RE: Nangi Sex Kahani ए दिले नादान
इंतजार करते करते आधे घंटे से ज्यादा हो गया पर कोई दूसरा साधन नहीं आया बैसे तो टाइम था अभी थोडा पर पहुच जाये समय से तो बेहतर हो तो दस- पन्द्रह मिनट और इंतजार किया तब एक पिक अप आई मैंने उसे हाथ दिया और बोला की भाई ये ये बात है बिठा ले यार
गाड़ी वाला- भाई गाड़ी में सामान है पीछे तो आगे एक आदमी की जगह है और तुम हो तीन
मैं- भाई एक को आगे बिठा दो पीछे एडजस्ट हो जायेगे सह लेंगे थोड़ी परेशानी
वो- ठीक है फिर
रोहित- मम्मी आप आगे बैठ जाओ
ताई- ना मैं अकेली न बैठू दो अजनबियों के साथ तू बैठ जा मैं पीछे खड़ी हो जाउंगी
रोहित- ठीक है मम्मी
मैंने सूटकेस चढ़ाये और फिर ताई को भी चढ़ाया और खुद चढ़ गया तो ड्राईवर ने आवाज लगाई- भाई चढ़ के पर्दा गिरा लेना अच्छे से कीमती सामान है तो धुप धुल नही लगनी चाहिए
मैं- ठीक है भाई
मैंने पर्दा गिराया और गाड़ी चल पड़ी पर सामान बहुत ठूस ठूस कर भरा था पता नहीं क्या ले जा रहा था दो लोग ठीक से खड़े नहीं हो पा रहे थे
ताई- हवा भी ना आ रही बंद गाड़ी में मुझे उलटी आती है
मैं- इधर आ जाओ मैं साइड में हुआ और ताई को अपने आगे कर लिया इधर परदे की साइड से हवा आ रही थी तो ताई को आराम मिला
मैं- अब ठीक हो
वो- हां,
तभी गाड़ी शायद किसी गड्ढे में पड़ गयी हिचकोले से बचने के लिए मैंने ताई की कमर में हाथ डाल दिया तो ताई चिहुंक गयी
वो- क्या करता है
मैं- सॉरी
पर पकड़ने को कुछ नहीं था तो मैंने अपना हाथ ताई की कमर से नहीं हटाया उसके बदन से बहुत खुसबू आ रही थी जो उसके पसीने से और फ़ैल रही थी मैं थोडा सा ताई से चिपक गया और ताई की कमर को सहलाने लगा
ताई- उम्म्मम्म , क्या कर रहा है
मैं- कुछ भी तो नहीं
वो- गुदगुदी मत कर
मैं- कहा कर रहा हु
ताई- उम्म्मम्म
मैंने अपने लंड का दबाब ताई के पिछवाड़े पर बढाया
मैं- ताई क्या लगाती हो चारो तरफ खुशबु ही खुसबू है
ताई- मैंने कुछ नहीं लगाया
मैं अपने लंड को ताई की गांड पर घिसते हुए- ताईजी, पर खुसबू तो आपमें स ही आ रही है
पर तभी गाड़ी ने हिचकोला खाया तो ताई डिब्बे से टकरा गयी- “आह, कमीना कैसे चला रहा है ”
मैं- लगी क्या
वो- हाँ कंधे पर लगी
मैं- देखू जरा
मैंने पीछे से ही ताई के कंधे को सहलाया तो सीने की खाल से हाथ टच हो गया तो ताई ने सिसकी ली मेरा जी तो किया की चूची को भीच दू अभी के अभी
मैं- एक काम करो मेरी तरफ मुह कर लो
तो ताई घूम गयी अब हमारे चेहरे एक दुसरे के सामने थे पर जगह कम होने की वजह से हम दोनों बस चिपक के ही खड़े थे और मैंने हिचकोले का बहाना लेके अपने शारीर का दवाब ताई पर डाल दिया
और मेरा लंड ताई की चूत वाले हिस्से पर जा टकराया तो ताई थोडा सा पीछे को हुई पर पीछे डिब्बा था तो हो नहीं पाई ताई की चुचिया मेरे सीने से टकरा रही थी ताई की सांसे मेरे गले पर पद रही थी
ताई- कब आएगा शहर
मैं- अब टाइम तो लगेगा ही आप परेशां हो रहे हो क्या
वो- मैं तो परेशां नहीं हो रही पर तेरा ये परेशां कर रहा है
कहकर ताई ने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया और उसको कस कर भीच दिया
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