RE: Nangi Sex Kahani ए दिले नादान
मैं बहुत ज्यादा थक गया था तो कब नींद ने मुझे अपने आगोश में लिया कुछ पता नहीं चला जब मेरी आख खुली तो दोपहर ढल रही थी जम्हाई लेते हुए मैं उठा ताई भी सो रही थी मैंने एक नजर उस पर डाली और फिर अपने कपडे लेकर बाहर चला गया
फ्रेश हुआ फिर नहाया फिर वापिस आया कुछ भूख सी भी लग आई थी तो खाने का आर्डर दिया और खिड़की से बाहर देखने लगा बाकि का वक़्त मैंने ऐसे ही गुजारा उस 48 घंटे में मैंने और ताई ने जितना हो सका चुदाई का आनंद लिया
कोच्ची पहुचने तक मेरी हालत थोड़ी खस्ता हो चुकी थी और ताई थोड़ी सी खिल गयी थी हम ट्रेन से उतरे और स्टेशन से बाहर आये तो टैक्सी थी वहा पर मैंने उस से बात की पर उसकी भाषा ना मुझे समझ आये न ताई को तो मैंने उसे लिख कर बताया पर उसकी समझ में नहीं आया
एक दो टैक्सी वालो से बात की पर उनको थोडा हिंदी का दिक्कत था काफी देर हो गयी तब जाके एक हमारी बोली समझने वाला मिला तो उसको पता बताया अऔर चल पड़े हम रोहित के नाना के घर की तरफ करीब पौने घंटे में हम वहा पहुच गए
उसके नाना का तीन कमरों का घर था उन्होंने अच्छे से हमारा स्वागत किया मैं थोडा थका हुआ था तो सो गया और सोया भी ऐसा की सुबह ही आँख खुली तो मैंने देखा की ताई और उसकी माँ ही थी नाना ड्यूटी पे जा चुके थे ताई ने मुझे रसोई में आने को कहा
मैं ताई के पीछे रसोई में गया ताई ने एक मैक्सी पहनी हुई थी मैंने देखा नानी तो अपने कमरे में आराम कर रही थी तो जाते ही मैंने ताई को अपनी बाहों में जकड लिया और ताई के चुचे दबाने लगा
ताई- सबर कर ले थोडा
मैं- नहीं होता करने दो ना
वो- माँ आ जाएगी
मैं- कोई नहीं आएगा
मैंने ताई का मुह अपनी तरफ किया और ताई के लाल होंठो को अपने मुह में दबा लिया पर उसने जल्दी ही मुझे परे धकेल दिया
“मैंने कहा ना अभी नहीं ”
मैं- बस एक बार
ताई- पहले कुछ खा ले
फिर उन्होंने मुझे नाशता करवाया और खुद भी किया उसके बाद ताई नहाने चली गयी मैं टीवी देखने लगा पर वो दिन ऐसे ही गया नानी ज्यादा तर ताई के साथ ही रही तो मुझे चोदने का मौका नहीं मिला फिर शाम को नाना आ गए तो ऐसे ही टाइम पास होता रहा उस रात भी कुछ ना हुआ
अगले दिन मैं और ताई घुमने गए
मैं- फिलम देखने चले
ताई- ठीक है थोडा टाइम पास भी हो जायेगा
तो मैंने टिकट ली और सिनेमा हाल में घुस गए पर भीड़ पता नहीं क्यों ज्यादा नहीं थी मैं और ताई ऊपर की तरफ बैठ गए और फिल्म शुरू हो गए आसपास कुछ जोड़े और बैठे थे पर हम चूँकि सबसे ऊपर की रो में थे तो किसी का हमारी तरफ ध्यान नहीं था बल्कि हम तो देख ही सकते थे
तो हमसे कुछ रो आगे बैठे जोड़े ने अचानक ही चूमा चाटी करना चालू कर दिया मैंने इशारे से ताई को दिखाया तो वो हसने लगी मैंने भी ताई का हाथ अपने लंड पर रख दिया तो उसने हटा लिया
मैं- एक पप्पी दो ना
ताई- यहाँ नहीं
मैं- वो भी तो कर रहे है
ताई- समझा कर
मैं- मान भी जाओ
वो- समझा कर आज रात कुछ भी करके दूंगी पर यहाँ नहीं
तो अब हम क्या कर सकते थे खैर, फिलम देख कर हम वापिस आये बड़े शहरो की तो रौनक ही अलग होती है हम गाँव वालो की क्या बिसात उस चकाचौंध के आगे तो फिर घर आये खाना खाया ऐसे ही रात हो गयी तो पता चला की कल नानी को हॉस्पिटल ले जाना है दिखाने के लिए
तो ताईजी ने कहा की वो चली जाएँगी साथ पर मुझे तो चोदने की लगी थी ताई ने इशारो से कहा की काबू रखो ऐसे ही बातो बातो में दस बज गए बस सोने की तयारी ही थी की बिजली चली गई तो ताई बोली- मैं तो इतनी गर्मी में ना सो पाऊँगी
नाना- बेटा तो छत पर सो जाओ
ताईजी-आप लोग भी चलो
नाना- नहीं बेटी, तुम्हरी माम तो चढ़ नहीं पायेगी और मैं भी निचे ही सो जाऊंगा क्योंकि मुझे सुबह जल्दी ही निकलना है ऑफिस के काम से तुम दोनों सो जाओ और हाँ सीढियों के दरवाजे को खुल्ला ना रखना चोरिया बहुत होती है इधर
तो हम अपनी अपने बिस्तर लेकर छत पर आये और फिर सीढियों का दरवाजा बंद कर लिया चारो तरफ अँधेरा था और दरवाजा बंद करते ही मैंने ताई को अपनी बाहों में ले लिया और और मैक्सी के ऊपर से ही ताई की छाती को दबाने लगा
स्पर्श से ही मैं जान गया की उसने ब्रा-पेंटी नहीं पहनी है और पहनती भी क्यों वो भी तो बेक़रार थी मेरा लंड लेने के लिए जल्दी ही हम दोनों के कपडे पास में पड़े थे ताई ने मेरे लंड को अपनी जांघो में दबा लिया था और अपने चुचे दबवा रही थी
मैं- कितना तडपाती हो
वो- मौका लगते ही आ तो गयी
मैं- जी तो करता है की तुझे 24 घंटे लंड पे बिठाये रखु मेरी जान
ताई- तो अब बिठा ले किसने रोका है
मैं- वो तो बिठाऊंगा ही पर जरा पहले तेरे इस बदन को थोडा सहला लू उफ्फ्फ ताईजी कितनी गरम है तू जी करता है किसी रसगुल्ले की तरह तुझे गप्प से खा जाऊ
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