Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
08-05-2017, 12:31 PM,
#28
RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
में जोरों से उसकी चूत को चूसे जा रही थी और वो उत्तेजना मे अपने कूल्हे उछाल मेरे मुँह पर मार रही थी. में अपनी जीब को अंदर बाहर कर उसे चोद रही थी.

"ओह प्रीईटी चूवसो और चूऊवसो ज़ोर से हाआअँ ज़ोर से ऑश अयाया" कंचन सिसक रही थी.

मेने अपने दोनो हाथों से उसके कूल्हे पकड़ लिए और अपने मुँह पर दबाते हुए उसकी चूत पूरे वेग से चूसने लगी. उसकी टाँगे अकड़ने लगी और में समझ गयी की उसका भी छूटने वाला है.

"ओह आआआः प्रीईईईटी चबा डालो मेरी चूओत को ओह हाां मेरा चूऊता." कहकर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. उसकी चूत ने वैसी धार तो नही छोड़ी जैसा मेने सोचा था फिर भी मुझे मज़ा आया और मेने भी उसका सारा पानी पी लिया.

कंचन ने मुझे कंधों से पकड़ अपने उपर कर लिया और मेरे मुँह मे अपनी जीब डाल दी. वो अपने रस का स्वाद मेरे मुँह मे अपनी जीब गोल गोल घुमा कर लेने लगी.

हम अपने कपड़े पहन वापा हमारे दोस्तों के पास लॉन मे आ गये. सभी मिकलर शाम का और रात का प्रोग्राम बनाने लगे. सब के बीच ये तय हुआ कि तोड़ी देर अपने अपने कमरे में सुस्ताने के बाद हम सब यही नीचे रेस्टोरेंट मे खाने के लिए मिलेंगे फिर रात का कार्यक्रम तय करेंगे. हम सब अपने अपने कमरे मे सुस्ताने के लिए चले गये.

खाना मस्ती और चुदाई

जैसे तय हुआ था हम सब रेस्टोरेंट में खाने के लिए इकट्ठा हुए. आज होटेल मे एक संगीत का आयोजन किया हुआ. बाहर से ऑर्केस्ट्रा बुलाया गया था. खाना हर बार की तरह स्वादिष्ट और लाजवाब था.

खाने के बाद हम सब अपने हाथ मे ड्रिंक्स ले गाने का मज़ा लेने लगे. कुछ गानो पर हम सबने जोड़े बना डॅन्स भी किया. डॅन्स मे मेरे साथ राजेश था. डॅन्स करते करते उसने मुझे अपने से ज़ोर से चिपका लिया जिससे मेरी छातियाँ उसकी छाती से चिपक से गयी थी.

फिर राजेश ने अपने दोनो हाथों से मेरे कुल्हों का पकड़ा और अपनी और खींच लिया जिससे उसके लंड का दबाव मुझे ठीक अपनी चूत पर हो रहा था.

"प्रीति में तुम्हारी गांद मारना चाहता हूँ." राजेश मेरे कान मे धीरे धीरे से बोला.

"मना कौन करता है," कहकर मेने उसके लंड को पॅंट के उपर से पकड़ भिच दिया.

जब ऑर्केस्ट्रा ख़त्म हुआ तो हम सब हमरे कमरे की और चल दिए.

जैसे ही हम सब हमारे कमरे मे पहुँचे सबने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. थोड़ी देर मे आठ लोग मदरजात नंगे होकर एक दूसरे के शरीर से खेल रहे थे.

अचानक रश्मि को क्या हुआ पता नही, "प्रीति आज में तुम्हे तीन लंड से एक साथ चुदवाते देखना चाहती हूँ."

मेने भी आज तक तीन लंड एक साथ अपने शरीर पर नही झेले थे. तीन लंड की रोमांचता ने मुझे अंदर से हिला दिया. मेने धीरे से अपनी गर्दन हां मे हिला दी.

"बॉब्बी तुम बिस्तर पर लेट जाओ, प्रीति तुम बॉब्बी पर चढ़ उसका लंड अपनी चूत मे ले लो. राजेश तुम पीछे से अपना लंड इसकी चूत मे डाल देना. और रवि तुम अपना लंड प्रीति से चूस्वाओगे." रश्मि ने सबको निर्देश देते हुए कहा.

पता नही रश्मि को सपना आया था या उसने डॅन्स हॉल मे हमारी बात सुन ली थी. थोड़ी ही देर पहले राजेश ने मुझसे मेरी गंद मारने की इच्छा जाहिर की थी.

बॉब्बी बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और में उसपर चढ़ कर अपने दोनो घुटनो को उसके बगल रख दिए. फिर अपनी चूत को थोड़ा फैला मेने बॉब्बी के लंड को अपनी चूत से लगाया और उसे पर बैठती चली गयी. उसका लंड पूरा का पूरा मेरी चूत मे घुस चुक्का था.

फिर राजेश मेरे पीछे आ गया और मेरे चुतताड को सहलाने लगा. उसने थोड़ा से थूक मेरी गंद पर गिराया और मेरी गंद को गीला करने लगा. फिर सुस्ने अपनी एक उंगली मेरी गंद मे डाल गोल गोल घुमाने लगा. जब उसने देखा की गंद पूरी तरह गीली हो गयी है तो अपने लंड को मेरी गंद के छेद पर रख एक ज़ोर धक्का मारा, पूरा लंड एक ही धक्के मे अंदर घुस गया.

"उईईई माआअ मार गाआआए." में ज़ोर से चीख पड़ी.

मेरी चीख के साथ ही बॉब्बी मेरे दोनो मम्मे पकड़ उन्हे मसल्ने लगा और मेरे मुँह मे अपनी जीब डाल चुभलने लगा. मुझे थोड़ी सी राहत मिली. राजेश अब धीरे धीरे धक्के लगाते हुए मेरी गंद मार रहा था.

रवि ने जब देखा कि अब में मज़े लेते हुए बॉब्बी के लंड पर उठ बैठ रही हूँ तो उसने अपना लंड मेरे मुँह मे दे दिया. में उसके लंड को चूसने लगी.

एक अजीब स्वर्गिक आनंद मुझे मिल रहा था. जब में नीचे बैठती तो राजेश का लंड बाहर निकल आता और जब उपर उठती तो बॉब्बी का. मेरे शरीर के तीनो छेद को मज़ा आ रहा था. में सोच रही थी कि तीन लंड से चुदवाने मे इतना मज़ा आता है तो मेने पहले क्यों नही चुदवाया.

में पूरी तरह उत्तेजित हो उछल उछल कर चोद रही थी, चुदवा रही थी चूस रही थी. मुझे नही मालूम मेरी चूत ने कितनी बार पानी छोड़ा.

रवि झड़ने के कगार पर था, उसने मेरे सिर को पकड़ा और अपना लंड अंदर तक घुसाकर वीर्य की बौछार मेरे गले मे डाल दी. मैं जोरों से चूस कर उसका सारा वीर्य पी गयी. रवि अपने मुरझाए लंड को निकाल हट गया.

"ओह राअज याहान आआओ और मुझे अपन लंड दो चूसने के लिए." में चिल्लाई.

राज मेरे पास आया और अपना लंड मेरे मुँह मे दे दिया.
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RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू - by sexstories - 08-05-2017, 12:31 PM

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