hindi kahani तरक्की का सफ़र
06-13-2017, 09:09 PM,
#9
RE: hindi kahani तरक्की का सफ़र
दूसरे दिन ऑफिस में मैंने समीना से कहा, “समीना! तुम्हें मेरा एक काम करना होगा, मुझे बर्थ कंट्रोल की गोलियाँ चाहिये रजनी के लिये।”

“तुम कंडोम क्यों नहीं इस्तमाल करते?” समीना ने पूछा।

“कंडोम इस्तमाल करता हूँ लेकिन रजनी को उसमे मज़ा नहीं आता”, मैंने कहा।

“ठीक है मैं ला दूँगी”, कहकर समीना अपने कम में लग गयी। 

अगले दिन समीना ने मुझे पैकेट दिया और कहा, “जाओ ऐश करो।”

अब हम लोगों के दिन आराम से कट रहे थे। दिन में ऑफिस में तीनों को चोदता था और घर पर रजनी को। मन में आता था कि मैं रजनी से शादी कर लूँ, इसलिये नहीं कि मैं उससे प्यार करता था मगर इसलिये कि मैं कंपनी के एम-डी का दामाद बन जाता, और क्या पता भविष्य में कंपनी का एम-डी।

एक दिन रजनी अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिये काम छोड़ कर चली गयी। मैं भी बोर हो रहा था तो सोचा अपने घर हो आऊँ। काफी दिन हो गये थे सब से मिले।

ऑफिस में छुट्टी की एपलीकेशन देकर मैं अपने घर पहुँचा। सब से मिलकर बहुत मज़ा आया, खास तौर पर अपनी दोनों बहनें, अंजू और मंजू से।

एक दिन पिताजी ने कहा, “राज मैंने तुम्हारी शादी फिक्स कर दी है, आज से ठीक पाँच दिन बाद तुम्हारी शादी मेरे दोस्त की बेटी प्रीती से हो जायेगी।”

मैं चिल्ला कर कहना चाहता था कि “नहीं पिताजी! मैं प्रीती से शादी नहीं करना चाहता, मुझे रजनी से शादी करनी है और कंपनी का एम-डी बनना है।” पर हिम्मत नहीं हुई, सिर्फ इतना कह पाया, “आप जैसा बोलें पिताजी।”

आज मेरी सुहागरात थी। मैं अपने दोस्तों के बीच बैठा था और सब मुझे समझा रहे थे कि सुहागरात को क्या करना चाहिये, सैक्स कैसे किया जाता है। उन्हें क्या मालूम कि मैं इस खेल में बहुत पुराना हो चुका हूँ। रात काफी हो चुकी थी। अपने दोस्तों से विदा ले मैं अपने कमरे की और बढ़ गया।

कमरे में घुसते ही देखा कि कमरा काफी सज़ा हुआ था। चारों तरफ फूल ही फूल थे। बेड भी सुहाग सेज़ की तरह सज़ा हुआ था। बेड पे मेरी दुल्हन यानी प्रीती, लाल रंग का जोड़ा पहने, घूँघट निकाले हुए बैठी थी। कमरे में पर्फयूम की सुगंध फैली हुई थी। मेरे कदमों की आवाज़ सुन कर उसने अपना सिर उठाया।

मैंने उसके पास बेड पर बैठते हुए कहा, “प्रीती ये तुमने घूँघट क्यों निकाल रखा है? मम्मी कहती थी कि तुम बहुत सुंदर हो, अपना घूँघट हटा कर मुझे भी तुम्हारे रूप के दर्शन करने दो।” उसने ना में गर्दन हिलाते हुए जवाब दिया। 

अगर तुम नहीं हटाओगी तो ये कम मुझे अपने हाथों से करना पड़ेगा। ये कहकर मैंने अपने हाथों से उसका चेहरा ऊपर उठाया और उसका घूँघट हटा दिया। घूँघट हटाते ही ऐसे लगा कि कमरे में चाँद निकल आया हो। प्रीती सिर्फ काफी नहीं बल्कि बहुत सुंदर थी। गोरा रंग, लंबे बाल। उसकी काली काली आँखें इतनी तीखी और प्यारी थी कि मैं उसकी सुंदरता में खो गया। रजनी, प्रीती के आगे कुछ भी नहीं थी। उसने अपनी आँखें बंद कर रखी थीं, चेहरे पे शर्म थी। मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में लेते हुए कहा, “प्रीती! तुम दुनिया की सबसे सुंदर लड़की हो, अपनी आँखें खोलो और मुझे इसकी गहराइयों में डूब जाने दो।”

उसने अपनी मादकता से भरी आँखें धीरे से खोली, और मैंने अपने तपते हुए होंठ उसके लाली से भरे होंठों पर रख दिये। उसके शरीर में कोई हरकत नहीं थी इसके सिवा कि उसकी साँसें तेज हो रही थी। प्रीती ने काफी ज्वेलरी पहन रखी थी। मैं एक-एक कर के उसके जेवर उतारने लगा।

“आओ प्रीती! मेरे पास लेट जाओ”, कहकर मैंने उसे अपने बगल में लिटा दिया। उसे अपनी बाँहों में भरते हुए हम लोग ऐसे ही कितनी देर तक लेटे रहे। थोड़ी देर बाद मैं अपना एक हाथ उसकी छाती पर रख कर उसके मम्मे दबाने लगा।

“ये क्या कर रहे हो?” उसने धीरे से कहा।

“कुछ नहीं! तुम्हारे बदन को परख रहा हूँ”, मैंने जवाब दिया।

जब मैंने उसके ब्लाऊज़ के बटन खोलने शुरू किये तो उसने मेरा हाथ पकड़ते हुए कहा, “प्लीज़ मत करो ना।“

“मुझे करने दो ना, आज हमारी सुहागरात है और सुहागरात का मतलब होता है दो शरीर और अत्मा का मिलन, और मैं नहीं चाहता कि हमारे मिलन के बीच ये कपड़े आयें”, और मैं उसके कपड़े उतारने लगा।

“अच्छा लाइट बंद कर दो... नहीं तो मैं शरम से मर जाऊँगी।” उसने अपना चेहरा दोनों हाथों में छुपाते हुए कहा।

“अगर लाइट बंद कर दूँगा तो तुम्हारे गोरे और प्यारे बदन को कैसे देख सकुँगा”, मैंने मुस्कुराते हुए कहा।

अब मैं धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने लगा। उसका नंगा बदन देख कर मुझसे रहा नहीं गया। मैंने उसे बाँहों में भरते हुए कहा, “प्रीती! तुम्हारा बदन तो मेरी कल्पना से भी ज्यादा सुंदर है।” ये सुनकर उसने अपने आँखें और कस कर बंद कर ली।

मैं उसकी दोनों छातियों को सहला रहा था और उसके निप्पल चूस रहा था। जब कभी मैं उसके निप्पल को दाँतों में भींच लेता तो उसके मुँह से सिसकरी छूट पड़ती थी।

मैं उसकी चूत का छेद देखना चाहता था कि क्या वो रजनी के छेद जैसा ही था या उससे छोटा था। मैं धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ने लगा और उसकी नाभी को चूमते हुए उसकी चूत के पास आ गया। उसकी चूत बारिकी से कटे हुए बालों से ढकी पड़ी थी।

मैंने उसकी चूत को धीरे से फैला कर अपनी जीब उस पर रख दी और चाटने लगा।

“प्लीज़! ये मत करो”, उसने सिसकते हुए कहा।

उसकी चूत को चूसते और चाटते हुए मैंने उसकी जाँघों को थोड़ा ऊपर उठाया और उसकी चूत के छेद को देखा। प्रीती की चूत का छेद रजनी की चूत के छेद जैसा ही था।

“वहाँ मत देखो मुझे बहुत शरम आ रही है”, उसने कहा। 

“इसमे शरमाने की क्या बात है? हमारी शादी हो चुकी है, और हम दोनों को एक दूसरे के शरीर को देखने और खेलने का हक है। तुम भी मेरा लंड देख सकती हो।” उसने शर्मते हुए मेरे लंड की तरफ देखा जो तंबू की तरह मेरे पायजामे में तन कर खड़ा था।
Reply


Messages In This Thread
RE: hindi kahani तरक्की का सफ़र - by sexstories - 06-13-2017, 09:09 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 1,410 2 hours ago
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 1,021 3 hours ago
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 15,119 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 7,253 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 4,934 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,758,293 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,692 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,344,423 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,028,624 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,806,265 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 24 Guest(s)