Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 12:48 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा यार अब क्या करता पता है कहाँ कहाँ धक्के खाए पर तुम्हारा कोई पता ही नही चल रहा था तो फिर आख़िर एसबीआइ का डेटाबेस हॅक करके तुम्हारा पता लिया वो बोली स्मार्ट हो गये हो आजकल मैने कहा पर तू ये सब छोड़ और बता की आख़िर ऐसा क्या हो गया था कि गाँव को हमेशा क लिए ही बाइ बोल दिया तो वो बोली मैं खाना बना रही हूँ बाद मे बात करेंगे



तो मैने उसका हाथ पकड़ा और कहा कि निशा, बता ना तो वो बोली, मनीष तुम तो जानते ही हो कि पिताजी कारगिल युद्ध मे शहीद हो गये थे तो उनकी पेन्षन से माँ ने मुझे जैसे तैसे करके पढ़ाया लिखाया एक खेत हिस्से आया था और छोटा सा घर था काका-ताऊ का हाल तो तुम्हे पता ही था सब लालची कही के कभी मदद करने तो आए नही पर निगाह उस खेत पर थी



फिर तुमसे दोस्ती हो गयी थी तो मैं अपने हालत भूलने लगी थी पर फिर तुम भी चले गये फोज मे और मुझे भी बॅंक मे नोकरी मिल गयी तो मैं मुंबई आ गयी पर पीछे से चाची – ताई माँ से लड़ाई झगड़ा करने लगे एक दिन मैं गाँव मे गयी हुई थी तो मेरे आगे ही काफ़ी बड़ा झगड़ा हो गया उनसे तो फिर मैं माँ को लेकर यहाँ आ गयी मेरी सॅलरी अच्छी थी तो मुझे वैसे भी ज़रूरत नही थी किसी रिश्तेदार की



माँ ही मेरा सब कुछ थी जब मैं उन्हे ही अपने पास ले आई तो फिर वैसे भी गाँव का अब कोई मतलब रह नही गया था



मैने कहा पर तूने मुझे भुला दिया तो वो बोली ऐसा नही है मनीष बस तुम और तुम्हारी यादे ही तो है मेरे जीवन मे जिनके सहारे बस कभी कभी मुस्कुरा लेती हू , मैं तुम्हे चिट्ठि लिखा करती थी मैने कहा हाँ पर फिर तुम्हारी तरफ से जवाब आने बंद हो गये तो मैने फिर घर के पते पर भी कई लेटर्स पोस्ट किए पर तुम्हारा कोई जवाब कभी आया ही नही

मैने कहा यार खडकवासना से मुझे फिर देहरादून जाना पड़ा कुछ हालत ऐसे हुए कि फोन टूट गया तो सारे कॉंटॅक्ट्स डेलीट हो गये और जब मैं घर गया तो पता चला कि घरवालो ने नया घर बना लिया है और मम्मी ने मेरा सारा पुराना समान जला दिया है तो सब कुछ ख़तम ही हो गया मेरे लिए पर चाची ने तुम्हारी कुछ चिट्ठिया बचा ली थी उन्ही से पता चला कि तुम मुंबई मे हो



तो फिर मैं उधर भी गया पर मकान मालिक बोला निशा तो गयी खाली करके तो फिर मैं हताश हो गया पर तुम ने भी कभी चिट्ठी नही डाली फिर दुबारा तो निशा बोली, मनीष मैं एक बार तुम्हारे घर गयी थी तो तुम्हारी मम्मी ने मुझे लताड़ दिया और कड़े शब्दो मे कहा कि मेरे बेटे से दूर रहना , वैसे तो उनकी बात का मुझे बुरा नही लगा पर फिर मैने सोच लिया कि शायद वक़्त की तरह तुम भी बदल गये होंगे तो फिर हिम्मत नही हुई दुबारा चिट्ठी डालने की



उफफफफफ्फ़ ये मम्मी भी ना पता नही क्या क्या करती रहती है आख़िर क्या ज़रूरत थी निशा से झगड़ा करने की, मैने निशा से कहा चल जो हुआ वो हुआ पर अभी मैं हर पल तेरे साथ ही हूँ और तू मेरे तो वो मुस्कुरा पड़ी बोली आओ तुम्हे कुछ दिखाती हूँ और मुझे अपने बेडरूम मे ले गयी तो मैने देखा कि दीवारो पर कुछ पुरानी तस्वीरे टॅंगी हुवी थी जिनमे वो और मैं थे



हमारे पुराने दिनो की बस वो थी और मैं था मैने कहा अब तक है तुम्हारे पास वो बोली बस मेरी तो यही अमानत है तो मैने उसे अपने गले से लगा लिया और अपनी बाहों मे कस लिया निशा रोते हुए बोली मनीष अब मुझे छोड़ कर कही नही जाना मैं बहुत ही अकेली हूँ कुछ भी नही मेरे पास बस तुम्हारी यादो के सिवा तो मैने कहा बस निशा इंतज़ार ख़तम हुआ अब मैं आ गया हू



तभी मैने पूछा माँ कहा है तो उसने एक फोटो की ओर इशारा किया जिसपर एक फूल माला चढ़ि हुई थी वो बोली सालभर पहले दमे के अटॅक की वजह से वो मुझे छोड़कर चली गयी और फुट फुट कर रोने लगी उफफफफफफफफफ्फ़ भगवान क्या तुम्हे सारे दुख इसे ही देने थे और एक मैं था जो पता नही क्या क्या सोचता रहता था कि निशा मुझे भूल गयी है

Reply
10-07-2019, 12:49 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने उसे चुप कराते हुए कहा निशा तू बिल्कुल भी अकेली नही है मैं हूँ ना तेरे पास और खबरदार जो अब एक भी आँसू गिराया तो मुझसे बुरा कोई नही होगा मैने उसे पानी का गिलास देते हुवे कहा ले थोड़ा सा पानी पी ले निशा फिर मेरी गोद मे अपना सर रख कर लेट गयी और मैं उसका हाथ थामे पता नही कब तक उस से बाते करता रहा ऐसे ही उसकी आँख लग गयी उसके गालो पर आँसुओ की रेखा देख कर मेरा कलेजा जैसे फट ही गया



जब निशा की आँख खुली तो अंधेरा हो गया था वो शरमाते हुवे बोली अरे मैं इधर ही सो गयी तुमने हटा या क्यो नही तो मैने कहा इतना तो हक़ है ही मुझे तो वो मुस्कुराइ और बोली चलो अब मेहमान आए है तो शानदार डिन्नर की तैयारी करती हूँ और हम किचन मे आ गये वो बोली आज तुम्हारी मनपसंद पनीर की सब्ज़ी बनाती हूँ तुम आराम करो या चाहो तो टीवी देख लो मैं ज़रा बाजार जाकर जल्दी से आती हूँ



तो मैने कहा मैं भी चलता हू तो फिर हम बाजार को निकल पड़े तो मेरी नज़र एक वाइन शॉप पर पड़ी मैने कहा याद है तुझे एक बार हम ने जयपुर मे हवमहल के पास सड़क पर बैठ कर बूज़ किया था तो वो हँसते हुए बोली हाँ और फिर मैने कितनी उल्टिया भी की थी , मैने कहा चल आजा फिर से उस याद को ताज़ा करते है तो वो बोली नही मनीष नही



खमखाँ मुझे नशा हो जाएगा तो फिर ………. ……… मैने कहा मैं हूँ ना तुझे संभालने को चल आजा और फिर मैं भाग के दो कॅन बियर ले आया और वही सड़क क किनारे पाटड़ी पर बैठ कर हम लोग चिल मारने लगे मैने उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया और पूछा यार तूने शादी की क्या तो एक ठंडी सांस लेकर बोली म , म मुझसे कॉन शादी करेगा



मेरा रंग देखा है कॉन अपनी पत्नी के रूप मे काली कलूटी दुल्हन चाहेगा मैने कहा यार ऐसा क्यो बोलती है तू कितनी तो सुंदर है तू मुझसे पूछ तो वो बोली और सच कहूँ तो अब कुछ फरक भी नही पड़ता आदत जो हो गयी है अकेले रहने की मैने कहा पर अब तू अकेली नही रहेगी तू मेरे साथ देल्ही चल रही है और हाँ ना मत करना बता दे रहा हू


वो बोली पर मैं नही आ सकती नोकरी जाना होता है पर जब भी छुट्टी होगी तो पक्का आउन्गि मैने कहा तू तो चलेगी मेरे साथ और जल्दी ही काफ़ी देर तक हम उधर ही बैठे रहे बाते करते रहे फिर हम ने समान खरीदा और घर पे आ गये खाना बनाने , खाने मे ही रात का 1 बज गया था फिर हम दोनो ने मिलकर बर्तन सॉफ किए



जब निशा फ्रिज मे बचा हुआ समान रख रही थी तो मैं उसके पीछे गया और उसके बालो से रिब्बन को खोल दिया तो उसकी जुल्फे खुल कर उसकी कमर तक आ गयी मैं उसके बालो को सहलाने लगा तो वो बोली तुम बिल्कुल भी नही बदले हो आख़िर कोई कैसे ऐसे रह सकता है मैने कहा तुम भी तो वैसे ही हो कितनी सादगी भरी है तुम्हारे अंदर कितनी सॉफ दिल और सच्ची हो तुम तो वो मुस्कुरा कर रह गयी



मैने एक तकिया और चद्दर ली और सोफे पर पसर गया तो वो मुझे दूध का गिलास देते हुए बोली अरे यहाँ क्यो सो रहे हो बेड कब काम आएगा चलो वहाँ पर और मुझे खीच कर बेडरूम मे ले आई और दूध पीते पीते हम लोग बाते करने लगे ये दिन मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन था आज मुझे पक्का विश्वास हो गया था कि दुनिया मे भगवान नाम की शक्ति भी होती है आख़िर मेरी दुआ जो कबूल हो गयी थी

अगले दिन जब मैं उठा तो निशा पूजा कर रही थी, उसने मुझे एक स्माइल दी और इशारा किया कि अभी आ रही हू मैं सोफे पर बैठ गया मैने फोन ऑन किया और इंडिया का सिम कार्ड डाला तो पता चला कि अशोक भाई के अनगिनत मेसेजस और कॉल्स आए हुए थे तो मैने उन्हे कॉल किया वो बोले अबे कहा था तू और ना कोई फोन ना और कॉंटॅक्ट पता है मुझे कितनी चिंता हो रही थी मैने कहा अब बात क्या है वो बताओ पहले



तो पता चला कि भाई साब की शादी पक्की हो गई है मैने पूछा तारीख तो बताओ तो बोला अगले महीने की17 को मैने कहा भाई बड़ी जल्दी कर दिया काम तो वो बोले भाई अब घरवालो को लड़की पसंद आ गयी तो फिर देर किस बात की , तू भाई, अपनी छुट्टिया ले लियो और दस पंद्रह दिन पहले ही आ जाना शादी का काम है काफ़ी काम करनी होंगे मेरी भी मदद हो जाएगी



और ले तू पहले मम्मी से बात कर तो मैं मामी से बात करने लगा मामी बोली पक्का आना है तो मैने कहा मामी आपको पता तो चल गया ही होगा कि मम्मी और मेरे मे थोड़ी बोलचाल हो गयी थी तो शादी मे वो भी आएँगी तो फिर मेरा आना मुश्किल होगा मामी बोली एक लगाउन्गी कान पे अभी इतना बड़ा नही हुआ है और फिर वो तेरी माँ है तेरा बुरा थोड़ी ना चाहेंगी
Reply
10-07-2019, 12:49 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मुझे कुछ नही पता बस तू टाइम से आ जाना वरना मैं नाराज़ हो जाउन्गी मैने कहा ठीक है आ जाउन्गा अब जाउ तो मरा ना जाउ तो मरा पर मामी को नाराज़ भी तो नही कर सकता था और फिर एक अरसा ही हो गया था मुझे मामा के गये हुए तो सोचा की जाता हूँ इसी बहाने घरवालो के दर्शन भी कर लूँगा इतने मे निशा ने चाइ पकड़ा दी मैने कहा निशा तेरी पोस्टिंग देल्ही नही हो सकती क्या वो बोली अगर कोई तगड़ी सिफारिश हो तो हो जाए वरना देखो कब तक इधर ही रहना होगा



मैने फिर अपने बॉस को फोन किया और रिक्वेस्ट करते हुए कहा कि सर मिनिस्ट्री मे आप अपनी पॉवर का इस्तेमाल करके मेरी एक दोस्त है उसकी देल्ही पोस्टिंग करवा दीजिए तो वो बोले भ्रष्टाचार कर रहे हो ऑफीसर वो भी अपने बॉस के साथ मैने कहा सॉरी सर , पर आप ही मदद कर सकते हो तो वो बोले अरे मैं मज़ाक कर रहा था अब तेरा इतना सा भी काम नही कर सकता तो क्या फ़ायदा ऐसी पोस्ट का तू डीटेल्स मैल कर्दे मुझे मैं मॅटर देख लेता हू



मैने कहा निशा ज़रा मेरा लॅपटॉप तो देना और फिर उस से उसकी सर्विस की पूरी डीटेल्स लेकर बॉस को मैल कर दी मैने कहा मैने कहा था ना कि तू मेरे साथ देल्ही चल रही है जल्दी ही तुझे ट्रान्स्फर लेटर मिल जाएगा वो बोली अपनी पोजीशन और पॉवर का ग़लत फ़ायदा उठा रहे हो तुम मैने कहा क्या फ़ायदा अगर मैं अपनी दोस्त के काम ना आ सका तो



निशा मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली क्यो करते हो इतनी परवाह मेरी, आख़िर क्या लगती हूँ मैं तुम्हारी, हम आपके है ही कॉन तो मैने उसके फूल से चेहरे को अपने हाथो मे लिया और उसकी आँखो मे देखते हुए बोला जिनके पास जवाब होता है वो दूसरो से सवाल नही किया करते है निशा मेम्साब बाकी जो है वो तुम्हे अच्छी तरह से पता है



वो बोली बाते बड़ी करना सीख गये हो मैने कहा तुम्हारी जुदाई ने सिखा दिया है वरना हम तो बस खामोश ही रहा करते थे वो हस्ते हुए बोली तो जनाब शायर भी हो गये है मैं कहा कुछ और दिन अगर तुम ना मिलती तो पता नही क्या क्या हो जाते फिर मैने कहा चल यार कही बाहर चलते है तो वो बोली ठीक है और फिर तैयार होकर हम बाहर घूमने चले गये



पहले एक मूवी देखी फिर वही माल मे ही लंच किया मैं निशा के लिए ज्वेल्लेरी खरीदना चाहता था तो फिर मैं उसे लेके एक फेमस ज्वेल्लेर के शोरुम मे चला गया आख़िर कई प्रॉडक्ट्स देखने के बाद मैने उसके लिए एक हार और सोने की चूड़िया खरीद ली और वही पर उसके हाथो मे पहनाते हुए बोला आज से तेरी कलाइयाँ कभी सुनी नही रहेंगी



निशा बोली किस हक़ से तुमने ये कंगन मेरी कलाईयों मे पहनाए है मैने कहा पता नही पर तेरी सूनी कलाइयाँ अच्छी नही लगती मुझे तो निशा बोली एक लड़की को कंगन पहनाने का मतलब समझते भी हो तुम , मैने कहा तुम्हे पता है वही बहुत है मेरे लिए और उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया पेमेंट करने के बाद कुछ और शॉपिंग की और फिर थक कर घर आ गये




खाना बाहर खाकर आए थे और फिर मैं बहुत ही थका हुआ था तो बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ गयी सुबह मैं उठ कर बाहर जा ही रहा था कि दरवाजे पे निशा से टक्कर हो गयी तो मेरा बॅलेन्स बिगड़ गया एक तो शरीर नींद मे ही था तो गिरने से बचने के लिए मैने उसकी कमर को थाम लिया पर वो भी अचानक से इस घटना से संभाल नही पाई और हम दोनो फरश पर गिर गये



निशा मेरे नीचे दब गयी मुझे तो कई देर तक पता ही नही चला कि आक्च्युयली मे हुआ क्या है तो फिर वो मुझे धक्का देते हुवे बोली अब उठो भी कि यही पर प्लाट कटवा लिया है तो मैं उसके उपर से उतर गया वो झुंझलाते हुए बोली देख कर नही चल सकते हो क्या हाई राम और इतना बोझ मुझ पर लाद दिया खुद तो हड्डिया तुड़वाओगे मुझे भी मरीज बनाओगे



मैने कहा जानबूझकर थोड़ी ना गिरा अब जाने भी दे तो वो बोली बताओ नाश्ते मे क्या खाओगे मैने कहा जो तेरी मर्ज़ी हो वो बना ले अपनी कोई विशेष डिमॅंड होती नही है आजकल फिर मैं नहाने चला गया तो नाश्ते के बाद हम दोनो लेटे हुए बाते कर रहे थे निशा ने पूछा क्या सच मे तुम मेरा ट्रान्स्फर करवा दोगे मैने कहा लो जी इन्हे मज़ाक लग रहा है जब देल्ही आएगी तो मान लेना



मैं बोला यार अब इतने दिन जुदा रही है तो थोड़े दिन मेरे साथ भी तो रहना बनता है ना, तो वो मुस्कुराने लगी फिर हम दोनो अपने पुराने आलबम्स देखने लगे तो ऐसे ही वो 5-6 दिन पता नही कैसे कट गये उसके साथ टाइम इतना तेज भागा कि लगा ही नही की एक हफ़्ता हो गया है पर जनाब ये टाइम होता है वो कहाँ किसी के लिए रुकता है तो निशा की छुट्टिया ख़तम हो गयी थी
Reply
10-07-2019, 12:49 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
दूसरी तरफ मुझे भी वापिस जाना था मैने फिर से बॉस से बात की तो उन्होने कहा कि तेरा काम हो गया है एक दो दिन मे तेरी दोस्त को ट्रान्स्फर लेटर मिल जाएगा , मैने कहा तो सर मैं उसको लेकर ही वापिस आउन्गा तो वो बोले हाँ पर एक मिशन भी रेडी है आते ही काम पर लग जाना मैने कहा पक्का सर बस इधर का काम निपटा लूँ तो दोस्तो तीन दिन मे आख़िर निशा का तबादला देल्ही हो ही गया

फिर दो दिन बस समान पॅक करने मे लग गये पॅकर्स & मोवेर्स को मैने अपना देल्ही का अड्रेस दे दिया था एक अकेली जान का भी इतना ज़्यादा समान हो सकता है मैने सोचा नही था तो फिर समान देल्ही के लिए लोड करवाने के बाद फिर हुँने भी देल्ही की फ्लाइट पकड़ ली हालाँकि निशा ट्रेन से ट्रॅवेलिंग करना चाहती ती पर मेरे पास टाइम नही था काफ़ी काम पेंडिंग छोड़ा हुआ था मैने



तो फिर रात के करीब साढ़े ग्यारह बजे के आस पास हम लोग पालम एरपोर्ट उतर गये फॉरमॅलिटीस पूरी की फिर कॅब लेकर घर पर आ गये लॉक खोला तो धूल भरे घर ने हमारा स्वागत किया निशा बोली कैसा हाल कर रखा है तुमने इधर का तो मैने कहा यार वो मैं कई दिनो से आया ही नही हूँ इधर तो इसीलिए तो वो बोली चल कोई नही मैं सफाई कर लेती हूँ



तो मैने मना करते हुए कहा कि अरे नही तुम भी थकि हुवी हो मैं खाना ऑर्डर करता हूँ सफाई वफ़ाई बाद मे करेंगे तो निशा बोली मनीष मेरी एक विश पूरी करोगे , मैने कहा यार ये भी कोई कहने की बात है क्या तो वो बोली मैने देल्ही की चाँट के बारे मे बड़ा सुना है पर कभी मोका नही लगा तो मैं आज इधर हूँ तो अभी मेरा बड़ा दिल कर रहा है





मैने कहा बस इतनी सी बात चल फटा फट से कपड़े चेंज करले फिर चलते है बाहर तो वो बोली 12 हो रहे है रात के , और मैने सुना है कि देल्ही की रात सेफ नही होती तो हम फिर कभी चलेंगे मैने कहा यार चल अभी पर वो मना करने लगी तो मैने फिर जब खाना ऑर्डर किया तो निशा के लिए कुछ स्पेशल ऑर्डर कर दिया बस अब देखना था कि जब वो खाने का पॅकेट खोलेगी तो उसका क्या रियेक्शन होता है



दरअसल मैने रेस्टोरेंट से डिन्नर के साथ साथ कुछ चाट, पपड़ी और दही भल्ले, आलू टिक्की जितनी चीज़ो के भी नाम मुझे याद थे सब का ऑर्डर कर दिया था जब तक निशा नहा कर बाहर आई मैने थोड़ी बहुत सफाई कर दी थी अब था अकेला बंदा तो मेरे पास इतना कुछ फर्नीचर भी नही था बल्कि मैं तो सोता भी नीचे ही था गुड दी बिछा कर



मैने कहा निशा आज आज अड्जस्ट कर ले कल ही मैं तेरे लिए बेड खरीद लाउन्गा तो वो बोली कोई बात नही , और फिर वैसे भी दो चार दिन मे मेरा सामान भी आ ही जाएगा तो हम वो ही शेर कर लेंगे , सच मे यार उसकी ये सादगी ही उसकी खूबसूरती थी वरना एक बॅंक ऑफीसर के कितने नखरे होते है आप समझ सकते है ही पर सबसे अलग थी मेरी निशा



तो फिर जैसे ही ही डेलिवरी बॉय खाने का पार्सल देने आया तो मैं बहाना बना कर बाथरूम मे घुस गया और निशा को कहा की पार्सल कलेक्ट कर ले जब मैं वापिस आया तो निशा ने डिन्नर प्लेट्स मे लगा दिया था मुझे देखते ही वो उठी और मेरे सीने से लग गयी और बोली मनीष कितना ख़याल रखते हो मेरा, इतनी भी फिकर ना किया करो मेरी अगर मुझे तुम्हारी आदत हो गयी तो



मेरा जीना मुश्किल हो जाएगा पिछले कुछ दिनो मे पता है मैं एक अलग ही तरह की ज़िंदगी जी रही हूँ तुमने एक पल मे ही मेरी ज़िंदगी के मायने बदल दिए है मैं उसके बालो मे हाथ फिराते हुए बोला निशा तुम्हे क्या पता कितना अधूरा था मैं तुम्हारे बिना जानती हो जब भी गाँव जाता था तो मंदिर की बगीची मे मैं घंटो बैठ कर बस तुम्हारे साथ बिताए हुए पॅलो को याद किया करता था



कभी कभी तो ये सोच कर कि तुम पास हो ख़यालो मे ही तुमसे गुफ़्तुगू करने लग जाता था जब भी मैं तन्हा हो ता था हर पल बस तुम्हारा ही ख़याल होता था बस यही सोचता रहता था कि कहाँ गयी तुम , किस हाल मे होगी ये कहते कहते मेरी आँखो मे पानी आ गया तो निशा मेरे आँसू पोछते हुए बोली अब मैं साथ हू तुम्हारे चलो अब आओ और खाना खा लो ,



ठंडा हो रहा है और वैसे भी रात काफ़ी हो गयी है तो मुझे नींद भी आ रही है तो फिर हम ने अपना भोजन किया और फिर बिस्तर पर आ गये फिर बात करते करते पता ही नही चला कि कब नींद आई पता नही कितने बज रहे थे कि मेरी नींद खुल गयी दरअसल हुआ हूँ कि सोते सोते निशा ने अपनी एक टाँग मेरे उपर रख दी थी और मुझसे बिल्कुल छिपकर कर सो रही थी



उसकी गरम साँसे मुझे मदहोश करने लगी थी पर मैं अपनी भावनाओ को कंट्रोल करना चाहता था कही निशा मुझे ग़लत ना समझ ले और फिर अपनी भावनाए वैसे भी भड़क जाए तो फिर प्राब्लम हो जाती है तो मैने उसे अपने से परे किया पर उस दो पल मे ही मेरी धड़कने बढ़ गयी थी, तो फिर मैने करवट बदली और सो गया अगली सुबह मुझे एजेन्सी मे रिपोर्ट करनी थी



तो मैने निशा को कुछ ज़रूरी बाते बताई पास वाली मार्केट का अड्रेस दिया और फिर कहा कि मुझे आते आते रात हो जाएगी तो तुम देख लेना फिर मैं ऑफीस आ गया कुछ पुरानी फाइल्स रीड की बॉस आए नही थी अभी तक मुझे मेरी रिपोर्ट भी सब्मिट करनी थी तो दोपहर बाद वो आए कुछ परेशान लग रहे थे उन्होने मुझे कॅबिन मे बुलाया और एक प्रॉजेक्ट की फाइल देते हुए कहा कि इस फाइल को अच्छे से रीड कर्लो और अपनी बेसिक तैयारी कर्लो मैने कहा सर मैं मॅटर देख लेता हूँ तो मैं अपनी डेस्क पर आया और फाइल को रेड करने लगा और जैसे जैसे मैं वो सब पढ़ता गया मेरे माथे पर एक शिकन आ गयी कहाँ मैं सोच रहा था कि निशा के साथ टाइम स्पेंड करूँगा और कहाँ अब ये नया प्रॉजेक्ट पूरा करना था मैं बॉस के कॅबिन मे गया



और पूछा सर हमें कब निकलना है तो उन्होने कहा परसों चलते है मैने कहा यस सर फिर कुछ और मुद्दो पर डीस्कस्स करने के बाद मैं वापिस आ गया और कुछ इन्फर्मेशन्स को रीड करने लगा काम करते करते रात के दस बज गये थे तो फिर मैने अपना बॅग उठाया और घर की ओर हो लिया जब मैने बेल बजाई तो उस प्यारी सी लड़की ने दरवाजा खोला और मुस्कुराते हुए मेरा स्वागत किया
Reply
10-07-2019, 12:49 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है

मैं तो घर की हालत देख कर सोचने लगा कि ये मेरा रूम ही है क्या निशा ने सब कुछ सॉफ करके अच्छे से व्यस्थित कर दिया था मैने पूछा तुमने खाना खाया तो पता चला कि वो मेरी ही राह देख रही थी मैने कहा यार मेरा कोई फिक्स नही है तू अपनी सेहत का ध्यान रखा कर , और हां मैं कुछ दिनो के लिए बाहर जा रहा हूँ वापिस आने मे थोड़ा टाइम लग जाएगा….

निशा बोली पर मैं अकेले कैसे रह पाउन्गी तो मैने कहा पर डियर ये तो हमारे काम का दस्तूर है ही मेरा काम ही ऐसा है कि आज यहाँ तो कल कही ओर पर तुम चिंता ना करना मैं जल्दी ही आ जाउन्गा और फिर एक-दो दिन मे तुम भी तो ड्यूटी पे जाना शुरू कर दोगि और तुम चिंता ना करो इधर तुम्हे किसी भी तरह की कोई प्राब्लम नही आएगी बस मस्त रहो



अब मैं क्या करू काम भी करना ज़रूरी था आख़िर उसी बात की तो सॅलरी मिलती थी मुझे पर दिल मेरा भी निशा के साथ रहने को कर रहा था पर फोज ने यही चीज़ बड़े बेहतरीन तरीके से सिखाई थी कि चाहे हालत कुछ भी हो अपने एमोशन्स को काबू मे रखो तो मैने कहा चल वो सब छोड़ और खाना खिला दो सुबह से कुछ खाया भी नही है तो निशा बोली हाथ मूह धो लो मैं परोस देती हूँ



तो फिर हम खाना खाने लगे मैने कहा अरे यार दाल क्यों बना दी तुमने तो वो बोली खाकर तो देखो अच्छी बनी है मैने कहा यार अब फोजी आदमी को बस दाल ही नही भाती है पर चलो अब तुमने बनाई है तो अच्छी ही होगी और फिर हम हँसी मज़ाक करते हुए पेट भरने लगे निशा ने पूछा घर कब जाओगे मैने कहा नही यार अब घर नही जाउन्गा अपना तो दाना पानी उठ गया है उधर से



निशा बोली माँ-बाप तो कहने के ही होते है जब तुम शादी मे जाओगे तो कोशिश करना मम्मी से सुलह करने की सब अड्जस्ट हो जाएगा कितने सुलझे हुए विचारों की लड़की थी ये और मैं कितना स्वार्थी हो गया था पर मैं भी तो मजबूर था डिन्नर के बाद मैने कहा आओ ज़रा वॉक करके आते है तो फिर हम अपने कॅंपस से बाहर निकल आए और रोड पर घूमने लगे



अचानक से निशा ने पूछा तुम शादी कब कर रहे हो मैने कहा यार तुझे सब पता तो है फिर क्यो पूछ रही है वो बोली ऐसे ही मैने कहा जब भी होगी तुझे तो पता चल ही जाएगा ना तो वो बोली हाँ वो तो है ही आख़िर मैं तुम्हारी स्पेशल गेस्ट जो हूँ और हँसने लगी फिर हम ने एक आइस्क्रीम खाई और घर आ गये अगले दिन मुझे निकलना भी था तो पॅकिंग की और फिर थोड़ी देर के लिए सो गया



अगले दिन जब मैं जाने को था तो उसने पूछा वैसे तुम जा कहाँ रहे हो मैने कहा दुबई, मैने उसको कुछ बुनियादी बाते समझाई उसका बॅंक चाँदनी चौक एरिया मे था तो उसको रूट वग़ैरहा समझाया और एक नंबर दिया मैने कहा अगर पीछे से तुम्हे कोई परेशानी हो तो इस नंबर पर कॉल करना मदद मिल जाएगी पता नही क्यो मुझे उसकी इतनी फिकर थी जबकि कई सालों से वो अकेली ही तो रह रही थी



अगले दिन मैं बॉस के साथ एरपोर्ट पहुच गया , अब मैं बता ता हूँ कि हम दुबई क्यो जा रहे थे दरअसल इंटरनॅशनल पीस समिट हो रहा था तो बॉस ने बोला था कि इस तरह की समिट्स मे डेलिगेशन मे कुछ एजेंट्स भी जाते है उनका काम होता है अदर कंट्रीज़ के डेलिगेशन्स से ख़ुफ़िया इन्फर्मेशन निकलवाना तो इस बार बॉस ने मुझे भी ले लिया था साथ



दुबई, रेगिस्तान मे बसी हुई जन्नत खूबसूरत इतना कि बस शब्दो मे बताना बड़ा ही मुश्किल 5 दिन का समिट था तो जाते ही बस थोड़ी बहुत देर आराम किया और फिर शाम को तैयार हो लिए उन की कॉन्फ्रेंसे के लिए सभी देशो के डेलिगेशन्स आए हुवे थे बस मेल मिलाप की फॉरमॅलिटीस ही चल रही थी पर चूँकि बॉस ने मुझे पहले ही बता दिया था कि



ख़ुफ़िया एजेंट्स भी होते है और फिर मुझे इतना ज़्यादा एक्सपीरियेन्स भी नही था तो मैं थोड़ा सा सावधान सा ही था मेन कॉन्फ्रेंस काफ़ी बोरिंग सी थी और मेरे पल्ले भी कुछ खास पड़ नही रहा था तो मैं बाहर आ गया और एक ड्रिंक लेने चला गया कुछ देर बाद बॉस की कॉल आई तो उन्होने पूछा कि कहाँ हो तुम मैने बता दिया वो बोले हॉल मे आ जाओ



कुछ देर मे इंडिया-पाकिस्तान की कंबाइन प्रेस कॉन्फ्रेंसे होने वाली है तो अपने जैसे भी होंगे ज़रा नज़र मार लेना और चूँकि ये इंटरनॅशनल समिट है तो थोड़ा सा प्रोफेशनलिसम दिखाओ ये कोई टाइम है क्या ड्रिंक लेने का तो मैने अपना शॉट वापिस रखा और बोला सर दो मिनट मे पहुचता हूँ और तेज तेज कदमो से हॉल की तरफ जाने लगा
Reply
10-07-2019, 12:49 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
बॉस ने मुझे इशारा किया और मैने अपनी सीट पकड़ ली प्रेस की तरफ से आ रहे सवालो का जवाब दिया जाने लगा और मैं अपनी आँखे इधर उधर दौड़ाने लगा तो मेरी नज़र पाकिस्तानी डेलिगेशन पर पड़ी जब मैने गोर से उधर देखा तो मेरे दिमाग़ ने एक झटका खाया , क्या ये वही थी,नही नही मुझे ज़रूर कोई ग़लत फहमी हुई है तो मैने बड़े ही गोर से दुबारा देखा



मैं गहरी सोच मे पड़ गया ये तो वही है पर ये यहाँ कर क्या रही है, पाकिस्तान डेलिगेशन के साथ इसका मतलब तो …….. ……….. …….. तो नही ऐसा नही हो सकता ये ज़रूर कोई और ही होगी क्या पता मेरी नज़रे धोखा खा रही हो तभी मेरी निगाहें उसकी नज़रो से मिली और उस मोहतार्मा का भी वही हाल हो गया जो मेरा हो रहा था एसी हाल मे भी उसके
माथे पर पसीने की कुछ बूंदे चल चला आई थी उफ़फ्फ़ साला ऐसा भी हो सकता है क्या हम तो खुद को ही तीस मार ख़ान समझते थे पर आज पता चला कि मैं तो बस एक चूतिया ही था, भरी महफ़िल मे हम दोनो रुसवा होने लगे थे एक दूजे की निगाहो के वार से मैने पास रखी बॉटल से दो घुट पानी पिया और अपनी सांसो को दुरुस्त किया आज मुझे पता चला था कि ये राह जो मैने चुनी थी कितनी मुश्किल भरी हो सकती है



मुझे अब कुछ पता नही था दिल तो कर रहा था कि अभी जाकर उस से पुछु कि तुम यहाँ पर कैसे,,……………………… ………………. ……………



जबकि जब वो अगर यहाँ पर थी तो मुझे ये भी पता तो था ही कि वो कॉन है क्या सख्शियत है उसकी पर वो सब झूठ था जो उसने मुझे बताया था कितनी आसानी से उसने मुझे अपने जाल मे फसा लिया था उफ्फ पर मैने भी सोच लिया था कि बस अब इसकी खबर तो लेनी ही है चाहे कुछ भी हो इसको धर ही लूँगा मैं अब मैं सोच रहा था तभी हमारी आँखे फिर से टकराई…….. ……………. …………. ………………ऑर

ऑर इस बार कुछ पॅलो तक हम आँखो आँखो मे एक दूसरे को देख ते ही रहे ,महक थी वो कहाँ वो जब एक चाइ की दुकान वाली बनी थी और अब यहाँ मैं एक पल मे ही समझ गया था कि ये गजब की एजेंट है आइएसआइ की, और हम तो बस एक नोसिखिए से ज़्यादा कुछ नही थे उसने अपने दुपट्टे को संभालते हुए एक गहरी नज़र मुझ पर डाली और उठ कर बाहर को चल दी



मैने अपनी कुर्सी छोड़ी और नज़र बचा कर मैने भी एग्ज़िट का रास्ता ले लिया मैं दौड़ कर उधर गया तो उसकी बस झलक सी ही दिखी बाहर को जाते हुए तो मैं तेज़ी से उस और दौड़ा बिल्डिंग से बाहर आते ही देखा कि उसने एक टॅक्सी ली और आगे बढ़ गयी मैने तुरंत ही अपने लिए भी एक टॅक्सी ली और उसके पीछे चलने को कहा करीब आधे घंटे बाद उसकी कॅब रुकी तो मैं भी उतर गया



वो एक छोटा सा केफे था महक अंदर एंटर हो गयी तो मैं भी घुस गया और उसके सामने वाली चेर पर बैठ गया कुछ देर तक हम दोनो बस एक दूजे की आँखो की भाषा पढ़ते रहे अब बात अलग हो गयी थी बल्कि मुझे प्रोटोकॉल यू तोड़ना ही नही था अगर ये ट्रॅप है तो मैं फस गया था बुरी तरह से वैसे भी अक्सर हमारे जैसे लोग खूबसूरती का शिकार हो ही जाया करते है



आख़िर मैने चुप्पी तोड़ते हुए कहा महक या जो भी नाम है तुम्हारा तुम यहाँ कैसे तो बड़ी ही सन्जीदगी से उसने जवाब दिया कि अब इस सवाल का कोई फ़ायदा नही है क्योंकि जवाब तो आप को पता लग गया ही है इस हमाम मे हम सब नंगे ही है और अब तो आप से ये भी नही पूछ सकती कि आप यहाँ कैसे बस इतना समझ लीजिए कि हम लोग अपने अपने वतन के लिए अपना अपना काम कर रहे है



बात तो उसकी सही थी और ये एक ऐसा सवाल था कि जिसका कोई जवाब हो ही नही सकता था पर मैं क्या करूँ वो जो कुछ दिनो की दोस्ती सी हो गयी थी उस से जब कितनी मासूम थी वो और आज उसी चेहरे के अंदर एक नक़ाब था अब क्या कहें हम किसी से अपना हाल ए दिल जनाब बस इतना जान लीजिए कि आँसू भी अपना ही नमक ना जाने मेरा मन मान ने को तैयार नही हो रहा था



कि महक आइएसआइ से जुड़ी हो सकती है पर यही सच्चाई थी, आख़िर हम सबने अपने अपने चेहरो पर नक़ाब ही तो ओढ़ रखे थे हर किसी के लिए हम अलग अलग सख्सियत ही तो थे, महक मुझे चाइ का कप पकड़ाते हुए बोली जनाब चाइ लीजिए पर मैने कप नही पकड़ा तो वो बोली जनाब फिकर ना करे कुछ मिलाया नही है इसमे और उसने दो चुस्किया ले ली उस कप मे से



फिर वो बोली आप चिंता ना करे , हमारी ये मुलाकात पूरी तरह से महफूज़ है तो मैने वो कप ले लिया और चाइ पीने लगा वो बोली सोचा नही था कि इस तरह आपसे दुबारा मुलाकात होगी , वरना मैं तो बस आपके साथ बिताए कुछ पलों को ही बस दिल मे कही समेटे हुए थी मैने कहा मैने भी नही सोचा था कि तुमसे इस तरह …… ……….. ………. मैने कहा तो अब क्या



तो वो बोली , तो कुछ नही आप अपना काम कीजिए और मैं अपना बस यही हक़ीक़त है और हमें इसे मान ना ही होगा वरना अंजाम तो आप बखुबी समझते है मैने कहा तो अपनी दुस्मन को यहीं पर गोली मार दूं तो महक एक कातिल अदा के साथ बोली हुजूर मर तो हम उस रात ही गये थे जब आपकी बाहों मे पनाह ली थी अब तो बस साँसे ही चल रही है आपकी अमानत है आप जब चाहे ले लीजिए
Reply
10-07-2019, 12:49 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
काश वो शाम ना होती, काश वो बात ना होती , काश ना वो होती ना मैं होता और ना होता वो दस्तूर तो वो मेरी एक दोस्त थी जिसके साथ थोड़े से पल उस वादी मे जिए थे मैने उसका तो पता नही पर एक तरफ दिल आ गया और दूसरी तरफ दिमाग़ जो चीख कर कह रहा था कि दुश्मन है वो दुश्मन है अब मेरी दुविधा तो बस मैं ही जानू तो मुझे अपना फ़ैसला लेना था



मैने कहा देखो महक या जो भी तुम्हारा नाम है तो उसने कहा सनम नाम है मेरा पर आप महक ही बुलाए अच्छा लगता है तो मैने कहा अगर मैं चाहू तो दो पल मे तुम्हे पकड़ सकता हू तुम हमारे लिए इंपॉर्टेंट साबित हो सकती हो तो उसने कहा यही बात आप पर भी लागू होती है जनाब ये साली एक अजीब सी सिचुयेशन खड़ी हो गयी थी मेरे सामने पर वो कहते है ना कि हम हम है बाकी सब पानी कम है



तो मैने एक पल मे ही गन निकल ली और उस पर तान दी पर वो भी शातिर थी पलक झपकने के पहले हम दोनो एक दूसरे के टारगेट पर थे वो बोली जनाब ये खेल आप के लिए नये होंगे पर मुझे आदत है इन खिलोनो से खेलने की गन अंदर रख लीजिए और वैसे भी ये दुबई है तो आप इधर ओपन्ली कोई पंगा नही चाहेंगे ना महक बोली एक दोस्त के नाते बस इतना ही चाहूँगी कि आज के बाद


हमारी कभी कोई मुलाकात ना हो क्योंकि अब जब भी मुलाकात होगी तो चीज़े अलग होंगी पर इतना ज़रूर है कि आप दोस्त थे और हमेशा रहेंगे कुछ नाते सर्हदो से परे होते है क्या बात कह गयी वो उस लाइन मे , मैने कहा तो एक जाम हो जाए वो बोली जनाब फिर कभी तो फिर उस छोटी सी मुलाकात के बाद हम अपने अपने रास्ते पर हो लिए ना उसने मूड़ के देखा और ना मैने



पर वो कहते है ना कि कुछ बाते भूली नही जाती है बस समझ लीजिए कुछ ऐसा ही था मैं फिर होटेल आया तो बॉस बोले कहाँ गुम हो गये थे तो मैने कहा सर बस इधर की स्पीच समझ नही आ रही थी तो बाहर निकल गया था बॉस बोले यार एक मेसेज इंटर्सेप्ट हुआ है कि अफ़ग़ानिस्तान बॉर्डर पर मिलाइटंट्स का एक नया ट्रैनिंग कॅंप खुला है और अपने दोस्तो का जो डेलिगेशन आया है उसमे से दो बन्दो का कॉंटॅक्ट उधर से है मैने कहा आप हुकम करो सर उठा लेते है अभी तो बॉस हँसते हुए बोले तू कभी नही सुधरेगा

बॉस बोले उठाना नही है बस तू थोड़ी बहुत इन्फर्मेशन निकाल ले बाकी फिर देखेंगे इधर कोई आक्टिविटी नही चाहिए वरना अगर लीक हो गयी तो इंटरनॅशनल समुदाय मे अपनी रेप्युटेशन पे फरक पड़ेगा फिर मैं अपने रूम मे चला गया फ्रेश वग़ैरा होकर बस कपड़े चेंज कर ही रहा था कि रूम का इंटरकम बज उठा तो मैने कॉल पिक करली



दूसरी तरफ महक थी उसने कहा जनाब खाने पर आपका इंतज़ार रहेगा अगर हो सके तो इतना अता फरमाइए और उसने अपना रूम नंबर बता दिया तो मैने भी सोचा कि जब दोस्ती है तो फिर निभाते है तो हम भी चल पड़े रूम नंबर 1581 की तरफ किसी सदियो से बिछड़ी हुई महबूबा की तरह मेरा इस्तकबाल किया उसने रूम मे लाइट ऑफ थी बस मोमबतियो से रोशनी की हुई थी



महक ने एक सुनहरा सा गाउन पहना हुआ था जो उसके गोरे बदन पर बड़ा ही जच रहा था दो पल के लिए मेरी नज़रे वही पर ठहर गयी तो वो मुस्कुराते हुए बोली मुझे उम्मीद थी कि आप हमारी मेहमान नवाज़ी को कबूल ज़रूर करेंगे मैने कहा जब आपने बुलाया है तो खाकसार को आना ही था महक ने खाना प्लेट मे डालते हुवे कहा आपका शुक्रिया मैं कैसे कहूँ



मैने कहा उसकी कोई ज़रूरत नही है महॉल कुछ रोमॅंटिक सा बना दिया था उसने पर हसरते कुछ जुदा जुदा सी लग रही थी पर इसे ही तो ज़िंदगी कहते है ना जाने कब किस मोड़ पर ले आए आदमी को हमेशा तैयार ही रहना चाहिए खाने के बाद उसने जाम बना दिया और मुझे दिया तो मैने कहा तुम नही लोगि क्या तो वो बोली आप कुछ घूट ले लीजिए मैं इसी मे से ले लूँगी



और फिर हम बारी बारी से एक ही गिलास से पीने लगे महक की होंठो पर कुछ बूंदे शराब की छलक आई थी तो मैं उसके उपर झुका और उसके लबों पर अपनी जीभ फिराने लगा गुलाब की ताज़ा पंखुड़ियो से सुर्ख लबरेज होठ उसके मेरे सूखे होठ पल भर मे ही तर हो गये उसका शरबती स्वाद मेरी रूह मे उतरने लगा महक ने अपने मूह थोड़ा सा खोल दिया



और मेरी जीभ को अपने मूह मे लेकर चूस्न लगी उफ़फ्फ़ कयामत सा हुस्न उसका उस पल मैं सबकुछ भूल गया , भूल गया कि वो कॉन है और मैं कॉन हूँ बस याद था तो वो बिताई रात और एक आज की ये रात जब वो फिर से मेरे पास थी जब तक सांस टूटने के कगार पर नही आ गयी हम दोनो एक दूसरे को चूमते ही रहे एक मुक़ाबला सा हो गया था



शायद कुछ इसलिए भी कि अब फीलिंग्स थोड़ी अलग हो गयी थी मैने उसे बेड पर पटका और उसके उपर आते हुए फिर से उसके रस से भरे होंठों को दबोच लिया महक मेरी शर्ट के बटन्स खोलने लगी मैने अंदर बनियान नही डाली थी तो वो मेरे सीने के बालो पर हाथ फिराने लगी अब मैने उसके होंठो को छोड़ा और उसके गाउन की रेशमी डोरियो को खीच दिया



ऑरेंज ब्रा-पैंटी क्या खूब फॅब रही थी उस के बदन पर मैने उसकी ब्रा को खोल दिया तो वो बेड पर घूम गयी मैं उसकी पीठ पर अपने गरम चुंबन अंकित करने लगा तो महक की एक आह निकल गयी मैने अपने दाँतों के निशान उसकी पीठ पर छोड़ दिए थे महक पलटी और फिर मुझे नीचे गिरा कर मुझ पर सवार हो गयी और मेरे सीने पर किस करने लगी



साथ ही साथ उसने मेरी पॅंट भी खोल दी और मेरे लंड को कपड़ो की क़ैद से आज़ाद कर दिया तो जल्दी ही वो उसकी मुट्ठी मे था महक ने जल्दी से उसको अपने मूह मे ले लिया और किसी आइस क्रीम की तरह से उसको चूसने लगी तो मेरा बदन एक ना बताई जाने वाली मस्ती मे भरने लगा मैं उसके सर को अपने लंड पर दबाने लगा महक के थूक से लंड की खाल चमड़े की तरह शाइन करने लगी थी
Reply
10-07-2019, 12:50 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
महक की जीभ मेरे सुपाडे पर किसी हंटर की तरह चलते हुए मेरे बदन मे सुरसूराहट कर रही थी तो मैने उसे अपने उपर 69 मे घुमा लिया और उसकी गीली पैंटी को नीचे करते हुए बिना कुछ सोचे समझे अपने होठ उस गरम चूत पर रख दिए तो महक का बदन पल भर के लिए काँप ही गया और उसने अपने मोटे मोटे सुडोल कुल्हो मे मेरे चेहरे को भीच लिया



पल भर मे ही मेरी जीभ उसकी योनि के अंदर पहुच गयी थी बड़ी गरम चूत हो रही थी उसकी और पानी तो हद से ज़्यादा बह रहा था जल्दी ही मेरा मूह उसके खारे पानी से भर गया था दूसरी तरफ वो मेरे अंडकोषो से खेलती हुई मेरे लंड को चूमे जा रही थी उसकी गरम जीभ से मैं पल पल पिघले जा रहा था अब हम दोनो ही भूल चुके थे कि हम लोग कॉन है कहा है



फिर मैने उसे अपने उपर से हटाया और वाइन की पूरी बॉटल उसके बदन पर उडेल दी महक कुछ बोल पाती उस से फेले ही मैने उन नशे से भरी बूँदो को चाटना शुरू कर दिया तो मस्ती से उसका रोम रोम फड़कने लगा था उसके माथे से लेकर उसके पाँवो तक एक एक अंग को मैं चाटे जा रहा था महक की सिसकारिया बहुत ही बढ़ गयी थी रोम रोम पुलकित हो रहा था



वाइन से भीगी हुई चूत पर अब मैं अपनी जीभ को गोल गोल घुमाने लगा था तो महक की जैसे साँसे ही बंद हो गयी थी महक ने अपनी टाँगे उठा कर मेरे चेहरे पर कस दी थी और उत्तेजना के सातवे शिखर को पहुचने लगी थी वो बेड की चादर को अपनी मुट्ठी मे मसल्ते हुए आहे भरने लगी थी और मेरा हाल भी उस से कुछ जुदा नही था हम दोनो के शरीर इस हद तक गरम हो चुके थे कि बस एक बरसात ही हमे ठंडा कर सकती थी



महक अपने मस्त बोबो को भीचते हुवे मुझे अपनी चूत का रस बहुत अच्छे से पिलाए जा रही थी उसकी हर एक सिसकी ये बता रही थी कि बस कुछ ही देर मे वो झड़ने वाली है तो मैं तेज तेज जीभ चलाने लगा उसकी योनि पर महक मेरी बाहों मे तड़प रही थी और मैं उसके हुस्न मे गुम हो जाने को तैयार था तभी उसकी टाँगो की पकड़ बेहद कड़ी हो गयी और उसकी कमर झटके खाने लगी महक की चूत से गरम पानी बहने लगा

उसके झड़ते ही मैने उसकी टाँगो को पकड़ कर चौड़ी किया और अपने सुपाडे को चूत पर रगड़ने लगा वो अपनी आँखे बंद किए हुए लंबी लंबी साँसे ले रही थी मेरे सुपाडे के गरम स्पर्श से महक चिहुन्क गयी और अगले ही पल मैने अपने फडफडाते हुए लंड को चूत पे लगा कर जो धक्का लगा या तो लंड उसकी कोमल फांको को फैलाते हुवे अंदर की ओर जाने लगा महक अपनी टाँगो को अड्जस्ट करते हुए लंड को चूत मे लेने लगी



अगले दो-तीन धक्को के साथ लंड महक की चूत मे घुस चुका था महक ने अपनी आँखे अभी भी नही खोली थी मैने उसकी कमर को पकड़ा और अपने हाथो से उधर दबाव बनाते हुए चूत पर घर्षण करने लगा ज्यो ज्यो मैं चूत पर धक्के लगाता तो उसकी बड़ी बड़ी गोल मटोल चूचिया हिलने लगी थी महक अपनी चूची को दबाते हुवे चुदाई का मज़ा लेने लगी थी



उसकी टाँगे अपने आप उपर को उठने लगी थी और मैने भी अब अपना पूरा ज़ोर उसपर डालते हुए उसके होंठो को अपने मूह मे भर लिया और उसको चूमते हुए चोदने लगा ना जाने इस चुदाई मे मुझे कुछ अलग सी फीलिंग हो रही थी उसके लंबे नाख़ून मेरी पीठ पर उस रात की कहानी को लिख रहे थे पर ये नशा ही कुछ ऐसा था कि बस जीतने वाला हार जाता है और हारने वाला जीत जाता है



महक का कामुक बदन और मेरा जोश उस कमरे के अंदर एक तूफान सा आ गया था हम दोनो अपनी अपनी तरफ से पूरा दम लगाते हुए एक दूजे के शरीर मे समाए हुए थे मैं उसके गोरे गालो को चूमता कभी उसकी गर्दन पर काट ता तो वो भी कम नही थी वो अपना हाथ नीचे ले गयी और मेरे अंडकोषो को दबाने लगी तो मेरी नसों मे बहता हुआ खून और भी तेज़ी से दौड़ने लगा था



अब मैने उसको घुमा कर टेढ़ा कर दिया और उसके पीछे आते हुवे उसकी साइड से अपना हाथ उसकी चूची पर रख दिया और उसको कस कर पकड़ते हुए उसकी टाँग को थोड़ा सा उठा कर अपने दूसरे हाथ से अपने लंड को चूत से सटा दिया तो महक और भी पीछे को हो गयी और उसी पल फिर से मेरा लंड रेंगते हुए उसकी टाइट चूत मे जाने लगा लंड के पूरी तरह से अंदर जाते ही



मैने उसके दोनो बोबो को मसलना शुरू कर दिया और उसकी चुदाई फिर से शुरू हो गयी महक की गान्ड से टकराती मेरी गोलियाँ एक अलग सी ही अनुभूति करवाए जा रही थी महक भी अब बार बार अपनी गान्ड को पीछे करते हुवे हिलने लगी थी तो चुदाई का आलम और भी मजेदार हो गया था महक की चुदाई थप थप करते हुए चल रही थी एक दूसरे से गुत्थम गुत्था हम दोनो अपने अपने जिस्मो की उस जलती हुई आग को ठंडा करने की भरपूर कोशिश कर रहे थे मैं पूरी रफ़्तार से महक को चोदे जा रहा था और वो भी मेरा भरपूर साथ दे रही थी दना दन धक्के पे धक्का लगा ते हुए हम दोनो एक दूजे के सामर्थ्य को तोल रहे थे मैं डिसचार्ज होने के करीब आ गया था तो मैने अपनी पूरी ताक़त झोक दी और फिर मेरे लंड से वीर्य की पिचकारियाँ निकलते हुए महक की चूत को भिगोने लगी
Reply
10-07-2019, 12:50 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
झड़ने के बाद मे मैने उसे अपने आप से चिपकाए रखा था थोड़ी देर बाद महक मुझ से अलग हो गयी और अपनी मस्त गान्ड को हिलाते हुए बाथरूम मे चली गयी मैं उठा और थोड़ा सा पानी पिया और खिड़की से बाहर को देखने लगा रात हो गई थी पर सहर रंगीन था मैं खिड़की के शीशे पर हाथ लगाए बाहर को देख रहा था कि महक आई और पीछे से मुझ से लिपट गयी



उसके हाथ मेरे सीने पर रेंगने लगी और थोड़ी देर बाद एक हाथ मेरे लंड पर आ गया तो वो उसके हाथो की गर्मी पाकर फिर से फूलने लगा महक मेरे शोल्डर पर अपने दाँतों से निशान बना ने लगी थी उसकी खुसबूदार साँसे मेरे कंधो पर पड़ते हुवे मुझ उत्तेजना का भान करवाने लगी थी थोड़ी देर मे ही मैं फिर से तैयार हो चुका था मैने उसको अपनी तरफ किया और



उसकी गुब्बारे जैसी चूचियो पर अपना मूह चलाने लगा तो उसकी छातियो मे फिर से तनाव आने लगा था उसकी चूची पीते पीते मैने उसकी गान्ड की दरार मे अपनी उंगली डाल कर सहलाना शुरू कर दिया था महक फिर से पागल होने लगी थी वही खड़े खड़े मैने उसको अपनी गोद मे उठा लिया और उसने लंड को अपनी चूत पा सेट किया और उस पर बैठ ती चली गयी



उसने अपने होठ फिर से मेरे होंठो से जोड़ लिए थे और मेरी बाहों मे उछलते हुए चूत को लंड पर उपर नीचे करने लगी थी हम दोनो की गरम साँसे एक दूसरे के मूह मे ही टकरा रही थी महक पूरी फुर्ती से उछल उछल कर लंड पर कूद रही थी मैं उसके चौड़े कुल्हो को पूरी मजबूती से थामे हुए था काफ़ी देर तक मैं ऐसे ही उसे अपनी बाहों मे झुलाता रहा



फिर वो मेरी गोद से उतरी और अपने हाथो को खिड़की पर जमाते हुवे मेरी तरफ पीठ करके अपनी गान्ड को बाहर की ओर करके झुक कर खड़ी हो गयी मैने अपने लंड पर थूक लगाया और उसने अपनी टाँगो को थोड़ा सा फैला दिया मैने लंड को चूत के मूह पर लगाया और स्रर्ररर से अंदर कर दिया महक ने एक आह भरी और अपनी गान्ड को पीछे की ओर धकेल दिया



अब मैं भी उस पर थोड़ा सा झूक गया और उसके कंधो को काट ते हुए उसकी चूत मे लंड अंदर बाहर करने लगा तो महक भी अपने कुल्हो को हिला हिला कर अपने जोश का सबूत दे रही थी उसकी पीठ पर उभर आई पसीने की नमकीन बूँदो को चाटने लगा था मैं. लिज़लीज़ी जीभ की आहट अपनी पीठ पर पाकर महक का बदन मस्ती से भर गया था और वो मेरी बाहों मे पिघलने लगी थी



महक ने अब अपनी दोनो जाँघो को आपस मे कस लिया था और उसकी चूत भी बहुत ज़्यादा गीली हो गयी थी मैने कुछ और धक्के लगाए ही थे कि महक पूरी तरह से खिड़की के शीशे पर झुक गयी और उसकी चूत से एक बार फिर से लावा बह चला तो उसकी चूत ने लंड को अपने मे बुरी तरह से कस लिया लंड उस दबाव को ज़्यादा देर तक नही सह पाया और वो भी उसकी चूत मे ही झड गया हम दोनो हान्फते हुए एक दूजे से अलग हुए

महक बेड पर लेट गयी और मैं बाथरूम मे पेशाब करने चला गया फिर आकर उसके पास ही लेट गया तो वो मुझसे चिपक गया मैं उसकी जुल्फे सहलाते हुए बोला तुम्हे मुझे यहाँ नही बुलाना चाहिए था तो वो बोली आज की रात ही तो है बीच मे कल से तो हम और हमारी राहें जुदा ही रहेंगी तो मैने सोचा कि पुरानी दोस्ती के कुछ पॅलो को जी लिया जाए



तो मैने उसके गालो को सहलाया और कहा तो ये बात है और उसकी गान्ड पर हाथ फिराने लगा उसकी गान्ड का छेद काफ़ी टाइट लग रहा था तो उसने पूछा जनाब के इरादे कुछ ठीक नही लग रहे है मैने कहा अब जब हम दोनो आज की रात साथ है तो फिर इरादे ठीक कैसे हो सकते है और उसकी गान्ड मे उंगली घुसाने लगा तो महक दर्द भरी सिसकारी लेते हुए बोली तो नवाबी शौक भी रखते हो




मैने कहा शोक बड़ी चीज़ है और फिर तुम हो तो बस तुम ही हो मैने महक के गालो पर अपना लंड फिराना शुरू कर दिया तो महक ने अपने मूह को थोड़ा सा खोला और अपने सुर्ख होठ लंड पर रख दिए और मेरे सुपाडे पर जो उसकी चूत के रस से सना हुआ था उसे चाटने लगी उसकी खुरदरी जीभ के असर से लंड में फिर से करेंट मे आने लगा था मैं उसके चेहरे पर झुके हुए उसे अपना लंड चूसने लगा था
Reply
10-07-2019, 12:50 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
सुडूप सुडूप करते हुए वो लंड को अपने गले की गहराइयो मे उतारने लगी थी उसकी लार से लंड एक बार फिर से भीग कर चमकने लगा था 10-12 मिनट तक वो बस लंड को अपने मूह मे ही भरे रही अब मैने उसे पलटाया और उसके मस्त कोमल कोमल कुल्हो की दरार पर लंड को घिसने लगा तो महक के बदन से सरसराहट होने लगी वो तड़प्ते हुवे बोली



ज़रा आराम आराम से करना उधर वरना कहीं चलने फिरने लायक ही ना रहूं मैं मैने कहा चिंता ना कीजिए बस मज़ा लीजिए मैने कहा कुछ लोशन वग़ैरह है क्या तुम्हारे पास तो उसने कहा कि मेरे बॅग मे पड़ा है मैने वहाँ से एक माय्स्टूराइसिंग क्रीम ली और अपने लंड पर और उसकी गान्ड पर अच्छे से लगा दी अब बारी थी उसकी गान्ड के छेद को खोलने की मैने उसकी टाँगो को थोड़ा सा फैलाया



और अपने पैरो की केँची बना कर उनमे फसा ली और फिर अपने लंड को गान्ड पर लगा कर अंदर डालने की कोशिश करने लगा तो महक बोली प्लीज़ आप आराम से करना मैने कोई जवाब नही दिया बल्कि थोड़ा सा ज़ोर से धक्का लगा दिया तो मेरा सुपाडा आधा उसकी गान्ड मे फस गया महक ने अपने दर्द को दाँतों मे भीच लिया और उसके हाथ बेड की चादर पर कसते चले गये


मैने फिर से थोड़ा सा ज़ोर लगाया और कुछ और हिस्सा अंदर की ओर जाकर फस गया महक की गान्ड का छेद लंड की मोटाई के अनुसार चौड़ा हो गया था वो कराहने लगी थी पर अब जब लंड घुसना है तो घुसना है दो मिनट का दर्द तो झेलना ही पड़ेगा उसको तो फिर हौले हौले से मेरा लंड किसी साँप की तरह से सरकते सरकते हुए महक की गान्ड मे जाकर गुम सा हो गया



तो उसने भी राहत की सांस ली पर उसको राहत इतनी आसानी से थोड़ी ना मिलने वाली थी मैने लंड को सुपाडे तक बाहर खीचा और फिर से एक ज़ोर का झटका मारते हुए अंदर डाल दिया तो इस बार वो चीख ही पड़ी पर अपनी पकड़ पूरी मजबूत थी तो बस उसको कस के रखा और धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा महक की गान्ड का छेद पूरी तरह से खुल गया था उसकी आँखो से आँसू निकल आए तो मैं अपनी जीभ से उस नमकीन पानी को चाटने लगा वो बोली बड़े बेदर्द हो मेरी पूरी जान ही निकाल दी है मैने कहा काश मेरे बस मे होता तेरी जान लेना वो तो ले नही सकता तो बस गान्ड ले कर ही काम चला रहा हूँ वो बोली आहिस्ता से पर मैने पूरी ताक़त से धक्के लगाने शुरू कर दिए थोड़ी देर मे ही उसकी दर्द भरी आहे मीठी सिसकियो मे बदल गयी



मैं पूरी फुर्ती से उसकी गान्ड मारे जा रहा था कितने गरम गद्देदार कूल्हे थे उसके जब लंड उनके बीच से अंदर बाहर होता तो मज़ा इतना की बस पूछो मत पर मैं ज़्यादा देर उसकी गान्ड नही मार पाया महक ने मना कर दिया तो मैने अपने लंड को चूत मे सरका दिया और उसके बोबो को दबाते हुए उसकी चूत मारने ल्गा कितनी कड़क चूचिया थी उसकी



आज वो भी अपनी गरमा गरम जवानी का रस घोंट घोंट कर मेरे उपर न्योछावर करे जा रही थी और मैं किसी प्यासे भंवरे की तरह उसका बूँद बूँद करके रस पिए जा रहा था महक की साँसे पल पल भारी हो ती जा रही थी और मेरा खून वीर्य बनकर बहने को तैयार हुए जा रहा था महक की टाँगे अब बिल्कुल उपर को हो गयी थी और वो मेरी गर्दन मे अपने हाथ डाले हुए मुझे किस करती हुई



अपनी कमर हिला हिला कर अपनी तरह से भी धक्के लगा रही थी और उपर से मैं लगा हुआ था उसके उपर तो दो जिस्म एक जान का ही सीन हो रहा था महक की रस से भरी चूत रिस रिस कर बह रही थी और फिर उसके हाथो ने मेरी पीठ पर अपनी पकड़ इतनी मजबूत हो गयी उसकी टाँगे मेरी कमरपर चिपक ही गयी थी और फिर उसका बदन इतनी ज़ोर से अकड़ गया कि वो चीखते हुए झड़ने लगी और ठीक उसी पल मेरे लंड से निकलता हुआ वीर्य उसके काम रस से मिलने लगा

पता नही मैं कितनी देर महक के उपर ही पड़ा रहा फिर मैं साइड मे लेट गया थोड़ी देर बाद ही महक को नींद आ गयी मैने अपने कपड़े संभाले और बाहर आ गया रात भी अपने आख़िरी पहर मे थी तो मैं अपने कमरे मे आ गया और बेड पर लेट कर सोने की कोशिश करने लगा तो मैने निशा को फोन लगा दिया कुछ घंटी जाने के बाद उसने कॉल पिक कर ली मेरी आवाज़ सुन कर वो बोली इतनी रात ही टाइम मिलता है क्या तुम्हे



मैने कहा सॉरी यार नींद खराब की तुम्हारी पर यार मेरा दिल नही लग रहा था तो सोचा दो पल तुमसे बात कर लेता हूँ तो नींद आ जाएगी वो बोली ये फिल्मी डायलॉग मत मारो और खुद भी सो जाओ और मुझे भी सोने दो सुबह मुझे बॅंक जाना है तो मैने कहा ठीक है अब आकर ही तेरी खबर लेता हू और दो चार बातों के बाद फोन रख दिया



और सोने की कोशिश करने लगा तभी मेरे फोन पर एक एमैल आया तो मैं उसे रीड करने लगा अब कहाँ नींद आनी थी मैने रूमसर्विस को दो गिलास दूध और कुछ ड्राइ फ्रूट्स का ऑर्डर दिया और फिर करीब आधे घंटे बाद मैं चुप चाप होटेल से बाहर खिसक लिया अब अपनी तकदीर मे दो पल का आराम कहाँ था ठंडी रात मे मैने पार्किंग मे खड़ी एक कार का लॉक तोड़ा



और उसे लेकर चल पड़ा अपनी मंज़िल की ओर करीब आधे घंटे बाद मैं एक बिल्डिंग के सामने खड़ा था सेक्यूरिटी गार्ड को छका कर मैं चुपके से एंटर कर गया और लिफ्ट लेकर 10थ फ्लोर की ओर चल पड़ा कुछ ही पॅलो मे मैं एक दरवाजे के सामने खड़ा था मैने अपनी गन पर साइलेनसर लगाया और मास्टर की से गेट को बिना आवाज़ किए खोल कर एंटर कर गया



दबे पाँव मैने तलाशी लेनी शुरू की तो पता चला कि फ्लॅट मे कोई नही था तो मैं अब चीज़ो को खंगालने लगा तो मुझे दो लॅपटॉप्स और कुछ फाइल्स जो किसी तरह का कोडेड ब्लूप्रिंट्स थे मिल गये अब मेरा वहाँ से खिसक लेना ही बेहतर था अपने रूम मे आया और काफ़ी देर तक उन ब्लूप्रिंट्स को समझन की कोशिश करने लगा पर कुछ खास समझ नही आया तो मैने लॅपटॉप को ऑन किया



कुछ प्रेज़ेंटेशन्स थे और बाकी मे बस मूवीस ही भरी थी पर उन प्रेज़ेंटेशन्स मे काफ़ी कुछ मसाला था तो मैने उसी टाइम अपने बॉस को जगाया और सारी बात बताई तो वो गंभीर स्वर मे बोले यार तूने तो यहाँ भी मोर्चा मार ही लिया बड़ी ही इंपॉर्टेंट इन्फर्मेशन है अब डेलिगेशन जाए भाड़ मे मैं उपर बात करता हूँ तुम जल्दी से एक शॉर्ट टीम बनाओ



और अपनी टास्क को हर हाल मे बिना किसी शक़ के कंप्लीट करना है और कोशिश करना कि यहाँ पर किसी को जान से नही मारना है वरना प्राब्लम हो जाएगी मैने कहा डॉन’ट वरी सर मैं अभी काम पर लग जाता हूँ और मैने अपनी ड्रेस चेंज करनी शुरू कर दी टाइम बहुत ही कम था और रात की फ्लाइट से हमे वापिस भी इंडिया जाना था कुछ घंटो की ही बात थी
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,511,990 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,599 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,236,430 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 934,820 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,660,143 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,086,414 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,960,265 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,086,159 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,043,987 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 285,933 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)