RE: Hindi XXX Kahani वो सात दिन
वो सात दिन --2
गतान्क से आगे...............
अनु – कभी असली ज़िंदगी में कोशिश नही की
मैं बोला "हिम्मत नही हुई?"
अनु – अच्छा.. … कभी कभी हिम्मत भी करनी चाहिए.. यू नो नो पेन, नो गेन…
हाइयर दा रिस्क, मोर आर दा प्रॉफिट्स.. सिंपल.
यह कहते हुए अनु सोफे पे बैठ गयी और एक अंगड़ाई लेने लगी… उसकी टाँगे कुछ
खुली सी थी…. मैं ज़मीन पे घुटने रख के बैठ गया..
अनु – यह क्या कर रहे हो…
मैं बोला – "कुछ नही.. हिम्मत कर रहा हूँ….
अनु ने मुस्कुराते हुए अपनी एक टाँग मेरे कंधे पे रख दी… मैने भी अपना
मुँह उनके सेंटर पॉइंट पे रख दिया.. अनु का हाथ मेरे सर के बालों मे था
और वो उसको दबा रही थी… उस के मुँह से ठंडी आहे निकल रही थी….
मैने उसका ट्रॅक सूट का एलास्टिक थोड़ा सा नीचे किया और उसकी खुसबू में
डूब गया… लंबे लंबे साँस लेने लगा..
मैं बोला – "तुम्हारी खुसुबू ने मुझे दीवाना बना दिया है… "
अनु शरम से लाल हो गयी और उसने अपनी टांगे उपर उठा ली.. मैने ट्रॅक सूट
को खींच के उतार दिया और उस के पिंक लिप्स जो छ्होटे छोटे वाले ट्रिम्म्ड
बालों से घिरे थे, उनको चूमने लगा….
मेरे होटो पे एक अजीब सी मस्ती छाई थी… जीभ भी ललचाई हुई थी और मैं उसकी
नरम कली का रस पीना चाहता था… जीभ को बाहर निकाल के मैं उस की सेंटर
पॉइंट को चाटने लगा और उसने मेरा सर ज़ोर से पकड़ लिया और धीरे धीरे मेरी
जीभ को अंदर आने का रास्ता देने लगी….
आ… उफ़फ्फ़… और अंदर… थोड़ा तेज़ी से.. उपर.. नीचे… अंदर… चूसो… चॅटो…..
पता नही क्या क्या बोल रही थी वो और मैं भी एक स्लाव की तरह जैसे वो
बोलती रही, करता रहा…. उसका रस छूट रहा था और मैं अपनी प्यास भुजा रहा
था…..
अनु- तुम तो बिल्कुल पागल हो गये हो…
मैं कुछ ना बोला और चाट्ता ही रहा… बोलने का टाइम ही कहाँ था… बस जितना
टाइम था मैं चाटने में ही बिताना चाहता था…
अनु- क्या मेरा रस तुम को इतना पसंद है… बताओ ना कैसा टेस्ट है ?
मैं बोला – बहुत पसंद है…. टेस्ट बहुत स्वाद है जी
अनु भी काफ़ी देर तक मज़े लेती रही…
फिर हमे टाइम का ख़याल आया… मैं तो जैसे अनु के सेंटर पॉइंट पे ही चिपका
रहना चाहता था…उसने मुझे अपने सेंटर पॉइंट से हटाया और बाथरूम चली गयी.
मैं भी उसके पीछे पीछे वहाँ पहुँच गया…
अनु – अब बाथरूम मे तो अकेला जाने दो
मैं बोला – "अगर आप बुरा ना माने तो मैं अपने हाथों से आप के सेंटर पॉइंट
को धोना चाहत हूँ…."
अनु हंस पड़ी और बोली – तुम तो बिल्कुल पागल हो.. दिल नही भरा अभी तक…चलो
आ जाओ … और वो खड़ी हो गयी.. मैं बैठ के उसके सेंटर पॉइंट को धोने लगा….
मेरा हाथ उसके पीछे भी जाने लगा… वो मुस्कुरई… मैं भी जान भूझ के उपर हुआ
और अपना मुँह बिल्कुल उसके हिप्स के पास ले आया…
मैं बोला "एक और हिम्मत करना चाहता हू.."
अनु – अब क्या… बोलो ?
मैने बोलने की जगह हिम्मत दिखाना बेहतर समझा और एक बार उसकी बॅक हिप्स को
चूमा…. वो ज़ोर से घूमी..और बोली "अरे अरे यह क्या कर रहे हो… यह कौन से
जगह है पता है ना…."
मैं चुप रहा और चूमता रहा.. और वो हँसती रही…
मैने उसके हिप्स को हाथों से पकड़ के खोला…
अनु – अरे अरे बेवकूफ़, अब तुम यह क्या कर रहे हो… गंदे गंदे कहीं के…
छोड़ी .. अइया मत करो नाआ….
आज मैं एक औरत के रंग देख रहा था… वो चाह भी रही थी के मैं उसकी बॅक साइड
को भी चाट लूँ और इसी लिए वो और झुक गयी ताकि मेरी जीभ को उसकी बॅक साइड
में जाने का रास्ता मिल जाए और दूसरी तरफ वो मुँह से मना भी कर रही थी…
अनु – तुम नही मनोगे.. गंदे कहीं के.. चलो जैसी तुम्हारी मर्ज़ी…
यह कहते हुए उसने मुझे अपने हाथों से ज़ोर लगा के अंदर दबा लिया.
कुछ देर बाद मैने अपना मुँह बाहर निकाला…
मैं बैठा बैठ थक भी गया था और बाहर जाने लगा..
अनु – अरे सूबी, चाट चाट के तुम ने मेरी बॅक साइड गीली कर दी.. इस को साफ
नही करोगे… चलो पानी और साबुन से इस को भी अच्छी तरह से सॉफ कर दो. फिर
मैने तय्यार हो के अपनी सहेली के घर जाना है…
मैने अनु की बॅक साइड भी सॉफ की और वो तय्यार होने लगी….. बाहर जाते हुए
मैं उसका मुँह चूमने लगा…..
अनु – पीछे हटो.. तुम मुँह मत चूमना, मेरे लिप-स्टिक और मेकअप खराब हो
जाएगा.. वैसे भी तुम्हारा मुँह गंदा हो गया है… चलो जाओ और रसोई में आज
बर्तन तुम सॉफ कर दो… नही तो मैं लेट हो जाउन्गि…
मैं कुछ हैरान था, पर उस वक़्त उसके रस का नशा और सेक्स की एग्ज़ाइट्मेंट
इतनी थी के उसकी बातें मुझे बुरी नही लगी और मैं चुप चाप रसोई में चला
गया. जो काम अनु ने करने थे, वो मैने निपटा दिए.
अनु – "सूबी, आज जब मैं पार्टी के बाद घर आउन्गि तो मौका देख के मेरे रूम
में आना… शायद तुमहरे मतलब का कुछ काम निकल आए…"
मैं बोला "ज़रूर.. ज़रूर आ जाउन्गा"
अनु चली गयी. कुछ देर के बाद आंटी स्कूल से वापस आ गयी.
उनके घर में आते ही मैने उनके सॅंडल खोले और पैर सहलाने लगा.
आंटी मुस्कुराती रही और मुझे फ्रिड्ज से जूस लाने को कहा.
मैने जूस सर्व किया
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