RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
मैने ऋतु से कहा, अब तुम मेरे लंड को तोड़ा सा चूस लो जिस से ये
पूरी तरह से टाइट हो जाए. ऋतु ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर
दिया तो थोड़ी ही देर में मेरा लंड पूरी तरह से टाइट हो गया.
मैने ऋतु के मूह से अपना लंड बाहर निकाला और लाली के पिछे आ
गया. मैने लाली की गांद के छेद पर अपने लंड का सूपड़ा रखा और
पूरे ताक़त के साथ ज़ोर का धक्का मारा. लाली दर्द के मारे तड़पने
लगी. वो अपना सिर इधर उधर कने लगी. उसका मूह बँधा हुआ था इस
लिए उसके मूह से केवल गूओ गूओ की आवाज़ ही निकल रही थी. एक धक्के
में ही मेरा लंड उसकी गांद को चीरता हुआ 2" तक घुस गया. उसकी
गांद से खून निकल आया. मैने दूसरा धक्का लगाया तो लाली के मूह
से बहुत ज़ोर ज़ोर से गूऊ गूऊ की आवाज़ निकलने लगी. मेरा लंड 4"
अंदर घुस गया. लाली की गांद से और ज़्यादा तेज़ी के साथ खून
निकलने लगा. मैने फिर से एक धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी गांद
में 5" तक घुस गया. उसके बाद मैने एक ही झटके से अपना लंड उसकी
गांद से बाहर खीच लिया. पक की आवाज़ के साथ मेरा लंड लाली की
गांद से बाहर आ गया. लाली के मूह से अभी भी ज़ोर ज़ोर से गूओ गूओ
की आवाज़ निकल रही थी.
मैने ऋतु को अपना लंड दिखाते हुए कहा, इसकी गांद तो बहुत ही
टाइट है. देखो कितना खून निकल आया है. ऋतु बोली, क्यों तड़पाते
हो बेचारी को. घुसा दो ना अपना पूरा लंड इसकी गांद में. मैने
कहा, ठीक है बाबा, घुस देता हूँ. मैने लाली की गांद के छेद पर
फिर से अपने लंड का सूपड़ा रख दिया. उसकी गांद खून से भीगी हुई
थी. मैने बहुत ही ज़ोर का एक धक्का लगाया तो मेरा लंड उसकी गांद
में 5" तक घुस गया. उसके बाद मैने 2 धक्के और लगाए तो मेरा
लंड उसकी गांद में 7" तक अंदर घुस गया. लाली का सारा बदन
पसीने से भीग गया था. वो अपना सिर पिलर पर पटक रही थी. उसकी
आँखो से आँसू बह रहे थे. मुझे खूब मज़ा आ रहा था. मैं
लाली की गांद इसी तरह से मारना चाहता था. मेरी तमन्ना पूरी हो
रही थी. ऋतु आँखें फाडे मुझे देख रही थी. उसने कहा, रहम
करो इस बेचारी पर. क्यों तडपा रहे हो इसे. मैने 2 बहुत ही जोरदार
धक्के और लगाए तो मेरा पूरा का पूरा लंड लाली की गांद में समा
गया.
पूरा लंड घुसा देने के बाद भी मैं रुका नहीं, मैने तेज़ी के साथ
लाली की गांद मारनी शुरू कर दी. लाली के मूह से गूओ गूओ की आवाज़
निकल रही थी. उसकी गांद बहुत ही ज़्यादा टाइट थी इस लिए मेरा लंड
उसकी गांद में आसानी से पूरा अंदर बाहर नहीं हो पा रहा था.
मैं पूरी ताक़त के साथ धक्के लगा रहा था. 10 मिनट के बाद मेरा
लंड थोड़ा आसानी से अंदर बाहर होने लगा. लाली के मूह से भी ज़्यादा
आवाज़ नहीं निकल रही थी. मैने लाली से पुछा, मूह खोल दूँ. उसने
अपना सिर हां में हिला दिया. मैने पुछा, चिल्लाओगी तो नहीं. उसने
अपना सिर ना में हिला दिया.
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