RE: kamukta Sex Kahani पत्नी की चाची को फँसाया
करीब एक घंटे बाद मैं सामान लेकर आ गया और साथ में सासूजी के लिए एक नई लाल रंग की ब्रा और पैन्टी का सैट भी ले आया।
तब तक खाना बन चुका था और सासूजी सामान अन्दर रखने के लिए गईं और मुझे आवाज़ दी- अजी सुनते हो?
मैंने चौंक कर उनकी ओर देखा तो सासूजी ने ब्रा और पैन्टी वाला पैकेट मुझे बताते हुए पूछा- ये किसके लिए है?
मैंने कहा- ये मेरी होने वाली पत्नी यानि कि आपके लिए है..
सासूजी खुश हुईं और बोलीं- राज मुझे लगता है कि आपने अभी तक मन से मुझे अपनी पत्नी बनाने का संकल्प नहीं किया है।
मैंने कहा- अगर ऐसा होता तो मैं आपके लिए ब्रा और पैन्टी का सैट क्यों लाता और आपको क्यों ऐसा लगा कि मैंने संकल्प नहीं किया है।
तब सासूजी बोलीं- मुझे इसलिए लगा कि आप ही कहते हो कि जब से मन में संकल्प करें.. तब से हमें पति-पत्नी जैसा ही बर्ताव करना है और आप ही ऐसा नहीं कर रहे हैं.. फिर हँसते हुए बोलीं- क्या आप रेशमा को ‘आप’ कह कर बुलाते हो?
मैंने कहा- नहीं..
तब सासूजी बोलीं- तो आप मुझे ‘आप-आप’ कह कर क्यों बुलाते हो.. इसलिए मुझे लगा कि आपने संकल्प नहीं किया होगा।
मैंने कहा- ऊऊओह.. तो ये बात है.. सॉरी यार..
वो मेरे मुँह से ‘यार’ शब्द सुनकर खिल उठीं।
फिर हमने साथ मिलकर खाना खाया और सासूजी बर्तन धोने लगीं। हम दोनों सोच रहे थे कि कैसे एक-दूसरे से बात करें।
मेरी नज़रें सासूजी की मटकती गाण्ड पर टिकी थीं.. तभी अचानक सासूजी ने मेरी ओर देखा.. तो मैंने नजरें हटा लीं। लेकिन सासूजी ने मुझे देख लिया था..
इसलिए वो बोलीं- ऐसे क्या देख रहे थे मेरे होने वाले सैया?
उनके मुँह से ये सुनकर मेरा लण्ड पजामे में फड़फड़ाने लगा था।
तब सासूजी ने वापिस पूछा.. तब मैं उठ कर सासूजी के पीछे खड़ा रहा और अपने खड़े हुए लण्ड को उनकी गाण्ड से सटा कर हल्के से धक्का मारते हुए बोला- आपका होने वाला पति ये देख रहा था..
मैं ये कह कर थोड़ा सा पीछे हो गया..
तब सासूजी भी कहाँ हार मानने वाली थीं।
उन्होंने भी अपनी गाण्ड से मेरे तने हुए लण्ड को दबाया और हँसते-हँसते बोलीं- इनका कुछ नाम भी होगा ना?
मैं समझ गया कि सासूजी मेरे मुँह से खुलम्म-खुल्ला सेक्सी बातें सुनना चाहती हैं।
इसलिए मैंने भी शर्म छोड़ कर उनकी गाण्ड से मेरा लण्ड पूरी तरह से चिपका कर बोला- आपका…
तभी वो मेरी बात को काट कर बोलीं- आपने फिर से ‘आपका…’ कहा..
तब मैं सेक्सी अंदाज़ में बोला- सॉरी.. तुम्हारा होने वाला पति अपनी होने वाली पत्नी की मुलायम गाण्ड के दर्शन कर रहा था।
तब मैंने नोटिस किया कि सासूजी की साँसें थोड़ी तेज हो गई थीं और थोड़ा वो काँपते हुए बोलीं- क्या.. आपको अपनी होने वाली पत्नी की गाण्ड अच्छी लगती है?
तब मैंने अपने लण्ड को और थोड़ा सासूजी की गाण्ड से दबाया और बोला- हाँ.. मेरी प्रिया रानी.. मुझे तेरी गाण्ड बहुत पसंद है..
सासूजी ने कहा- क्क्य्या.. आअपप उसे छूना नहीं चाहोगे?
तब मैं घुटनों के बल बैठा और सासूजी की दोनों जाँघों को पकड़ कर उनकी गाण्ड पर एक लंबी सी चुम्मी की।
तब सासूजी की साँसें और भी तेज हो गईं और उनके चेहरे के भाव यही बयान कर रहे थे कि राज प्लीज़.. मुझे अभी के अभी चोद कर मेरी चूत की खुजली मिटा दो।
लेकिन मैंने अपने आपको संभाला और खड़ा होकर वापिस बाहर के कमरे में चला गया।
जैसे-तैसे करके रात और आधा दिन कट गया और शाम के 4 बज गए।
मैंने सासूजी को कहा- मैं होटल जाकर रात के लिए खाना ले आता हूँ क्योंकि खाना पकाने का वक्त नहीं रहेगा।
मैं गया और आधे घंटे के बाद खाना लेकर आ गया और मैंने सासूजी से कहा- प्रिया डार्लिंग.. तुम रेडी हो जाओ.. और मैं भी हो जाता हूँ।
अब मैं सासूजी को उनके नाम से और तुम कह कर बुलाने लगा था।
तब वो बोलीं- ठीक है राज डियर..
फिर हम दोनों अपने-अपने कमरों में तैयार होने चले गए और आधे घंटे के बाद मैं तैयार होकर बाहर आ गया।
मैं विधि की सब तैयारियां करके सासूजी का इन्तजार करने लगा।
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