RE: Kamukta आरती की वासना
मंगल की बात सुनके सब हँसने लगे और पूजा नशे में मतवाली होके बिंदास बोली, “सर आप आरती की चुदाई के बाद मुझे चोदना और मंगल आरती को चोदेगा । इससे हम माँ बेटी को भी चेंज मिलेगा और आप दोनों को भी।” आरती ने उन दोनों के पास जा के झुक के पूजा को किस किया और फिर जसवंत उसे बेडरूम की तरफ ले जाते हुए बोला, “ठीक है पूजा... जब तक माँ बेटी को पूरी तसल्ली नहीं होगी हम तुम दोनों को एक के बाद एक करके चोदते रहेंगे। अब मैं तेरी रंडी माँ को बेडरूम में चोदने को ले जाता हूँ तब तक तू मंगल से चुदवा ले। उसके बाद मैं तेरी चूत चोदूँगा और मंगल तेरी माँ की गाँड मारेगा।”
आरती पे अब पूरी तरह से शराब और चुदाई का नशा सवार हो चुका था और वो अपने सढ़े चार इन्च ऊँची हील के सैंडल में ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। वो बेडरूम की तरफ जाते-जाते बुरी तरह लड़खड़ा रही थी और जसवंत का लंड उसे देख कर कड़ा हो गया। जसवंत ने आगे बढ़ कर झूमती हुई आरती को पकड़ा और बेडरूम में ले जाते हुआ बोला, “साली आरती... तू तो बेवड़ी निकली... देख कितनी चढ़ गयी है तुझे... कुत्तिया राँड।” आरती अपनी ही मदहोशी में बड़बड़ाने लगी, “हाँ मेरे राजा... मैं कुत्तिया हूँ और तू भी मेरा कुत्ता है... (हुच्च)...” फिर जोर से हँसते हुए रासते में ही घूम के जसवंत से बेल की तरह लिपट गयी और उसके होंठ चूमते हुए बोली, “मेरे प्यारे कुत्ते... (हिच्च)... कभी पी के देख... कितनी मस्ती चड़ती है... मुझे कुत्तिया बोलता है... अरे पीने के बाद तो मेरी अंदर इतनी मस्ती भर जाती है कि मैं गधे-घोड़े के लंड भी ले के चुदवा लूँ... (हुँच्च).... उम्म्म... तू मेरा घोड़ा है... ले चल मुझे अंदर मेरे प्यारे घोड़े... (हुच्च)... चोद अपने लंड से अपनी घोड़ी को... साला हरामी... तू भी क्या याद रखेगा... किस चुदक्कड़ चूत से पाला पड़ा था...।” जसवंत उसे लगभग धकेलता हुआ बेडरूम में लाया और फिर आरती को बाहों में भरके किस करने लगा। आरती भी अपना नंगा जिस्म उससे भिड़ाती हुई उसे किस करने लगी। जसवंत आरती को इस हालत में देख कर बहुत गरम हो गया था। एक हाथ से आरती की गाँड और दूसरे से उसके मम्मों को निचोड़ते हुए जसवंत बोला, “आरती तू साली बहुत चुदास औरत है... जबसे तुझे चोदा है... मेरा लंड बार-बार तेरी चूत की याद में खड़ा हो रहा है। तू जानती नहीं कि तेरे इस मस्त बदन ने मुझ पे क्या जादू किया है। आज तक मैंने बहुत चूतें चोदी हैं पर जैसे खुल के तू चूत चुदवाती है... किसी ने वैसे चूत नहीं चुदवायी मुझसे। आरती आज के बाद तू मेरी रंडी बनके रहेगी? बोल मेरी जान तू मेरी रखैल बनेगी?” आरती जसवंत की बात सुनके बिस्तर पे बैठती हुई उसके लंड को सहलाते हुए किस करने लगी और बोली, “जसवंत मुझे भी दो दिनों से हर पल तेरा यह राजपुताना लौड़ा याद आ रहा था। मेरा भी हाल तेरे जैसा ही है... पता है पर्सों से कितनी ही बार अपनी चूत को बैंगन और मोटी मोमबती से चोद चुकी हूँ... (हुच्च)... मुझे भी कितने मर्दों ने चोद लेकिन जो बात तेरे इस तगड़े लंड में है... (हुच्च)... वो किसी में नहीं थी...। तेरा लंड मुझे कितना भा गया इसका सबूत... उम्म्म... (हुच्च)... यह है कि मैंने अपनी बेटी को भी तुझसे चुदवा दिया। सोच... साले... सोच... कोई माँ अपनी बेटी देगी क्या किसी मर्द को चोदने के लिए? उसे भी तेरे जैसे लंड की जरूरत थी जसवंत... रही बात तेरी रंडी बनने की तो राजा मुझे तेरे पैसे नहीं चाहिए... बस जब दिल करे अपने इस लंड से खूब चोद मेरी छिनाल चूत और गाँड को और मुझे खुश रख...।”
जसवंत आरती का चेहरा पकड़ के उसके मुँह में अपना लौड़ा देते हुए बोला, “ले आरती ले... आज मेरे इस लौड़े को तसल्ली बख्श दे... बहनचोद कसम से तू मस्त औरत है... राँड साली जैसे तू मर्द को मज़ा देती है कोई भी औरत नहीं दे सकती। मुझे मालूम है कि तूने अपनी बेटी को भी हमसे चुदवाके एक चुदास रंडी होने का सबसे बड़ा सबूत दिया है। मुझे उस दिन तेरी चूत मिली तो मैं खुश हुआ लेकिन आज अपनी बेटी को चुदवा के तूने मुझे जीत लिय मेरी छिनाल... आज के बाद तू मेरी खास रंडी है... तेरी बेटी मंगल की रंडी बनेगी।” आरती होंठ टाईट करके जसवंत के लंड से अपना मुँह चुदवाने लगी। पूरा लंड चूसने के बाद वो जसवंत की गोटियाँ चूस के बोली, “हाँ जसवंत आज से मैं और मेरी बेटी तेरी रंडियाँ बन गयी हैं। तू हमसे जो चाहे वो करवा सकता है... हम दोनों तुझे कभी शिकायत का मौका नहीं देंगी... साले... जसवंत मेरे मम्मे मसल के और ज़ोर से चोद मेरा मुँह... यह तेरी राँड कुत्तिया का मुँह है... (हुच्च)... बिंदास चोद इसे... जसवंत साले... यह तो बता कि मेरी बेटी कैसी लगी तुझे...? मस्त माल है ना पूजा? पूजा... साली... अपनी राँड माँ पे गयी है कि नहीं?” इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!
जसवंत आरती को बिस्तर पे लिटाते हुए उसकी चूत में अँगुली डाल के मम्मे मसलते हुए बोला, “आरती तेरी बेटी तेरे जैसी हसीन है... बड़ी कुत्तिया बेटी है तेरी... बिल्कुल माँ पे गयी है... पूजा भी आगे चल के तेरे जैसी ही मस्त छिनाल बनेगी... बहनचोद मुझे लगता है कि शादी के बाद पूजा को उसके पति के दोस्त भी चोदेंगे... मेरी रंडी आरती... तेरी बेटी तेरे जैसी चुदक्कड़ है... तूने बड़ी मादरचोद लड़की को पैदा किया है आरती... तेरी बेटी तेरे नक्शे कदम पे चलके मर्दों को बराबर रिझाना सीख रही है और चुदाई में तेरा नाम रोशन करेगी। वैसे मेरी राँड अब मुझे पूजा की माँ की चूत चोदनी है... मेरा लंड पूजा की माँ की चूत चोदने को बेकरार है... बोल चोदूँ मैं पूजा की माँ की चूत... आरती?” जसवंत के मुँह से अपने और पूजा के लिए गालियाँ सुनके आरती और गरम हो गयी। वो जसवंत का लंड पकड़ के बोली, “हाँ साले भड़वे... तू सच बोला... मैं भी चाहती हूँ कि पूजा मेरी जैसी छिनाल राँड बने। और अब जब तू साथ रहेगा तो जरूर पूजा एक मस्त राँड बनेगी। रही बात पूजा की माँ की चूत चोदने की तो मेरे प्यारे कुत्ते... पूजा के माँ की चूत को भी बड़ी बेसब्री से तेरे इस तगड़े राजपुताना लंड का इंतज़ार है... साले अब तू टाइम खराब किए बिना जल्दी से पूजा की चुदक्कड़ माँ की चूत चोद।”
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