Hot stories घर का बिजनिस
06-23-2017, 10:33 AM,
#23
RE: Hot stories घर का बिजनिस
अगले दिन जब में सोकर उठा और अपने रूम से बाहर आया तो अम्मी ने मुझे देखते ही ऋतु को आवाज दी और कहा- चलो बेटी, तुम्हारा भाई उठ गया है नाश्ता दे दो भाई को…”

कुछ ही देर के बाद जब ऋतु मेरे लिए नाश्ता लेकर आई तो मैं उसे देखता ही रह गया क्योंकि उस वक़्त ऋतु ने हल्का सा काटन का पाजामा पहन रखा था और उसके ऊपर एक ढीली सी शर्ट थी जिसमें मेरी छोटी बहन का जिश्म गजब ढा रहा था। क्योंकि ऋतु को इस ड्रेस में देखते ही मेरा लण्ड पूरा हार्ड हो गया था और दिल कर रहा था कि अभी पकड़ लूँ और यहाँ सबके सामने ही साली की फुद्दी को खोलकर रख दूँ।

अम्मी- बेटा, क्या देख रहे हो अपनी बहन को? नजर लगानी है क्या इसे?
मैं- “अरे अम्मी, मेरी नजर का तो पता नहीं पर लगता है किसी और की नजर लग जाएगी इसे…”

अम्मी- “चल कमीना कहीं का, कुछ तो ख्याल रख। अभी मेरी बच्ची बहुत छोटी है उसकी नजर बर्दाश्त नहीं कर सकती…”

मैं- “नहीं अम्मी, अब इतनी छोटी भी नहीं है हमारी बहना, जितना आप इसे बना रही हैं…”

ऋतु हमारी इन बातों से लाल हो रही थी बोली- “भाई नाश्ता तो कर लो…”

मैं- “मेरी जान, अपने हाथों से करवा दो ना आज अपने भाई को…”

अम्मी- “चल ऋतु, तू जा अभी यहाँ से। नहीं तो ये कमीना तो अभी नाश्ते के साथ तुझे भी खा जाएगा…”

ऋतु अम्मी की बात सुनते ही वहाँ से चली गई और मैं उसे जाते हुये उसकी गाण्ड को घूरने लगा जो कि बारीक पाजामे की वजह से साफ नजर आ रही थी और मेरे लण्ड को तड़पा रही थी।

अम्मी- “चल आलोक, नाश्ता कर ले फिर बाजार से कुछ सामान ले आना और वापिस आकर ऋतु की मालिश आज पूरी कर देना…”

मैं अम्मी की बात समझ गया और बोला- “अम्मी, क्यों ना मैं पहले ऋतु की मालिश कर दूँ। सामान तो आप भी ले ही आओगी…”

अम्मी हँसते हुये बोली- “अच्छा ठीक है, मैं चली जाती हूँ लेकिन याद रखना सिर्फ़ पीछे से ही करना जितना भी करना है क्योंकि ऋतु की जवानी को देखकर काफी लोग तैयार हो चुके हैं पैसे देने को। लगता है कि अब इसकी बोली ही लगेगी…”

मैंने नाश्ता किया और उठकर ऋतु के रूम की तरफ चला गया, जहाँ दीदी और बुआ भी बैठी हुई थीं। मुझे देखते ही दीदी ने कहा- हाँ भाई, क्या बात है? कोई काम था क्या?

मैं- “नहीं दीदी, काम तो कोई नहीं था। बस अम्मी ने कहा है कि ऋतु की मालिश कर दूँ अभी…”

बुआ- ओहोहो, तो मेरा भतीजा अपनी बहन की मालिश करने आया है। चलो भाई, हम जाते हैं फिर यहाँ से…”

दीदी- बैठो ना बुआ, हमसे क्या शरमाना है भाई को। क्यों भाई? हमारे सामने ही कर सकोगे ना आप ऋतु की… चू… ओह सारी मालिश

ऋतु दीदी की बात से बुरी तरह शर्मा गई और उठकर वाश-रूम में घुस गई। ऋतु के इस तरह शरमाने से दीदी और बुआ भी हेहेहेहेहे करके हँसने लगी और फिर वहाँ से उठकर बाहर की तरफ चल पड़ी।

तो बाजी ने मेरी तरफ मुड़ के कहा- देखो आलोक, आज इसे तैयार करो क्योंकि कल इसे काम पे लगना है समझ गये…”

मैंने हाँ में सर हिला दिया और कहा- “जी दीदी, मैं कोशिश करूंगा, अगर मान गई तो ठीक है…”

दीदी ने कहा- मैंने और बुआ ने उसे अच्छी तरह समझा दिया है। वो तुम्हें परेशान नहीं करेगी और जो कहोगे करेगी…” दीदी इतना बोलकर रूम से निकल गई।

तो मैंने ऋतु को आवाज दी और कहा- चलो ऋतु, दीदी और बुआ चली गई हैं। आ जाओ रूम में, मालिश नहीं करनी क्या?

जब ऋतु वाश-रूम में से बाहर आई तो उसने सिर्फ़ एक चादर लपेट रखी थी अपने ऊपर और आकर बेड के पास खड़ी हो गई और आहिस्ता सी आवाज में बोली- भाई, लाइट बंद कर दें?

मैंने कहा- क्यों? लाइट चलने दो ना प्लीज़्ज़… आओ ऐसे अच्छी तरह तेल लगा सकूंगा मैं…”

ऋतु ने नजर उठाकर मेरी तरफ देखा और कुछ बोले बिना ही बेड पे लेट गई तो मैं आगे बढ़ा और अपनी कमीज उतार के बगल में रख दी और तेल की बोतल पकड़कर बेड पे बैठ गया। फिर मैंने ऋतु की बगल से चादर का किनारा पकड़ा और ऋतु के ऊपर से चादर को खींच लिया।

चादर के हटते ही मेरी आँखों के सामने मेरी बहन की कमर और गाण्ड जो कि बिल्कुल नंगी थी सामने आ गई और मैं कुछ देर तक इस नजारे को देखता ही रह गया। फिर अचानक मैं थोड़ा सा नीचे झुका और ऋतु की गाण्ड पे हल्की सी किस कर दी।

जिससे ऋतु तड़प गई और- “आअह्ह… भाई, ये आप क्या कर रहे हो? प्लीज़्ज़ ये नहीं करो…”

मैंने ऋतु को कहा- “ऋतु कुछ नहीं होता मेरी जान, मैं भाई हूँ तुम्हारा, तुम्हारे साथ जो भी करूंगा तुम्हें मजा और सकून देने के लिए ही करूंगा…”

अबकी बार ऋतु चुप रही और कुछ नहीं बोली। तो मैंने ऋतु की बाडी पे तेल लगाने की बजाये उसकी कमर पे हाथ फेरना और गाण्ड को सहलाना शुरू कर दिया। मेरे इस तरह करने से ऋतु के मुँह से हल्की आवाज में सिसकियां निकलने लगी थीं जिससे साफ पता चल रहा था कि ऋतु को इससे मजा आ रहा है और वो काफी गरम भी हो गई है।

फिर अचानक मैंने ऋतु को एक झटके से सीधा कर दिया और उसकी छोटी-छोटी चूचियों को अपने हाथों में भर लिया। लेकिन ऋतु ने अपनी आँखों को बंद कर लिया और अपने होंठों को काटने लगी और साथ ही मुँह से उन्म्मह की हल्की आवाज में सिसकियां भरने लगी लेकिन मुझे मना नहीं किया।

अब मैं थोड़ा आगे हुआ और ऋतु के होंठ, जो कि मजे की वजह से लरज़ रहे थे, से अपने होंठ लगा दिए जिसे ऋतु ने अपने होंठों में भर लिया और किस करने लगी और साथ ही मुझे अपनी तरफ खींच लिया। ऋतु की किस में बड़ी शिद्दत थी, कभी वो अपनी जुबान को मेरे मुँह में घुसाकर किस करती, और कभी मेरी जुबान को अपने मुँह में भर के चूसने लगती। जिससे मैं भी मजे से पागल होने लगा। कुछ देर तक हम दोनों बहन भाई इसी तरह किस करते रहे और फिर मैंने अपने होंठ अपनी बहन के होंठों से अलग किए और उसकी चूचियों पे रख दिए और चूसने लगा।

जिससे ऋतु को और भी मजा आने लगा और वो- “ऊओ भाई… उन्म्मह… पी लो भाई आज अपनी बहन की चूचियों को हूंणमम…”

अब मैं ऋतु की चूचियों को चूसने के साथ हल्का-हल्का दबा भी रहा था और कुछ देर के बाद मैं ऋतु की चूचियों से नीचे की तरफ हुआ और उसके पेट और फिर आहिस्ता-आहिस्ता उसकी फुद्दी के ऊपर की तरफ भूरे बालों के पास अपनी जुबान घुमाने लगा तो ऋतु पागल ही हो उठी और मेरे सर को अपनी फुद्दी की तरफ दबाने लगी और आअह्ह… भाई नहीं प्लीज़्ज़… ये क्या कर दिया आपने… उन्म्मह… की आवाज से मेरे सर को भी अपनी फुद्दी की तरफ दबाने लगी। अब मैंने जैसे ही ऋतु की फुद्दी के ऊपर अपनी जुबान को घुमाया तो ऋतु के जिश्म को एक झटका सा लगा और इसके साथ ही ऋतु ने अपने हाथों के साथ मेरे सर को अपनी फुद्दी के साथ दबा लिया और- “हाँ भाई… यहाँ से चाटो प्लीज़्ज़… यहाँ ज्यादा मजा आ रहा है… उन्म्मह…”

ऋतु की फुद्दी काफी ज्यादा गरम और गीली हो चुकी थी और उसमें से निकलने वाला गाढ़ा सा नमकीन पानी मुझे बड़ा मजा दे रहा था और मैं अपनी जुबान को ऊपर से नीचे की तरफ चलाने लगा जिससे ऋतु और भी तड़पने लगी और- “आअह्ह… भाई, खा जाओ अपनी बहन की फुद्दी को… ऊओ… भाई मुझे कुछ हो रहा है… ऊओ… भाई…” की आवाज के साथ ही ऋतु का जिश्म अकड़ने लगा और फिर उसे 3-4 झटके लगे और उसकी फुद्दी से पानी का सैलाब सा निकलकर मेरे मुँह में जाने लगा जिसे मैं मजे से पी गया।

ऋतु फारिग़ होने के बाद कुछ निढाल सी हो गई और अपनी आँखों को बंद किए लंबी सांसें भरने लगी तो मैं उसकी टाँगों में से उठकर बगल में बैठ गया और अपना मुँह उसके करीब करके बोला- ऋतु मेरी जान मजा आया तुम्हें?

मेरी बात सुनते ही ऋतु ने अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ देखकर हल्का सा मुश्कुरा उठी और फिर मुझे अपनी तरफ खींच लिया और किस करने लगी।

हम दोनों ने कुछ देर किस की और फिर मैं उठा और अपने लण्ड को उसके मुँह के पास कर दिया और बोला- “चलो अब इसे भी अपने मुँह में लेकर प्यार करो…”

ऋतु ने कहा- “भाई इसे प्यार करना जरूरी है क्या?

तो मैंने हाँ में सर हिला दिया और कहा- “हाँ मेरी जान, असल मजा तो इसे प्यार करने से ही आता है…”

ऋतु कुछ देर तक मेरी तरफ देखती रही और फिर आहिस्ता से अपना मुँह खोल दिया और मेरे लण्ड का सुपाड़ा को अपने मुँह में भर लिया और चाटने लगी जिससे मुझे भी मजा आने लगा। लेकिन क्योंकि ऋतु ने कभी किसी का लण्ड अपने मुँह में नहीं लिया था और ऊपर से मेरे इतना बड़ा और मोटा लण्ड वो अपने मुँह में लेने की कोशिश में अपने दाँत मेरे लण्ड के साथ रगड़ रही थी जिससे मुझे हल्की तकलीफ भी हो रही थी। जिसकी वजह से मैंने ऋतु के मुँह से अपना लण्ड निकाल लिया।
Reply


Messages In This Thread
RE: Hot stories घर का बिजनिस - by sexstories - 06-23-2017, 10:33 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 8,598 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 4,069 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 2,902 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,750,027 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 576,486 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,340,645 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,024,574 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,800,129 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,202,687 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,162,075 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)