RE: kamukta Sex Kahani पत्नी की चाची को फँसाया
फिर मैंने उनके गोरे-गोरे कोमल गालों पर लगाया.. उनके गाल मक्खन जैसे मुलायम थे।
फिर थोड़ा हिचकिचाते हुए मैं बोला- सासूजी अगर आप बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ..?
तब वो बोलीं- क्या..?
तो मैंने कहा- आपके गाल बहुत मुलायम हैं और आपके चेहरे की त्वचा भी बहुत चिकनी है।
तब वो थोड़ी मुस्कुराईं.. अब मुझे थोड़ा यकीन हुआ कि अब उन्हें भी ये सब अच्छा लग रहा है।
फिर मैं उनके पीछे जाकर बैठ गया.. उनका स्कर्ट इतना छोटा था कि पीछे से उनकी गाण्ड की लकीर साफ़ दिख रही थी।
मेरा लण्ड धोती में इतना बेकाबू हो चला था.. मैंने किसी तरह उसे समझाया कि बैठ जा मादरचोद.. अभी चूत मिलेगी तुझे।
फिर मैंने चंदन का लेप हाथ में लिया और सासूजी का ब्लाउज थोड़ा ऊपर कर दिया।
ढीला होने की वजह से वो आराम से ऊपर हो गया..।
सासूजी ने मुझसे पूछा- क्या कर रहे हो..?
तब मैंने कहा- मुझे आपकी पीठ में और आपके पेट पर स्वास्तिक बनाना है।
वो कहने लगीं- ऐसी विधि भी होती है क्या..?
मुझे मालूम था कि वो ये सब दिखाने के लिए कह रही थीं.. मन ही मन उन्हें भी ये सब अच्छा लग रहा था।
फिर जैसे ही मैंने उनकी नंगी पीठ को छुआ.. मेरे शरीर में बिजली दौड़ गई और खून तेज रफ़्तार से दौड़ने लगा।
उधर सासूजी का भी यही हाल था और फिर वापिस मैं उनकी तारीफ करने लगा।
मैंने कहा- सासूजी आपकी पीठ इतनी चिकनी है कि मुझे बचपन याद आ गया.. जैसे कि फिसल-पट्टी..।
तब वो भी मुझसे थोड़ी और खुलीं और हँसते हुए कहा- ठीक है.. दामाद जी बहुत तारीफ कर ली..।
सासूजी को भी इन सब बातों में मज़ा आ रहा था।
जब मैंने स्वास्तिक बना लिया.. फिर आगे आकर उनके पेट पर भी बनाया।
फिर मैंने उनसे कहा- अब आप लेट जाओ।
वो बोलीं- क्या करना है..?
मैंने कहा- आप लेटो तो सही.. बताता हूँ।
जैसे ही वो लेटीं.. मैं उनकी जाँघों के करीब बैठ गया।
वो मुझे ही देख रही थीं.. फिर मैंने हाथ में लेप लिया और उनकी जाँघों पर लगाने के लिए आगे बढ़ा.. जैसे ही मैंने अपना हाथ उनकी जाँघों पर रखा.. मेरा लण्ड और टाइट हो गया।
उनकी जांघें एकदम गरम थीं।
शायद वो भी मेरी तरह बहुत गरम हो गई थीं। वो अपनी आँखें बंद करके धीरे-धीरे ‘आहें’ भर रही थीं और उनकी साँसें भी तेज हो गई थीं।
फिर मैं उनके पाँव से लेकर जाँघों तक लेप लगाने लगा.. उनकी टाँगें तेल लगाने की वजह से और भी चिकनी हो चुकी थीं।
मैंने लेप लगाते-लगाते सासूजी से हिम्मत करके पूछा- सासूजी आप अपनी टाँगों पर क्या लगाती हो..?
उन्होंने आँखें खोल कर मेरी ओर देखा और पूछा- क्यों?
मैंने कहा- मुझे नहीं पता था कि किसी की इस उम्र में भी त्वचा इतनी मुलायम हो सकती है.. आपकी त्वचा रेशमा से भी अधिक मुलायम है।
तब वो हँसते हुए कहने लगीं- आप तो बिल्कुल पागल हैं..।
मैंने कहा- सच सासूजी.. बताओ ना क्या लगाती हो?
वो शर्मा कर बोलीं- कुछ नहीं..।
फिर सब जगह लेप लगाने के बाद मैंने उन्हें फिर नहाने भेज दिया और कहा- स्वास्तिक न निकल जाए.. इसका ध्यान रखिएगा..।
जब वो आईं तो वापिस मैंने सासूजी को पूजा के स्थान पर बिठाया और आधे घंटे तक मन्त्रों को बोलने का नाटक किया फिर कहा- अब आज की सारी पूजा ख़त्म हुई.. अब कल पूजा करेंगे.. बस स्वास्तिक न निकल जाए.. इसका ध्यान रखिएगा..।
मैं बाहर चला गया.. फिर मैंने ज्योति के पति को फोन करके कहा- अब तुम ज्योति की माँ यानि की तुम्हारी सासूजी को फोन करके उनका हाल-चाल पूछो और ज़्यादा बात मत करना..।
तो ज्योति के पति ने कहा- ठीक है.. मैं अभी फोन करता हूँ..।
जब मैं वापिस आया तो सासूजी बहुत खुश दिख रही थीं.. मैं जानता था कि वो क्यों खुश हैं..।
फिर भी मैंने अंजान बनने का नाटक करते हुए उनसे पूछा- क्या बात है.. आप बहुत खुश दिख रही हो..?
तब वो बोलीं- लगता है.. पूजा का असर हो रहा है.. अभी ज्योति के पति का फोन आया था और मेरा हाल-चाल पूछ रहे थे।
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