहीं पहले ही झाड़ चुकी थी और मैं पूरी कोशिश कर रही थी उनके लंड का पानी निकालने की. मैं उनका लंड टाइट पकड़ कर हिला रही थी…….. उपर नीचे कर रही थी….. कर रही थी…….. ज़ोर ज़ोर से…….. तेज़ी से….. ताकि उनके लंड का पानी निकल जाए. थोड़ी देर बाद उन्होने मेरा हाथ रोक दिया. मैं समझी नही क्यों कि वो अभी भी बीच मे थे और उनके लंड का पानी निकला नही था. उन्होने अपना खड़ा हुआ लंड फिर से अपनी पॅंट मे डाला और बाथरूम मे गये. मैं अब समझी की उन्होने मेरा हाथ क्यों रोक दिया था. वो अपने लंड का पानी कंबल मे निकालने की बजाय बाथरूम मे निकालना चाहते थे. मैने भी अपनी गीली चूत टिश्यू पेपर से सॉफ की और टिश्यू पेपर को सामने की सीट मे बनी कचरे की थैली मे डाल दिया.
वो अपने लंड पर खुद ही मूठ मार कर, लंड का पानी निकाल कर बाथरूम से वापस आए तो मैने उन के चेहरे पर संतुष्टि के भाव देखे.
क्रमशः.................................
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RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली--15
गतान्क से आगे...................
पहले ही काफ़ी देर हो चुकी थी और हम अगली सुबह के लिए, हमारी हनी मून की पहली सुबह मे तरो ताज़ा रहना चाहते थे. मैं उनके कंधे पर सिर रख कर सो गई और वो भी मेरा हाथ पकड़े सो गये.
हमारा हवाई जहाज़ सही समय पर सुबह जल्दी ज़ूरिच एरपोर्ट पहुँचा. स्विट्ज़र्लॅंड हमारे लिए जाना पहचाना था क्यों कि हम दोनो ही वहाँ काफ़ी बार आ चुके थे. वहाँ काफ़ी सर्दी थी और तापमान सुन्य से 2 डिग्री नीचे था. हम ने गरम कपड़े पहन रखे थे. हम ने वहाँ से ल्यूज़र्न जाने वाली ट्रेन पकड़ी जहाँ हमारी होटेल की बुकिंग थी. ल्यूज़र्न अपनी सुंदरता, झीलों, पहाड़ों और चुदाई के सभी सामानों के लिए जाने जाने वाला शहर है.
हम होटेल मे अपने कमरे मे पहुँचे और जल्दी जल्दी एक सुबह की चुदाई करके, तय्यार हो के नाश्ता करने बाहर आए.
नाश्ता करके हम घूमने निकल गये और जब वापस होटेल पहुँचे तब तक शाम हो चुकी थी. ये जगह मुझे बहुत पसंद है क्यों कि यहाँ सेक्स पर कोई पाबंदी नही है. सब कुछ खुल्लम खुला होता है. यहाँ पर आप अपनी चुदाई की भावनाओं को कहीं भी दिखा सकते है जैसे चुंबन लेना, बाहों मे लेना, चुचियाँ दबाना, गंद दबाना, कपड़ों के उपर से लंड पकड़ना और कपड़ों के उपर चूत पर हाथ फिराना आदि. ये सब यहाँ नॉर्मल है और कोई इस पर ज़्यादा ध्यान भी नही देता. हम ने भी दिन मे घूमते हुए ये सब कई बार किया.
दिन मे हम घूमते हुए एक चुदाई के सामान की दुकान पर गये. वहाँ हम नेचुदाई के बहुत से सामान देखे जैसे नकली लंड और नकली चूत आदि आदि. हम ने वहाँ से गंद मारने और मरवाने के सामान का पॅक खरीदा.
गंद मारने का ये पॅक पूरी तरह सुरक्षा देने वाला है. गंद मारने और मरवाने वाले इस को काम मे लेते है चाहे किसी मर्द को मर्द की गंद मारनी हो या किसी मर्द को औरत की गंद मारनी हो. विदेशी धरती पर मेरी पहली बार पूरी तरह गंद मरवाने के अवसर पर मैं इस पॅक के सामान के बारे मे भी बता रही हूँ.
हम अपने होटेल के कमरे मे कपड़े उतार कर गंद मारने और मरवाने का खेल खेलने के लिए तय्यार थे. हालाँकि बाहर काफ़ी सर्दी थी पर होटेल के कमरे मे हीटर होने की वजह से तापमान नॉर्मल था. नंगे होने के बावजूद भी हम को सर्दी नही लग रही थी. मैं अपनी गंद मरवाने के लिए काफ़ी उत्साहित थी. मेरे पति का चोद्ने का औज़ार, उनका लंड नुन्नि की तरह नरम था तथा नीचे की तरफ लटका हुआ था. मैं देख रही थी कि धीरे धीरे वो खड़ा होने लगा, बड़ा होता चला गया , लंबा होता चला गया , मोटा और कड़क होता चला गया . जल्दी ही हमेशा की तरह वो तन कर, अपना सिर उठा कर खड़ा हो गया और जैसे वो मेरी तरफ चोद्ने के लिए देख रहा था.
मेरे पति ने का पॅकेट खोला. उस मे से एक बिना सुई वाला इंजेक्षन निकला. उस पर सुई की जगह एक पतली, सुई जितनी लंबी नली थी, एक बड़ी बॉटल थी जिसमे चिकना सा, पानी जैसा कुछ था और एक बड़ी ट्यूब निकली जिसमे क्रीम थी.
उन्होने इंजेक्षन ले कर बॉटल खोली और उस मे निशान लगी जगह तक बॉटल से चिकना पानी भरा. वो मेरी तरफ देख कर मुश्कराए. मैं जानती थी कि ये मेरी गंद मे डालने के लिए है. मैं अपने पति की तरफ अपनी गंद करके थोड़ा झुक गई ताकि उनको मेरी गंद का छेद नज़र आए.
उन्होने इंजेक्षन की नली मेरी गंद के छेद पर रखी और उस पतली नली को मेरी गंद मे डाल दिया. मैं उस पतली नली को मेरी गंद मे थोड़ा अंदर तक महसूस कर रही थी. जब उन्होने इंजेक्षन का पंप दबा कर वो चिकना पानी मेरी गंद के अंदर छ्चोड़ा तो मुझे कुछ अजीब सा लगा और मेरी गंद मे गुदगुदी सी होने लगी. मैने अपनी गंद मे पहले ऐसा कभी भी महसूस नही किया था.
वो बोले – कुछ समय तक रुकना पड़ेगा जली. तुम्हारी गंद मे गई दवा तुम्हारी गंद को अंदर से पूरी तरह सॉफ करके सब बाहर निकाल देगी और तुम्हारी गंद तुम्हारी चूत की तरह सॉफ हो जाएगी. अंदर कुछ भी गंदगी नही रहेगी. फिर मैं बिना कॉंडम के तुम्हारी गंद मार सकता हूँ. इन्फेक्षन का कोई डर नही रहेगा.
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