RE: kamukta Sex Kahani पत्नी की चाची को फँसाया
लेकिन मेरा ऑफिस उस एरिया में था जिधर मेरे चाचा ससुर रहते थे.. जिसकी वजह से मुझे अपनी ससुराल से ऑफिस आने-जाने में बहुत दिक्कत होती थी। यह बात मेरी पत्नी ने फोन पर बातों-बातों में मेरी चाची सास को कह दी।
तब वो रविवार को मेरे ससुर के घर आईं और मेरे सास-ससुर से कहने लगीं- आपके भाई के जाने के बाद आप लोगों ने मुझे पराया सा कर दिया है।
तब मेरी सास ने कहा- प्रिया.. तुम क्यों ऐसा बोल रही हो?
वो बोलीं- राज क्या मेरे दामाद नहीं हैं?
तब मेरी सास ने कहा- हैं ना..
वो बोलीं- राज इतनी तकलीफ़ भुगत कर रोज अप-डाउन करते हैं.. तो क्या आपको नहीं कहना चाहिए कि वो हमारे साथ रहें.. वो भी तो उनकी ससुराल ही है ना.. वो भी तो मेरे बेटे जैसे ही हैं ना?
तब मेरे सास-ससुर ने मुझसे कहा- राज अगर आपको ठीक लगे.. तो आप इनके साथ रह सकते हो। वो भी आपकी ही ससुराल है।
फिर जब सबने बहुत ज़ोर दिया.. तब मैं उनके साथ रहने के लिए चला गया। अब वहाँ मेरी चाची सास प्रिया.. उनकी बेटी ज्योति और मैं एक साथ रहने लगे।
मेरा ऑफिस वक्त सुबह 11 से शाम के 5 बजे तक का था। वहाँ रहते-रहते मुझे 2 महीना हो गए थे। मेरे मन में कभी चाची सास के लिए बुरे ख्याल नहीं आए थे.. लेकिन एक बार अचानक मैं उनके कमरे में गया तो वो सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं और साड़ी पहन रही थीं।
लेकिन जब मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया.. क्योंकि 45 साल की उम्र में भी वो बहुत सेक्सी लग रही थीं.. और उनको ऐसे देख कर सच कहूँ तो मैं उनका दीवाना हो गया।
अब मैं खाली वक्त में यही सोचता रहता था कि चाची सास को कैसे अपना बनाया जाए.. क्योंकि हमारा रिश्ता सास-दामाद का था.. इसलिए मैं थोड़ा डरता था कि कहीं वो किसी को कुछ कह ना दें।
एक दिन जब मैं ऑफिस से लौटा तो मेरी साली ज्योति ने मुझसे कहा- जीजाजी घर में हर वक्त बैठे-बैठे मैं बोर हो जाती हूँ.. अगर आपके ध्यान में कोई अच्छी सी जॉब हो.. तो आप मुझे बताना।
मैं भी यही चाहता था कि अगर ज्योति जॉब पर जाएगी.. तो मुझे और सास को अकेले रहने का ज़्यादा से ज़्यादा वक्त और मौका मिलेगा। फिर हो सकता है कि मैं अपने मकसद में कामयाब हो जाऊँ इसलिए मैं ज्योति के लिए ज़ोर-शोर से जॉब ढूँढने लगा।
आख़िरकार मैंने उसके लिए जॉब ढूँढ ही ली और एक दिन जब ऑफिस से आया तो मैंने कहा- ज्योति आपके लिए गुड न्यूज़ है.. आपके लिए जॉब मिल गई है। लेकिन..
…और मैं चुप हो गया।
तब सास ने कहा- आप रुक क्यों गए..? क्या बात है..? जॉब अच्छी नहीं है?
एक साथ इतने सवालों से ज्योति भी बोल पड़ी- क्या माँ आप भी.. जीजाजी पर एक साथ इतने सवालों की बौछार कर बैठीं।
तब मैं थोड़ा संयत होकर बोला- ऐसी कोई बात नहीं है.. दरअसल जॉब पर्सनल सेक्रेटरी की है.. सेलरी भी काफ़ी अच्छी है.. लेकिन उन्हें अक्सर बॉस के साथ बाहर जाना पड़ेगा और बॉस भी काफ़ी अच्छे हैं।
तब ज्योति ने मुझसे कहा- क्या आप भी जीजाजी.. इतनी छोटी सी बात के लिए इतना चिंतित हो रहे हो.. आप जॉब पक्की कर लो और अब मुझे माँ की भी कोई फ़िक्र नहीं है.. मेरी गैरमौजूदगी में आप तो माँ का ख्याल रख ही लोगे ना..
ये सुनते ही मेरे मन में लड्डू फूटने लगे।
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