Sex Kahaniya अंजाना रास्ता
06-16-2018, 12:08 PM,
#2
RE: Sex Kahaniya अंजाना रास्ता
अचानक मेरी आँखे नीचे गयी और मैने देखा कि राज के पेंट मे भी टेंट बना



हुआ है…सिर्फ़ अंतर इतना था कि उसका टेंट काफ़ी बड़ा लग रहा था.. मैने



फिर से कंप्यूटर की तरफ़ देखा..अब वहा दूसरी क्लिप चल रही थी ..इसमे एक



काला आदमी की गोरी लड़की को बड़ी बेरहमी से चोद रहा था " गोरी लड़की बहुत



खूबसूरत थी और वो काला आदमी उतना ही बदसूरत..पता नही क्यू इसे देख मेरा



लंड और ज़्यादा कड़क हो गया..क्लिप्स छोटी छोटी ही थी..पर उन छोटी छोटी



क्लिप्स ने मेरे अंदर बड़े बड़े अरमान जगा दिए थे.. हम वहा १ घंटे तक रहे



फिर मे घर आ गया.



"आह….फक मी..ह्म्म…." लड़की चिल्ला रही थी. ये वोही लड़की थी जिसको मैने



उस मूवी क्लिप मे देखा था बस अंतर इतना था कि उस काले आदमी के जगह मे



उसको चोद रहा था…एमेम….ह्म..आ.आ….फक..मी..मेरे आँखे बंद थी . तभी मुझे



कुछ गीला गीला लगा..मेरी आँखे खुल चुकी थी ..और मेरा सपना भी टूट चुका



था…मेरे लंड ने सपना देखते देखते ही पानी छोड़ दिया था…मैने घड़ी की तरफ़



देखा तो रात के 2 बजे थे .कमरे मे नाइट बल्ब जल रह था….. यका यक मेरी



नज़र सामने अंजलि दीदी के बेड पर गयी. जिसको देख तेही मेरे रोंगटे खड़े



हो गये…….



दीदी बिस्तर पर सीधी सो रही थी ..उनकी चूचियाँ बिल्कुल सीधी तनी खड़ी थी



..जैसे जैसे दीदी सास लेती थी वो उप्पर नीचे होती थी…मेरे नज़र तो मानो



उन खोबसुर्रत उभारो पर ही जम गयी थी …अब मुझे अपने पाजामे मे फिर से वो



ही हरकत महस्सूस होनी लगी .मेरा लंड खड़ा हो रहा था….मुझे ये समझ नही आ



रहा थी कि मुझे अपनी दीदी को देख कर क्यू ऐसा लग रहा है..वो मुझे कितना



प्यार करती है ..मुझे अपने उप्पर गिल्टी होने लगी..मे फिर सीधा बाथरूम



गया और पेशाब कर कर अपने बेड पर आकर सो गया.



अगली सुबा मेरी आख 8 बजे खुली.मे उठ कर बैठा और चारो तरफ़ देखा तो पाया



की दीदी का बॅग टेबल पर रखा है. आज दीदी कॉलेज नही गयी शायद. खैर मे उठ



कर फ्रेश हुआ और ड्रॉयिंग रूम की तरफ़ चला ..अंजलि दीदी सोफे पर बैठी



टीवी देख रही थी… दीदी को देखते ही मुझे रात की बात याद आई ..और मेरे



अंदर फिर से गिल्टी फीलिंग आ गयी..



"अरे..मेरा राजा भैया जाग गया..आजा..यहा बैठ मेरे पास.." दीदी मुस्कुराते हुए बोली.



" आप कॉलेज नही गयी दीदी" मैने पूछा.



"लो कर लो बात …तुझे हुआ क्या है आज कल…अरे सनडे को कोई कॉलेज जाता है



क्या " दीदी मुझे अपने पास बैठाते हुए बोली.



ओह आज सनडे है मुझे अपने बेवकूफी पर गुस्सा आया. सच मे पछले कुछ दिनो से



राजके साथ रहकर मैं भी उसकी ही तरह हो गया हू.



"चाची और चाचा जी नज़र नही आ रहे." मे बोला



"अरे हा ..मे तुझे बताना भूल गयी मम्मी पापा आज बुआ जी के यहा गये है .



शाम तक आएँगे…" दीदी टीवी देखते हुए बोली.



"तुझे भूक लगी होगी ना..मम्मी खाना बना कर गयी है ..रुक मे तेरे लिए लाती



हू' और दीदी उठ कर किचिन मे चली गयी. मैने टीवी का रिमोट लिया और चैनल



चेंज करना चाहा पर रिमोट के सेल वीक हो गये थे सो कई बार बटन दबाने के



बाद चैनल चेंज हुआ..मैने बड़े मुस्किल से अनिमल प्लॅनेट चैनल लगाया..मुझे



अनिमल प्लॅनेट चैनल देखना बहुत पसंद था..थोड़ी देर के बाद दीदी खाना लेकर



आ गयी..वो मेरे पास बैठ गयी..हम दोनो ने खाना खाया.फिर दोनो टीवी देखने



लगे.. " तू ज़रूर बड़ा होकर जानवरो का डॉक्टर बनेगा ." दीदी मुस्कुराती



हुई बोली



" क्यू..दीदी" मैं उत्सुकता से दीदी की तरफ़ देखता हुआ बोला



सारे दिन अनिमल प्लॅनेट जो देखता रहता है तू.. दीदी अपने रेशमी बाल खोल



कर अपने सीने पर डालते हुए बोली..मेरा तो बुरा हाल होगया ..एक तो दीदी थी



ही इतनी खोब्सूरत उपर से जब अपने लंबे रेशमी बाल खोल लेती थी तो क्या



काहू..कटरीना कैफ़ भी फैल हो जाती थी उनकी सामने.



" ला अपना लेफ्ट हॅंड दे ..मे तुझे तेरा फ्यूचर बताती हू " कहते हुए दीदी



ने मेरा हाथ अपने हाथो मे ले लिया ( मे आपको बता दू कि दीदी नी लॉस



टी-शर्ट ऑफ पाजामा पहना हुआ था ) . " ओफ्फ….म्म..क्या मुलायम हाथ था दीदी



का..उनके गोरे गोरे हाथो मे मेरे हाथ भी काले नज़र आने लगे थे…



" तू..बड़ा होकर बनेगा ..म्म..एक..जोकर….हा .हा हा.." दीदी हस्ने लगी.



दीदी मज़ाक कर रही थी और मुझे हसाने की कोशिस कर रही थी पर मे तो उनकी



खूबसूरती को निहार रहा था.



पर थोड़ा मज़ाक करने के बाद हम दोबारा टीवी देखने लगे..कुछ 5 मिनट ही हुए



थे कि तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे मेरी ही नही दीदी की भी साँसे रुक गयी



थी….जैसा कि मैने आपको को बताया कि टीवी पर अनिमल प्लॅनेट चल रहा था..सब



कुछ सही चल रहा था ..कुछ ज़ब्रा घास चर रहे थे कि अचनाक एक बड़ा सा



ज़ीब्रा वाहा आया और एक फीमेल ज़ीब्रा की चूत को पीछे से सूंघने लगा..फिर



उसने अपनी ज़ीब निकाली और वो उसकी चूत को चाटने लगा..कॅमरा मॅन ने इसका



क्लोज़ अप लेना सुरू कर दिया..जैसे जैसे वो उसकी चूत चाट रहा था मैने



देखा कि अब कमरे का फोकस उस ज़ीब्रा की टाँगो की तरफ़ था चूत चाटते चाटते



उसका लंड बढ़ता ही जा रहा था..और ये सब मे अकेला नही बल्कि पास बैठी दीदी



भी देख रही थी..पूरे कमरे मे अब सिर्फ़ टीवी की आवाज़ ही आ रही थी..यका



यक पता नही मेरी नज़र दीदी पर गयी…तो मैने पाया कि दीदी बिना आँखे बंद



किए ये सब देख रही है…फिर मेरी नज़र दीदी की गर्दन से नीचे सीधे उनके



उभारो पर गयी..अब वे और ज़्यादा तन गयी थी .और जल्दी जल्दी उपर नीचे हो



रही थी.शायद दीदी की सासे तेज चल रही थी…तभी दीदी की नज़र मुझसे



मिली..कुछ सेकेंड के लिए.ही मिली थी …शर्म से उनका गोरा चहरा लाल हो रहा



था..वो कुछ ना बोली और आगे बाद कर रिमोट उठा कर चैनल चेंज करने लगी..पर



जैसे कि मैने पहले बताया था कि रिमोट के सेल वीक हो गये थे चैनल चेंज नही



हुआ..पर तभी टीवी स्क्रीन पर वो ज़ीब्रा उस फीमेल ज़ीब्रा पर चढ़



गया…मुझे तभी अहसास हुआ कि मेरा हाथ अब भी दीदी के कोमल हाथो मे था जो कि



अब उनकी राइट थाइ पर रखा हुआ था…उनकी सॉफ्ट थाइट की स्किन को मे उनके



पजामे के उपर से महसूस कर सकता था..मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा..उधर



ज़ीब्रा ने एक ही झटके मे अपना विशाल लंड फीमेल ज़ीब्रा की चूत मे घुसा



दिया..और जैसे ही उसने पहला झटका मारा दीदी ने मेरे हाथ को कस कर भीच



लिया..मेरी हालत बहुत बुरी हो गयी…मुझे लग रहा था कि एक तरह से मे दीदी



के साथ बैठा ब्लू फिल्म देख रहा हू..मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया..ज़ीब्रा



लगातार झटके मार रहा था…मुझ पर सेक्स का नशा चढ़ता जा रहा था …कुछ तो उन



जानवरो की चुदाई देख कर ..और कुछ दीदी के नरम हाथो और उनकी गरम जाँघो की



गर्मी..मुझसे रहा नही गया और अचानक मैने अपने हाथो को थोड़ा खोला और



अंजलि दीदी की राइट जाँघ जिस पर मेरा हाथ रखा था को कस्स कर दबा दिया…बस



मेरे लिए ये काफ़ी था और मेरे लंड से पानी छोड़ दिया…वो तो अच्छा था मैने



अन्दर्वेअर और उपर से पॅंट पहनी थी नही तो दीदी को पता चल जाता…तभी



टेलिफोन की घंटी बजी .दीदी तो मानो सपने से जागी उनको शायद ये भी पता नही



था कि मैने उनकी थाइस को दबाया है..वो फॉरन दूसरे कमरे की तरफ़ चली गयी



जहा फोन बज रहा था…..



क्रमशः.......................
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RE: Sex Kahaniya अंजाना रास्ता - by sexstories - 06-16-2018, 12:08 PM

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