उफफफफ्फ़ ये जवानी
06-12-2017, 06:18 PM,
#6
RE: उफफफफ्फ़ ये जवानी
मैं सोचने लगी. वैसे तो मैं रात को अपनी सहेलियों के पास काई बार रुक चुकी थी मगर उसके लिए मैं मम्मी को पहले से ही बता देती थी. इस प्रकार एन मौके पर मैने कभी रात भर बाहर रहने का प्रोग्राम नहीं बनाया था. सोचते सोचते ही मैने एका एक प्रोग्राम बना लिया. मगर बोली, “सवाल यह है क़ि हम लोग रात भर रहेंगे कहाँ? होटेल में?”

“होटेल में रहना मुश्किल है. ख़तरा भी है. क्योंकि तुम अभी कमसिन हो. मेरे दोस्त अजय का एक बंग्लो खाली है. मैं उसे फोन कर दूँगा तो वो हमारे पहुँचने से पहले सफाई वगेरह करवा देगा.”

उसकी बात मुझे पसंद तो आ रही थी मगर दिल गवारा नहीं कर रहा था. एका एक उसने मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया और बोला, “घर के बारे में नहीं, इसके बारे में सोचो. यह तुम्हारी चूत और गांद का दीवाना है. और तुम्हारी चूत मारने को उतावला हो रहा है.”

उसके लंड को पकड़ने के बाद मेरा मन फिर उसके लंड की ओर मुड़ने लगा. उसे मैं सहलाने लगी. फिर मैने हां कह दिया. उसके लंड को जैसे ही मैने हाथ में लिया था, उसमें उत्तेजना आने लगी. वो बोला, “देखो फिर खड़ा हो रहा है. अगर मन कर रहा है तो बताओ चलते चलते एक बार और चुदाई का मज़ा ले लिया जाए.”

यह कहते हुए उसने लंड को आगे बढ़ा कर चूत से सटा दिया. उस वक़्त मैने जीन्स और पॅंटी नहीं पहनी थी. वो चूत पर लंड को रगड़ने लगा. उसके रगड़ने से मेरी चूत पानी छ्चोड़ने लगी, मेर मन में चुदाई का विचार आने लगा था. मगर मैने अपनी भावनाओं पर काबू पाने का प्रयास किया. उसने मेरी चूत में लंड घुसाने के लिए हल्का सा धक्का मारा. मगर लंड एक ओर फिसल गया. मैने जल्दी से लंड को दोनो हाथो से पकड़ लिया, और बोली, “चूत में मत डालो. जब रात रंगीन करने का मन बना ही लिया है तो फिर इतना बेताब क्यों हो रहे हो. या तो इसे ठंडा कर लो या फिर मैं किसी और तरीके से इसे ठंडा कर देती हूँ.”

“तुम किसी और तरीके से ठंडा कर दो. क्योंकि ये खुद तो ठंडा होने वाला

नहीं है.”

मैं उसके लंड को पकड़ कर दो पल सोचती रही फिर उस पर तेज़ी से हाथ फिराने लगी. वो बोला, “क्या कर रही हो?”

“मैने एक सहेली से सुना है की लड़के लोग इस तरह झटका देकर मुठ मारते

हैं और झाड़ जाते हैं.”

वो मेरी बात सुनकर मुस्कुरा कर बोला, “ऐसे चुदाई का मज़ा तो लिया जाता है मगर तब, जब कोइ प्रेमिका ना हो. जब तुम मेरे पास हो तो मुझे मुठ मारने की क्या ज़रूरत है?”

“समझो कि मैं नहीं हूँ?”

“ये कैसे समझ लूँ. तुम तो मेरी बाहों में हो.” कह कर वो मुझे बाहो में लेने लगा. मैने मना किया तो उसने छ्चोड़ दिया. वो बोला, “कुच्छ भी करो. अगर चूत में नहीं तो गान्ड में…….” कह कर वो मुस्कुराने लगा. मैं शर्मा कर बोली, “धात”.

“तो फिर मूह से चूस कर मुझे झाड़ दो.”

मैं नहीं नहीं करने लगी. आख़िर में गांद मारना मैने पसंद किया. फिर मैं घोड़ी बनकर गांद उसकी तरफ कर घूम गयी. उसने मेरी गांद पर थोड़ा सा थूक लगाया और अपने लंड पर भी थोड़ा सा थूक चुप्डा और लंड को गांद के छेद पर टिका कर एक ज़ोरदार धक्का मारा और अपना आधा लंड मेरी गांद में घुसा दिया. मेरे मूह से कराह निकल गयी आआआआआईयईईईईईईईई मुंम्म्मममय्ययययययी माआअरररर दियाआआआअ फ़ाआअद्द्द्द्दद्ड डीईईईईईईईईईई बचाआआआअ लूऊऊऊ मुऊऊउुज्ज्ज्झहहीए मेरी गाआान्न्‍ननन्न्ँद्द्द्द्दद्ड ऊऊऊऊफफफफफफफफ्फ़ उूुुुुुुुउउम्म्म्मममम बहुत दर्द कर रहा है.

उसने दो तीन झटको में ही अपना लंड मेरी गांद के आख़िरी कोने तक पहुँचा दिया, ऐसा लगा जैसे उसका लंड मेरी आंतडियों को चीरे डाल रहा हो. मैने गांद में लंड डलवाना इसलिए पसंद किया था, कि पिछली बार मैं गान्ड मरवाने का पूरा आनंद नहीं ले पाई थी और मेरा मन मचलता ही रह गया था, वो झाड़ जो गया था. आम मैं इसका भी मज़ा लूँगी ये सोच कर मैं उसका सपोर्ट करने लगी. गांद को पीछे की ओर धकेलने लगी. वो काफ़ी देर तक तेज़ तेज़ धक्के मारता हुआ मुझे आनंदित करता रहा, मैं खुद ही अपनी 2 उंगलियाँ चूत में डाल कर अंदर बाहर करने लगी, एक तो गान्ड में लंड का अंदर बाहर होना और दूसरा मेरा उंगलियों से अपनी चूत को कुचलना दो तरफ़ा आनंद से मैं जल्द ही झड़ने लगी और झाड़ते हुए बड़बड़ाने लगी, आआअहह सस्शहिईीयववववााअम्म्म्ममम मेरे ययययययाआअरर्र्ररर मज़ाआआ आआ गगग्गगाआआयययययाआ चहूऊद्ददडूऊऊओ रर्राआआजजजज्ज्जाअ आाऐययईईईईईीीइसस्स्स्स्स्स्सीई ही चहूऊओद्द्दद्डूऊऊ मुऊऊुज्ज्ज्झहीईए म्‍म्म्ममीईरीईई

गग्ग्गाआान्न्न्ँदडड़ का ब्ब्ब्बबाआआअजजजज्ज्ज्जाआाआअ ब्ब्ब्बाआज्जजज्जाआाअ

डूऊऊऊओ हहाआऐययईईई कीईईईत्त्ट्ट्टन्ंनणन्नाआआ म्‍म्म्माआज़्ज़्ज़्ज़ाआआ

आअरर्ररराआहहााअ हहाआऐययईईईईईईई, कहते हुए मैं झड़ने लगी, वो भी

3-4 तेज़ धक्के मारता हुआ बड़बड़ाता हुआ झंडे लगा आआआअहह लीई म्‍म्म्ममीईररर्र्रृिईईई रर्राआनणनिईिइ आआअजजजज्ज्ज टत्ततटूऊओ फफफफफ़ाआअद्द्द्द्दद्ड द्दड्दोंंनननगगगगगाआ त्ट्तीईरीइईईईई गाआअन्न्न्ँद्द्द्द्दद्ड, कयययययाआ म्‍म्म्मााअलल्ल्ल्लाआययययईई हहाआऐययईईईईईईईई तेरी गाआअन्न्‍ननन्न्ँद्द्द्द्द्दद्ड आआआहह लंड कैसे कस कस कर जा रहा है म्‍म्म्मममममममम कहता हुआ वो मेरी पीठ पर ही गिर पड़ा और हाँफने लगा.

क्रमशः...............
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RE: उफफफफ्फ़ ये जवानी - by sexstories - 06-12-2017, 06:18 PM

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