RE: छोटी बहन को चोदा
उस ने शरमा के ना कही. मैने पास पड़ा एक तकिया रिया के सिर नीचे रख दिया और कहा : मैं उपर उठता हूँ तू नीचे नज़र कर देख कैसे लंड चूत में जाता है
मैं हाथो के बल उठा. रिया ने अपनी भोस में फसा लंड देखा तो डर गयी वो बोली : भैया, ये तो बहार है डालो गे तब फिर दुखेगा ?
मैं : प्यारी, जो बाहर दिखाई दे रहा है वो तो आधा हिस्सा है आधा तो अंदर घुसा हुआ है मैं अभी निकाल कर दिखाता ह्न. और हाँ, अभी दर्द नहीं होगा.
वो देखती रही और मैने लंड बाहर खींचा. अकेला मत्था चूत के मुँह में रहा तब मैं रुका. भोस के पानी और झिल्ली के ख़ून से गिला लंड देख वो ताज्जुब सी रह गयी बोली : भैया, इतना तगड़ा ? कैसे अंदर जा पाया ?
मैने कहा :देख, ऐसे
मैने होले होले लंड फिर चूत में उतार दिया. मोन्स से मोन्स दब गयी तब उस के मुँह से आह निकाल पड़ी, लंड को चूत की गहराई में दबाए रख कर मैने मेरी मोन्स से कलीटोरिस रग़दी. तुरंत वो बोली : उस्सस्स, सीईईईई, ओह ह् भैया बहुत गुदगुदी होती है वहाँ ऐसा मत कीजिए.
मैने पूछा : कहाँ गुदगुदी होती है ?
रिया : वहाँ नीचे.
मैं : नीचे कहाँ ?
रिया ने चूत सीकुडी और कहा : यहाँ.
मैं : इस जगह को क्या कहते हें ?
रिया : मैं नहीं बोल सकती
मैं : लंड ले सकती हो और बोल नहीं सकती ? बोल तो, मझा आयगा. कहाँ गुदगुदी होती है ?
मैने फिर मोन्स से क्लैटोरिस रगडी. उस ने नितंब हिला दिए और बोली : उससस. भो भो भोस में.
ये सुन कर मेरा लंड ओर ज़्यादा टन गया. मैने कहा : शाबाश अब मैं चोद ना शुरू कर ता हूँ दर्द हॉवे तो बोल ना.
मैं रिया के बदन पर लेट गया. फ़्रेंच किस शुरू की और नीपल पकड़ ली. कमर हिला कर दो इंच सरिखा लंड चूत में अंदर बाहर कर ने लगा. चूत सीकुडी होने से लंड की टोपी चड़ गयी थी और नंगा मत्था चूत की दीवारों से घिस पाता था. हर धक्के के साथ लंड से बिजली का करंट निकल कर सारे बदन में फैल जाता था. लंड और भोस दोनो भर मार लार बहा रहे थे.
आठ दस धीरे और छीछरे डक्के बाद चूत में फटाके होने शुरू हुए. मैं अब आधा सा लंड इस्तेमाल कर ते हुए रिया को चोद ने लगा. वो अपने नितंब घुमा ने लगी धीरे धीरे धक्के की रफ़्तार बढ़ती चली, मैं पूरा लंड निकाल कर झटके से चूत में घुसेड देने लगा. अपनी कमर के झटके से रिया जवाब देने लगी उस की बाहों ने मुझे अपने सीने से जकड़ लिया. मैने कहा : रिया, ज़रा धीरे से कुले हिला, कहीं लग ना जाय.
वो बोली : सीईईईई,सीईईईईईई ..... भैया, उस्सस्स, मैं नहीं ...... ओह् ...... नहीं हिलाती. आह .... अपने आप ...... उनह उनह हिल जाते हें. आआआआ ह वहीं लंड घसिए .....
धना धन धक्के से मैने चोद ना जारी रक्खा. ख़ुद अपने पाँव मेरी कमर से लिपटा कर, नितंब उछाल उछाल कर वो लंड लेने लगी मैं झर ने के क़रीब आ पहुँचा था की रिया को ओर्गाझम हो गया. संकोचन कर के योनी लंड को नीचोड़ ने लगी उस के सारे बदन पर पसीना छा गया और रोएँ खड़े हो गये नाख़ून से उस ने मेरी पीठ खरॉंच डाली. इधर उधर सीना हिला कर अपने स्तन मेरे सीने से रगड दिए उस की कमर ने झटके पर झटका लगा कर चूत से लंड अंदर बाहर किया. मुझ से भी रहा नहीं गया. बेरहमी से मैं भोस मार ने लगा. उस के ओर्गाझम की फ़िक्र किए बिना माइं चोद ता चला. पाँच सात धक्के बाद पूरा लंड चूत में घुसेड कर मैं भी ज़ोर से झरा. वीर्य की पाँच सात पिचकारियाँ छूटी, रिया की योनी वीर्य से छलक गयी
आधी मिनिट बाद तूफ़ान शमा. चूत में आछे आछे फटाके होते रहे थे लेकिन रिया शिथिल हो कर ढल पड़ी थी. कई देर तक लंड भी कड़ा ही रहा. मुँह पर चुंबन कर के मैने पूछा : मझा आया ?
रिया फिर शरमा ने लगी अपना चहेरा मेरी गर्दन में छुपा कर सिर हिला कर उस ने हा कही.
मैं : ऐसे नहीं, मुँह से बोल, मझा आया ?
उस ने पाँव लंबे किए. मेरे कान में कहा : फिर से कीजिए ना, आप का वो तो अभी कड़ा है मुझे अभी भी गुदगुदी हो रही है
मैं : कहाँ हो रही है गुदगुदी ?
रिया : वहाँ नीचे. जहाँ आप का वो फसा है वहाँ
मैं : कहाँ फसा है मेरा वो ?
रिया : मुझ से बुलवाना चाहते हें आप ?
मैं : हाँ, बड़ी प्यारी लगती हो तू, जब गंदा बोलती हो.
खिचकती हुई वो बोली : आप का लंड फसा है वहाँ मेरी चूत में गुदगुदी हो रही है
मैने चुंबनों क बौछार बरसा दी और कहा : अभी तेरी चूत का घाव हरा है फिर से चोद ने से दर्द होगा और ख़ून निकलेगा. एक दिन ठहर जा, कल फिर चोदेन्गे.
दुसरी चुदाइ की मेरी भी इच्छा थी लेकिन मैं लंड निकाल कर उतर गया.
कथा से माताज़ी के आने का समय हो गया था. सफ़ाई कर के उस ने घाघरी ओढनी पहन लिए मेरे गले में बाहें डाल फिर गोद में बैठ गयी किस कर के मैने पूछा : बहुत दर्द हुआ था ?
रिया : हाँ, मुझे लगा की मेरी पीकी फटी जा रही है फिर से तो नहीं दुखेगा ना भैया ?
मैं : नहीं दुखेगा. अब ये बताओ की माधवी के साथ मैने क्या किया था और तुझे किस ने कहा.
रिया : भैया, माधवी दीदी ने ख़ुद ने मुझ से कहा था.
मैं : क्या कहा था ?
रिया : की आप ने उसे ..... उसे ...... चोदा था. सच भैया ? आप ने माधवी दीदी को चोदा था ?
मैं : पहले ये बताओ की ये चुदाइ की बात निकली कैसे.
रिया : सच्ची कहूँ ? ऐसा हुआ की .......
रिया और माधवी एक कमरे में सोया करती थी. एक रात सोने के समय वो बातें कर ने लगी रिया ने व्रत का सबब पूछा : दीदी, ये व्रत क्यूं किया तुम ने ?
माधवी : मन पसंद अच्छा पति पा ने के लिए ये व्रत किया जाता है . दो साल बाद मौसी तुझे भी करवाएगी.
रिया : अच्छा पति का क्या मतलब ? पढ़ा लिखा, पैसेदार, हट्टाकट्टा कैसा ? तुझे कैसा चाहिए ?
माधवी हस कर बोली : कहूँ ? मुझे तो तगड़े लंड वाला चाहिए जो रात भर चोद सके.
रिया : हाय हाय कितना गंदा बोलती हो तू ?
माधवी : जब हम अफ़्रीका से आए तब मैं ऐसा नहीं बोलती थी. लेकिन एक बार लंड की चाबी चूत के ताले में लगी की ज़बान का ताला भी खुल गया.
Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
|