RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--9
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
तकरीबन 7 बजे बेल बजी, डोर खोला तो देखा के एसके खड़े मुस्कुरा रहे है. ब्लॅक पॅंट और वाइट शर्ट पे डार्क ब्लू आंड रेड स्ट्रॅप के टीए मे वो बोहोत ही शानदार लग रहे थे मैं तो देखते के देखते ही रह गई. एसके ने हंस के कहा अंदर आने भी दोगि या यही खड़ा रखोगी तो मैं गड़बड़ा गई और कहा ओह सॉरी अंदर आ जाइए प्लीज़ तो एसके अंदर आ गये और अपने पीछे डोर को लॉक कर दिया उनके हाथ मे एक बड़ा पिज़्ज़ा और एक शॉपिंग बॅग मे चॉक्लेट आइस क्रीम थी वाउ मैं ने पूछा के आपको कैसे पता चला के आइ लव चॉक्लेट आइस क्रीम तो एसके ने कहा सब से पहले तो यह आप आप करना छोड़ो और नो फॉरमॅलिटीस और हा मुझे पता है के हर स्वीएट लड़की को चॉक्लेट आइस क्रीम ज़रूर पसंद होती है बॅस दिल ने दिल से
कहा और मैं ने सुन्न लिया तो मैं मुस्कुरा दी और एसके से लिपट गई और अपना मूह उनके सीने मैं छुपा के उसके बदन को बे तहाशा प्यार करने लगी और साथ ही मुझे रोना आ गया और मैं रोने लगी और बोली के आइ लव यू सो मच एसके आइ लव यू सो मच आइ नीड यू ऑल्वेज़. मैं तुम्हारे बिना नही रह सकती अब एसके प्लीज़ तुम डेली आते रहना मेरे पास नही तो मैं मर जाउन्गि तो एसके ने मुझे अपने आप से लिपटा लिया मेरे बदन पे हाथ फेरा और अपनी बाँहो मे जाकड़ लिया और बोला के हे किरण आइ ऑल्सो लव यू सो मच किरण यू डॉन’ट वरी मैं डेली तुम्हारे पास आऊंगा और तुम्हारी हरर इक्चा पूरी करूँगा यू आर दा डार्लिंग ऑफ माइ हार्ट आंड सौल. हम दोनो एक दूसरे से लिपटे रहे वो मुझे प्यार करने लगे और मेरे आँसू अपने होटो से पीने लगे और कहा के किरण यह बोहोत कॉस्ट्ली आँसू है इन्है ऐसे वेस्ट ना करो. मैं थोड़ी देर रोती रही फिर एसके ने तसल्ली दी तो मैं कुछ ठीक हुई और थोड़ा सा उठ के एसके के लिप्स पे किस किया और फिर हम दोनो के मूह खुल गये और हम एक दूसरे की ज़बान चूसने लगे. एसके के बदन से आती हुई पर्फ्यूम की खुश्बू मुझे पागल किए दे रही थी.
हम दोनो टेबल पे आ गये और पिज़्ज़ा खाने लगे. एसके मुझे अपने हाथो से पिज़्ज़ा खिला रहे थे तो मैं ने एक पिज़्ज़ा का पीस अपने मूह मे रखा और एसके को खिलाया और उसके साथ ही किस भी हो गया इसी तरह से हम एक दूसरे को एक दूसरे के मूह से खिलाते रहे और एक एक पीस के साथ किस्सिंग भी कंटिन्यू रही. मंन कर रहा था के एसके और मैं सारी ज़िंदगी एक दूसरे के साथ ही रहे और ऐसे ही एक दूसरे को प्यार करते रहे. यह ऐसी इक्च्छा थी जो पूरी नही हो सकती थी यह मुझे भी मालूम था और एसके को भी. पिज़्ज़ा ख़तम हो गया और हम थोड़ी देर ऐसे ही मस्ती करते रहे.
डिन्नर ख़तम होने होने तक तकरीबन 9 बज गये थे. थोड़ी देर के बाद मैं कॉफी बना के ले आई और दोनो सोफे पे बैठ के कॉफी पीने लगे. कॉफी पीते पीते एसके ने मेरे ब्लाउस के बटन्स खोल दिए और मेरी चुचिओ से खेलने और दबाने लगे रात की चुदाई के बाद अब मैं भी बोल्ड हो गई थी और मैं ने अपना हाथ एसके के लंड पे रखा तो उसका लंड फॉरन उसके पॅंट के अंदर खड़ा हो गया. मैं ने सोचा के इतना बड़ा और मोटा लंड पॅंट के और अंडरवेर के अंदर आकड़ेगा तो एसके को तकलीफ़ होगी तो मैं सोफे से उठ गई और अंदर कमरे मे जा के अशोक की एक लूँगी ले आई और एसके को दे दी. एसके सोफे से उठ खड़े हुए और अपनी शर्ट और बानयन निकाल दिया और कहा किरण ज़रा पॅंट तो निकाल दो तो मैं ने पॅंट का बेल्ट खोला और ऊपर से हुक खोल के ज़िप को नीचे करके पॅंट उतार दिया अब लंड अंडरवेर के अंदर
तंबू बनाए हुए था तो मैं थोड़ा सा आगे को झुक के अंडरवेर के दोनो तरफ से दो हाथ डाल के जैसे ही अंडरवेर नीचे किया तो मैं एक दम से उछल पड़ी लंबा मोटा रॉकेट जैसा लंड उछल कर मेरे मूह के सामने लहराने लगा तो मैं ने मस्ती मे उसको अपने हाथ से पकड़ लिया और लंड के सूपदे का एक ज़बरदस्त चुंबन ले लिया और थोड़ा सा चूस लिया. एसके ने अभी मेरे मूह मैं लंड घुसना सही नही समझा कियॉंके अभी अभी हम ने खाना खाया था यह सोचा होगा के कही उल्टी (वॉमिट) ना हो जाए और खाना बहेर निकल ना जाए. एसके ने लूँगी लपेट ली फिर एसके ने कहा के अरे इसकी क्या ज़रूरत है और अपनी लूँगी निकाल दी और बिना शर्ट और बिना लूँगी के मेरे पास नंगे ही सोफे पे बैठे गये. एसके ने मेरे सारे कपड़े भी उतार दिए और अब हम दोनो नंगे ही सोफे पे बैठे रहे और एक दूसरे के बदन से खेलते रहे मैं उसका लंड दबाती और मसल्ति रही वो मेरी चुचिओ को मसल्ते और निपल्स को काट ते रहे और चूत का मसाज भी करते रहे.
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