RE: Chodan Kahani मेरी चाची की कहानी
फूफा: "क्या हुआ?.. हंस क्यूँ रही हो"
चाची: "हंसु नही तो क्या करूँ...बेशार्मो की तरह नंगे लेटे हैं"
फूफा: "तो तुम भी लेट जाओ ना!!"
इतना कहते ही फूफा ने चाची के हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और चाची उनके सीने पर गिर गयी और फूफा ने उन्हे अपनी बाँहों मे जाकड़ लिया. चाची को तो जैसे साँप सूंघ गया था, वो तो आराम से फूफा के सीने पर लेटी हुई थी और फूफा चाची के चूतर दबा रहे थे और उनको किस करने की कोशिस कर रहे थे, चाची अपना सर यहाँ वहाँ घुमा रही थी पर फूफा ने चाची को और नज़दीक किया, अब तो चाची ने भी अपने हथियार डाल दिए और फूफा बड़े मज़े से उनके लिप्स को किस करने लगे और धीरे धीरे सारी को उपर करने लगे और फिर काफ़ी उपर कर दिया और अपने दोनो हाथों से चूतर को दबाने लगे, चाची ने अंदर पॅंटी नही पहनी थी उनके गोरे गोरे चूतर मुझे भी साफ दिख रहे थे. चाची भी बड़े मज़े से अपने चूतर दबवा रही थी और फिर फूफा ने चाची को अपने उपर लिटा दिया अब चाची भी बिना बोले फूफा का हर हूकम मान रही थी. फूफा चाची की ब्लाउस को खोलने लगे पर चाची ने उनका हाथ पकड़ लिया और बोली "थोड़ा सबर करो..मे ज़रा देख कर आती हूँ सब सो गये है या नही". फिर उठी और सीढ़ियो (स्टेर केस) के पास गयी और नीचे देखने लगी फिर वहाँसे वो हुमारे बिस्तर पर आई, मुझे और विकी को सोता देख कर वो वापस फूफा के बिस्तर पर पास गयी और उनके लेफ्ट साइड मे लेट गयी, फिर क्या था फूफा ने अपना काम सुरू किया और ब्लाउज खोलने लगे पर चाची ने ब्लाउज खोला नही बस उपर उठा लिया जिसे उनकी मोटी और बड़ी बड़ी चुचियाँ बाहर आ गयी, चाची ने ब्रा भी नही पहनी हुई थी उन्होने अपनी लेफ्ट चूंची को फूफा के मूह मे दे दिया, फूफा तो छोटे बच्चे की तरफ उस चूसने लगे. चाची ने अपने राइट हॅंड से फूफा के लंड को पकड़ लिया और हिलाने लगी. फूफा ने चुचियों को चूस्ते हुए अपना लेफ्ट हॅंड से सारी को कमर के उपर कर दिया और सीधा चूत पर हाथ रखा और उसे सहलाने लगे इस दौरान फूफा ने अपनी एक उंगली चूत के अंदर डाल दी. चाची के मूह से सिसकारियाँ निकालने लगी, फूफा बोले "कोमल तुम्हारी चूत तो इतने मे ही गीली हो गयी है"
चाची: "हां..काफ़ी दिनो से चुदी नही है ना इसीलिए...और आपने तो मुझे उस दिन भी गीला कर दिया था...उूउउ आआ धीरे"
फूफा: "लेकिन उस दिन तो तुम्हे ये सब अच्छा नही लगा था"
चाची: "नही मुझे बहुत अच्छा लगा ...अगर कोई नही होता तो वही तुमसे चुदवा लेती"
फूफा: "मेरा लंड भी उस दिन से तुम्हारी चूतर का दीवाना हो गया है"
चाची: "आपका भी तो काफ़ी मोटा है"
फूफा: "क्यूँ प्रकाश का कितना बड़ा है?"
चाची: "लंबा तो इतना ही है पर इतना मोटा नही है...ये तो बहुत मोटा है मेरी तो जान ही निकाल दोगे तुम..बहुत दर्द होगा "
फूफा: "कोमल डरो मत एक बार अंदर जाएगा तो सब दर्द निकल जाएगा"
चाची: "जल्दी चोदो ना...मुझे नीचे भी जाना है, वरण दीदी उपर आ जाएगी मुझे ढूँढते हुए"
क्रमशः.............
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