Sex Hindi Kahani रंगीन आवारगी
06-26-2017, 12:45 PM,
#9
RE: Sex Hindi Kahani रंगीन आवारगी
मेरा दिल उसके सूपाडे को चूम लेने को करने लगा. "मोना, तू बहुत किस्मत वाली है. मेरे भाई का लंड तेरी किस्मत मे है, कितना मस्त है ये लंड. तुझे जन्नत दिखा देगा ये!!" मोना भी मस्ती मे आ चुकी थी और मेरी ब्रा खोलने लगी थी. मेरी चुचि नंगी हो कर मेरे भाई के सामने आ गयी और उसका मूह खुला का खुला रह गया. मोना ने झुक कर मेरे निपल्स चाटने शुरू कर दिए. संजू भी अपने कंट्रोल को खो चुका था और उसने मेरी पॅंटी को नीचे सरकाना शुरू कर दिया. मेरी पॅंटी का सामने वाला भाग मेरे चूत रस से भीगा हुआ था. मैं अब अपने सगे भाई के सामने नंगी थी और उसके लंड से खेल रही थी.

मोना उठी और अपनी टॉप को उतारते हुए बोली,"संजू, मेरे यार, आज मज़े लेने का दिन है. चलो तेरे बेड पर चलते हैं. आज तुम मुझे और बिंदु दीदी के साथ मज़े लूट लो. इसके बाद हम तीनो का ये रिश्ता हमारा एक सीक्रेट ही रहेगा. लेकिन मेरी शर्त है. बिंदु दीदी मेरी भी पार्ट्नर होंगी. मुझे ऐसा जिस्म चूमने को कहाँ मिलेगा और तुझे ऐसी औरत चोदने को कहाँ मिलेगी? और तुझे मुझ जैसी खुले मन की बीवी कहाँ मिलेगी? आओ मेरे यार मुझे अपनी बेहन के साथ साथ चोदो आज की रात. चलो इस रात को यादगार बना दें!!"

हम उठ कर संजू के रूम मे चले गये और मैं और मोना दोनो संजू को नंगा करने मे व्यस्त हो गयी. जब मेरा भाई नंगा हुआ तो मैं उसके लंड का तनाव देख कर दंग रह गयी. संजू का लंड कम से कम 8 इंच का था और बहुत मोटा था. मोना ने संजू को पलंग पर गिराया और उसके सूपदे को चूमने लगी.

मैं भी वासना मे अंधी हो चुकी थी. मैने अपने होंठ अपने भाई के अंडकोष से सटा दिए और उसके अंडकोष चूसने लगी. मेरा भाई आँखें बंद कर के लेटा हुआ था और उसकी साँस ऐसे चल रही थी जैसे कोई जानवर थका हुआ हो. तभी संजू बोला," तुम दोनो बला की सेक्सी लडकयाँ हो!! आज पहली बार दो औरतों की एक साथ चुदाई करूँगा मैं!! मोना पहले मैं तुझे चोदुन्गा क्योकि तुझे मैं चोद चुका हूँ. दीदी के सामने मुझे कुच्छ झीजक हो रही है. इस लिए दीदी को बाद मे चोदुन्गा. वैसे भी मोना की इच्छा थी कि वो मेरा लंड अपने हाथों से दीदी की चूत मे डालेगी. दीदी तुझे कोई एतराज़ तो नही?"

मैने मस्ती मे सिर हिला दिया. फिर मैने मोना की जांघों को खोलते हुए उसकी चूत को किस करना शुरू कर दिया. मोना की चूत गरम थी और रस टपका रही थी. उसकी चूत का नमकीन स्वाद मुझे बहुत अच्छा लगा. संजू ने अपने लंड को हाथ मे ले कर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.. वो कामुकता से हम दोनो को निहार रहा था. मोना की चूत अपने रस और मेरे मुख रस से भीग चुकी थी. वो मेरे भाई से चुदने को तैयार थी.

संजू तुम पहले इसको चोद लो!! इस कुत्ति की चूत बहुत जल रही है और तेरा प्यारा लंड भी अब इंतज़ार नही कर सकता. मोना तुम ज़रा घोड़ी बन जाओ मेरे भाई के सामने और मैं डालती हूँ तेरी चूत मे संजू का लंड अपने हाथों से. तेरी चूत भी चुदासि हो चुकी है. अब शुरू करते हैं चुदाई का असली खेल" कहते हुए मैने संजू को गले लगा लिया और अपनी चुचियाँ उसकी छाती पर रगड़ कर उसको किस करने लगी. मेरे भाई का लंड मेरे पेट मे चुभ रहा था और उस मे से रस टपक रहा था.

उस वक्त मेरा दिल कर रहा था कि संजू मुझे पटक पटक कर चोद डाले. मैने अपने हाथों से संजू के अंडकोष सहलाए और तब तक मोना वहाँ पर घुटनो और हाथों के बल घोड़ी बन गयी. "भैया देखो घोड़ी कैसे तुझ से चुदवाने तो तैयार है. किसी दिन इसकी गांद भी चोदना मेरे भाई. बड़ी प्यारी है इसकी गांद !!!!!" संजू मोना की तरफ बढ़ा और जब झुका तो मैने उसके लंड को मोना की जांघों के बीच से चूत पर टीका दिया. संजू ने अपनी कमर आगे धकेल दी और उसका लंड आसानी से अंदर चला गया"आआआआहह.....ऊऊओरर्ररगज्गघह.

...एयाया

संजूऊुुुुउउ....दिदीईईई...मार गयी...उमेररी माआअ!!!" मोना की सिसकी निकली.

मैं अब मोना के सामने आ गयी और नीचे लेट कर उसकी झूलती हुई चुचिओ को चूमने लगी. मेरा एक हाथ मोना की चूत पर रेंग रहा था जहाँ मुझे संजू का लंड महसूस हो रहा था. मोना की चुचि चूसने से उसकी उत्तेजना और बढ़ गयी और वो अपने चूतर पीच्छे धकेलने लगी. संजू के लंड की आवाज़ें उँची सुनाई दे रही थी. मोना के निपल बहुत कड़े हो चुके थे और मैं मस्ती मे उसकी चुचि चूसने लगी. संजू ने मोना की चोटी पकड़ ली और उसको ऐसे खींचने लगा जैसे कोई घोड़ी पर सवार घोड़ी की लगाम खींच रहा होता है. मोना हाँफ रही थी. फिर मैने अपने आपको उस से अलग किया और खुद अपनी जाँघो को फैला कर अपनी चूत उसके मूह के सामने कर दी और बिना बोले मोना ने मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी. मोना का मुख अब मेरी चूत मे घुसा हुआ था और वो मेरी चूत चाट रही थी.

"आह......ओह्ह्ह्ह....आआआ......आराररर्र्ररर...संजू...बस.....रुक जाओ......चुद गयी मैं....झार गयी....ओह.....मेरी माआ झार गयी, निकला लो बस संजू....!!!!" लेकिन संजू के धक्के चलते रहे. फुचा फूच की आवाज़ें गूँज रही थी. मोना झार रही थी. उसके जिस्म की स्पीड बता रही थी कि उसकी चूत पानी छ्चोड़ रही थी. जब मैने हाथ लगा कर देखा तो उसकी चूत का रस टपक टपक कर उसकी जांघों से नीचे जा रहा था. लेकिन संजू अभी झाड़ा नही था. उसका आधा काम अभी बाकी था. माशूक चुद चुकी थी, बेहन अभी बाकी थी. जब उसने लंड बाहर निकला तो वो चूत रस से भीग कर चमक उठा था

मैं उठी और अपने भाई के लंड को पकड़ कर चूसने लगी. मेरे भाई का गुलाबी सूपड़ा बहुत टेस्टी था और उस पर मोना के चूत रस का स्वाद मुझे पागल बना रहा था...मानो मैं भाई के लंड पर भाबी की चूत का स्वाद चख रही हूँ. मोना लड़खड़ाती हुई खड़ी हुई और बोली,' दीदी, आप बिस्तर पर पलंग के कॉर्नर पर अपने चूतर ले जाएँ और अपनी टाँगें ऊपर उठा लें. फिर आपकी चूत चुदाई के लिए बहुत आसानी से खुल जाएगी अपने भाई के लंड के सामने और आपका राजा भाई आपको मज़े से चोद लेगा. संजू, अगर तुम चाहो तो दीदी की चूत को चूम सकते हो!!! उसके बाद तो भेन्चोद बन जाओगे तुम!!!" संजू की आँखे वासना से लाल हो रही थी.

जब मैने मोना के कहने के मुताबिक अपनी टाँगें फैलाई तो संजू की ज़ुबान ने मेरी चूत पर वार कर दिया और मेरी चूत चूसने लगा,"ऊऊऊऊऊऊ.....आआआअहह......आआआररररगज्गघह...ऊवू भाई....आआआः संजू...मेरे भाई...ऊवू मदर्चोद...ये क्या कर रहे हो!!!! चूस लो अपनी दीदी की चूत...आआहह....मेरे भेन्चोद भाई चोद भी ले...मुझे और मत जला....मैं जल रही हूँ...मेरी प्यास बुझाओ भाई....मेरी चूत तप रही है...इसकी आग बुझा दे भाई....अपना लंड पेल दो मेरी चूत मे संजू....हाई मैं मरी....मेरी माआआआआ!!!!!!!!!!!!!!!!" मैं ना जाने क्या बक रही थी क्यो के मुझे अपने आप पर कोई कंट्रोल नही था.

संजू ने मेरी चूत की फनकों को काट लिया और मैं चीख पड़ी,"उई.....भेन्चोद मर गइईई...संजू भेन्चोद अपनी बहन की चूत काट रहे हो मदर्चोद......साले मेरी फुददी ही खायोगे या चोदोगे भी? अपनी बहना को चोदो यार क्यो तडपा रहे हो!!!!" संजू उठा और मेरी जांघों को फैला कर अपने कंधे पर टिका कर मेरी आँखों मे देखने लगा," मोना, मेरा लंड पकड़ कर रख दो अपनी ननद की चूत पर....मोना मेरा सूपड़ा टीका दो मेरी बेहन की जलती हुई चूत पर!!!

आज एक भाई को बन जाने दो भेन्चोद....बिंदु दीदी को बना डालो हमारी पर्मनेंट पार्ट्नर, चोदने के लिए चुदवाने के लिए.....अपनी सग़ी बेहन की चूत मे लंड पेलने के लिए मर रहा हूँ मैं.....मोना मैं दीदी को चोदुन्गा तो तुम दीदी के मुख पर अपनी चूत रख देना....दीदी भाई के लंड का स्वाद अपनी चूत से चखेगी और अपनी होने वाली भाबी की चूत का स्वाद अपने मुख से!!!!" मोना ने संजू के हूकम की पालना करते हुए पहले उसका लोड्‍ा पकड़ कर मेरी चूत पर टीकाया और फिर मेरे मुख पर अपनी चूत रख दी.

संजू का भयंकर् लंड मेरी चूत मे घुसा तो मैं तड़प पड़ी. जब मैं मचलने लगी तो मेरे भाई ने मेरे नितंभ जाकड़ लिए और अपना लंड आगे बढ़ाने लगा. कसम से भाई का लंड बहुत बड़ा था और बेशक मैं बहुत बार चुद चुकी थी, संजू का लंड तो मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा था. मैं मस्ती मे भर गयी और मोना अपनी चूत मेरे होंठों पर रगड़ने लगी. मेरी आहें निकल रही थी और संजू का लंड मुझे दिन मे तारे दिखा रहा था.

बिस्तर पर तीन नंगे जिस्म हवस की आग मे जल रहे थे. कामुकता का नंगा नाच हो रहा था. किसी को अगले पल की परवाह नही थी. उस एक पल मे हम तीनो ज़िंदगी का पर आनंद उठा रहे थे. हम भगवान के इतने पास थे कि कह नही सकती. मेरी जीभ मोना के रस से भरी हुई थी. तभी मुझे संजू की उंगली मेरी गांद मे घुसती हुई महसूस हुई,"नूऊऊऊऊऊऊओ....नाआआआआआआआआ सन्जुउउउउउउउउ....नही!!!! यहाँ नही!!!!! ऊऊऊहह मेरे भाई गाआआंद नही....दर्द होता है...ऊऊओफफफफ्फ़ तेरी मा की चूत ....नाआआआ!!" मेरे मूह से निकला.

संजू ने झट से उंगली निकाली और मेरी चूत के रस से गीला कर के फिर से घुसा डाली मेरी गाअंड मे. उंगली चिकनी होने से घुस गयी और दर्द भी कम हुआ. अब मैं चूत और गांद दोनो मे चुद चुद कर मोना की चूत चाट रही थी. ऐसा अनुभव मुझे आज तक ना हुआ था. मेरा शरीर ऐंठ रहा था. चूत चाहती थी कि लंड का आखरी इंच भी उसके अंदर घुस जाए...काश मेरी गांद मे भी उंगली की जगह लंड हो होता.....मैं हवस की आग मे मर रही थी.

तभी मेरे भाई ने धक्के तेज़ कर दिए. उसकी रफ़्तार से लग रहा था कि वो झार रहा है. मेरी चूत की गहराई से एक रस की धारा उभरने लगी थी. हम तीनो तूफ़ानी गति से चुदाई मे लगे हुए थे. इधर मेरी चूत का बाँध टूटा और उधर संजू का फॉवरा छ्छूट पड़ा और उधर मोना की चूत से एक और रस की गंगा बहने लगी. संजू ने मेरी गांद मे एक और उंगली डाली और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा मुझे. मेरे भाई का गरम लावा मेरी चूत मे गिरने लगा. तूफान की शक्ति धीमी होने लगी और हम तीनो एक ढेर मे बिस्तर पर गिर पड़े
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