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RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम दर्द से छटपटा रही थी. "आहह उउई माआà आहह मर गयी रे आहह निकालूऊओ आहह अमित प्लज़्ज़्ज़ म्म्म्मम अरे बाप रे आहह"
अमित एक बार तो डर गया लेकिन इतनी मेहनत से लंड अंदर गया था तो वो उसे निकालना नही चाहता था. अमित पूनम की गर्दन को पकड़ते हुए होठों पे किस किया और चुचि सहलाते हुए फिर से लंड को अंदर दबाने लगा. अब रास्ता बन चुका था और लंड अपने लिए जगह
बनाता हुआ अंदर गहराई मे सरकने लगा.
दर्द कम करने के लिए पूनम अपने पैर को अच्छे से फैला कर अड्जस्ट कर ली. अब अमित सही पोज़िशन मे आया और धक्के लगाने लगा. लंड पूनम की चूत मे अंदर बाहर हो रहा था. पूनम का दर्द कम हो गया था और उसे अब मज़ा आ रहा था. फाइनली वो चुद गयी थी. उसकी
जवान चूत ने लंड का मज़ा चख लिया था.
"आहह अमित...म्म्म्मम आहह क्या किए रे... मारो अब्ब्ब आहह ज़ोर से....अरे बाप रे बाप आहह माआअ आहह म्म्म्मम उउउइईईईईईई ओह" पूनम के मुँह से दर्द और आनंद मिक्स होकर बाहर आ रहा था. उसे खुशी थी कि वो चुद गयी थी और जवानी के मज़े ले रही थी. अमित पूरी
स्पीड मे धक्के लगा रहा था और लंड का धक्का चूत पे लगने पे फॅक फॅक की आवाज़ आ रही थी और चूत का रस बाहर बहता आ रहा था.
अमित पूनम के जिस्म पे पूरी तरह से लेट गया. लंड चूत मे पूरा अंदर था. अमित का जिस्म झटके मारने लगा और पूनम को अपने जिस्म के अंदर गर्म लावा गिरता हुआ महसूस हुआ. पता नही क्या हुआ, उसे बहुत अजीब सा फील हुआ और इस गर्मी मे उसकी चूत ने भी फिर से
कम रस उडेल दिया.
जब अमित के लंड ने पूरा वीर्य पूनम की चूत मे भर दिया और अब वो साइज़ मे सिकुडने लगा तो अमित पूनम के बदन से उतर कर बगल मे गिर गया. वो हाँफ रहा था और यही हाल पूनम का भी था. चूत से लिक्विड बह कर बाहर आ रहा था. पूनम का हाथ अपनी चूत पे चला
गया और जब वो अपने हाथ को देखी तो उसके चेहरे का रंग उतर गया.
"ये क्या है, ये क्या किया तुमने? आहह माआआ" वो हडबडा कर उठ बैठी और अपना हाथ अमित को दिखाती हुई बोली. वो अच्छे से बैठ गयी ताकि अपनी चूत को अच्छे से देख सके. उसका चूत खून से लाल थी. वो फिर से हाथ लगाकर देखी. इस बार उसका हाथ उसकी चुदि
हुई चूत के छेद पे था. वहाँ भी खून लगा हुआ था.
पूनम रोने लगी. उसकी नज़र अमित के लंड पे गयी. उसपे भी खून के दाग थे. "ये क्या हो गया! आहह..... अब क्या होगा. ये तुम क्या कर दिए अमित. ये कैसे ठीक होगा. कैसे डॉक्टर को बताउन्गी. आअन्न्न्न्न मम्मी पापा को पता चल जाएगा कि मैं क्या कर दी. तुमने कैसे कर दिया
अमित आहह म्म्म्ममम" पूनम ज़ोर ज़ोर से रोती हुई बोल रही थी. अमित अभी तक उठ कर बैठ गया था.
"अरे... कुच्छ नही हुआ. तुम... तुम रो क़्न रही हो. जब लड़की पहली बार करवाती है तो खून निकलता ही है. सबके साथ ऐसा होता है. इसमे
घबराने वाली कोई बात नही है." अमित पूनम के कंधे पे हाथ रख कर समझाता हुआ चुप करने की कोशिश करता हुआ बोला.
"चुप रहो तुम. तुम्हे क्या है, दर्द तो मुझे हुआ ना. खून तो मेरा निकल रहा है ना. तुम्हे क्या, तुम्हे तो बस मज़ा लेना था, तुमने ले लिया." पूनम
रोती हुई गुस्से से अमित का हाथ अपने कंधे से झटक दी और परेशानी मे बोली.
अमित थोरी देर चुप रहा. पूनम को रोता देख वो फिर बोला "तुम घबराओ मत प्लज़्ज़्ज़, कुच्छ नही हुआ है. सब के साथ पहली बार होता है. इसे ही सील टूटना कहते हैं." पूनम अपनी चूत के छेद को फैला कर देख रही थी कि खून अभी भी आ रहा है क्या. अमित भी झुक कर चूत देखता हुआ बोला.
पूनम अपने जांघों को सटा ली जिससे चूत अमित को नही दिखे. "बोल तो ऐसे रहे हो जैसे ना जाने कितनो का सील तोड़े हो और कितनो के साथ ये सब किए हो. किए ही होगे. मैं ही पागल थी जो तुम्हारी बातों मे आ गयी. मुझे यहाँ आना ही नही चाहिए था. पता नही ये कैसे ठीक
होगा. मम्मी को पता चल गया तो क्या होगा. हे भगवान. उफ़फ्फ़.... मुझे यहाँ आना ही नही चाहिए था. पता नही मैं क़्न आ गयी यहाँ. अब क्या होगा. उफ़फ्फ़...."
अमित कुच्छ नही बोला. कुच्छ बोल कर वो पूनम से झगड़ा नही करना चाहता था. आज तो नही. और इस टॉपिक पे तो बिल्कुल नही.
पूनम इधर उधर देखी, जो वो ढूँढ रही थी, वैसा कुच्छ उसे मिला नही. वो गुस्से मे ही अमित को बोली "मेरी पैंटी लाओ. पोंच्छूँगी. पैंटी को पॉकेट मे रख लिया और मैं बिना पैंटी पहने इसके पिछे पिछे घूम रही हूँ. और साहब इतने उतावले हो गये कि पता नही कैसे क्या किए कि
खून निकाल दिए."
अमित बेड से उतरा और अपने पॉकेट से पैंटी निकाल कर पूनम को देने लगा. लेकिन फिर उसने अपना रूमाल निकाल कर पूनम को दिया.
पूनम अमित को गुस्से से देखी और गुस्से से ही रूमाल लेकर अपनी चूत पोछ्ने लगी. रूमाल लाल और सफेद लिक्विड से भीग गया.
"बाथरूम किधर है?" पूनम गुस्से से ही अमित से पुछि और बेड से नीचे उतर गयी. अमित ने तुरंत उसे बाथरूम का रास्ता बताया. पूनम रूमाल से अपनी चूत पोछ्ते हुए बाथरूम के अंदर चली गयी. अमित उसके पिछे आ रहा था कि कहीं सच मे कोई प्राब्लम ना हुई हो, क्यूँ कि डर तो उसे भी लग रहा था. पहली बार उसने चुदाई की थी और पहली बार ही उसने चूत से खून देखा था.
पूनम गुस्से से गेट बंद कर ली और अंदर टाय्लेट करके चूत को अच्छे से धो ली. चूत से अभी खून तो नही बह रहा था, लेकिन उसे दर्द बहुत हो रहा था. वो अपनी चूत को सहलाई. अब उसका डर कम हो गया था और वो समझ गयी कि उसकी सील टूट गयी है. अब वो कुँवारी कली नही रही, औरत बन गयी है. उसकी चूत ने लंड का पानी पी लिया है
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RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम पेज पलटी तो इसमें भी लंड की ही पिक्स प्रिंट किये हुए थे. पूनम की नज़र जिस तस्वीर पे रुकी वो उसमे एक नंगी लड़की अपने दोनों पैरों को फैलाये हुए सीधी लेटी हुई थी और लड़का अपने लंड को ऐसे रखे हुए था जैसे नाप रहा हो की लंड चुत के अंदर अगर होती तो कहाँ तक जाती. और उसके बगल वाली पिक में लंड चुत के अन्दर था. पूनम इमेजिन करने लगी और सोचने लगी की लंड कितना अन्दर तक होगा और उसका हाथ अपने आप चुत के छेद को छेड़ने लगा. इस पिक्स में लंड पे कुछ लिखा हुआ नहीं था. ये शायद दुसरे वाले का होगा.
पूनम दोनों पेज में लंड को गौर से देखने लगी. ये दोनों दो अलग अलग लंड थे और पूनम के अंदाज़े से वो दोनों ही लंड उसकी चुत में जाने क लिए तड़प रहे थे. पूनम पहले की भी पिक्स निकल ली. वो पहले वाले पिक्स में और इस पिक्स में लंड देखने लगी. उसे अंदाज़ा हो गया की उन पिक्स में जिस लंड से वो लड़कियां मज़े ले रहे हैं, वो यही दोनों लंड हैं और इन्ही दोनों लड़कों के हैं. पूनम अपनी चुत पे ऊँगली फिराने लगी थी और उसे मज़ा आ रहा था.
वो पिक्स रख दी और सोचने लगी की ‘मैं चुदवा तो ली हूँ, दर्द बहुत हुआ लेकिन मज़ा तो बहुत आ रहा था.’ वो रेस्टूरेंट के दृश्य पूनम की आँखों के सामने घूमने लगे जब अमित उसकी चुचियों को चूस रहा था मसल रहा था और जब वो उसकी पैंटी निकाल कर उसकी चुत को चूस रहा था और ऊँगली अन्दर बाहर कर रहा था. वो अपने मज़े को महसूस करने लगी. वो सोचने लगी की जब अमित ने उसकी चुत में लंड सटाया ही था की वो कितनी उत्तेजित हो गयी थी और उसकी चुत ने काम रस छोड़ दिया था.
लेकिन साथ साथ ही उसे अफ़सोस भी हो रहा था की वो बहुत ज्यादा मज़ा नहीं ले पाई थी. वो अमित के लंड को नोटिस करने लगी और इन पिक्स को देखने लगी तो उसे लगा की ये लंड तो बहुत बड़े हैं. पूनम सबको समेट कर रख दी और सोने लगी, लेकिन उन आँखों में नींद कहाँ जिसे चुदवाने की फिक्र हो.
वो अपने कपड़े पहन ली थी और सोचने लगी की ये लड़के कितने हरामी हैं और कैसे लड़कियों के बारे में सोचते हैं. कोई प्यार मोहब्बत की बात नहीं, कोई जिंदगी भर साथ निभाने के वादे नहीं, बस जवानी का मज़ा, सेक्स बस. बस लड़कियों को चोदना है, उनका मज़ा लेना है बस. इन लोगों ने मुझे भी रंडी समझ लिया है क्या. जिस जिस लड़कियों को इन्होने चोदा होगा वो रंडियां होंगी. मैं ऐसी नहीं हूँ. मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाली और अबकी मैं उन्हें साफ साफ मना कर दूंगी और फिर ज्यादा हुआ तो शोर शराबा भी कर दूंगी.
उसे अफ़सोस हो रहा था की उस लड़के ने उसे एन्वेलोप उठाते हुए देख लिया था, उन लड़कों ने उसे मुस्कुराते हुए देख लिया था. लेकिन वो इन सारी गलतियों को सुधार लेगी. और रही बात मज़ा करने की, तो उसके पास उसका प्यार अमित तो है ही. जो न सिर्फ उसे सेक्स का मज़ा देगा, बल्कि उससे प्यार भी करता है और शादी भी करेगा, जिसका मतलब सिर्फ जिस्म के मज़े से नहीं है. वो अपने रूम का गेट खोल दी और अमित के बारे में सोंचते सोंचते सो गयी.
आज पूनम का मेन्सट्रूअल पीरियड ख़त्म हो गया था तो वो बाल धो कर नहा ली और फ्रेश होकर ऑफिस के लिए निकल ली. रोड पे आते ही वो दोनों लड़के रोड के उस पार खड़े दिख गए. पूनम नज़रे नीची करके चल रही थी, लेकिन न चाहते हुए भी उसकी नज़र उन से मिल ही जा रही थी. पूनम अपनी गली से निकल रही थी और वो ठीक सामने रोड के दुसरे साइड से पूनम को ही देख रहे थे.
जब पूनम रोड पे आई तो उसकी नज़र उन लड़कों के पैंट पर गयी. उसकी नज़र वहां कुछ पल के लिए रुक गयी जब उसके मन में आया की इन्ही पैंट के अन्दर वो बड़ा सा राक्षस मौजूद है जो लड़कियों के चुत को फाड़ता हुआ उनके पेट तक पहुँच जाता है. फिर से पूनम की नज़रें उस लड़के से मिल गयी और उसे महसूस हुआ की वो उनके पैंट की तरफ देख रही थी वो उसने देख लिया है. वो लड़का मुस्कुरा दिया और फिर से अचानक से न चाहते हुए भी पता नहीं कैसे पूनम की मुस्कराहट उसके चेहरे पे फ़ैल गयी. वो अपनी मुस्कान को किसी तरह दूसरी तरफ देखते हुए और चेहरे पे हाथ फेर कर छुपायी, लेकिन जिसे जो देखना था, उसने वो देख लिया था.
पूनम आगे बढ़ गयी और अब जब वो नार्मल हुई तो उसे फिर से अपने पे गुस्सा आ रहा था. लेकिन अब भला हो ही क्या सकता था. बिता हुआ वक़्त गुजर चूका था. पूनम को समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा कैसे हो जाता है। उसके मन में उन लड़कों के लिए कोई फीलिंग नहीं थी और वो उन से नफरत करती थी।
पूनम अपने ऑफिस आ गयी. उसकी चुत में फिर से खुजली हो रही थी. उसका चुदवाने का मन कर रहा था लेकिन वो चुद नहीं सकती थी. अमित आज कहीं बाहर गया हुआ था तो उससे मिलने भी नहीं आया था.
शाम में जब पूनम वापस अपने घर आई तो आज उसे रस्ते में कोई भी नहीं दिखा. वो राहत की साँस ली. पूनम पे चुत का खुमार चढ़ा हुआ था। घर आने के बाद उसे मन नहीं लग रहा था और वो आज फिर से सबके सोने का इंतज़ार कर रही थी. सबके सोते ही वो रूम बंद की और आलमीरा से उन लड़कों का भेजा हुआ सब कुछ निकल ली. वो अपने सारे कपड़े उतारकर नंगी हो गयी। उसकी चुत तो गेट बंद करते ही गीली हो गयी थी।
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शाम में जब पूनम वापस अपने घर आई तो आज उसे रस्ते में कोई भी नहीं दिखा. वो राहत की साँस ली. पूनम पे चुत का खुमार चढ़ा हुआ था। घर आने के बाद उसे मन नहीं लग रहा था और वो आज फिर से सबके सोने का इंतज़ार कर रही थी. सबके सोते ही वो रूम बंद की और आलमीरा से उन लड़कों का भेजा हुआ सब कुछ निकल ली. वो अपने सारे कपड़े उतारकर नंगी हो गयी। उसकी चुत तो गेट बंद करते ही गीली हो गयी थी।
वो कहानी पढने बैठ गयी और आज वो पूरी कहानी पढ़ी. उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वो कहानी पढ़ते हुए नंगी होकर अपनी चुत सहलाते जा रही थी. और कहानी ख़तम होने से पहले उसकी चुत ने काम रस छोड़ दिया. वो चुदवाना चाहती थी। उसकी चुत की प्यास ऊँगली करने से कम नहीं हो रही थी बल्कि और बढ़ रही थी। वो उस तरह से चुदवाना चाहती थी जैसे फोटो में वो रंडियाँ चुद रही थी। उसे चुत के अंदर ऊँगली नहीं लण्ड चाहिए था जो उसकी चुत की दीवारों को अंदर तक रगड़ता हुआ उसकी चुदाई करे। लेकिन अफ़सोस की ऐसा हो नहीं पा रहा तंग।
पूनम सारी चीजों को वापस अलमीरा में रखी, अपने कपड़े पहनी और गेट खोल कर सोने लगी. सुबह वो तैयार होकर फिर से ऑफिस चल दी. आज फिर से वो लड़के वहीं खड़े थे और अपनी होने वाली रंडी को वासना भरी नज़रों से घूर रहे थे.
पूनम लेग्गिंग्स कुर्ती पहनी हुई थी और चलने से उसकी ऊपर नीचे होती छाती और कुर्ती जो चुत के पास दोनों जांघों के बीच में सट गयी थी, उन जगहों को वो ऐसे देख रहे थे जैसे वहां कपड़े हो ही नहीं और पूनम रोड पे नंगी ही चलकर उनकी तरफ आ रही हो. पूनम आज खुद पे पूरा कण्ट्रोल किये हुए थी और उन लड़कों की तरफ देख भी नहीं रही थी. लेकिन जिस तरह से वो लड़के उसे देख रहे थे, उसे बहुत गुस्सा आ रहा था. लेकिन इस तरह वो देखते भी क्यू नहीं, पूनम की हरकतों ने उन्हें समझा दिया था की बस अब कुछ ही समय की बात है और ये मस्त माल उनके लण्ड के नीचे होगी और अपने हसीं जिस्म का मज़ा दे रही होगी.
पूनम अब रोड पे आ गयी थी और अब उसे महसूस हो रहा था कि उन लड़कों की ऑंखें उसकी पीठ, कमर और गांड पे चिपकी हुई है। वो रोड पे खुद को नंगी महसूस कर रही थी। उसके पास कोई चारा नहीं था। वो लड़के उससे दूर थे और पूनम भी पुरे कपड़े पहने थी, लेकिन एक स्त्री अपने जिस्म पे पड़ती निगाहों को भी जान लेती है।
पूनम ऑफिस पहुँच गयी और इन सबको भूल कर वो अपने काम में लग गयी। आज पूनम की बात अमित से हो पाई. पूनम उसे अपने ऑफिस के फ़ोन से उसके मोबाइल पे कॉल की थी और आज फिर से दोनों दोपहर में उसी केबिन में थे. पूनम आज इस केबिन में नहीं बल्कि एक बंद कमरे में अमित के साथ रहना चाहती थी जहाँ वो उस दिन से भी ज्यादा मस्ती से चुदवा सके. लेकिन आज ऐसा संभव नहीं था क्यू की अमित के नज़रों में आज कोई रूम खाली नहीं था. उस दिन तो पूनम और अमित की किस्मत अच्छी थी की अमित का वो दोस्त घर में अकेला था और उसके घर जाने में कोई दिक्कत नहीं था. लेकिन आज ऐसा नहीं था और अमित होटल जाने का रिस्क नहीं ले सकता था.
अमित पूनम को किस कर रहा था, उसकी चुच्ची मसल रहा था, निप्पल चूस रहा था और चुत में भी ऊँगली करता हुआ चूस रहा था, लेकिन पूनम को मज़ा नहीं आ रहा था. आज उसकी चुत ने पानी नहीं छोड़ा और जब वेटर आया तो अमित वापस अपनी जगह पे बैठ गया था. वेटर के जाते ही उसने अपना लंड बाहर निकल लिया और पूनम गौर से उस लंड को देखने लगी. उसे ये लंड फोटो वाले लंड से थोड़ा छोटा लगा, लेकिन वो इग्नोर कर दी. अब जो भी है, यही लंड उसके लिये बना है.
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RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
वो झुक कर लंड चूसने लगी. आज उसे बुरा नहीं लग रहा था. वो लंड को ज्यादा से ज्यादा मुंह में भर रही थी . अमित खड़ा हो गया और अब पूनम सहूलियत के साथ लंड चूसने लगी. अमित को बहुत मज़ा आ रहा था. 5 दिन पहले तक जो लड़की इतनी शरीफ थी की 6 महीने तक उसे खुद को किस भी नहीं करने दी थी, आज रेस्तौरेंट के केबिन में आराम से उसका लंड चूस रही थी. अमित पूनम के सर पे हाथ रख कर लंड चुसवाने का मज़ा ले रहा था.
उसे बहुत मज़ा आ रहा था और जब उसका लंड पूनम के मुंह के अन्दर था, उसके लंड ने एक झटका मारा और पूनम को अपने मुंह में कुछ गर्म सा महसूस हुआ. अचानक इस तरह होने पे वो खुद को सम्हाल नहीं पाई और अपना मुंह पीछे कर ली. अमित के लंड से वीर्य टपक रहा था और जो वीर्य पूनम के मुंह में गिरा था, वो अनजाने में ही सही, लेकिन पूनम उसे निगल चुकी थी.
पूनम लण्ड से गिरते हुए वीर्य को आश्चर्य से देख रही थी और फिर वो एक पल के लिए सोची की क्या करे और फिर उसे लगा की इससे पहले की देर हो जाये और सारा वीर्य ख़त्म हो जाये, वो अमित के लंड को अपने मुंह में फिर से ले ली. फिर से वीर्य उसके मुंह में गिरा और वो उसका स्वाद समझने लगी. मुंह में जाते ही अमित के लण्ड ने फिर से झटका मारा और फिर से वीर्य पूनम के मुंह में गिरा. पूनम ताज़ा ताज़ा गरमा गर्म वीर्य अपने मुंह में ले रही थी. उसे अजीब सा लगने लगा. वो अपना मुँह हटा ली और मुँह में आये वीर्य को बाहर फेंकने की तयारी करने लगी. लेकिन तुरंत ही उसके मन में ये ख्याल आया की पहली बार लंड चूसते वक़्त भी तो उसे बुरा लगा था, लेकिन वो लंड चुसी न. वो वीर्य को निगल गयी.
अमित के लंड पे अभी भी वीर्य की कुछ बूदें जमा थी, वो सोची की फिर से लंड मुंह में ले ले, लेकिन वो ऐसा कर नहीं पाई. उसे अजीब सा लग रहा था और उबकाई आनेवाली थी, वो गिलास से एक घूँट पानी पीने लगी. अमित अभी तक यूँ ही खड़ा था. उसके लिए तो ये एक अचीवमेंट था की उसने पूनम जैसी हसीना को अपना लंड चुसवाया था और उसे अपना वीर्य पिलाया था।
पूनम के मुँह का टेस्ट अभी तक बदला नहीं था और उसे अपने गले में कुछ अटका हुआ सा लग रहा था तो वो कोल्ड ड्रिंक की बोतल उठा ली और पीने लगी.अमित का लण्ड अब सिकुड़ गया था तो उसने अपने लंड को अन्दर किया और बैठ गया. वो भी कोल्ड ड्रिंक पीने लगा. वो पूनम की तरफ देख रहा था और जब पूनम की नज़र उससे मिली तो पूनम अचानक से खिलखिला कर हंस दी. वो अपनी हंसी रोक नहीं पा रही थी और बोली “खूब खुश हो न. छिः... कितना गन्दा चीज़ पिला दिए मुझे.” अमित भी शरारती मुस्कान भरता हुआ बोला “इतना ही गंदा था तो पी क्यू.” पूनम तिरछी नज़र करती हुई शर्माती हुई नीचे देखकर बोली “वो तो तुम्हारी ख़ुशी के लिए.” दोनों हँस दिए और रेस्टॉरेंट से बाहर आ गए और फिर पूनम वापस अपने ऑफिस आ गयी.
पूनम खुश थी की आज उसने वीर्य का टेस्ट तो कर लिया. लेकिन फिर भी उसकी प्यास अभी तक मिटी नहीं थी. उसे बहुत कुछ करना था और उसकी चूत में जैसे कुछ दौड़ रहा था. लेकिन वो कर ही क्या सकती थी.
आज जब पूनम वापस घर जा रही थी तो फिर से वो लड़का पूनम की गली के कार्नर पे था. शाम हो चूकी थी तो फिर से रोड पे सन्नाटा था, और जो 1-2 लोग थे भी तो वो लड़का डरने वालों में से नहीं था. आज पूनम सोंच ली की उस लड़के को मार कर भगा देगी. हालाँकि उसे डर भी था की कहीं बात ज्यादा न बढ़ जाये या उसके घर में न पहुँच जाये. लेकिन इस लड़के के दिमाग में जो बात बैठा हुआ है, उसे निकाल देना बहुत जरूरी है.
पूनम रोड पे ही थी की वो लड़का पूनम के नजदीक आ कर बोला “हाय डार्लिंग “
सुनते ही पूनम का गुस्सा सांतवे असमान पे जा पहुंचा. बोली “तुम समझते क्या हो खुद को. अपनी बहन को भी वही सब दिए हो क्या. भागो यहाँ से और ख़बरदार अगर कभी अगर मेरे आसपास भी आये तो.”
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