RE: Hindi XXX Kahani वो सात दिन
वो सात दिन --3
गतान्क से आगे...............
मैं दोनो के लिए फ्रेश जूस लाया और फ्रूट्स काट के प्लेट मे सज़ा दिए.
ड्रिंक्स और फ्रूट सर्व कर के मैं भी सोफे पे बैठने लगा तो अनु बोली..
यहाँ नही, अपनी जगह पे बैठो.. उसकी उंगली का इशारा ज़मीन पे था.. मैं
उनके कदमो में बैठ गया….
अनु ने अपने झूठे ग्लास में अपना बचा हुआ जूस मुझे पीने को दिया…
जो मैने खुशी खुशी पी लिया… यह देख के वीना भी मुस्कुरा दी और बोली… "यह
चाट पहले" और उसने अपने ग्लास से 2-4 बूँद जूस अपने सॅंडल पे गिरा दिए..
मैने उसके सॅंडल से जूस चाट लिया… मैं जानता था के इन को खुश कर दिया तो
अनु मुझे सब कुछ दे देगी जो मैं बड़ी बेकरारी से चाहता था…
अनु – वीना, तू वो सीडी लाई आई ना..
वीना – लाई हूँ.. चल आ, देखते हैं
अनु – सूबी, तुम जा के यह सीडी लगाओ. और जल्दी से देख लो तुम्हे क्या करना है
वीना – हां, सारे स्टाइल्स देख लो, आज तुम्हे हम लोग ट्रैनिंग देंगी
दोनो हंसते हुए फ्रूट्स खाने लगी
मैं सीडी ले कर अनु के कमरे आया और पासवर्ड मुझे पता था तो फटाफट कंप्यूट
ऑन किया और सीडी लोड कर दी.
सीडी इंटरनेट से डाउनलोडेड थी जिस में फीमेल डॉमिनेशन वाली ब्लू फिल्म
थी… यानी ऐसी ब्लू फिल्म जिस में आदमी एक दास या गुलाम की तरह औरत के साथ
सेक्स करता है.. सीडी देख के मेरा एग्ज़ाइट्मेंट की वजह से पहले ही माल
छूट गया. मेरी पॅंट आगे से गीली हो गयी…
दोनो कमरे में आ गयी और मेरी पॅंट का गीलापन देख के हँसने लगी…
वीना – चलो अच्छा हुआ पहले ही छूट गया.. अब कोई डर नही
अनु – ना भी छूटा होता तो भी क्या डर था. कल दिन भर यह कुत्ते की तरह
मेरी चाट रहा था, एक बार भी अपनी लिमिट्स से बाहर नही गया
वीना – बहुत काम का और अच्छा लड़का है
अनु – लड़का नही कुत्ता है
दोनो हँसती रही….
मैने सीडी शुरू से लगा दी…. दोनो बेड पे बैठी थी और मैं उनके पैर दबा रहा
था… जब भी उनका दिल करता वो मेरे मुँह पे अपने पैर लगा देती और मैं चाटने
लगता.. धीरे धीरे टाँग और फिर थाइस चटवाने लगी…… और फिर दोनो एक दूसरे के
ब्रेस्ट चूसने लगी… और मैं उनके सेंटर पॉइंट को चाटने लगा….
दोनो ने मुझे अपना अपना माल पीलाया और मेरी जीभ को खूद अंदर तक जाने दिया….
वीना – अनु तू तो बता रही थी के यह बॅक साइड भी चाट्ता है..
अनु – हां, कल मेरी बॅक इस ने खूब स्वाद से चॅटी थी..सूबी आ के मेरी बॅक चॅटो
मैने मुँह अनु के हिप्स के अंदर डाल दिया…
वीना – अनु क्या इस की जीभ तेरे अंदर तक चाट रही है
अनु – हां बिल्कुल अंदर तक…
वीना- मुझे विश्वास नही होता
अनु – सूबी, जा कर अब वीना की बॅक चॅटो.. तभी इस को विश्वास होगा के तुम
मेरी बॅक के अंदर भी जीभ डाल के चाटते हो..
मैं वीना के बॅक पे पहुँच गया.. वीना जैसे पहले से ही तय्यार थी… उसने
खड़े होने की जगह, दोनो हाथ और पैर पे हो गयी और अपने हिप्स उपर उठा के
खोल दिए… मैं अपना मुँह उसके बीच में लगा के चाटने लगा
वीना – मज़ा नही आया.. इस की जीभ ज़्यादा अंदर नही जा रही.. अनु एक कम
कर.. तू इस के सर को अपने पैरों से दबा… ताकि इस का मुँह मेरे हिप्स में
से ना हटे….
अनु- वाउ .. टीक है,पहले मैं इस का सर तेरे बॅक में दबा देती हूँ. फिर
मैं भी ऐसे ही चटवाउन्गि
अब अनु ने खड़े हो के अपने एक पैर को मेरे सेर की बॅक पे रखा और दबा
दिया.. मेरा मुँह वीना की बॅक के अंदर तक गया और मेरी जीब बहुत अंदर तक
घूमने लगी…
मुझे साँस लेने में भी तकलीफ़ हो रही थी, पर मैं चाट्ता रहा… मेरे मुँह
को लाल होता देख अनु ने पैर हटा लिया तो मुझे साँस आने लगी.
फिर वीना कर माल छूटा और मैने दोबारा से उस की फ्रंट को चूस कर सारा माल पीया.
अनु ने भी अपनी बॅक मुझ से ऐसे ही चटाई…
फिर मैने दोनो को लंच सर्व किया…. अब वीना को वापिस अपने घर जाना था….
जात हुए उसने कहा – अनु लास्ट बार ज़रा सुबी को बोल के मेरे सेंटर पॉइंट
और बॅक को चाट ले….
अनु ने मुझे हाथ से इशारा किया…
तभी डोर बेल बजी…. और पड़ोस से कोई आंटी जी आ के बैठ गई.. शायद कुछ समान
लेने आई थी.
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