RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
मैने कहा, मैं तो मज़ाक कर रहा था. वो बोली, तो क्या तुम समझे कि
मैं सच में ही उस पागल से चुदवा लूँगी. मैने कहा, मैं तुमसे एक
ही शर्त पर शादी करूँगा. वो बोली, मैने कहा ना कि मुझे तुम्हारी
हर शर्त मंज़ूर है. मैने कहा, सुन तो लो. वो बोली, फिर सुना ही
दो. मैने कहा, मैं तुम्हारी गांद मारूँगा तब ही तुमसे शादी करूँगा.
वो बोली, जब मैने तुम्हारा लंड अपनी चूत के अंदर लिया तब ही मैं
तुम्हारी बीवी बन गयी थी, भले ही हमारी शादी नहीं हुई थी. अपनी
बीवी से ये बात पुछि नहीं जाती. अभी मार लो मेरी गांद. मैने कहा,
फिर सुहागरात के दिन मैं क्या करूँगा. वो बोली, फिर रहने दो.
सुहागरात के दिन तुम मेरी गांद मार लेना. मैने कहा, एक दिक्कत और
है. वो बोली, अब क्या है. मैने कहा, तुमसे शादी करने के बाद मैं
सारी ज़िंदगी किसी कुँवारी चूत को नहीं चोद पाउँगा वो बोली, मैं
तुम्हारे लिए कुँवारी चूत का इंतेज़ाम भी कर दूँगी. मैने पुछा, वो
कैसे. वो बोली, ये मुझ पर छ्चोड़ दो. मैने कहा, फिर मैं पंडित से
पूच्छ लेता हूँ कि हमें शादी कब करनी चाहिए. वो बोली, पूच्छ लेना.
मैने पंडित से बात की तो उसने 3 दिनबाद का मुहूर्त बताया. 3 दीनो तक
मैने ऋतु की खूब जम कर चुदाई की. अब उसे और ज़्यादा मज़ा आने
लगा था. ऋतु चुदवा. समय मेरा पूरा साथ देती थी इस लिए मुझे
भी खूब मज़ा आता था. तीसरे दिन हम दोनो ने मंदिर में शादी कर
ली. रात में मैने ऋतु की गांद मारी. वो बहुत चीखी और चिल्लाई
लेकिन उसने एक बार भी मुझे रोका नहीं. उसकी गांद कयि जगह से कट
गयी थी और उसकी गांद की हालत एक दम खराब हो गयी थी. वो 2 दीनो
तक ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. मैने पुछा, मैं जब
तुम्हारी गांद मार रहा था और तुम्हें इतनी ज़्यादा तकलीफ़ हो रही थी
तो तुमने मुझे रोका क्यों नहीं. वो बोली, मैं अपने पति को कैसे मना
करती. आख़िर बाद में मुझे भी तो गांद मरवाने में मज़ा आया.
मैने कहा, वो तो आना ही था. अब मेरे लिए कुँवारी चूत का इंतेज़ाम
कब करोगी. वो बोली, बस जल्दी ही हो जाएगा.
शादी के 4 दिन के बाद जब मैं दुकान से घर आया तो घर पर एक
लड़की बर्तन सॉफ कर रही थी. उसके कपड़े थोड़ा गंदे थे लेकिन वो
थी बहुत ही खूबसूरत. उसकी उमर लगभग 16 साल की रही होगी. मैं
सीधा अपने कमरे में चला गया. ऋतु भी मेरे पिछे पिछे आ
गयी. मैने ऋतु से पुछा, ये कौन है. वो मुस्कुराते हुए बोली, मैने
इसे घर का काम करने के लिए रखा है. इसका नाम लाली है. पसंद
है ना तुम्हें. मैं इसे तुम्हारे काम के लिए भी जल्दी ही तय्यार कर
लूँगी. मैने कहा, तुम्हारी पसंद का तो जवाब नहीं है. कहाँ रहती
है ये. ऋतु ने कहा, ये गाओं में रहती थी लेकिन अब यहीं रहेगी.
मेरे भैया जब शादी में आए थे तो मैने उन से कहा था कि मुझे
घर का काम करने के लिए एक लड़की चाहिए. उन्होने ने ही इसे यहाँ
पर भेजा है. ये हमारे साथ ही रहेगी. मैने कहा, जल्दी तय्यार
करो इसे. मैं इसे जल्दी से जल्दी चोदना चाहता हूँ. वो बोली, थोड़ा
सबर करो.
लाली बर्तन सॉफ कर के कमरे में आ गयी. उसने ऋतु से पुचछा,
मालकिन, मैने घर का सारा काम कर दिया है, और कुच्छ करना हो तो
बता दो. ऋतु ने कहा, तू तो मेरे गाओं की है, मुझे मालकिन मत कहा
कर. वो बोली, फिर मैं आप को क्या कह कर बुलाऊं. ऋतु ने कहा, तू
मुझे दीदी कहा कर और इन्हें जीजू. वो खुश हो गयी और बोली, ठीक
है, दीदी. ऋतु ने कहा, मेरी तबीयत कुच्छ खराब रहती है इस लिए
तू मेरे साथ ही सो जाना. वो बोली, फिर जीजू कहाँ सोएंगे. ऋतु ने
कहा, वो भी मेरे पास ही सोएंगे. वो बोली, फिर मैं आप के पास
कैसे सो पाउंगी ऋतु ने कहा, मेरे एक तरफ तुम सो जाना दूसरी तरफ
ये सो जाएँगे. वो बोली, ये तो ठीक नहीं होगा. ऋतु ने कहा, शहर
में सब चलता है. यहाँ ज़्यादा शरम नहीं की जाती. वो बोली, ठीक
है, मैं आप के पास ही सो जाउन्गि.
क्रमशः...........
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