RE: Nangi Kahani साला है बड़ी किस्मत वाला
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 10
आवाजें लगातार निकल रही थी उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था टीना भी उसकी हालत समझ गई और अब वो दोनों पलंग पर आ गये टीना ने मनीषा को धक्का दे कर पलंग पर लिटा दिया और उसकी दोनों टाँगे फैला कर उसकी चुत चाटने लगी मनीषा तो जैसे सातवें आसमान में उड़ने लगी पूरे पाँच साल बाद उसे ऐसा मजा आ रहा था वरना तो उसे अपनी उंगली से ही कम चलना पड़ता था थोड़ी देर चुत को उप्पर से चाटने के बाद अब टीना ने मनीषा की चुत की फांके खोल कर उसमें अपनी जीभ घुसा दी और जीभ आगे पीछे करने लगी मजे के मारे मनीषा की आंखें बंद हुई जा रही थी तभी उसे एक और झटका लगा टीना ने उसकी चुत में जीभ करते करते अचानक अपनी उंगली उसकी गांड में घुसेड़ दी और आगे पीछे करने लगी अब मनीषा को दोनों ही छेड़ो से मजे आरहे थे एकाएक उसका शरीर अकड़ने लगा उसने टीना का सर अपनी चुत पर दबा दिया और आहह……उउंम्म……. हाईए…….. करते हुए झड़ने लगी इधर टीना भी उसकी हालत समझ गई और जोरों से जीभ अंदर बाहर करने लगी और मनीषा का पानी पीने लगी………..
थोड़ी देर बाद मनीषा नॉर्मल हुई तो बोली ”अब मेरी बड़ी चल तुझे भी ठंडी कर देती हूँ”
”रहने दे यार मेरी चुत को लंड की आदत पड़ गई है अब उंगली से कुछ मजा नहीं आता, वो तो तेरे लिए मैंने ये किया वरना तो अब मैंने उंगली करना बंद ही कर लिया है” टीना बोली
”तू सच में ही चुदाया चुकी है क्या” मनीषा ने पूछा
”हाँ यार मैं सच कह रही हूँ” टीना ने जवाब दिया
कौन है वो मुझे भी तो बता’ मनीसा बोली
”नहीं यार मैं तुम्हें उसका नाम नहीं बता सकती” टीना ने कहा
”बस 5 साल में ही अपनी दोस्ती को भुला दिया ठीक है मत बता” कह कर मनीषा ने नाराज़गी से दूसरी ओर मुंह फेयर लिया
”अरे यार तू तो गुस्सा हो गई”उसे नाराज़ देख कर टीना बोली ”चल मैं तुझे उसका नाम बता दूँगी पर तुझे मेरी कसम खानी होगी के ये बात तुम किसी को भी नहीं बनाएगी”
”वैसे भी मैंने आज तक तुम्हारी कोई भी बात किसी को नहीं बताई है फिर भी अगर कसम खाने से तुम्हें यकीन आएगा तो चलो मैं तुम्हारी कसम खाती हूँ अब तो उसका नाम बता दो” मनीषा ने टीना के सर पर हाथ रखते हुए कहा
”उसका नाम है राहुल भैया ” टीना ने जैसे बम फोड़ा
”क्य्ाआअ………” मनीषा इतनी ज़ोर से चीखी जैसे उसने बहुत देख लिया हो उसे यकीन ही नहीं आ रहा था की एक बहन अपने भाई से कैसे छुड़ा सकती है लेकिन टीना खुद बता रही थी इसलिए शक की कोई गुंजाइश ही नहीं थी
”कैसे, कैसे शुरू ये सब और तुमने अपने रिश्ते का ख्याल भी नहीं किया” मनीषा ने पूछा
”ये सब कैसे हो गया हमें पता ही नहीं चला और रही बात रिश्ते की तो हम दोनों का ही ये मना है की भाई बहन से पहले हम ‘औरत’ और ‘मर्द’ है जिनकी अपनी शारीरिक जरूरत होती है हम पुराने रिश्ते की बजाए अब नये रिश्ते से ज्यादा खुश है” टीना बोली
”ये सब कब और कैसे शुरू हुआ मुझे स्टार्ट से बता” मनीषा बोली
उसकी बात सुनकर टीना सोच में पड़ गई की कहाँ से शुरू करे..
कुछ देर सोचने के बाद टीना बोली ये बात आज से 5 साल पहले तब की है जब उजहे तेरे घर से आए हुए 4-5 महीने हो गये थे उस समय मेरी आगे 19 साल और भैया की 20 साल की थी तेरे साथ की हुई मस्ती के कारण वापस आने के बाद मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी मुझे हर पल बस सेक्स ही सेक्स की लगी रहती थी मैं हर रोज 2-3 बार फिंगरिंग भी कर लिया करती थी पर मेरा सेक्स का बुखार बढ़ता ही जा रहा था अब मुझे उंगली करने से भी मजा नहीं आता था मुझे ऐसा लगता था की कोई लड़का आकर मेरे सारे बदन को निचोड़ डाले और अपने मोटे लंड को मेरी चुत में घुसेड़ कर खूब ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई करे पर मैं जानती थी की मेरी ये इच्छा पूरी नहीं हो सकती थी क्यों के बाहर के किसी लड़के के साथ करने से बात खुलने पर बहुत बदनामी हो सकती थी मैंने इस डर के मारे ऐसी कोई कोशिश नहीं की और अपने आपको किस्मत के हवाले चोद दिया और जैसे तैसे अपनी उंगली से ही कम चलाने लगी.
तुझे तो पता ही है की हम दोनों भाई बहन के कमरों का एक ही कॉमन बाथरूम है जिसका एक दरवाजा मेरे साइड और दूसरा दरवाजा भैया के साइड में है कूलेग की छुट्टियाँ चल रही थी और अक्सर सारा दिन घर पर ही गुजरता था एक दिन दोपहर में मैं बाथरूम गई तो देखा की भैया के साइड का दरवाजा खुला है मैं उसे बंद करने गई तो मुझे भैया के कमरे से किसी लड़की की आहह… उहह… हमम्म्म… जसी कराहने की आवाजें सुनाई दी मैं हैरान हो गई की भैया के कमरे में कौन लड़की आगाई ये देखने के लिए मैंने धीरे से दरवाजा खोला और भैया के कमरे के अंदर आगाई पर जैसे ही मैंने अंदर का नज़ारा देखा मेरे तो होश ही उउड़ गये भैया अपने पीसी के सामने पूरे नंगे बैठे थे और पीसी पर ब्लू फिल्म देखते हुए अपने लगभग 8 इंच के लंड की मूठ मर रहे थे मैं मुंह खोले कभी फिल्म देखती कभी भैया को देखती वही खड़ी रही इधर इतने सेक्सी सीन को देख कर मेरी चुत खुशी के मारे चालक पड़ी और पूरी गीली हो गई तभी भैया की नज़र मुझ पर पड़ी तो वो हड़बड़ा कर उठ गये और मैं भी अपनी चोरी पकड़े जाने भाग कर अपने कमरे में आकर पलंग पर बैठ गई मेरी नज़रो में अभी भी वही नज़ारा घूम रहा था मेरे समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था धीरे धीरे जो सेक्स की आग मैं बुझा रही थी वो एक ही झटके में फिर से भड़क गई थी मैं अभी चुत में उंगली करने ही वाली थी की भैया मेरे कमरे में आए और मेरे सामने कुर्सी पर बैठ गये कुछ देर दोनों में से कोई भी कुछ नहीं बोला फिर भैया ने ही शुरूआत की ”तो तूने सब कुछ देख लिया है ना”
”हाँ, कितना गंदा कम कर रहे थे आप, शर्म नहीं आती आपको” मैं बनावटी गुस्से से बोली
”तूने एक बार मुझे ये कम करते देखा तो ऐसा बोल रही है पर मैंने यही कम जिसे तू गंदा कह रही है करते हुए कई बार देखा है पर मैंने तो तुझसे कभी ऐसा नहीं कहा” भैया ने मुझे झटका सा दिया
अब शरमाते की मेरी बड़ी थी मैं ज़मीन में नज़रे गड़ाए हुए बोली ”आपने मुझे कब और कहाँ ये करते हुए देखा है”
”अपने बाथरूम में, एक दिन जब मैं बाथरूम गया तो मैंने देखा की मेरे साइड का दरवाजा खुला है मैंने धीरे से दरवाजा खोला तो अंदर तुझे यही कम करते हुए पाया तेरी आंखें बंद थी और तू पूरी मस्ती के साथ अपने कम में लगी हुई थी इसलिए तू मुझे देख नहीं पाई पर तुझे ऐसा करते देख मुझे बहुत मजा आया और मैंने तेरे वापस जाते ही तुझे देखने का पर्मनेंट जुगाड़ करने की सोची और बाथरूम के दरवाजे के हॅंडेल के पास ला स्क्रृू निकल के उससे अंदर देखा तो मुझे वहाँ से सब स्पष्ट नज़र आया अब मैंने उस स्क्रृू को ढीला कर दिया फिर उस दिन के बाद जब भी तू नहाने के लिए बाथरूम जाती मैं दरवाजे के पास बैठ कर तुझे ऐसा करते देख कर उत्तेजित होकर खुद भी ऐसा करने लगता” भैया ने जवाब दिया
मेरा सागा भाई मुझे चुत में उंगली करते देखता था और खुद भी मूठ मरता था ये सोच कर ही मैं हैरान हो गयी
”आप अपनी सगी बहन को ऐसी नज़रो से देखते है और उसे देख कर वो कम भी करते है आपको ये सब अच्छा लगता है?” मैंने पूछा
”देख टीना भाई बहन होने से पहले हम लड़का लड़की है और वो भी जवान हमारी उमर ही ऐसी है की इस उमर में बदन में सेक्स की आग भड़कती ही रहती है अब मुझमें इतनी हिम्मत नहीं है की मैं किसी लड़की को पता कर उसके साथ ये सब करूं इसलिए मैं फिल्में देख कर ये सब करने लगा फिर उसमें भी मजा नहीं आने लगा फिर तुझे ऐसा करते देख लिया मुझे उसमें और ज्यादा मजा आया तो मैं तुझे देखते हुए ऐसा करने लगा इसमें गलत ही क्या है आख़िर मैं चुप कर ही तो ये सब कर रहा था”
मुझे भी उनकी बात सही लगी सभी अपने आप को शांत करते ही है कुछ ना कुछ करके.
अब मुझे भैया से बातें करते हुए शर्म नहीं आ रही थी
मैं शरारती धनग से बोली ”अब आपका क्या होगा अब तो मैं आपको ये मौका दोबारा नहीं देने वाली”
”इसी मुद्दे पर मैं तुझसे एक बात करना चाहता हूँ तू ध्यान से सुनना देख टीना हम दोनों ही अपने बदन की ज़रूरते अपने अपने ढंग से पूरी करते है और दोनों ही ये जानते भी है क्योना हम दोनों साथ में ये सब करे सोच कितना मजा आएगा” भैया बोले
”ये आप क्या कह रहे है भैया मैं आपकी बहन हूँ मैं आपके साथ सेक्स नहीं कर सकती” मैं भैया की बात सुनकर हैरानी से बोली
”तू मेरी बात को ठीक से समझी नहीं मैं सेक्स करने को नहीं कह रहा हूँ मैं तो सिर्फ़ ये कम जो हम अलग अलग करते है आमने सामने साथ बैठ कर फिल्म देखते हुए करने को कह रहा हूँ क्यों की मुझे अब अकेले में मजा नहीं आ रहा है और शायद तेरा भी हाल यही है तू अच्छे से सोच ले अगर तुझे मेरी बात मंजूर हो तो रात को 10 बजे के आस पास जब अंकल मुम्मी सो जाए तू मेरे रूम में आजना मैं इंतजार करूँगा” इतना कह कर भैया चले गये
इधर भैया को ऑफर सुन कर मैं सोच में पड़ गई मेरे दिल और दिमाग में जंग सी छिड़ गई थी मेरा दिमाग कहता की ये गलत है भाई बहन के बीच ऐसा होना गलत है तो वासना के नशे में डूबा हुआ दिल कहता की भाई बहन भी आख़िर इंसान ही है और जब दोनों ही आग में जल रहे है तो बुझाने में क्या हर्ज है और कौन सा हमें सेक्स करना है बस सामने बैठ कर मूठ ही तो मारनी है, दिमाग कहता की ऐसा करने के लिए भाई के सामने नंगा होना पड़ेगा तो दिल कहता की क्या फर्क पड़ता है भैया तो वैसे भी नंगा देख ही चुके है.
ऐसे ही कुछ सावाक मेरे मान में उताल पुथल मचाए हुए थे अकीर में मेरा दिल जीत गया और मैंने फैसला कर लिया की रात को भैया के रूम में जाना ही है आगे जो होगा देखा जाएगा…….
अब मैं रात होने का इंतजार करने लगी…
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 10
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