RE: Nangi Sex Kahani ए दिले नादान
रोहित- भाई मेरे पास सामान ज्यादा है तो मेरे घर रखवा के फिर चले जाना
मैं- तू ले जा भाई मुझे एक काम याद आ गया
वो- भाई दो मिनट की ही तो बात है मेरे से न चल रहा
अब रोहित को कैसे बताता की उसके घर जाने से बच रहा था मैं पर जाना ही पड़ा दो देखा की ताईजी आँगन में ही बैठी थी हमे देख के बोली- बड़ी देर लगा दी आने में
रोहित-हां, मम्मी देर हो गयी
ताई- हाथ मुह धो लो मैं चाय नाश्ता लाती हु
मैं- मैं चलता हु रोहित
ताई- ऐसे कैसे चलता हु, मैंने कहा न चाय लाती हु
अब मैं क्या कहता मैं बैठ गया कुर्सी पर
रोहित- भाई मैं अभी हाथ-मुह धो के आता हु तू बैठ जरा
ये साली सिचुएशन भी ऐसी हो रही थी मैं चाहता था की रोहित साथ रहे ताकि ताई कुछ कह न सके मुझे तभी ताई ने रसोई में से आवाज दी मुझे तो मेरी गांड फट गयी मैं डरता डरता रसोई में गया और जाते ही ताई के पैर पकड़ लिए
मैं- गलती हो गयी ताईजी, वो मैं रोहित को ढूंढ रहा था माफ़ कर दो ताईजी आगे से ऐसी गलती ना होगी
ताई- न रोहित का तो बहाना है तू उसकी माँ को ताड़ रहा था
मैं- ना ताईजी, वो तो मैं वो तो .........
ताई- वो तो के
मैं- ताईजी थारी कसम झूठ न बोलू, वो तो थारे को देखा तो मैं हट न सका
ताई- क्यों न हट सका
मैं- ताईजी आप हो ही इतने सुन्दर की मियन आपकी सुन्दरता में खो सा गया था
ताई- झूठ ना बोल मैं तो कित सुन्दर हु देख बुद्धी होने लगी हु
मैं- नाना ताईजी आप तो बहुत सुन्दर हो
ताई- पर फिर भी अपने दोस्त की मम्मी को छुप के देखना ठीक नहीं होता
मैं- इस बार माफ़ी दे दो ताईजी मैंने जाना के नहीं किया
इस से पहले ताई कुछ कहती तो रोहित आ गया और फिर हमने चाय बिस्कुट लिए और मैं अपने घर आ गया सब ठीक ही था तो मैं समझ गया की ताई ने शिकायत नहीं की है सांस में सांस आई मैं नहाया-धोया और फिर कुछ काम निपटाए
रात को मैं छत पर सों रहा था पर नींद नहीं आ रही थी तो मैं बस करवटे बदल रहा था बार बार रोहित की मम्मी का वो सेक्सी फिगर मेरी नजरो के सामने आ रहा था तो मैं उत्तेजित होने लगा और फिर उसको सोच सोच कर ही मैंने दो बार अपना लंड हिलाया
लंड तो शांत हो गया था पर मेरे दिल में ताईजी के लिए गन्दी फीलिंग्स जगा गया था पूरी रात मैं बस सोचते ही रहा की अगर उसकी चूत मिल जाए तो मजा आ जाये उसके वो सेक्सी नजारे रात भर मेरी आँखों के सामने आते रहे
अगले दिन क्रिकेट मैच खेलने चला गया मैं तो दोपहर ही हुई फिर जब मैं घर आया तो देखा की रोहित की मम्मी हमारे घर ही आई हुई थी मैं सोचा की अब ये बोलेगी मैं दरवाजे से ही वापिस मुड पड़ा तो मम्मी ने मुझे बुलाया और बोली- तेरी ताईजी आई है कबसे और तू पता नहीं कहा गायब है
मैं- जी क्रिकेट खेलने गया था
मम्मी- वो रोहित के नानी की थोड़ी तबियत ख़राब है तो ताईजी कोच्ची जाना चाह रही है
मैं- तो जाये उसमे क्या है
मम्मी- बात तो सुन , वो क्या है की रोहित मना कर रहा है की वो नहीं जायेगा तो ये चाहती है की तू इनके साथ जाये वैसे भी छुट्टियाँ तो है ही इसी बहाने कोच्ची घूम आना
मैं- रोहित क्यों नहीं जायेगा मैं बोलता हु उसको
ताई- तुम तो जानते हो वो पढाई में थोडा कमजोर है ट्यूशन लगी है उसकी छुट्टियो में भी और फिर घर पे भी तो कोई रहना चाहे बस एक हफ्ते की ही तो बात है
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