RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
भाभी मेरा लंड सहलाने लगी. थोड़ी देर बाद वो बोली, आज तो वो हो
गया जो की नहीं होना चाहिए था. मैने कहा, मैने ऐसा क्या कर
दिया. वो बोली, तूने मुझे अपना लंड दिखा कर आज मुझे पागल सा कर
दिया. मैने कहा, मैने तो नहीं दिखाया था. वो बोली, तेरा नेकर ही
इतना छ्होटा और ढीला था कि मुझे तेरा लंड दिखाई दे गया. मैं
अपने आप को काबू में नहीं रख पाई इसी लिए मैने तुझसे पैर की
दोबारा मालिश करने के लिया कहा था. मैं तेरा लंड देखना चाहती थी
क्यों कि मुझे तेरा लंड बहुत ही लंबा और मोटा दिख रहा था. मैने
कहा, अब तो देख लिया ना. वो बोली, हाँ, देख भी लिया और पसंद भी
कर लिया. मैने कहा, अब क्या इरादा है. वो बोली, तू भी वही कर जो
तेरे भैया मेरे साथ करते थे. मैने कहा, ये ठीक नहीं है. वो
बोली, क्या ठीक है क्या नहीं, मैं कुच्छ नहीं जानती. अगर तू मेरे
साथ नहीं करेगा तो मैं मर जाउन्गि. मैने पुछा, मैं तुम्हारे
साथ क्या करूँ. वो बोली, जो तेरे भैया मेरे साथ करते थे. मैने
कहा, मैने तो कभी देखा ही नहीं कि भैया तुम्हारे साथ क्या करते
थे. भाभी ने मेरे गालों को ज़ोर से काट लिया और बोली, अब चोद दे
मुझे. मैने कहा, दर्द होगा. वो बोली, तो मैं क्या करूँ, होने दे. जो
होगा देखा जाएगा. मैने कहा, तुम मेरी भाभी हो, मैं तुम्हें कैसे
चोद सकता हूँ. भाभी का तो जोश के मारे बुरा हाल था. वो बोली, तू
मुझे नहीं चोदेगा लेकिन मैं तो तुझे चोद सकती हूँ. मैने कहा,
फिर तुम ही चोदो. क्रमशः...........
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