RE: non veg story वो जिसे प्यार कहते हैं
सफेद सलवार के साथ उसने संतरी रंग की कमीज़ पहनी थी. उसकी कमीज़ घुटनो से थोड़ी उपर तक आ रही थी – उसकी जाँघो को कवर कर रही थी. शिफ्फॉन की परदाशिता की वजह से उसकी सुडोल टाँगे दिख रही थी, यानी वो भीग के आई है.उसने एक बढ़िया काले फ्रेम वाला चश्मा पहना हुआ था, जो इस बात की पुष्टि कर रहा था - उस दिन मीटिंग में उसने भूरे रंग के कॉंटॅक्ट लेंस लगा रखे थे.उसने अपने बाल बड़ी सफाई से पीछे बाँध रखे थे. उसकी मुखाक्रुति ये बता रही थी कि वो काफ़ी बिज़ी है और उसके पास ज़यादा समय नही होगा.
मिनी को देख कर उसे फिर सॉनॅक्षी की याद आ गई. वो दिन भी बारिश का दिन था और दोनो एक ही छतरी में थे. सॉनॅक्षी उस से चिपक गई थी और उसी दिन उसने सॉनॅक्षी को प्रपोज़ किया था.
राजेश अचांबित था कि पुरानी भूली बातें फिर क्यूँ अचानक उसकी दिमाग़ को कोंधने लगी.
उसने नतीजा ये निकला कि उस दिन सोनाकशी के चेहरे पे भी वोही भाव थे जो आज मिनी के चेहरे पे हैं..
‘हे माफ़ करना देर हो गई, आज मेरा ड्राइवर नही आया’ मिनी ने माफी माँगी राजेश की टेबल की तरफ आते हुए.
‘कोई बात नही मेडम’
राजेश तो अजीब लगा जब उसका ध्यान अपनी आइस्ड टी पे गया जो लगबघ ख़तम हो चुकी थी.
‘क्या लेना पसंद करेंगी आप?’
‘येआः मैं कॉस्टा रीका तररज़ू लूँगी’
उसने दुबारा बोला ताकि राजेश को समझ में आ जाए किस टाइप को कॉफी उसे चाहिए थी. राजेश ऑर्डर देते वक़्त ग़लती नही करना चाहता था.सबसे बढ़िया था वेटर को बुला लेना.
‘मैं समझता हूँ आजकल आप कुछ दिनो से छुट्टी पे चल रही है. कोई सीरीयस बात तो नही?’
.नही नही,कुछ सीरीयस नही है, बस मेरी बेटी रीया के एग्ज़ॅम्स हैं और इस दोरान वो मुझे अपने पास चाहती है.तो मैने सोचा छुट्टी लेकर उसकी कुछ हेल्प ही कर दूं.’
कुछ पल के लिए राजेश को समझ में नही आया कैसे रिएक्ट करे. देखने में ही लगता था कि मिनी शादी शुदा है और बच्चे भी होंगे और वो राजेश से उम्र में भी बड़ी थी.लेकिन उसकी बेटी का ज़िकरा आते ही राजेश को झटका लगा. उसे कुछ ऐसा कहा गया था जो वो सुनना नही चाहता था.
‘आप की बेटी कितनी बड़ी है?’ अपने झटके को साइड में करते हुए उसने बात चालू रखी.
‘रीया 8 साल की है और थर्ड स्टॅंडर्ड में है. क्या तुम जानते हो ये बारिश कितनी मुसीबतें लाती है अगर इसी तरहा होती रहें.’
राजेश को लगा मिनी का ध्यान बटा हुआ है. वो जिस्म से यहाँ है पर दिमाग़ कहीं और है.
राजेश को उसके साथ सहानुभूति हुई, कितना मुश्किल होता होगा ऑफीस और घर दो दो ड्यूटीस संभालना.
मिनी ने तब एक लिफ़ाफ़ा निकाला और राजेश को दे दिया.
‘मैने अपने बॉस के साथ सलाह की है तुम्हारे प्रपोज़ल के बारे में. हम ने ये फ़ैसला लिया है कि इनवेस्टमेंट 12लाख की करेंगे – एक साल के कांट्रॅक्ट मे. और तुम्हारी वेबसाइट पे हमारी वेबसाइट का डाइरेक्ट लिंक होगा और एक रेग्युलर बॅनर होम पेज पे.’
राजेश को अपने कानो पे विश्वास ना हुआ, उसकी खुशी का कोई ठिकाना ना था.
‘थॅंक यू मेडम, मैं वादा करता हूँ हम हर संभव प्रयास करेंगे आपके ब्रांड को उठाने के लिए.
मिनी की उदारता ने उनकी बातों को आराम से अपने पन पे पहुँचा दिया. कुछ ही क्षणों में वो काम से हट कर एक दूसरे के बारे में बाते करने लगे.
राजेश मिनी के बारे में अपनी जिग्यासा को शांत करना चाहता था.
मिनी : तो आप मुंबई से हो?
राजेश : नही, मैं देल्ही से हूँ,यहाँ आए हुए मुझे 10 साल हो गये हैं.
राजेश ने महसूस किया कि मिनी अपने हज़्बेंड के बारे में कोई बात नही कर रही.
बहुत कुछ इस बारे में उसके दिमाग़ में घर कर गया.
क्या उसकी शादी शुदा जिंदगी ठीक तक चल रही है?
वो बच्चों के बारे में इतनी चिंतित क्यूँ रहती है, जब उसका पति ये ज़िमेदारी बखूबी उठा सकता है? या वो खुद इतनी निस्वार्थ है की पति के उपर कोई बोझ नही डालना चाहती?
कुछ भी हो राजेश उसके पति के बारे में बात नही करना चाहता था- अपने अनुभव से वो ये जान चुका था कि अगर तुम किसी शादी शुदा के साथ फ्लर्ट करना चाहते हो तो कभी उसके पति के बारे में मत पूछना चाहे वो अच्छा हो या बुरा.
मिनी काफ़ी रिलॅक्स्ड लग रही थी जैसे जैसे इनकी बातें बढ़ रही थी..
‘तो तुम्हें मुंबई कैसा लगा? यहाँ की बारिश काफ़ी हतोत्साहित करती होगी’
‘ना, उल्टा मुझे मुंबई और भी अच्छा लगने लगा है पिछले 5 दिनो से जब से हम मिले हैं’
मिनी को एक झटका सा लगा उसके आखरी कुछ शब्द सुन के. और राजेश इस बात को समझ गया और उसने बात बदल दी ‘ मेरा मतलब था उस दिन बारिश का पहला दिन था’
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