09-19-2020, 01:26 PM,
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desiaks
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RE: Thriller Sex Kahani - मिस्टर चैलेंज
" लविन्द्र सर की हत्या के बाद तो हम लोग अभी मिल नहीं पाये है लेकिन हर हत्या के बाद मीटिंग होती रही । हर बार यही विचार - विमर्श हुआ कि यह सब हो क्या रहा है ? कौन और क्यों कर रहा है हत्याएं ? किसी की समझ में कुछ नहीं आया । "
" यह सवाल नहीं उठा हत्याएं तुम्हारे ही ग्रुप की क्यों हो रही है ? "
" उठा था । अल्लारखा और ललिता की हत्या के बाद लविन्द्र सर ने उठाया था । उन्होंने कहा पहले चन्द्रमोहन , उसके बाद हिमानी और अब अल्लारक्खा तथा ललिता । हमारे ही गुप के लोग क्यों मर रहे हैं ? मुझे लगता है कोई पेपर आऊट करने वाले रैकेट के पीछे पड़ गया है । एक - एक करके सबको खत्म करता जा रहा है वह । ऐरिक सर ने विरोध किया । बोले ---- अपने बे सिर पैर के ख्याल से दहशत मत फैलाओ । जो मरे वे हमारे ग्रुप के थे , यह केवल इत्तफाक है । सत्या मैडम के अलावा हमारा राज जानता ही कौन है ? और वह अब इस दुनिया में नहीं है ।
लबिन्द्र सर ने कहा ---- ' मुझे लगता है , कोई हमसे सत्या की हत्या का बदला ले रहा है । ऐरिक सर भड़क उठे ---- चोर की दाढ़ी में तिनका वाली बात मत करो ! किसी को पता नहीं सत्या की हत्या हमने की है । फिर भला कौन बदला लेगा ? ये कुछ और चक्कर चल रहा है । व्यर्थ ही उसे अपने गुनाह से जोड़कर सबका दिमाग खराब मत करो । '
लबिन्द्र सर यह बड़बड़ाने के बाद चुप हो गये कि अगर ये इत्तफाक है तो बड़ा अजीब है । ऐरिक सर ने कहा ---- ' लबिन्द्र की बातों से डरकर कोई अपना मुंह फ़ाड़ने की बेवकूफी न करे । हम लोग केवल तभी तक सुरक्षित है जब तक इंस्पैक्टर , विभा और वो लेखक यह सोच रहे है कि सत्या का मर्डर भी इन्हीं मडर्स की श्रृंखला है । जैसे ही उन्हें पता लगा सत्या की हत्या हमने की है .... हमारी गर्दनों में फांसी के फंदे पड़े होंगे ।
मैंने कहा ---- ' लेकिन सर ! पता तो लगना चाहिए - मर्डरस कर कौन रहा है ? '
' तीन - तीन इन्वेस्टिगेटर जुटे पड़े है । अपना दिमाग खराब करने की जरूरत नहीं हमें । हमारी पॉलिसी वही रहनी चाहिए जो अब तक है । चुप्पी ! और वैसा एटीट्यूट जैसा दूसरे स्टूडेन्ट्स और प्रोफेसर्स का है ।
दूसरे लोगों से जरा भी ज्यादा सक्रियता दिखाने या एग्रेसिव होने की कोशिश की तो इन्वेस्टिगेटर्स की नजरों में आ जायेंगे । वह हमारे हित में नहीं होगा । देर - सवेर हत्यारे को पकड़ ही लेंगे वे । तब सत्या की हत्या भी उसी के मत्थे मढ़ जायेगी । हमारी तरफ ध्यान तक नहीं जायेगा किसी का।
" विभा ने कहा ---- " तुम्हीं में से एक और मारा गया । अब क्या सोचते हो तुम ? "
" अब तो हमें भी लविन्द्र सर की बात ही ठीक लगती है । कोई हमारे रैकिट को , सत्या मैडम के हत्यारों को एक - एक करके खत्म कर रहा है । शायद अगला नम्बर मेरा ही है । "
" CHALLENGE का मतलब तुम लोगों की समझ में अब तक नहीं आया ? "
" न - नहीं । क्या आपकी समझ में आ गया है ? "
" शटअप ! " विभा गुर्राई । गुल्लू सकपका उठा । कुछ देर विभा जाने क्या सोचती रही । फिर बोली - . - .- . " सत्या की हत्या करने और पेपर आऊट करने की सजा से खुद को बचाना चाहते हो तो जो बातें हुई हैं उनका एक लफ्ज भी एकता , नगेन्द्र और ऐरिक को नहीं बताओगे । "
“ बिल्कुल नहीं बताऊंगा मैडम जी ! आप नहीं चाहेंगी तो क्यों बताऊंगा ? "
" अगर ये तुम्हें मीटिंग में काल करते हैं तो उसे उसी तरह अटैण्ड करोगे जैसे हमसे बातें होने से पहले करते रहे हो । "
" बिल्कुल ऐसा ही होगा बट "
" बको । "
" आप सेफ तो कर लेंगी हमें ? "
" हमारा साथ दोगे तो फायदा होगा । " कैंटीन के बाहर अजीब सा शोर उभरा । जैसे स्टूडेन्ट्स का हुजूम वहां पहुंचा हो । हम तीनों का ध्यान उस तरफ गया । कैंटीन के दरवाजे पर जोर से दस्तक दी गई । स्टूडेन्ट्स भन्नाये हुए और गुस्से में नजर आ रहे थे । उनका नेतृत्व राजेश कर रहा था ।
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RE: Thriller Sex Kahani - मिस्टर चैलेंज
भीड़ में एकता , ऐरिक और नगेन्द्र भी थे । मैंने नोट किया गुल्लू की तरफ खास नजरों से देखा उन्होंने । जैसे जानना चाहते हों कि अंदर क्या बातें हो रही थीं , और उसने हमें क्या बताया है ? उनकी इन नजरों को मैं इसलिए नोट कर सका क्योंकि जान चुका था वे एक ही थाली के चट्टे - बट्टे हैं । ऐसा न होता तो शायद उनकी गतिविधियों पर ध्यान तक नहीं जाता । मैंने यह सोचकर नजरें हटा ली कि कहीं वे भी न ताड जायें कि मैं उनके बारे में कुछ जान गया हूं । "
आप यहां बंद केंटीन में गुल्लू से जाने क्या बातें कर रही हैं विभा जी ! और वहां , हमें लगता है एक मर्डर और हो चुका है" राजेश के लहजे में हल्का सा रोष था । एक और मर्डर ? " मेरे हलक से चीख निकल गई ---
" किसका ? "
" लोकेश नहीं मिल रहा । "
" कौन लोकेश ? "
" मेरे क्लास का स्टूडेन्ट है । " दीपा ने आगे बढ़कर कहा ।
" बगर लाश मिले किसी को मृत नहीं मानना चाहिए बेटे ।
" राजेश ने पुछा---- " क्या हम जान सकते हैं कि बंद कमरे में आप गुल्लू से क्या बातें कर रही थी ? "
" बंसल साहब इसे माफ कर दे तो बता सकती हूं । "
" ह - हम ? हमसे क्या मतलब ? "
" आप ही से मतलब है । आप इसकी नौकरी छीन सकते हैं । इस डर से डरकर इसने उस रात की एक महत्त्वपूर्ण घटना का जिक्र नहीं किया जिस रात चन्द्रमोहन की हत्या हुई । "
" ऐसी कौन सी घटना थी ? "
" आप इसे सजा न देने का वादा करें तो बताऊं ? "
" माफ करते हैं ।
तब विभा ने यह सब बता दिया जो गुल्लू ने नोट पकड़े जाने के बाद केंटीन के बाहर ही बता दिया था । मैं समझ सकता था वह सब विभा ने एकता , नगेन्द्र और ऐरिक के मनों से यह शंका मिटाने के लिए किया था कि बंद केंटीन में गुल्लू ने यहीं सब कुछ उगल तो नहीं दिया है ।
विभा के चुप होने पर एक स्टूडेन्ट ने कहा ---- " यह सब तो गुल्लू बाहर ही बता चुका था । हमें वे बातें जाननी है जो कैंटीन के अंदर हुई । " मैंने और विभा ने उसे एक साथ गौर से देखा । वह उन स्टूडेन्ट्स में से एक था जिनके सामने गुल्लू को घसीटकर कैंटीन के अंदर ले जाया गया था । विभा ने सभी शंकाओं पर पानी फेरने की मंशा से कहा ---- " उसी सबकी डिटेल जानने के लिए कैंटीन के अन्दर ले जाया गया था उसे । जानना ही चाहते हो तो सुनो ! " कहने के बाद यह एक पल के लिए चुप हुई , अगले . पल इस तरह बोली जैसे बहुत बड़ा रहस्योद्घाटन कर रही हो ---- " जिस रात चन्द्रमोहन कैम्पस की दीवारों पर अपने द्वारा तैयार किये गये -दृश्यों के नंगे फोटो लगा रहा था , उस रात भी इसने उससे पांच सौ रुपये लेकर अपना मुंह बंद रखा । "
सभी घृणित नजरों से गुल्लू को घुरने लगे । बंसल ने कहा ---- " वादा न किया होता तो हम इसी वक्त इसे नौकरी से निकाल देते। उस काण्ड में जितना गुनेहगार चन्द्रमोहन था , उतना ही ये भी है । रात ही में शोर मचाकर उसे पकड़वा देता तो .... " उस बात को छोड़िए बंसल साहब ! फिलहाल हमारे लिए लोकेश को ढूंढना ज्यादा जरूरी है । " कहने के बाद विभा ने सवाल किया।
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