Chudai Sex Kahani मस्त घोड़ियाँ
11-05-2017, 01:18 PM,
#23
RE: Chudai Sex Kahani मस्त घोड़ियाँ
मस्त घोड़ियाँ--16

गतान्क से आगे........................

मनोहर- यही की जब मैं तुम्हे चोदने का मन करता हू तो तुम्हे आगे से चोदने का मन होता है और जब संध्या को चोदने का मन करता है तो संध्या को पिछे से चोदने का मन होता है,

संगीता- इसका मतलब आप यह कहना चाहते है कि आपको मेरी चूत बहुत पसंद है और भाभी की मोटी गंद बहुत पसंद है,

मनोहर- हाँ बस ऐसा ही समझ लो, फिर क्या था हम दोनो धीरे से पापा के पास जाकर उनसे चिपक गई और पापा कभी मेरी गंद को सहलाते कभी मेरी चूत मे उंगली डाल कर हिलाते और कभी संगीता की चूत को सहलाने लगते,

हम दोनो घुटने के बल वही बैठ गई और पापा का मोटा लंड निकाल कर चूसने लगी, कभी मैं पापा का टोपा चुस्ती तो संगीता उनके गोते चूसने लगती और कभी मैं उनके गोटे सहलाती तब संगीता उनके लंड के फूले हुए सूपदे को चूसना शुरू कर देती,

पापा भी बारी-बारी से कभी मेरे दूध दबाते और कभी संगीता के दूध को मासल्न लगते थे, कुछ देर बाद पापा कुर्सी से खड़े हो गये और उनका मोटा लंड आसमान की ओर सर उठा कर खड़ा हो गया पापा ने हम दोनो की गंद पर थपकीया मारते हुए हमे घोड़ी बना कर झुका दिया और फिर पापा ने मेरी गंद और चूत को पागलो की तरह फैला-फैला कर चाटना शुरू कर दिया मैं एक दम मस्ती मे मस्त होने लगी और अपनी गंद पापा के मूह पर मारने लगी,

तभी पापा ने संगीता की चूत को अपने मूह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया, पापा संगीता की चूत चूस्ते हुए मेरी चूत मे तीन उंगलिया डाल कर आगे पिछे करने लगे उधर संगीता कुछ ज़्यादा ही रसीली हो रही थी और कह रही थी,

संगीता- ओह पापा चतो और चतो अपनी बेटी की चूत चाट-चाट कर लाल कर दो बहुत चुदासी बेटी है आपकी खूब चूसो आह आ आह आ

तभी पापा नीचे लेट गये और मेरी गंद को पकड़ कर अपने मूह पर रखने लगे और मैं अपनी दोनो जाँघो को खोल कर पापा के मूह के उपर अपनी चूत रख कर बैठ गई और पापा मेरी चूत को खूब फैला कर चाटने लगे, उधर संगीता पापा के लंड पर अपनी चूत रख कर धीरे-धीरे आँखे बंद करके बैठने लगी तभी पापा ने नीचे से एक कस कर धक्का संगीता की चूत मे मार दिया और संगीता आह करके धम से पापा के लंड पर बैठ गई और उसकी चूत मे पापा का पूरा लंड फस गया,

थोड़ी देर बाद मैं खड़ी हुई और अपना मूह संगीता की ओर करके वापस पापा के सीने पर बैठ गई पापा ने जैसे ही अपनी जीभ से मेरी मोटी गंद के छेद को सहलाया मैने संगीता के होंठो को अपने होंठो मे भर लिया संगीता भी मुझसे चिपक गई और मेरे मोटे-मोटे दूध को खूब कस-कस कर मसल्ने लगी मैने भी संगीता के दूध को खूब कस-कस कर निचोड़ा, पापा जितनी ज़ोर से मेरी गंद के सुराख मे अपनी जीभ रगड़ते मैं भी उतनी ही ज़ोर से संगीता के दूध को मसल्ने लगती,

उधर पापा अपनी कमर उठा-उठा कर संगीता की चूत जितनी ज़ोर से ठोकते संगीता उतना ही मुझसे चिपकने लगती,

मैने संगीता के निप्पल अपने मूह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया और पापा ने मेरी चूत के छेद मे अपनी जीभ घुसा कर रस चूसने लगे, अब पापा बड़ी तेज़ी से संगीता को चोद रहे थे और संगीता भी खूब ज़ोर-ज़ोर से पापा के लंड पर कूद रही थी इधर जितनी तेज़ी से पापा संगीता की चूत मार रहे थे उतनी ही तेज़ी से मेरी चूत को भी चूस रहे थे,

संगीता- ओह पापा और तेज खूब कस कर मारिए और मारिए हाँ ऐसे ही खूब चोदिये आह आह आ

इधर मैं भी पापा के मूह से अपनी चूत रगड़ते हुए ओह पापा खूब ज़ोर से चातिए खूब चुसिये अपनी बहू की चूत ओह ओह आह आ सी सी आह,

कुछ देर बाद संगीता ने पानी छ्चोड़ दिया और उधर पापा ने मेरी चूत का पानी भी चूस-चूस कर झाड़ा दिया, संगीता तो लुढ़क कर हफने लगी पर शायद पापा का पानी नही च्छुटा था और वह खड़े हो गये मैं समझ गई पापा जब तक मुझे नही चोद लेते उनका पानी नही निकलेगा, मैं बिना कुछ कहे सीधे घोड़ी बन गई और फिर

पापा ने मेरी चूत को खूब कस-कस कर ठोकना शुरू कर दिया,

पापा चूत मारने मे एकदम माहिर थे उन्होने मेरी गंद को सहलाते हुए मुझे खूब हुमच-हुमच कर चोदना शुरू कर दिया और मैं किसी कुतिया की तरह अपनी गंद उठाए उनका तगड़ा लंड गपगाप अपनी रसीली चूत मे ले रही थी और सीसीया रही थी ओह पापा और चोदो खूब कस कर चोदो आज फाड़ दो अपनी बहू की चूत आह आह आह

ओह ओह ओह पापा मैं गई और फिर पापा ने एक जबार्दुस्त धक्का मेरी चूत मे ऐसा मारा कि उनका मोटा लंड मेरी बच्चेदनि से टकरा गया और मैं वही पेट के बल लेट गई और पापा मेरी चूत मे जड़ तक अपने लंड को फसाए मेरी गंद के उपर लेट गये और हफने लगे, जब हम दोनो कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे तब संगीता को मस्ती सूझी और वह पापा के उपर आ कर पेट के बल उनसे चिपक कर लेट गई,

कुछ देर बाद मैने जब हरकत की तब पापा ने संगीता को उठा कर खुद भी मेरे उपर से उठ गये और फिर हम तीनो ने जल्दी से कपड़े पहने और नीचे आ गये,

मामा- क्यो भाई रोहित खूब ससुराल के माल का मज़ा ले रहे हो हमे नही बताओगे क्या-क्या हुआ वहाँ

रोहित- अरे मामा बस ये समझ लो हमारे यहाँ ससुराल के जो मज़े है वह दुनिया मे कही नही है बस मस्ती ही मस्ती छाई रहती है,

मामा- यार रोहित एक बात कहु अगर तू बुरा ना माने तो

रोहित- कहो मामा क्या बात है

मामा- रोहित संगीता को चोदने का वैसा मज़ा नही आ पाया जैसा मैं चाहता था बिल्कुल आराम से सारी रात उसे नंगी करके चोदने मे ही ज़्यादा मज़ा आएगा,

रोहित- अरे मामा तुम एक काम क्यो नही करते, मम्मी से बात करके संगीता को कुछ दिनो के लिए अपने घर ले जाओ और फिर 10-15 दिन तक जब तुम रोज संगीता की चूत मरोगे तब तुम्हारा मन भी भर जाएगा और सारी-सारी रात तुम उसे नंगी लेकर पड़े भी रहोगे,

मामा- वाह भान्जे क्या आइडिया दिया है तूने चल अभी दीदी से बात करते है तभी सामने से मंजू आ जाती है,

मंजू- क्या बात करना है भाई दीदी से

मामा- अरे दीदी मैं तो यह कहना चाहता था कि संगीता की मामी कह रही थी कि कुछ दिनो के लिए संगीता को अपने यहाँ लेकर आ जाओ वह भी अपने मामा मामी का घर देख लेगी,

मंजू- अरे तो इसमे तुझे मेरी पर्मिशन की क्या ज़रूरत है तेरी बेटी है जब चाहे ले जा,

मामा- ठीक है दीदी तुम संगीता को कह देना कल तैयार हो जाएगी मैं कल घर जा रहा हू

मंजू- अरे इतनी जल्दी क्या है अभी तुझे आए दिन ही कितने हुए है,

मामा- नही दीदी वहाँ बड़ा काम पड़ा है और घर पर देखभाल करने वाला भी कोई नही है,

अगले दिन संगीता अपने मामा के साथ उनके यहा चली जाती है और घर मे रोहित संध्या और मंजू और मनोहर रह जाते है,

शाम को संध्या और रोहित बालकनी मे खड़े थे रोहित संध्या के दूध दबाता हुआ नीचे से जाती हुई औरतो की गंद देख रहा था और संध्या से उनके बारे मे बाते कर रहा था,

रोहित- देखो संध्या उस औरत की गंद कितनी मोटी है

संध्या- हाँ बिल्कुल मम्मी जी की गंद की तरह लग रही है,

रोहित- संध्या- अभी तक मम्मी को चोदने की इच्छा मन मे ही है तुम कुछ आइडिया क्यो नही बताती हो

संध्या- लगता है मुझे कुछ करना ही पड़ेगा, खेर तुम चिंता मत करो और मैं जैसा कहती हू वैसा ही करना हो सकता है आज रात को ही तुम्हे अपनी मम्मी की चूत और गंद को चोदने का मोका मिल जाए पर जब तुम मम्मी को चोदोगे तब मैं क्या करूँगी,

रोहित- मेरी रानी तुम काफ़ी होशियार हो मैं जानता हू जिस दिन मैं मम्मी की चूत और गंद को चोद रहा होऊँगा उस दिन तुम भी पापा के मोटे लंड से खूब अपनी चूत मरवा रही होगी,

संध्या- सच रोहित पापा से चुदने मे एक अलग ही मज़ा आता है, उनका लंड भी बड़ा मस्त है

रोहित- तुम्हे तो कम से कम यह तो पता है कि पापा से चुदने मे कितना मज़ा आता है पर मुझे तो यह भी नही पता की जब मैं अपनी मम्मी को चोदुन्गा तो कितना मज़ा आएगा,

संध्या- चलो आज तुम्हारी इच्छा पूरी कर देती हू लेकिन जैसा मैं कह रही हू वैसा ही करना और फिर संध्या और रोहित वहाँ से अंदर आ जाते है, रात को 9 बजे पापा टीवी के सामने बैठे थे और संध्या उनके पास जाकर बैठ जाती है उधर मंजू अपने रूम मे थी और रोहित अपने रूम से संध्या और पापा को देख रहा था,

संध्या- पापा

मनोहर- हाँ बहू बोलो क्या बात है

संध्या- पापा मुझे दारू पीना है

मनोहर- संध्या को हैरत भरी निगाहो से देखता हुआ, क्या बात कर रही हो बेटी,

संध्या- पापा आज बहुत मन कर रहा है कम से कम बीआर ही पीला दो,

मनोहर- लेकिन बेटी रोहित देखेगा तो क्या बोलेगा, आप फिकर ना करो एक बोत्तेल उनके लिए भी मॅंगा लीजिए ना मैं उन्हे अंदर देकर आ जाउन्गि वह पी लेंगे फिर मैं आपके पास आकर आपके साथ पीना चाहती हू,

मनोहर- लेकिन मंजू ने कुछ कहा तो

संध्या- तो आप मम्मी को कोल्ड्ड्रिंक मे बियर मिला कर उनको भी पिला दीजिए ना,

मनोहर- बहू आज तुम किसी अलग मूड मे लग रही हो क्या बात है साफ-साफ बताओ,

संध्या- पापा मैं चाहती हू आज आप मेरे सामने मम्मी को पूरी नंगी करके चोदिये और फिर उसके बाद आप मुझे मम्मी के सामने पूरी नंगी करके चोदिये, होश मे शायद मम्मी शरमाने लगे इसलिए मैं यह सब कह रही हू,

मनोहर- मुस्कुरकर संध्या की मोटी गंद को सहलाते हुए, एक शर्त पर मैं यह सब कर सकता हू

संध्या- मुझे आपकी सभी शर्त मंजूर है

मनोहर- पहले शर्त तो सुन लो बाद मे कही पलट गई तो

संध्या- मुझे पता है आपकी शर्त, आप आज रात को मेरी गंद मारना चाहते हो ना,

मनोहर- आश्चर्या से संध्या को देखता हुआ, तुम्हे कैसे पता मैं यही शर्त कहने वाला हू

संध्या- पापा उपर वाला भी एक जैसे विचारो वाले लोगो को जल्द ही मिलवा देता है चाहे हिन्दी सेक्सी कहानियाँ के थ्रू ही क्यो ना मिलवाए,

मनोहर- पर बेटी रोहित का क्या करेगे,

संध्या- अरे पापा रोहित भी मम्मी जी को चोद लेगा, हम चारो मिल कर मज़ा लेंगे

मनोहर- पर बेटी यह कैसे संभव है रोहित क्या अपनी मम्मी को चोदेगा

संध्या- क्यो नही पापा जब आप रोहित की बीबी को चोद सकते हो तो रोहित आपकी बीबी को क्यो नही चोद सकता है,

मनोहर मुस्कुराते हुए ठीक है लेकिन यह सब के लिए बियर का नशा काफ़ी नही रहेगा, तो फिर आप क्या लेकर आओगे,

मनोहर- बेटी इसके लिए तो आज मुझे वोद्का लेकर आना पड़ेगी लेकिन ध्यान रखना मंजू को भनक ना लगे कि कोल्ड्ड्रिंक मे वोद्का है,

क्रमशः......................
Reply


Messages In This Thread
RE: Chudai Sex Kahani मस्त घोड़ियाँ - by sexstories - 11-05-2017, 01:18 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 13,783 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 6,613 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 4,571 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,756,410 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,451 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,343,588 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,027,892 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,804,974 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,206,126 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,168,305 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)