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RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मिता बोली मम्मी अगर ये करना होता तो कब का कर चुके होते तो आंटी बोली बेटी बस यो ही रास्ता है नही तो बस तेरे भाग मे इस छोरे का साथ कोन्या और फिर तू सारी ज़िंदगी कोसेगि कि माँ की बात मान लेती बेटी हम उस वंश का खून है जहा इज़्ज़त अपनी जाई से भी घनी प्यारी होवे सै,थारे प्रेम ने कोई ना सोचेगा काट के फेक देवेंगे थाने किते लाषो को चील कोवे ही खाएँगे
तुम भाग जाओ किते दूर, तो मैने कहा आंटी जी कोई चोरी ना कर रहे प्यार करे सै घर बसाना चाहवें सै ब्याह तो मिता की इच्छा से ही होगा बारात तो आपके घर आएगी ही तो आंटी बोली बेटा क्यो मोत के मुँह मे कूदो सो मैने कहा मिता कल के कल तू मेरे साथ तेरे घर चल रही है शादी की बात अब तुम्हारे पिताजी से ही होगी
तो आंटी बोली रूको तुम और मेरी बात सुनो पहले तुम ऐसा कुछ नही करोगे, क्यो अपने पैरो मे कुल्हाड़ी मार रहे हो मैने तुम्हे रास्ता दे दिया है कि यहा से दूर भाग जाओ और अपना घर बसा लो बस ये ही एक्लोता रास्ता है तुम्हारे मिलन का मैं किसी से भी नही कहूँगी कि मिथ्लेश कहाँ है मैने कहा ठीक है आंटी जी चलो मान भी लेते है मैं तैयार हूँ कोर्ट मॅरेज के लिए
पर आपकी बेटी तो चाहती है कि उसकी डोली बस आपके घर से ही उठे तो वो बोली बावली हो गयी है ये छोरी के बचपन से इसने घर का माहौल नही देखा जो ये सोच रही है , इसकी ये इच्छा इस जनम मे तो क्या किसी भी जनम मे नही पूरी होगी मेरे बच्चो तुम जो कदम उठाने की सोच रहे हो वो उस राह की कोई मंज़िल है ही नही और राह मे लाख तकलीफे है पर तुम कभी भी मंज़िल नही पा सकोगे
बेटा, ये कोई तुम लोगो की बच्पने की ज़िद नही है जो माँ-बाप पूरी कर देंगे बाकी तुम लोगो ने अगर फ़ैसला कर ही लिया है तो मैं तो रो कर सबर कर लूँगी और अब मैं इसके सिवा कुछ कर भी क्या सकती हूँ कुछ देर के लिए कमरे मे शांति छा गयी हमारे पास सीधा सा रास्ता था कि कोर्ट मे मॅरेज कर ले और सब लोगो की नज़र से दूर किसी सहर मे अपना छोटा सा आशियाना बसा ले
पर मिथ्लेश की भी तो हमेशा से ही बस यही इच्छा थी कि उसकी डॉली उसके घर से ही उठे पर दुल्हन वो मेरी बने अब करे भी तो क्या करे मैने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मिटा एक बार तुंमहरे पिताजी से भी बात करनी ही होगी फिर देखते है कि क्या होता है मैने कहा मिता हम अभी तुम्हारे घर चल रहे है तो वो बोली ठीक है पर मनीष संभाल लेना मेरी हर उम्मीद तुमसे ही है
उसकी मम्मी बार बार हमे मना करती रही पर एक ना एक दिन तो ये सब फेस करना ही था तो फिर अभी क्यो नही वो रात हम तीनो मे से कोई भी नही सोया सबके दिमाग़ मे कुछ ना कुछ चल रहा था अगले दिन शाम तक हम मिता के घर पहुच गये बचपन मे कई बार बाहर से तो उसके घर की झलक देखी थी पर आज अंदर जा रहा था , जब हम अंदर गये तो उसके पिताजी से साक्षात्कार हुआ
बड़े ही रोबीले से इंसान थे वो , तो वो मेरी ओर देखते हुए बोले कि माफ़ कीजिए आपको पहचाना नही तो मिता बोली पिताजी ये मेरे दोस्त है तो उन्होने उसे एक गहरी नज़र से देखा पर कहा कुछ नही फिर मेहमान खाने मे बिठा दिया गया कुछ चाइ नाश्ते की व्यवस्था की जाने लगी पर मैने डाइरेक्ट्ली मुद्दे की बात छेड़ दी तो उन्होने मेरी एक एक बात को पूरी तसल्ली से सुना
पर उनके चेहरे पर कोई भाव नही था तो मैं उनके रियेक्शन को समझ नही पा रहा था फिर उन्होने मिता को कहा कि छोरी तू भीतर जा, उसके जाने के बाद वो मेरी और मुखातिब हुवे और बोले कि देख छोरे, तने अभी बेरा ना है कि तू के कह रहा है और फिर तेरी हिम्मत भी गजब है तू खुद ही घर तक आ गया , देख मैं मान्यू सूं की आजकल छोरे-छोरी साथ पढ़या करे सै
तो बोल-चाल भी हो जाया करे है पर यो जो प्यार मोहबात है ना अपने इधर ना चलया करे और फेर थारे गाँव और म्हारे गाँव मे भाई चारा भी तो सै हम थारे गाँव की छोरिया ने बेटी माने सै और थारे लोग म्हारे गाँव की छोरिया ने तो तू क्यू गाँवो का भाई चारा खराब करना चाहवे सै और फेर तेरी जात अलग और ठाकुर भरपूर सींग अपनी छोरी दूसरी जात आले के ब्याह दे या तो हो ना सके
म्हरी भी गाँव बस्ती मे इज़्ज़त है समाज मे रसुख है और फिर थारी हसियत ही के सै म्हारे आगे बेरा सै छोरी के ब्याह मे कितना रुपया खरच करूँगा मैं मैने हाथ जोड़ते हुए कहा सरपंच जी इतना तो मैं कमा लेता हूँ की मिता सुख से रह लेगी आप बस बेटी को विदा कर दीजिए वो मेरे साथ बहुत खुश रहेगी तो वो बोले बस छोरे बहुत हुआ तेरी ज़ुबान पर आज के बाद मेरी छोरी का नाम नही आना चाहिए , नही तो ठीक नही होगा छोरी का मामला है और तू इस टाइम मेहमान बनकर आया है तो मैं सबर कर रहा हूँ जा चला जा और आज के बाद अगर मेरी छोरी के पास भी दिखा तो ठीक नही रहेगा मैने कहा पर मिता भी मुझसे बहुत प्यार करती है तो वो गुस्से से गरजते हुए बोले छोरे बस आख़िरी बार कह रहा हूँ कि चला जा इधर से
हमारे यहाँ महमानो का अनादर करने के रीत नही है काई ऐसा ना हो कि रीत टूट जाए उनके गुस्से की आवाज़ सुनकर मिथ्लेश भी भाग कर आ गई और रोते हुए बोली पिताजी मैं इसके बिना ना जी पाउन्गी तो वो बोले मर तो सकेगी ना ना जाने मेरी परवरिश मे कॉन सी कमी रह गयी जो इसी कुलच्छिनी बेटी मिली मन्ने
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RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैं उसके पिता के सामने जाकर खड़ा हो गया और उनकी आँखो मे आँखे डाल कर बोला
सर जी, फोजी हूँ घमंड खून मे दौड़ता है, अगर आप की भी ज़िद है तो मेरी भी सुन लीजिए चाहते तो भाग कर भी जा सकते थे पर ये ना मानी क्योंकि इसे आपकी झूठी इज़्ज़त का भान था और रही बात हमारी तो इतना वादा है मेरा कि मिथ्लेश की माँग मे मेरा ही सिंदूर होगा जब प्यार कर लिया है तो निभाना भी जानते है हम ब्याह तो होगा ही राज़ी राज़ी नही तो बेराजी अब आप फ़ैसला बता दो
उसके पिता ने बंदूक उठा ली और मेरे सीने पर तान दी मैने कहा मार दीजिए सदियो से प्यार करने वालो का यही तो अंजाम होते आया है वो गुस्से से बोले छोरे आग से ना खेल इस नयी पीडी की यही तो दिक्कत है सब कुछ करना है खुद अरे जो माँ-बाप थमने पाले पोसे है उनके बारे मे भी सोच लिया करो आज या प्यार कर रही है काल गाँव की कोई और छोरी करेगी परसो कोई और
सदियो से चले आ रही रीतियो को तोड़ के के साबित करना चाहो सो थम मैने कहा ठाकुर साहब काश आप कभी प्यार को समझ पाते कभी आप अपनी बेटी को समझ पाते वो बोले छोरे मैं अंतिम बार कह रहा हूँ मेरे घर से निकल जा कही मे अपनी मर्यादा भूल गया तो ठीक ना रहेगा मिता बोली मनीष तुम अभी चले जाओ यहाँ से तुम्हे मेरी कसम है, तो मैने कहा ठीक है मिता तेरे कहने से जा रहा हूँ पर जल्दी ही आउन्गा बारात लेकर तुझे अपनी बना ने को
मिता का आँसुओ से भीगा हुवा चेहरा मेरी आँखो के सामने था मैने कहा मिता अपना मिलन होगा ज़रूर होगा मैं जल्दी ही आउन्गा तो पीछे से उसके पिता बोले महीने भर मे ही छोरी का ब्याह करवा दूँगा मैने बस चुप चाप सुन लिया पर मैने सोच लिया था कि कुछ भी करके बस मिता को ब्यहना ही है मुझे वैसे ही काफ़ी सीन हो गया था उधर बस शूकर था कि कोई मार पिटाई नही हुई थी
मेरा घर भी तो वहाँ से कुछ किलोमेटेर ही दूर था पर हालत देखो कुछ ऐसे थे कि उधर भी नही जा सकता था हताश सा मैं एक पेड़ के नीचे बैठा हुआ था की मेरे मोबाइल पर कॉल आई बस इतना ही बोला गया कि जहा भी हो तुरंत हेडक्वॉर्टर मे रिपोर्ट करो, सम्तिंग ईज़ अर्जेंट तो मैने देल्ही की बस पकड़ ली और सीधा एजेन्सी ऑफीस मे हाजरी दे दी बॉस ने मुझे कॅबिन मे बुलाया और एक फाइल देते हुवे कहा कि तुम्हारे लिए एक काम है
मैने कहा सर , प्लीज़ मुझे डेस्कजॉब चाहिए कुछ दिनो के लिए माइंड बहुत अपसेट है तो वो बोले ऑफीसर ये एजेन्सी तुम्हारे हिसाब से नही चलती है मुझे भी उपर जवाब देना पड़ता है और फिर शेरशाह क्या थकने लगा है जो उसे डेस्कजॉब चाहिए तुम जानते हो कि मैं कितना भरोसा करता हूँ तुम पर और इस काम के लिए तुमसे बेस्ट कॉन है तुम्हारे जाने की सारी तैयारिया हो गयी है नया पासपोर्ट और टिकेट्स तुम्हारी डेस्क पर तुम्हारे पहुचने से पहले होंगी
अब साली नोकारी भी करनी ज़रूरी , जी तो चाहा कि अप्लाइ कर ही दूं कि वापिस अपने केडर मे डाल दो मुझे पर आर्मी से तो ठीक ही था एक आज़ादी सी थी इधर तो मन मार कर एक चाइ का ऑर्डर दिया और अपनी डेस्क पर आ गया और फाइल को पढ़ने लगा तो मेरा और भी दिमाग़ खराब होने लगा अब बस ज़िंदगी मे ये दिन ही देखना रह गया था मैं ऑफीस से निकला अपना सामान लिया
और घर चल पड़ा , निशा घर पर ही थी तो उस से दुआ सलाम हुई पर मेरा मूड बिल्कुल भी ठीक नही था तो मैं बस अपने कमरे मे आ गया और जाने के लिए बाग पॅक करने लगा तो वो बोली अरे ये क्या अभी आए और अभी जा रहे हो मैने कहा यार कुछ ना पूछ अभी टाइम नही है वरना मैं तुम्हे सब बता देता तो वो बोली ठीक है पर इतना तो बता दो कि फिर कब आओगे ताकि मैं इंतज़ार कर सकूँ
तो मैने कहा अब कुछ नही पता इस बार आना होगा या नही तो वो बोली क्यो क्या हो गया है मैने कहा यार प्लीज़ , तो वो मेरे बालो को सहलाते हुवे बोली शांत हो जाओ और बैठो पास मेरे तो फिर मैने उसे पूरी बात बता दी तो उसने कहा कि तुमने ग़लत किया मिथ्लेश को वहाँ पर छोड़ना ही नही चाहिए था पता नही अब उसके फॅमिली वाले उसके साथ कैसा बिहेवियर करेंगे
मैने कहा मजबूर था मैं यार पर जल्दी ही काम ख़तम होते ही कुछ भी करके मैं उसको वहाँ से निकाल लाउन्गा पर तुम्हे मेरा एक काम करना होगा वो बोली बताओ मैने कहा मैं अपना मोबाइल तुम्हे दे कर जा रहा हूँ और अपनी नयी पोस्टिंग पर जातेही मैं वहाँ का कॉंटॅक्ट नंबर तुम्हे दे दूँगा अगर मिथ्लेश का फोन आए तो उसका नंबर मुझे देना वो बोली ये भी कोई कहने की बात है क्या
फिर मैने निशा का माथा चूमा और कहा कि चलता हूँ , तो वो बोली जल्दी काम ख़तम करके आना कही देर ना करदो मैने कहा यूँ गया और यू आया आज मेरा फर्ज़ भी मेरे आड़े आ गया था तो फिर मैं निकल गया एरपोर्ट के लिए वहाँ से अपनी फ्लाइट ली और बोर्ड कर गया शरीर मेरे साथ था पर दिल मे अपना हिन्दुस्तान मे ही छोड़ आया था
पता नही क्यो मेरा दिल बड़ा ही बेचैन हो रहा था ये सफ़र सुहाना नही लग रहा था मेरे लिए दिल मे सनम का ख़याल और दिमाग़ मे अपना फर्ज़ लेकर आख़िर मैं अपनी मंज़िल पर उतर गया , इंटरनॅशनल एरपोर्ट इस्लामाबाद, पाकिस्तान. वैसे मेरी हमेशा से ही हसरत थी कि मैं उस देश को विज़िट करूँ पर इस हालत मे नही पर अब तकदीर के फ़ैसलो को कॉन टाल सकते है फॉरमॅलिटीस पूरी करने के बाद मैं एरपोर्ट से बाहर आया तो
हमारा आदमी पहले से ही मेरा इंतज़ार कर रहा था अपनी तसल्ली के बाद मैं कार मे बैठ गया और गाड़ी अपनी मंज़िल की ओर चल पड़ी रास्ते पे मुझे कुछ देर के लिए नींद आ गयी पता नही क्या वक़्त हो रहा था उस पहर मे हम पर अंधेरा था आसमान मे मैने कहा जनाब कुछ भूक सी लगी है तो कुछ इंतज़ाम होगा क्या वो बोला जी पास मे ही एक मशहूर शॉप है बस थोड़ा सा इंतज़ार कीजिए
क्या बिरयानी खिलाइ उसने मुझे मैं तो फॅन ही हो गया दिल की सारी परेशानियो को उस खाने के स्वाद ने हर लिया था थोड़ी देर के लिए अब मैने बात को बढ़ाते हुए कहा कि कहाँ इंतज़ाम किया है तो बोला सर, कराची की डिफेन्स कॉलोनी मे मैने कहा पर वो तो हाइ प्राइयारिटी वाला एरिया तो वो बोला पर सर अपने जैसो के लिए सेक़ुरटये के क्या मायने और हँसने लगा
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RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा कब से हो इधर तो बोला सर 9 साल हो गये है शादी भी इधर ही करली और अब इधर ही रहेंगे मैने कहा वतन की याद नही आती तो बोला अरे सर आप भी कैसी बाते ले कर बैठे हो अपने जैसो का कहाँ कोई देश होता है बस अपना काम करो और बात ख़तम अब परिवार इधर तो अपना जीना मारना भी इधर और फिर अगर कोई प्राब्लम हुई भी तो एजेन्सी है ही
मैने कहा वो तो है पर यार इधर के हालत तो काफ़ी खराब बताए जाते है वो बोला आदत है अपने को तो और फिर लोग इतने बुरे भी नही है पर ये जो पॉलिटिक्स है उसका हाल तो आप जानते ही हो, बस बाकी सब ठीक है फिर वो मुझे एक फ्लॅट मे ले गया और कहा आज आप आराम करे कल कराची के लिए सफ़र करना है मैने कहा ठीक है अगले दिन
मेरा सफ़र फिर से शुरू हो गया दिन का उजाला था तो चारो तरफ चहल पहल थी ये देश भी मेरे देश जैसा ही था पर थोड़ा सा अलग भी था पर फिर भी अपना सा ही लगा मुझे तो लोग भी जिंदादिल से थे और जी रहे थे अपनी अपनी जिंदगियो को पर मैं कोई टूरिस्ट तो था नही मैं तो एक किराए का कातिल था जो अपना काम करने आया था और फिर खिसक लेना था
कराची पहुचते ही मुझे पाकिस्तानी आइडी मिल गयी और सेलफोन भी सबसे पहले मैने निशा को फोन करके अपना नंबर बताया और कहा कि अगर मिता की मिस्स्कल्ल मेसेज कुछ भी आता है तो तुरंत इनफॉर्म करना और हाँ तुम फोन स्ट्ड से करना वहाँ मुझे साजिद मिला मैने कहा टीम कब तक आएगी तो उसने कहा जनाब हाइकमान का ऑर्डर है कि मिशन आपको अकेले ही पूरा करना है
मैने कहा पागल हुए हो क्या अकेले कैसे होगा सब तो वो बोला सर मुझे उसके बारे मे कुछ नही पता , मेरा काम तो आप तक बस ज़रूरत का सामान पहुचाना है आप बता दीजिए कि क्या क्या चाहिए मैं अरेंज करता हूँ मैने उसको देखा और कहा एक बॉटल बियर ले आ मैने बॉस को कॉंटॅक्ट किया और कहा तो वो बोले शेरशाह तुम तो वैसे भी एक्सपर्ट हो और
फिर पाकिस्तान मे टीम वर्क करेंगे तो नज़रो मे आ जाएँगे उपर से गँवरमेंट. का इतना प्रेशर है और फिर तुम्हारा कोई रेकॉर्ड है ही नही एक दम क्लीन हो तुम मैने कहा सर आपको एक बात कहनी थी वो बोले श्योर, मैने कहा सर एक आइएसआइ एजेंट मुझे जानती है पर्सनली तो सर बोले और तुम मुझे अभी बता रहे हो तुम अभी निकलो उधर से दो घंटे मे लंडन की फ्लाइट मे तुम्हारा टिकेट बुक होगा
मैने कहा सर , अब आया हूँ तो काम निपटा ही दूँगा बस आप मेरे एग्ज़िट का ध्यान रखना तो वो बोले हवा, पानी या बाइ रोड हर रास्ते पर तुम्हारे लिए मदद मिलेगी बस तुम जिंदा रहना और भूल कर भी पकड़ मे नही आना वरना इंटरनॅशनल स्तर पर हमारी वॉट लग जाएगी मैने कहा सर अब मुझे अपने हिसाब से प्लान बना ना होगा और एक सेफ जगह भी चाहिए जहाँ मैं शांति से सोच सकूँ
बॉस बोले मेरे बाप जो करना है कर पर ध्यान रखना अगर गड़बड़ हुई तो रॉ आगे है ना पीछे, मैने कहा वो तो आपका पहला काम है वो बोले बेटे कोई नादानी नही करना अब तक तो पाकिस्तान की इंटेलिजेन्स को पता चल ही गया होगा कि इंडियन रॉ का एजेंट उनके मुल्क मे लॅंड किया है मैने कहा नही सर ऐसा कैसे हो सकता है तो वो बोले होते है कुछ राज पर जल्दी ही तुम मुझे वापिस चाहिए वो भी वन पीस मे
आज से पहले कभी अकेले काम किया नही था तो कुछ घबराहट सी हो रही थी पर चलो ये ही सही मैने कहा साजिद मुझे 20000 पाकिस्तानी रुपये चाहिए और सभी अलग अलग सीरियल मे होने चाहिए और रहने के लिए ऐसी जगह जहाँ कुछ टाइम मिल सके तो वो बोला पर जनाब आपका इंतज़ाम तो डिफेन्स कॉलोनी मे कर दिया गया है मैने कहा जो कहता हूँ वो करो वो बोला बस कुछ देर मे इंतज़ाम हो जाएगा
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