RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
डीजे चल रहा था और जावेद भैया और हॅरी भैया के शराबी दोस्तों ने डॅन्स करना शुरू कर दिया था. मैं भी अपने रूम से बाहर आ गई थी. मैने रेड कलर का पाजामी सूट पहना था और पूरा शृंगार किया हुआ था और मैं दुल्हन ही लग रही थी. जब मैं फ्लोर के पास आई यहाँ पे म्यूज़िक सिस्टम लगाया गया था. वहाँ सभी की निगाहें एक टक मुझे ही घूर रही थी. वैसे मेरे साथ भाभी भी थी पिंक साड़ी में बहुत से लड़के तो भाभी के उपर भी डोरे डाल रहे थे. महक भी कुछ कम नही थी. वाइट कलर के सलवार सूट में वो परी ही लग रही थी. कुल मिला कर आज 3-3 हसीनाएँ मिल कर लड़कों का बॅंड बजाने वाली थी. तुषार भी लड़कों के साथ ही डॅन्स कर रहा था और मेरी और देख कर गंदी सी हँसी हँस रहा था.
मैने उसकी तरफ से ध्यान हटाया और दूसरी ओर देखने लगी जिस तरफ खाने पीने का अरेंज्मेंट था.
रसगुल्ला देखते ही मेरे मूह में पानी आ गया और मैं उस तरफ खिचि चली गई. मैने जी भर कर मिठाई खाई और फिर आकर महक और भाभी को डॅन्स के लिए उठा लिया क्योंकि अब जो मिठाई खाई थी उसे हजम भी तो करना था तभी तो दूसरी दफ़ा खाने का रास्ता सॉफ होगा.
मैं, महक और करू भाभी धीरे-2 डॅन्सिंग फ्लोर पे जाकर थिरकने लगी. हमारे पास ही लड़के डॅन्स कर रहे थे इसी लिए हम तीनो थोड़ा झिझक रही थी. जादू भैया भी अपने दोस्तो के साथ नाच रहे थे. मैं उनको अपने पास खीचने के लिए गई तो वहाँ नाच रहे लड़कों के पता नही कितने ही हाथ मुझे मेरे नितंबों पे फिरते महसूस हुए. किसी ने चूटी काटी तो किसी ने ज़ोर से उन्हे भींच दिया और किसी की उंगली नितंब की दरार में घूम गई. मैं जादू भैया को खीच कर अपने पास ले आई और अब जादू भैया भी हमारे साथ आ कर डॅन्स करने लगे और भैया करू भाभी के साथ साथ अपनी कमर लचका के नाच रहे थे. हॅरी भैया आए और जादू भैया को भाभी के पास से दूर धकेल दिया और खुद भाभी का हाथ पकड़ कर नाचने लगे. दोनो की जोड़ी बहुत अच्छी लग रही थी. एकदम पर्फेक्ट जोड़ी थी उनकी जितने सुंदर हॅरी भैया थे उससे कही ज़्यादा बढ़कर करू भाभी और दोनो एक दूसरे से बढ़कर थे और वो बस एक दूसरे के लिए ही बने थे.
तभी भाभी अपना हाथ छुड़ाकर वहाँ से चली गई. मैं और बाकी सब अपनी मस्ती में डॅन्स कर रहे थे. मैने देखा भाभी करण को पकड़ कर हमारे पास ला रही थी. उन्होने करण को भी हमारे बीच शामिल कर दिया और मुझे खीच कर करण के पास कर दिया और हम दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़ कर थिरकने लगे. मैं बहुत खुश थी मेरी पूरी फॅमिली जो एक साथ डॅन्स कर रही थी. फ्लोर पे लाइट अब कम हो गई थी और मैं अब करण से लिपटने लगी थी उधर भाभी भी भैया के सीने से लगी हुई थी. महक पता नही किधर भाग गई थी लेकिन मुझे पता था कि वो ज़रूर आकाश के पास ही गई होगी. जादू भैया फिरसे अपने दोस्तों के पास चले गये थे. मेरे हाथ करण के गले में थे और करण के हाथ मेरी कमर पे लिपटे हुए थे. वो हल्की-2 किस्सस मेरे चेहरे पे कर रहा था. डीजे पे रोमॅंटिक सॉंग चल रहा था और बहुत ही अच्छा लग रहा था मुझे करण के सीने से लिपटकर. मैं इस बेशक़ीमती अहसासो में डूबी थी कि तभी मेरे हाथ में पकड़ा मेरा मोबाइल बज उठा. दिल किया इसको ज़ोर से दीवार के साथ मारु. मैने करण की गाल पे किस की और उसे 'अभी आई' का बोलकर साइड पे आकर फोन सुनने लगी. किसी अननोन नंबर. से कॉल आ रही थी. मैने कॉल पिच की.
मे-हेलो.
'हाई रीत मैं तुषार बोल रहा हूँ'
मे-किस लिए फोन किया.
तुषार-मुझे तुमसे कुछ बात करनी है प्लीज़ उपर छत पे आओ.
मे-देखो तुषार अब मेरा और तुम्हारा कोई रिश्ता नही है समझे.
तुषार-अरे रीत यार मुझे करण के बारे में कुछ बताना है.
मैं एकदम चौंकते हुए बोली.
मे-करण के बारे में...?
तुषार-हां.
मे-क्या बात है.
तुषार-तुम आओ तो सही.
मे-मुझे पता है तुम जो भी बताओगे झूठ ही होगा.
तुषार-एक बार सुनोगी तो तुम भी यकीन नही कर पाओगी.
मे-ऐसी क्या बात है.
तुषार-वो बात फोन पे बताई नही जा सकती क्योंकि वो दिखाने वाली चीज़ है जल्दी उपर आओ.
और फोन कट गया.
मैं सोचने लगी कि आख़िर बात क्या है. मैने डॅन्सिंग फ्लोर पे देखा तो वहाँ अब फिरसे लाइट'स ऑन हो गई थी और करण और हॅरी भैया एक साइड पे बैठ कर कुछ बात कर रहे थे.
मैं धीरे-2 अंदर की तरफ बढ़ी और अंदर जाकर सीडीयाँ चढ़ते हुए उपर की तरफ जाने लगी. उपर जाकर देखा तो कोई नही था. चाँद की हल्की-2 रोशनी थी और ज़्यादा दूर तक दिखाई भी नही दे रहा था. मैने अपना मोबाइल निकाला और वोही नंबर. डाइयल किया जिसके उपर से तुषार बात कर रहा था. मैने मोबाइल कान को लगाया ही था कि मुझे अपनी कमर पे दोनो ओर 2 हाथ महसूस हुए और वो हाथ आगे बढ़कर मेरे पेट पर बँध गये. मुझे किसी ने पीछे से जाकड़ लिया था. मैने एकदम हड़बड़ा कर अपना फोन कान से हटाया और पीछे घूम कर देखना चाहा और डरते हुए कहा.
मे-कॉन हो तुम. छोड़ो मुझे.
'मुझे भूल गई हो रीत डार्लिंग'
फिर उसने मेरी पाजामी के उपर से मेरी योनि को मुट्ठी में भरते हुए कहा.
'मैं वोही तो हूँ जिसने तुम्हारी चूत का उद्घाटन किया था'
मे-तुषार तुम.
तुषार-हां अब याद आया तुम्हे.
मे-तुषार दिखाओ मुझे क्या दिखाना है...?
तुषार-रीत डार्लिंग एक बात तो है तू तो पहले से भी ज़्यादा मस्त हो गई है.
(मेरे नितंबों पे हाथ फेरते हुए)
ये तेरी गान्ड कैसी एकदम गोल-मटोल हो गई है और पीछे को भी तो निकल आई है. और ये तेरे मम्मे(मेरे उरोजो को एक हाथ से मसल्ते हुए) कितने बड़े-2 हो गये हैं.
मैने उसका हाथ अपने उरोजो के उपर से झटकते हुए.
मे-तुषार छोड़ो मुझे और सामने आकर बात करो.
तुषार-बातें भी होती रहेंगी डार्लिंग पहले तुम्हे अच्छी तरह से देख तो लूँ. बहुत दिन बाद देख रहा हूँ आज रीत तुम्हारी लेने का मन कर रहा है डार्लिंग.
मे-बकवास मत करो छोड़ो मुझे जो बात बताने के लिए यहाँ बुलाया है वो बात बताओ.
तुषार-अरे ऐसी कोई बात है ही नही जो तुम्हे बताऊ मैं तो तुम्हारी लेने के लिए यहाँ आया हूँ.
कहते-2 उसने मेरी पाजामी का नाडा खोल दिया. मैं एकदम से चौंक गई और अपने हाथ अपनी पाजामी की तरह बढ़ा दिए मगर तुषार के हाथों ने मेरे हाथ को पहले ही जाकड़ लिया और मेरी पाजामी थोड़ी सरक्ति हुई नीचे हो गई और मेरी पैंटी और थोड़ी-2 नंगी जांघे दिखने लगी. मैं तुषार की बाहों में छटपटाने लगी और कहा.
मे-तुषार ये क्या बदतमीज़ी है छोड़ो मुझे मैं अब ये सब नही करना चाहती. मैं अब करण को प्यार करती हूँ.
तुषार-तो करती रह प्यार मुझे इस से क्या मुझे तो तेरी चूत मारनी है बस.
मे-प्लीज़ तुषार समझा करो मैं उसे धोखा नही देना चाहती.
तुषार-ओह तो आज तुम्हे पता चल गया कि ये धोखा है. साली जब मुझसे प्यार करती थी तब भी तो आकाश को देती थी तब मेरे साथ धोखा नही हो रहा था क्या.
अब मेरे पास उसकी बात को कोई जवाब नही था क्योंकि उस वक़्त मैं ग़लत थी.
मे-प्लीज़ तुषार मुझे माफ़ करदो मुझे बहुत बड़ी ग़लती हुई.
तुषार-मुझे कुछ नही सुन ना.
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