RE: Hindi XXX Kahani वो सात दिन
वो सात दिन --4
गतान्क से आगे...............
चौथा दिन :
पिछली रात अनु और आंटी के साथ सोने के बाद अगले दिन की शुरुआत ही बहुत रोमांचक थी… अनु सब से पहले उठ गयी और बाथरूम में चली गयी और आंटी रसोई में जा के चाइ बना रही थी….मैं सोया हुआ था… रज़ाई में अभी तक…
मुझे जगाने के लिए अनु ने रज़ाई उठाई…. मेरे मुँह के पास अनु की पॅंटी
थी… सारा चेहरा रस से भरा था जो अब सूख चुक्का था.. बॉल बिखरे थे और
लिप्स कुछ सोज़िश देखा रहे थे… दोनो मुझे देख के मुस्कुरा दी…
अनु – जाओ और मुँह धो लो…और ब्रश के बाद माउत-वॉश से कुल्ला भी कर लेना…
मैं मुस्कुरा दिया और कुछ शर्मा भी गया…. मैं जल्दी से फ्रेश हुआ और बाहर
आ गया.. तब तक आंटी भी चाइ बना के रूम में आ चुकी थी.
आंटी – देखो इस को देख के नही लगता के यह इतना शातिर होगा
अनु – शातिर भी और चालू भी
मैं बोला – नही जी, मैं तो बस एक नादान प्यासा अनारी हूँ
और फिर हम सब हँसने लगे.
आंटी – आज तो मेरी भी छुट्टी है. तो क्या प्रोग्राम बनाया जाए…
अनु – बाहर जाने का मूड तो नही है क्या…
मैं बोला – बाहर क्या करेंगे जा के
अनु – हां दीदी , बाहर कहाँ जाएँगे इतनी सर्दी में
आंटी – ह्म्म्म.. शैतान हो तुम दोनो….
अनु – दीदी आज आप आराम कीजिए… मैं ब्रेकफास्ट बनाती हूँ.
आंटी बेड पे आ गयी और मुझे अपने टाँगों पे आते देखा तो एकदम बोली." अभी
कुछ नही, बस बहुत हो चुक्का…"
मैं बोला – "बॅस सिर्फ़ एक बार.. एक बार…. एक बार प्लीज़ अपनी फ्रंट &
बॅक चाटने दीजिए ना…"
आंटी – अभी भी मन नही भरा तेरा.. सारी रात चाट चाट के मेरे होटो को तूने
सूजा दिया….
यह कहते हुए आंटी ने अपना एलास्टिक नीचे किया और मैं झट से उनके सेंटर
पॉइंट पे लपका. अनु भी कमरे में आ गयी और मेरा सिर पकड़ के आंटी की सेंटर
पॉइंट में दबाने लगी…
आंटी – अब बस भी करो… चलो पहल नाश्ता कर लेते हैं…
पूरा दिन आंटी और अनु की मसाज की, सिर से ले कर पैर तक… बदन के एक एक
पार्ट पे मसाज किया, क्रीम लगाया…
अनु – दीदी आप की टाँगों पे तो बहुत बाल आ गये हैं…
आंटी – अनु अब ब्यूटी पार्लर जाने का टाइम नही मिलता और अकेले मैं कर नही सकती…
मैं बोला – अब तो हम एक दूसरे की हेल्प कर सकते हैं ना… आंटी आप बताइए..
मैं और अनु दीदी, दोनो आप के बाल सॉफ करने में हेल्प करेंगे..
आंटी – ओये—तू अभी भी अनु को दीदी बोलता है
अनु – ना जाने क्यूँ इस के मुँह से दीदी भी अच्छा लगता है और चटवाना भी …
मज़ा आता है यह सोच के की जो मुँह मुझे दीदी बोल रहा है वोही मेरी
चॅटेगा…
आंटी – बहुत अच्छे…
फिर अनु और मैने आंटी के लेग्स और आर्म्स के बाल साफ किए
मैने कैंची और फिर रेज़र से आंटी के आर्म-पिट्स (बगल) भी सॉफ किया..
आंटी बहुत खुश हो गयी के मैं उनकी वहाँ भी सॉफ सफाई करने से नही हिचक
रहा. और मज़ाक मज़ाक में सेंटर पॉइंट के बाल सॉफ करने का टॉपिक शुरू हो
गया…
मैं ज़मीन पे बैठ गया और आंटी कुर्सी पे…. बॅस बाल छाँते और फिर शुरू हो
गया कैंची के साथ…. आइर स्ट्रीप, ट्रिम्म्ड बुश और ना जाने कैसे कैसे
स्टाइल्स बनाए उनके नीचे के बालों के.
अनु ने गूगल सर्च से नीचे के बालों के कुछ डिज़ाइन्स दिखाए और हम सब
मस्ती करने लगे… फिर मैने एर स्ट्रीप वाला डिज़ाइन अनु के सेंटर पॉइंट पे
बनाया… बहुत ही मज़ेदार खेल था यह सब. एक रूल, मेषर्मेंट टेप और रेज़र के
साथ मैं बैठ के, नाप नाप के उनके सेंटर पॉइंट पे हेर कट बना रहा था….
दिन में लंच करने के बाद हम लोगों ने सीडी प्लेयर पे फिल्म लगा ली और मैं
हमेशा की तरह उन दोनो के नीचे रज़ाई में ही रहा….
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