Chudai Kahani मेरा बेटा ऐसा नही है
06-27-2017, 11:50 AM,
#2
RE: Chudai Kahani मेरा बेटा ऐसा नही है
कुछ दिन बाद अली के फादर उसकी मों टीवी देख रहे थे टीवी लाउंज मैं के अली अपनी स्टडी ख़तम कर के टीवी लाउंज मैं आ गया.

अली के फादर अपनी चेयर पे बैठे टीवी देख रहे थे साथ साथ ऑफीस वर्क भी कर रहे थे. सादिया सोफा पे बैटी हुई थी सर्दी की वज़ह से ब्लैंकेट डाली हुई थी अपने ऊपर. अली सोफा के क़रीब आ के नीचे बैठ गया अपनी मा के पास.

सादिया: बेटा पढ़ लिया तुम ने?

अली: जी मा मैं ने पढ़ लिया है. मा आज ठंड कुछ ज़ियादा है या मुझे फील हो रही है?

सादिया: ठंड है बेटा इसी लिए तो मैं ने ब्लैंकेट ली हुई है जाओ तुम भी ले आओ.

अली: अब मैं नही जा रहा मैं थका हुआ हूँ मैं आपके साथ शेयर कर लेता हूँ.

सादिया: अच्छा माई लेज़ी सोन यू कॅन हॅव इट.

अली मुस्करा के थोडा और क़रीब हुआ और ब्लैंकेट लेने लगा. मा कोई फिल्म लगाएं ना.

सादिया: वेट तुम्हारे पापा न्यूज़ देख लें फिर चॅनेल चेंज करें गे. बेटा तुम सोफा पी आ जाओ उस साइड पे बैठ जाओ ब्लैंकेट छोटी पड़ती है तुम्हारे नीचे बैठने की वज़ह से.

अली: मा सोफा पे स्पेस कम है आप नीचे आ जाएँ ना प्लीज़.

सादिया ने OK कहा और उठ के नीचे अली की साइड पे बैठ गयी और टीवी देखने लगी.

दोनो मा बेटा चिपक के बैठे थे और अली को बहुत मज़ा आ रहा था क्यों के उसे उस के गांड़ की साइड अपनी मा के सॉफ्ट गांड़ की साइड पे फील कर के अच्छा लग रहा था और वो हार्ड भी हो गया था.

अली ने राईट साइड पे बैठी अपनी मा के शोल्डर पे अपना सिर रख दिया और टीवी देखने लगा कुछ देर बाद सादिया ने अपने हाथ ब्लैंकेट मैं डाल लिए और उस के ऐसा करने से अली को अपना सिर उठना परा और दोबारा जब अली अपना सिर अपने मा के शोल्डर पे रखने लगा तो वो थोडा नीचे हुआ और शोल्डर की बजाए अपना सिर अपनी मा की आर्म पे रख दिया जो उसकी मों के लेफ्ट मम्मे के बहुत क्लोज़ था.

सादिया ने दुपट्टा भी लिया हुआ था. उसे अपने लेफ्ट मम्मे पे हीट फील होने लगी जब उस ने आँखें नीचे के के देख तो अली का फेस बिल्कुल उस के लेफ्ट मम्मे के सामने था और जब जब अली सांस छोड़ता उस की गरम सांस सादिया के दुपट्टे से हो के कमीज़ के अंदर और वहाँ से उस के ब्रा तक जा रही थी. उस की सांस की हीट उसे अपने लेफ्ट मम्मे पे फील हो रही थी.

सादिया ने कुछ नही कहा और दोबारा टीवी देखने लगी कुछ देर बार सादिया को मज़ा आने लगा क्यों के सर्दी मैं गरम सांस वो भी मम्मे पे उसे कुछ अजीब लकिन अच्छा फील हो रहा था उधर उसे उसका निपल भी हार्ड होता फील हुआ जो अब तक फुल हार्ड हो चुका था.

सादिया हैरान थी जब उसे फील हुआ के सिर्फ़ गरम सांस अपने मम्मे पे फील कर के उसका सिर्फ़ निपल ही हार्ड नही हुआ था बलके उसकी चूत भी गीली होना शुरू हो गयी थी वो एक अजीब कशमकश मैं थी लकिन उसे बहुत अच्छा फील हो रहा था उधर अली इस बात से अंजान आराम से टीवी देख रहा था.

सादिया ने अपने हज़्बेंड की तरफ देखा जो अब तक सो चुका था वहीं बैठे बैठे जो उनकी शुरू से आदत थी टीवी देखते देखते अक्सर उनको वहीं नींद आ जाती.

सादिया जो लास्ट 3 दिन से डेली एक बार दिन मैं एक बार रात मैं अपने हज़्बेंड से चुदवा रही थी जिसे सेक्स नीड भी नही थी फिर भी सिर्फ़ गरम सांस फील कर के खुद बहुत गरम हो रही थी. परेशां सादिया सोच रही थी के ऐसा आज तक कभी नही हुआ लकिन आज ऐसा क्यों हो रहा है.

खैर फिर सादिया ने आराम से अपना शोल्डर ऊपर किया अली ने समझा के सादिया थक गयी हो गी उस ने अपना सिर वहाँ से मूव किया लकिन वो हैरान हुआ क्यों के सादिया ने अपना दुपट्टा उतार के साइड पे रखा ये कहते हुए के मुझे गर्मी लग रही है. पहली बार अली अपनी मा को बिना किसी वज़ह दुपट्टा उतारते देख रहा था.

सादिया ने अली का सिर पाकर के दोबारा उसे अपने बाज़ू पे रख दिया लकिन इस बार वो थोडा अली की साइड पे मूव कर आए थी जिस की वज़ह से अब अली का सिर हाफ उस की मा के बाज़ू पे था और हाफ उस के मम्मे पे. अली के लिप्स ऐंड नोस उसकी मा के मम्मों पे थे.

अली को कुछ समझ नही आ रहा था खैर वो दोबारा टीवी देखने लगा. अब अली की सांस उसकी मा को पहले से ज़ियादा गरम ज़ियादा आसानी और ज़ियादा तेज़ी से फील हो रही थी जिस की वज़ह से सादिया को अब पहले से ज़ियादा मज़ा आ रहा था.

सादिया मज़ा भी कर रही थी और बहुत शर्मा भी रही थी अपनी इस हरकत पर ओ सोच रही थी के अगर अली को शक हो गया तो वो किया सोचे गा अपनी मा के बारे मैं.

सादिया तुम्हें ये किया हो गया है अपने बेटे की हेल्प से तुम हॉट हो रही हो वो भी उस वक़्त जब तुम्हारा हज़्बेंड तुम्हारे पास है शरम करो लानत है तुम पे तुम ज़रा सी देर के मज़े के लिए अपने बेटे को यूज़ कर रही हो एक मासूम को जिस के ज़रा से टच ने तुम्हें परेशानी मैं डाल दिया था जब के वो इनोसेंट था उस वक़्त गुस्सा कर रही थी जब के वो ऐसा कुछ नही कर रहा था ऑर ब जब खुद को अच्छा फील हो रहा है अपने हवस के लिए ऐसा कर रही हो किया ये ठीक है तुम तो ऐसी नही थी आख़िर किया हो गया है तुम्हें.

फिर उसी वक़्त सोच आती के इस मैं ऐसा किया है मैं कौन सा अपने बेटे के साथ कुछ गलत कर रही हूँ सिर्फ़ उसकी सांस ही तो फील कर रही हूँ इस मैं तो कुछ गलत नही...

कुछ देर बाद सादिया के हज़्बेंड जागे और चेयर से उठ के अपने रूम की तरफ चले गये फिर सादिया की आवाज़ दी के आ जाओ सोने.

सादिया फुल हॉट एंड गीली वहाँ से मुश्किल से उठी अली को गुड नाइट कहा और उसे गाल पे किस किया जो के 10 साल बाद पहली बार था और अपने रूम मैं एंटर हुई डोर लॉक किया कपडे उतरे बिस्तर मैं गयी और मज़े से अपने हज़्बेंड से खूब चुदवाया...

नेक्स्ट दे सादिया ने खुद को बहुत बुरा भला कहा और तौबा भी की के आइन्दा ना कभी ऐसा करूँ गी ना ही सोचूँ गी.

शाम को सादिया घर के काम से फ्री हो के अपने हज़्बेंड और बेटे के साथ टीवी देखने रूम मैं आए तो अली कल वाली जगह पेर बैठा था अपनी मा की ब्लैंकेट अपने ऊपर डाले.

सादिया को पता नही किया हुआ के वो दिन मैं खुद से किए प्रॉमिस को भुला के सीधा अली के पास आ के ब्लैंकेट अपने ऊपर डाल के बैठ गयी लकिन इस बार थोडा फासला था.


कुछ देर बाद अचानक सादिया ने फील किया के उसका बेटा अपना हाथ ब्लैंकेट मैं मूव कर रहा है जो सीधा सादिया की लेग्स पे आया. पहले तो सादिया को गुस्सा आया लकिन फिर वो खामोश हो गयी क्यों के वो अपने हज़्बेंड के सामने तमाशा नही करना चाहती थी दूसरा वो इतनी ब्रेव नही थी शरम की वज़ह और बेटे की लाइफ खड़ाब ना हो इस लिए वो चुपके से बिना कुछ कहे और किए बैठी रही.

अली ने अपनी अम्मी की लेग को टच करते ही बहाने से कहा के अम्मी ड्रामा वाली इस ऐक्ट्रेस का नाम किया है?

सादिया ये सुनते ही बहुत शर्मिंदा हुई के वो अपने बेटे के बारे मैं कितना गलत सोच रही थी शेम ऑन यू सादिया...

फिर कुछ दिन नॉर्मल गुज़र गये और अली के फादर दोबारा किसी काम से आउट ऑफ सिटी जा रहे थे. शाम को अली और उसकी अम्मी अकेले बैठे टीवी देख रहे थे के अली दोबारा बिना कुछ कहे अपनी अम्मी की ब्लैंकेट मैं आ गया और उन के साथ लेट गया.

अली: अम्मी एक बात पूछनी है लकिन अगर आप गुस्सा ना करें तो???

सादिया: किया बात है बेटा पूछ मैं बुरा नही मानूं गी.

अली: प्रॉमिस मी मा.

सादिया: बेटा ऐसी किया बात है OK आई प्रॉमिस गुस्सा नही करूँ गी पूछ किया पूछना है.

अली: अम्मी जब हम घर पे अकेले होते हैं तो सिर्फ़ मेन डोर बाहर वाला ही लॉक करते हैं ना?

सादिया: हाँ बेटा. क्यों?

अली: फिर अम्मी जब डैड घर होते हैं तो आप लोग अपने रूम का डोर क्यों लॉक करते हैं.

सादिया: (विद स्माइल) बेटा आप के डैड कहते हैं सेफ्टी अच्छी बात है और कोई डिस्टर्ब ना करे इस लिए भी.

अली: पेर अम्मी सेफ्टी तो मेन डोर लॉक से होती है और फिर डैड जब यहाँ नही होते किया तब सेफ्टी की ज़रूरत नही होती और डैड मुझे भी तो नही कहते के अपने रूम का डोर भी लॉक किया करो? और अम्मी जब डैड यहाँ होते हैं तब तो मैं आप के रूम मैं आता ही नही हूँ फिर कौन और क्यों कोई डिस्टर्ब करे गा डैड को? बताएं ना सही सही क्यों के आप खुद तो कहती हैं के झूट बोलना अच्छी बात नही है फिर आप भी सच बताएं ना मा.

सादिया: बेटा ऐसी बात नही है अभी तुम बच्चे हो जब बड़े हो जाओ गे तुम्हें खुद पता चल जाए गा सो लीव दिस टॉपिक.

अली: लकिन अम्मी आप क्यों नही बता देती हैं?

सादिया: बेटा कहा नही अभी नही दैट्स इट नो मोरे क्वेस्चन ओक?

अली: OK मा

कुछ देर दोनो अम्मी बेटा खामोशी से टीवी देखते रहे.

अली: अम्मी मेरी फ्रेंड है ना मिसबा वो भी बता रही थी के उस के अम्मी ऐंड डैड भी डोर लॉक करते हैं वो भी सिर्फ़ रात मैं लकिन दिन मैं कभी नही.

सादिया: बेटा फिर वही बात और ये बातें फ्रेंड्स के साथ शेयर नही करते पता नही कब अक़ल आए गी तुम्हें कितना समझती हूँ के घर की बातें ना किसी से पूछा करो ना बताया करो.

अली: अम्मी मैं ने नही पूछा उसी ने बताया फिर मेरे दिमाग मैं आया के आप भी लॉक करते हैं रात को बस इस लिए पूछ रहा हूँ अब बता भी दें ना आप खुद तो कहती हैं कोई भी बात हो आप से किया करूँ ऑर ब आप ही नही बता रही हैं दैट्स नोट फेर.

सादिया: अच्छा देर हो गयी है अब सो जाओ.

सादिया ने टीवी ऑफ किया और करवट ले के अपने बैक अली की तरफ कर के लेट गयी अली भी मूँह बना के सोने लगा.

काफ़ी देर बाद रात को अली की आँख खुली तो उस ने अपना हाथ अपनी अम्मी की गांड़ की दरार मैं रखा और हीट फील कर के मज़ा करने लगा.

सादिया की गांड़ टाइट नही थी क्यों के उसकी नीचे वाली लेग सीधी थी और ऊपर वाली लेग बेंड थी उसकी चेस्ट की तरफ इस लिए सादिया की गांड़ खुली हुई थी दरार टाइट नही थी पहले की तरह.

अली को मज़ा आ रहा था फिर उस ने अपना हाथ स्लो स्लो मूव किया अपनी अम्मी की गांड़ के बीच मैं उसे बहुत मज़ा आ रहा था बहुत ही सॉफ्ट गरम मुलायम गांड़ को टच करने मैं.

फिर उस ने अपनी फोर फिंगर्स को अपनी अम्मी सादिया की गांड़ की दरार मैं रक्खा और उन्हें स्लो स्लो मूव करने लगा जैसे ही वो थोडा नीचे ले जाता तो गांड़ की दरार मैं उसे हीट फील होती वी सोचने लगा के ये किया हो गा फिर उसे याद आया के ये तो उसकी अम्मी सादिया की गांड़ का सुराख है और वहाँ से बहुत हीट निकल रही थी वो जगह बाकी गांड़ से ज़ियादा गरम जो थी.

अली ने अब अपनी अम्मी सादिया की बाकी गांड़ को छोड़ के सिर्फ़ एक फिंगर से अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख को टच करना शुरू कर दिया अब अली अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख के साथ खेल रहा था उसे टच कर रहा था फील कर रहा था और जब वो अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख को टच करता तो सादिया नींद मैं या वैसे ही सुराख को टाइट करती.

अली को अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख का खुलना औट टाइट होना फील कर के बहुत मज़ा आ रहा था वो काफ़ी देर तक अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के साथ उस की गांड़ के सुराख के साथ खेलता रहा उधर उसका लंड बहुत हार्ड था.

अली के दिल की धरकन अब बहुत तेज़ चल रही थी उसे डर भी लग रहा था लकिन उस से ज़ियादा उसे मज़ा आ रहा था.

कुछ देर बाद अली ने अपनी फिंगर अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख से थोडा नीचे की तो वो परेशां हो गया क्यों के सादिया की शलवार वहाँ से बहुत गीली थी. सादिया की चूत पानी छोड़ रही थी लकिन अभी तक वो नींद मैं ही थी शायद कोई खवाब देख रही थी या जो भी ही था लकिन उसकी शलवार काफ़ी गीली हो गयी थी.
अली ने अब सादिया की गांड़ के सुराख को छोड़ दिया और उसी गीली जगह पर फिंगर स्लो स्लो मूव करने लगा उसे बहुत अच्छा फील हो रहा था चिप चिपा वो सोच रहा था के ये किया है क्यों के वो कन्फर्म हो गया था के ये उसकी अम्मी का पेशाब तो बिल्कुल नही है क्यों के पेशाब ऐसा चिप चिपा नही होता पेर ये जो भी ही है उसे अच्छा लग रहा था.

कुछ देर बाद अली ने दोबारा अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख के साथ खेलना चाहा और अपने फिंगर रगड़ता हुआ अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख तक ले आया.

अब अली का मज़ा दुगना हो गया था क्यों के उसकी अम्मी की चूत से निकला हुआ पानी जो शलवार पे लगा हुआ था वो हिस्सा अली की फिंगर की रगड़ के साथ सादिया की गांड़ के सुराख पे आ गया था अब अली फिंगर को पहले से ज़रा तेज़ और थोडा ज़ियादा पुश कर के अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख के साथ खेलने लगा और जैसे ही अली की फिंगर उसकी अम्मी की गांड़ के सुराख पे आती तब वो थोडा फिंगर को पुश करता और ऐसा करने से उसकी फिंगर थोड़ी सी सादिया की गांड़ मैं जाने लगती लकिन वो फ़ौरन फिंगर पीछे मूव कर लेता.
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RE: Chudai Kahani मेरा बेटा ऐसा नही है - by sexstories - 06-27-2017, 11:50 AM

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