RE: Kamukta आरती की वासना
जैसे ही पूजा जसवंत के पैरों पे झुकी तो पीछे से मंगल को उसकी टाईट लाल पैंटी दिख गयी। उसने जसवंत को आँख मारी जो कि अब पूजा की चूचियाँ देख रहा था। मंगल आ के पूजा के पीछे खड़ा हो गया और बोला, “सर यह पूजा कभी नहीं सुधरने वाली, लेकिन अगर यह आपका कहना माने तो आप चाहो तो इसे माफ़ करो।” जब जसवंत ने पूजा को सख्ती से देखा तो वो फिर से माफी माँगते हुए बोली, “जाने दो ना सर, प्लीज़ मुझे अब और शरमिंदा मत करो, इस बार आप मुझे माफ़ करो, अगली बार मेरी तरफ से आपको कोई शिकायत ना होगी।” जब मंगल पूजा के पीछे आ कर खड़ा हुआ तो उसकी टाँग पूजा की गाँड से छू गयी। पूजा ने मंगल के तरफ देखा तो वो बोला, “पूजा, सर तुझे किस शर्त पे माफ़ करें... बता? तू ऐसी क्या गारंटी देती है कि सर तुझ पे भरोसा रखें कि तू फिर से उन लड़कों पे अपनी जवानी नहीं लुटायेगी?” मंगल की भाषा वास्तव में पूजा को गरम कर रही थी पर साथ ही उसे कॉलेज से निकाले जाने का डर भी था। वो जसवंत को देखते हुए बोली, “जो शर्त आप कहें, मैं आपका कोई भी कहना मानने को तैयार हूँ लेकिन मुझे कॉलेज से मत निकालो।
जसवंत पूजा का चेहरा हल्के से सहलाते हुए बोला, “मंगल तू बोल क्या करूँ? इसको कॉलेज से निकालना ही होगा ना?” मंगल ने अपने हाथ पूजा की कमर में डाल कर सहलाते हुए उसे खड़ा किया और बोला, “सर मैं इसको बताऊँ कि ये क्या कर सकती है हमारे लिए जिससे आप इसे कॉलेज से नहीं निकालेंगे?” जसवंत ने अपना सर हिलाया तो मंगल पूजा को अपनी तरफ घुमा कर उसकी चूचियों पे हाथ रखते हुए बोला, “पूजा साली बेवकूफ़ तू जितना राजेश और वैभव के लिए करती है उतना तू जसवंत सर के लिए करेगी तो सर तुझे माफ़ कर देंगे। तू जैसे अपनी जवानी उनपे लुटाती है वैसे ही हम पे लुटा तो सर सिर्फ़ तुझे माफ़ ही नहीं करेंगे बल्कि तुझे अच्छे नम्बरों से पास भी करेंगे।” मंगल की बातों और हरकतों से पूजा को धका तो लगा पर वो समझ गयी के वो लोग उससे क्या चाहते हैं। पूजा सब समझती थी लेकिन उसे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि ये दोनों वो सब चाहेंगे। पूजा शरमाते हुई जसवंत और मंगल के बीच खड़ी थी। वो इतनी कनफ्यूज़ हो गयी कि उसने मंगल का हाथ भी अपनी चूचियों से नहीं हटाया। मंगल पूजा के मम्मे मस्ती से मसलने लगा और जसवंत पीछे खड़ा होके दोनों हाथों से पूजा का स्कर्ट उठा के उसके पैंटी पे हाथ घुमाते हुए बोला, “एक मौका देता हूँ तुझे पूजा... अगर तू अपना यह हुस्न हमें देगी तो शायद तुझे कॉलेज से नहीं निकालुँगा। अब तू बता तेरा क्या इरादा है? बोल साली चुप-चाप हमसे चुदवाती है या तुझे कॉलेज से निकलूँ?”
पूजा को जसवंत की भाषा सुन कर हैरानी हुई पर वो जसवंत का मक्सद समझ गयी। वो थोड़ी पीछे हटी और दोनों मर्दों से बोली, “यह आप दोनों क्या कर रहे हो मेरे साथ? मुझे शरम आ रही है आपकी बातों से। आप जैसा बोल रहे हो वैसा कुछ नहीं होता राजेश और वैभव के साथ मेरा। प्लीज़ सर कोई दूसरा तरीका बताना, मैं आपकी स्टूडेंट हूँ... ऐसा कैसे कर सकती हूँ?” जसवंत ने पूजा के पास आ के उसकी गर्दन पकड़ के उसे अपनी तरफ खींच के उसके गाल चूम लिए। फिर पूजा के बदन को अपने से सटाता हुआ बोला, “साली तुझे मेरे मुँह से सुनना है ना कि वो दोनों तेरे साथ क्या-क्या करते हैं? चल अब बताता हूँ तुझे सब बात।” पूजा ने कुछ जवाब नहीं दिया और ना ही उसने जसवंत से दूर हटने की कोशिश की। मंगल पीछे से आ कर पूजा की गाँड सहलाने लगा। जसवंत पूजा की चूचियों पे हाथ रखते हुए बोला, “मंगल ज़रा पूजा की स्कर्ट उतार।”
पूजा चौंकते हुए बोली, “नहीं सर प्लीज़, यह क्या कह रहे हैं आप? मेरी स्कर्ट क्यों उतारने को बोल रहे हैं आप?” जसवंत ने पूजा की चूचियों को मसलना ज़ारी रखा और बोला, “साली चुप-चाप खड़ी रह। नाटक किया तो कॉलेज से निकाल दूँगा तुझे। क्या तू कॉलेज से निकलना चाहती है? मंगल हुक खोलके पूजा का स्कर्ट उतार।” पूजा बिना कुछ जवाब दिए चुप-चाप खड़ी रही। जसवंत ने उसका टी-शर्ट ऊपर किया और पूजा के नंगे मम्मे देख के खुश हुआ। पूजा के कड़क मम्मे और ब्राउनिश गुलाबी निप्पल उसे भा गए। जैसे ही मंगल ने स्कर्ट के हुक खोले तो पूजा का स्कर्ट पैरों में गिर गया। पूजा आँखें बँद करके खड़ी थी और जसवंत ने भी पूजा के बदन से उसका टी- शर्ट हटा दिया। अब पूजा सिर्फ़ एक लाल पैंटी और काले हाई हील के सैंडल पहने इन दो मर्दों के सामने शरमाते हुए खड़ी थी। अपने हाथों से अपना सीना छुपा के पूजा बोली, “प्लीज़ सर, आप दोनों यह क्या कर रहे हैं? मुझे बहुत शरम आ रही है, मुझे जाने दो।” जसवंत पूजा के मम्मे मसलते हुए बोला, “साली, तुझे शरम आ रही है? राजेश और वैभव के सामने शरम नहीं आती? तब तो दिल खोलके चुदवाती है ना? आज तक उनसे चुदवाती थी... आज से हमसे चुदवा।” पूजा दोनों की हर्कतों से अब गरम तो हो गयी थी लेकिन फिर भी वो ज़रा नखरे करते हुए बोली, “ऊम्म्म्म्म सर... यह सब मत करो... मैं वैसी लड़की नहीं हूँ। आप बार-बार उन दोनों का नाम क्यों ले रहे हैं? मैंने कुछ नहीं किया उनसे ऐसा वैसा... जैसा आप कह रहे हैं।” इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!
मंगल पूजा की गाँड पे लंड रगड़ते हुए गुस्से से बोला “बहनचोद साली... राजेश और वैभव तेरी चुदाई करते हैं... तेरी यह चूत, गाँड, मम्मे चोदते हैं, तू उनका लंड चूसती है और साली अब बोलती है कि तू उनके साथ कुछ नहीं करती। सर... यह पूजा बड़ी नखरेवाली लड़की है... साली अपने बदन की नुमाइश करती है और हम सब मर्दों का लंड खड़ा करती है। उन दोनों को भी अपने बदन के जलवे दिखा-दिखा के इसने ही उकसाया और उनसे चुदवाती है... और अब हमसे अंजान बन रही है... बोल सच कह रहा हूँ ना मैं पूजा?” पूजा मंगल के मुँह से गालियाँ सुनके हैरान हुई, उसे अंदाज़ नहीं था कि सर के सामने मंगल ऐसी गंदी बातें करेगा। वो जसवंत की तरफ देखते हुए ज़रा नीची आवाज़ मैं बोली, “सर किसी ने आपसे झूठ कहा है... मैं उस तरह की लड़की नहीं हूँ। यह मंगल मेरे बारे में कुछ भी बोलता है। अब वो लड़के मेरे पीछे पड़े हैं तो इसमें मेरा क्या कसूर? और मंगल तू ऐसी गंदी-गंदी बातें मत कर... सर देखो ना यह मुझे गालियाँ दे रहा है।”
मंगल पूजा की पैंटी नीचे खींच के उसकी गाँड मसलते हुए बोला, “तेरी माँ की चूत साली... और गालियाँ दूँगा तुझे, वही तेरी औकात है... चुदक्कड़ राँड... २-२ मर्दों से चुदवाती है और खुद को शरीफ समझती है... तेरी गाँड मारूँ रंडी साली... उन दोनों के साथ तेरी चुदाई की तस्वीर दिखाऊँ? वैभव तेरी गाँड मार रहा था... उस वक्त की तस्वीर मैंने देखी है... बोल दिखाऊँ वो तस्वीर रंडी?” अब पूजा समझ गयी कि इनको सब बातें मालूम हैं और ज्यादा नकारने से जसवंत शायद उसे कॉलेज से निकाल भी सकता है। पूजा ने अपने सीने से हाथ हटा दिए और अपना एक-एक पैर उठा कर मंगल को अपने पैरों से पैंटी निकालने में मदद की। अब पूजा सिर्फ अपने काले हाई हील के सैंडल पहने बिल्कुल नंगी खड़ी थी और बहुत ही सैक्सी लग रही थी। जसवंत उसके मम्मे मसलने लगा और तब पूजा बेशरम होके बोली, “नहीं नहीं सर... मंगल जो कह रहा है सही है... लेकिन प्लीज़ आप यह बात मेरी माँ को मत बताना... मैं आपका सब कहा मानूँगी। ऊउउउउउम्म्म्म्म्म जऽऽऽऽसवंत सर... प्लीज़ आराम से मसलो ना... मैं आप दोनों के साथ सब करने को तैयार हूँ... लेकिन प्लीज़ मुझे दर्द मत देना।”
जसवंत और मंगल पूजा को छोड़ के जल्दी से खुद भी नंगे हो गये। उनके वो मोटे लम्बे लंड देखके पूजा को डर भी लगा लेकिन खुशी भी हुई। जसवंत पूजा के निप्पल से खेलते हुए बोला, “क्यों साली अब समझ में आयी हमारी बात? बहुत नाटक कर रही थी... अब सब अकड़ निकल गयी तेरी पूजा... या और कुछ बाकी है?” अब भी थोड़ी शरमाते हुए पूजा बोली, “नहीं सर... अब जो आप बोलेंगे वही होगा, अब मेरी तरफ से आपको कोई शिकायत नहीं होगी, लेकिन सर यह सब करने के बाद आप मुझे कॉलेज से तो नहीं निकालेंगे ना?” तभी पीछे से मंगल पूजा की गाँड के छेद को अँगुली से सहलाते हुए बोला, “क्यों साली रंडी... अब क्या सौदा करेगी? चुदक्कड़ छिनाल पहले तुझे जी भरके चोद लेने दे... बाद में सोचेंगे कि तेरे लिए क्या करना है... समझी?” इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!
पूजा मंगल के मुँह से ये गालियाँ सुनके शर्मा गयी। उसे कभी गालियाँ खाके चुदवाने की आदत नहीं थी क्योंकि राजेश और वैभव उसे प्यार से चोदते थे... पर आज एक चपड़ासी की औकाद का आदमी उसे बातों से बे-इज़्ज़त कर रहा था वो भी उसके प्रिंसिपल के सामने और जसवंत भी कुछ नहीं कह रहा था। इससे पूजा समझ गयी कि जसवंत सर को भी यह सब अच्छा लगता होगा। पूजा ने तय किया कि वो जसवंत सर को शिकायत का कोई मौका नहीं देगी और उन दोनों से जैसे वो चाहें वैसे चुदवा लेगी। वैसे भी उसे एक साथ २-२ लंड लेने की आदत थी। जब जसवंत उसके निप्पल चूसने लगा तो पूजा भी बेशरम होके उसका मुँह अपने मम्मों पे दबाते हुए आँखें बँद करके सिसकरियाँ लेने लगी। पीछे से मंगल उसकी गाँड को अँगुली से सहलाते हुए पूजा का हाथ अपने लौड़े पे ले गया। पूजा उसका गरम लंड सेहलाते हुए बोली, “मंगल तू मुझे छिनाल क्यों बोल रहा है? मुझे शरम आती है ऐसी गालियाँ सुनके... प्लीज़ मुझे गालियाँ मत दो।”
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