Hindi sex मैं हूँ हसीना गजब की
06-25-2017, 12:55 PM,
#17
RE: Hindi sex मैं हूँ हसीना गजब की
स्वामी ने कुच्छ ही देर मे रस्तोगी के पीछे आकर उसको मेरे सामने से
खींच कर हटाया.

"रस्तोगी तुम इसको फक करो. इसके कंट को रगड़ रगड़ कर चौड़ा कर
दो. मैं तब तक इसके मुँह को अपने इस मिज़ाइल से चोद्ता हूँ." ये कह
कर स्वामी आ कर रस्तोगी की जगह खड़ा हो गया और उसकी तरह ही
मेरेसिर को उठा कर अपने कमर को आगे किया जिससे मैं उसके लिंग को अपने
मुँह मे ले सकूँ. उसका लिंग एक दम कोयले सा काला था. लेकिन वो
इतनामोटा था कि पूरा मुँह खोलने के बाद भी उसके लिंग के सामने का
सूपड़ा मुँह के अंदर नही जा पा रहा था. उसने अपने लिंग को आगे
ठेला. मुझे लगा कि मेरे होंठों के किनारे अब चिर जाएँगे. मैने
उसको सिर हिला कर अपनी असमर्थता जताई. लेकिन वो मानने को तैयार
नही था. उसने मेरे सिर को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर एक ज़ोर का
धक्का मेरे मुँह मे दिया. और उसका लिंग के आगे का टोपा मेरे मुँह मे
घुस गया. मैं उस लिंग के आगे वाले मोटे से गेंद को अपने मुँह मे
प्रवेश करते देख कर घबरा गयी. मुझे लगा कि अब मैं और नही
बच सकती. पहाड़ की तरह दिखने वाला काला भुजंग मेरे उपर और
नीचे के रास्तों को फाड़ कर रखेगा. मैं बड़ी मुश्किल से उसके लिंग
पर अपने मुँह को चला पा रही थी. मैं आगे पीछे तो क्या कर रही
थी स्वामी खुद मेरे सिर को अपने हाथों से पकड़ कर अपने लिंग के आगे
पीछे कर रहा था. मेरे मुँह मे स्वामी के लिंग को प्रवेश करते
देख अब रस्तोगी मेरे पैरों के बीच आ गया था. उसने मेरी टाँगों को
पकड़ कर अपने कंधे पर रख लिया और अपने लिंग को मेरी योनि पर
लगाया. मैं उसके लिंग के टिप को अपनी योनि के दोनो फांकों के बीच
महसूस कर रही थी. मैने एक बार नज़रें तिर्छि करके पंकज को
देखा उसकी आँखें मेरे योनि पर लगे लिंग को सांस रोक कर देख रही
थी. मैने अपनी आँखें बंद कर ली. मैं हालत से तो समझौता कर ही
चुकी थी. अब मैने भी इस संभोग को पूरी तरह एंजाय करने का मन
बना लिया.

रस्तोगी काफ़ी देर से इसी तरह अपने लिंग को मेरी योनि से सताए खड़ा
था और मेरी टाँगों को अपनी जीभ से चाट रहा था अब हालत बेकाबू
होते जा रहे थे. अब मुझसे और देरी बर्दस्त नही हो रही थी. मैने
अपनी कमर को थोड़ा उपर किया जिससे उसका लिंग बिना किसी प्राब्लम के
अंदर घुस जाए. लेकिन उसने मेरे कमर को आगे आते देख अपने लिंग को
उसी गति से पीछे कर लिया. उसके लिंग को अपनी योनि के अंदर ना
सरकता पाकर मैने अपने मुँह से "गूऊँ गूऊँ" करके उसे और देर
नही करने का इशारा किया. कहना तो बहुत कुच्छ चाहती थी लेकिन उस
विशाल लंड के गले तक ठोकर मरते हुए इतनी सी आवाज़ भी कैसे
निकल गयी पता नही चला.

मैने अपनी टाँगें उसके कंधे से उतार कर उसकी कमर के इर्दगिर्द
घेरा
डाल दिया और उसके कमर को अपने टाँगों के ज़ोर से अपनी योनि मे
खींचा लेकिन वो मुझसे भी ज़्यादा ताकतवर था उसने इतने पर भी
अपने लिंग को अंदर नही जाने दिया. आख़िर हार कर मैने अपने एक हाथ
से उसके लिंग को पकड़ा और दूसरे हाथ से अपनी योनि के द्वार को चौड़ा
करके अपने कमर को उसके लिंग पर उँचा कर दिया.

" देख पंकज तेरी बीवी कैसे किसी रंडी की तरह मेरा लंड लेने के
लिए च्चटपटा रही है." रस्तोगी मेरी हालत पर हँसने लगा. उसका
लिंग अब मेरी योनि के अंदर तक घुस गया था. मैने उसके कमर को
सख्ती से अपनी टाँगों से अपनी योनि पर जाकड़ रखा था. उसके लिंग को
मैने अपने योनि के मुस्सलेस से एक दम कस कर पकड़ लिया और अपनी
कमर को आगे पीछे करने लगी. अब रस्तोगी मुझे नही बल्कि मैं
रस्तोगी को चोद रही थी. रस्तोगी ने भी कुच्छ देर तक मेरी हालत का
मज़ा लेने के बाद अपने लिंग से धक्के देना शुरू कर दिया.
वो कुच्छ ही देर मे पूरे जोश मे आ गया और मेरी योनि मे दनादन
धक्के मारने लगा. हर धक्के के साथ लगता था की मैं टेबल से आगे
गिर पाड़ूँगी. इसलिए मैने अपनी हाथों से टेबल को पकड़ लिया.
रस्तोगी ने मेरे दोनो स्तानो को अपनी मुट्ठी मे भर कर उनसे रस
निकालने की कोशिश करने लगा. मेरे स्तनो पर वो कुच्छ ज़यादा ही
मेहरबान था. जब से आया था उन्हे मसल मसल कर लाल कर दिया
था.
दस मिनिट तक इसी तरह ठोकने के बाद उसके लिंग से तेज वीर्य की
धार मेरी योनि मे बह निकली. उसके वीर्य का साथ देने के लिए मेरे
बदन से भी धारा फूट निकली. उसने मेरे एक स्तन को अपने दाँतों के
बीच बुरी तरह जाकड़ लिया. जब सारा वीर्य निकल गया तब जाकर

उसने मेरे स्तन को छ्चोड़ा. मेरे स्तन पर उसके दन्तो से हल्के से कट
लग गये थे जिनसे खून के दो बूँद चमकने लगी थी.
स्वामी अभी भी मेरे मुँह को अपने खंबे से चोदे जा रहा था. मेरा
मुँह उसके हमले से दुखने लगा था. लेकिन रस्तोगी को मेरी योनि से
हटते देख कर उसकी आँखें चमक गयी. और उसने मेरे मुँह से अपने
लिंग को निकाल लिया. मुझे ऐसा लगा मानो मेरे मुँह का कोई भी अंग
काम नही कर रहा है. जीभ बुरी तरह दुख रही थी उसे हिलाया
भी
नही जा रहा था. और मेरा जबड़ा खुला का खुला रह गया. वो मेरी
योनि की तरफ आकर मेरी योनि पर अपना लिंग सटाया.

पंकज वापस मेरे मुँह के पास आ गया. मैने उसके लिंग को वापस अपनी
मुट्ठी मे लेकर सहलाना चालू किया. मैं उसके लिंग पर से अपना
ध्यान
हटाना चाहती थी. मैने पंकज की ओर देखा तो पंकज ने मुस्कुराते
हुए अपना लिंग मेरे होंठों से सटा दिया मैने भी मुस्कुरा कर अपना
मुँह खोल कर उसके लिंग को अंदर आने का रास्ता दिया. स्वामी के लिंग को
झेलने के बाद तो पंकज का लिंग किसी बच्चे का हथियार लग रहा
था.

स्वामी ने मेरी टाँगों को दोनो हाथों से जितना फैला सकता था उतना
फैला दिया. वो अपने लिंग को मेरी योनि पर फिराने लगा. मैने उसके
लिंग को हाथों मे भर कर अपनी योनि पर रखा.

" धीरे धीरे….. स्वामी जी नही तो मैं मर जौंगी." मैने स्वामी से
रिक्वेस्ट किया. स्वामी एक भद्दी हँसी हंसा. हंसते हुए उसका पूरा
बदन हिल रहा था. उसका लिंग वापस मेरी योनि पर से हट गया.

" ओये पंकज तुम्हारी बीवी को तुम जब चाहे कर सकता है अभी तो
मेरी
हेल्प करो. इडार आओ… मेरे रोड को हाथों से पकड़ कर अपने वाइफ के
कंट
मे डालो. मैं इसकी टाँगे पकड़ा हूँ. इसलिए मेरा कॉक बार बार
तुम्हारे वाइफ के कंट से फिसल जाता है. पाकड़ो इसे…….." पंकज ने आगे
की ओर हाथ बढ़ा कर स्वामी के लिंग को अपनी मुट्ठी मे पकड़ा. कुच्छ
देरसे कोशिश करने के कारण उसका लिंग थोडा ढीला पड़ गया था.

" पंकज पहले इसे अपने हाथो से सहला कर वापस खड़ा करो. उसके
बाद अपनी बीवी की पुसी मे डालना. आज तेरे फाइफ की पुसी को फाड़ कर
रखूँगा." पंकज उसके लिंग को हाथों मे लेकर सहलाने लगा. मैने
भी हाथ बढ़ा कर उसके लिंग के नीचे लटक रही गेंदों को सहलाना
शुरू किया. कैसा अजीब महॉल; था अपनी बीवी की योनि को ठुकवाने के
लिए मेरा हज़्बेंड एक अजनबी के लिंग को सहला कर खड़ा कर रहा था.
कुच्छ ही देर मे हम दोनो की कोशिशें रंग लाई और स्वामी का लिंग
वापस खड़ा होना शुरू हो गया. उसका आकार बढ़ता ही जा रहा था.
उसेदेख देख कर मेरी घिग्घी बाँधने लगी.

" धीरे धीरे…….स्वामी जी मैं इतना बड़ा नही ले पौँगी. मेरी योनि
अभी बहुत टाइट है." मैने कसमसाते हुए कहा, "तुम …तुम बोलते
क्यों नही…" मैने पंकज से कहा.

पंकज ने स्वामी की तरफ देख कर उनसे धीरे से रिक्वेस्ट की, " मिस्टर.
स्वामी……प्लीज़ थोडा धीरे से. शी हॅड नेवेर बिफोर एक्सपीरियेन्स्ड
सच
ए मॅसिव कॉक. यू मे हार्म हर. युवर कॉक ईज़ शुवर टू टियर हर
अपार्ट."

"हः… डॉन'ट वरी पंकज. वेट फॉर फाइव मिनिट्स. वन्स आइ स्टार्ट
हमपिंग
शी विल स्टार्ट आस्किंग फॉर मोरे लाइक ए रियल स्लट" स्वामी ने पंकज को
दिलासा दिया. उसने मेरी योनि के अंदर अपनी दो उंगली डाल कर उसे
घुमाया और फिर मेरे और रस्तोगी के वीर्य से लिसदी हुई उंगलियों को
बाहर निकाल कर मेरे आँखों के सामने एक बार हिलाया और फिर उसे अपने
लिंग पर लगाने लगा. ये काम उसने कई बार रिपीट किया. उसका लिंग
हम दोनो के वीर्य से गीला हो कर चमक रहा था. उसने वापस अपने
लिंग को मेरी योनि पर सताया और दूसरे हाथ से मेरी योनि की फांकों
को अलग करते हुए अपने लिंग को एक हल्का धक्का दिया. मैने अपनी
टाँगों को छत की तरफ उठा रखा था. मेरी योनि उसके लिंग के
सामने
खुल कर फैली हुई थी. हल्के से धक्के से उसका लिंग अंदर ना जाकर
गीली योनि पर नीचे की ओर फिसल गया. उसने दोबारा अपने लिंग को
मेरी
योनि पर सताया. पंकज उसके पास ही खड़ा था. उसने अपनी उंगलियों
से
मेरी योनि की फांकों को अलग किया और योनि पर स्वामी के लिंग को
फँसाया. स्वामी ने अब एक ज़ोर का धक्का दिया और उसके लिंग के सामने का
टोपा मेरी योनि मे धँस गया. मुझे ऐसा लगा मानो मेरे दोनो टाँगों
के बीच किसी ने खंजर से चीर दिया हो. मैं दर्द से च्चटपटा
उठी,"आआआआआअहह ह" मेरे नाख़ून पंकज के लिंग पर गड़ गये.
मेरे
साथ वो भी दर्द से बिलबिला उठा. लेकिन स्वामी आज मुझ पर रहम
करने के बिल्कुल मूड मे नही था. उसने वापस अपने लिंग को पूरा
बाहर
खींचा तो एक "फक" सी आवाज़ आई मानो किसी बॉटल का कॉर्क खोला
गया हो.



उसे मुझे दर्द देने मे मज़ा आ रहा था. नही तो वो अगर चाहता तो उस
अवस्था मे ही अपने लिंग को धक्का दे कर और अंदर कर देता. लेकिन
वो तो पूरे लिंग को बाहर निकल कर वापस मुझे उसी तरह के दर्द से
च्चटपटाता देखना चाहता था. मैने उसके आवेग को कम करने के लिए
उसके सीने पर अपना एक हाथ रख दिया था. लेकिन उसका काम तो आँधी
मे एक कमजोर फूल की जुर्रत के समान ही था.

उसने वापस अपने लिंग को मेरी योनि पर लगा कर एक ज़ोर का धक्का
दिया. मैं दर्द से बचने के लिए आगे की ओर खिसकी लेकिन कोई फ़र्क
नही पड़ा. मई दर्द से दोहरी हो कर चीख उठी,"उफफफफफ्फ़ माआआअ
मर गइईई"

उसका आधा लिंग मेरी योनि के मुँह को फाड़ता हुआ अंदर धँस गया. मेरा
एक हाथ उसके सीने पर पहले से ही गढ़ा हुआ था. मैने दर्द से राहत
पाने के लिए अपने दूसरे हाथ को भी उसके सीने पर रख दिया. उसके
काले सीने पर घने काले सफेद बाल उगे हुए थे मैने दर्द से अपनी
उंगलियों के नाख़ून उनके सीने पर गढ़ा दिए. एक दो जगह से तो
खून भी छलक आया और मुत्ठिया बंद हो कर जब खुली तो मुझे
उसमे उसके सीने के टूटे हुए बॉल नज़र आए. स्वामी एक भद्दी सी
हँसी हंसा और मेरी टाँगों को पकड़ कर हंसते हुए मुझ से पूचछा,

" कैसा लग रहा है जान…..मेरा ये मिज़ाइल? मज़ा आ गया ना?"

मैं दर्द को पीती हुई फटी हुई आँखों से उसको देख रही थी. उसने
दुगने ज़ोर से एक और धक्के के साथ अपने पूरे लिंग को अंदर डाल
दिया. मैं किसी मच्चली की तरह च्चटपटा रही थी.


"आआआआआअहह ह म्‍म्म्माआआ….. पंकाआआअज बचऊूऊ………
मुझीई ईईए फ़ाआआद डेनेगीई"

मैं टेबल से उठने की कोशिश करने लगी मेगेर रस्तोगी ने मेरे स्तनो
को अपने हाथों से बुरी तरह मसल्ते हुए मुझे वापस लिटा दिया.
उसने मेरे दोनो निपल्स को अपनी मुत्ठियों मे भर कर इतनी ज़ोर का
मसला कि मुझे लगा मेरे दोनो निपल्स उखाड़ ही जाएँगे. मैं इस दो
तरफ़ा हमले से च्चटपटाने लगी.

स्वामी अपने पूरे लिंग को मेरी योनि मे डाल कर कुच्छ देर तक उसी
तरह खड़ा रहा. मेरी योनि के अंदर मानो आग लगी हुई थी. मेरी
योनि की दीवारें चरमरा रही थी. रस्तोगी उस वक़्त मेरे निपल्स और
मेरे स्तनो को अपने हाथों से और दाँतों से बुरी तरह नोच रहा था
काट रहा था. इससे मेरा ध्यान बाँटने लगा और कुच्छ देर मे मैं अपने
नीचे उठ रही दर्द की लहर को भूल कर रस्तोगी से अपने स्तनो को
च्छुदाने लगी. कुच्छ देर बाद स्वामी का लिंग सरसरता हुआ बाहर की
ओर निकलता महसूस हुआ . उसने अपने लिंग को टिप तक बाहर निकाला और
फिर पूरे जोश के साथ अंदर डाल दिया. अब वो मेरी योनि पर ज़ोर ज़ोर
से धक्के मरने लगा. उसको हरकत मे आते देख रस्तोगी का लिंग वापस
खड़ा होने लगा. वो घूम कर मेरे दोनो कंधों के पास टाँगें रख
कर अपने लिंग को मेरे होंठों पर रगड़ने लगा. मैं उसका आशय
समझ कर अपने मुँह को खोल कर उसके लिंग को अपने मुँह मे ले ली. वो
मेरी च्चातियों के उपर बैठ गया. मुझे ईसा लगा मानो मेरे सीने की
सारी हवा निकल गयी हो. उसने अपने लिंग को मेरे मुँह मे देकर झुक
कर अपने दोनो हाथों को अपने घुटनो पर रख कर मेरे मुँह मे अपने
लिंग से धक्के मारने लगा. इस पोज़िशन मे स्वामी मुझे दिखाई नही
दे रहा था मगर उसके जबरदस्त धक्के मेरे पूरे जिस्म को बुरी
तरह झकझोर रहे थे.
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RE: Hindi sex मैं हूँ हसीना गजब की - by sexstories - 06-25-2017, 12:55 PM

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