RE: Hindi XXX Kahani वो सात दिन
शाम को हम लोग बाज़ार गये और मेरे लिए आंटी ने शर्ट खरीदी .
अनु ने अपने लिए एक टॉप और आंटी ने नयी नाइटी खरीदी
हम ने डिन्नर बाहर ही किया.
घर आते आते हम काफ़ी थक चुके थे.
मैने गेयिज़र से गरम पानी निकाला और एक टब में डाल के बेड रूम में ले आया…
वहाँ पे मैने अनु और आंटी के पैर धोए …..
अनु – क्या तुम हमारे पैरों वाले पानी से अपना मुँह धो सकते हो
आंटी – कमाल है, यह क्या बदतमीज़ी वाला सवाल है .. सूबी तुम्हे ऐसा कुछ
नही करना है.. अनु तुम बिल्कुल बदमाश होती जा रही हो
अनु – दीदी शरत लगा लो, अगर मैं कहूँगी तो सूबी यह पानी पी भी लेगा..
आंटी – चुप कर… क्यूँ उसको तंग कर रही है
अनु – बोलो सूबी.. तुम यह हमारे पैरों वाला पानी पी सकते हो… चलो इस पानी
का एक घूँट पी के दिखाओ
आंटी कुछ बोले इस से पहले मैने अपने हाथ में थोड़ा सा पानी लिया और पी लियाअ…
अनु – शाबाश मेरे कुत्ते… हाहहाहा
आंटी – सच में तुम दीवाने हो सूबी
मैं बोला –" यह पानी क्या मैं तों कहता हूँ आप लोगों को रात में बेड से
उठने की भी ज़रूरत नही.. मैं हूँ ना आप के लिए…
अनु एक शरारती हँसी में खो गयी.. वो जानती थी के मेरा इशारा किस तरफ है
आंटी ने प्यार से मुझे एक किस दिया
आंटी – आज जल्दी से सो जाओ, कोई शरारत नही क्यूँ कल हम घूमने के लिए शिमला जाएँगे….
मैने अनु की ओर देखा, इस उम्मीद से के अनु बाहर जाने को मना कर देगी, पर
इस बार अनु भी चुप रही. मैं थोड़ा दुखी था क्यूँ के बाहर जाने से मुझे
उनका का रस पीने को न्ही मिलेगा…
मुझ से रहा नही गया और मैने पूछ ही लिया "आंटी घर पे इतना मज़ा आ रहा है फिर..
आंटी – आज तुम्हारे कहने पे हम घर पे ही रहे, अब कल मेरे कहने पे शिमला चलो
मैं बोला – "पर शिमला, इतना दूर , क्यूँ?"
अनु बीच में बोली – सूबी… शिमला कहा तो शिमला चलो…
आंटी उठ के बाहर चली गयी
अनु- ओये सूबी भाई.. शिमला से दीदी की कुछ यादें जुड़ी हैं… अब वो 10 साल
बाद शिमला की तरफ जा रही हैं और तुम सवाल पे सवाल पूछ रहे हो…
मैं बोला – सॉरी… ठीक है कल चलेंगे शिमला
आंटी कुछ सीरियस हो गयी थी.. शायद बाहर गॅलरी में थोड़ी देर तक रो के आई
थी… सारा माहौल सीरीयस था. हमे सुबह 5 बजे निकलना था. हम सब ठीक से बिना
ज़्यादा शरारते किए सो गये.
पाँचवा दिन : दा शिमला ट्रिप
हम जल्दी ही उठ गये और सुबह 5 बजे तक तय्यार हो गये. मेरा मुँह और जीभ
बहुत अच्छा फील कर रहे थे, आख़िर 4 दिन बाद मेरी जीभ को आराम मिला था.
आंटी हमसे पहले उठ के संड्वीचेस बना रही थी और अनु कार को सेट कर रही थी.
मैने रात को 2-3 बॅग्स जो हम ने पॅक किए थे, कार में लोड कर दिए. और हम
सब तय्यार हो के शिमला की ओर चल दिए.आंटी ड्राइव कर रही थी. अनु आगे बैठी
थी और मैं बॅक सीट पे…. जैसे ही हम चंडीगढ़ से सोलन में एंटर हुए, बारिश
शुरू हो गयी…
अनु – दीदी मुझे बाथरूम आया है
आंटी – रुक जा, अभी बारिश बहुत तेज़ है और हवा भी बहुत है…
अनु – दीदी सिर्फ़ कार साइड में रोक दो, आप शायद भूल गयी, हमारे साथ सूबी भी है..
आंटी – चुप कर शैतान.. तेरे दिमाग़ में पता नही क्या क्या आता रहता है..
मैं बोला – कोई बात नही , यह तो मेरा फ़र्ज़ है के मेरे होते हुए आप को
कोई परेशानी ना हो…..
अनु – देखा दीदी, मेरे देवाने को
आंटी – वाकई यह तो पागल हो गया है .. बिल्कुल ठीक ही बोलती हो तुम इस को…
पागल कुत्ता जो हमारा पीशाब भी पीने को तय्यार है.. बॅस सिर्फ़ हमारे
सेंटर पॉइंट को चाटने की चाहत में सब कुछ करने को तय्यार है यह बेवकूफ़….
मुझे मुस्कुराने के इलावा और कुछ समझ नही आया..
आंटी ने एक वीरान सी जगह कार रोक दी. बारिश की वजह से ज़्यादा ट्रॅफिक भी
नही था . अनु कार में अगली सीट से पिछली सीट पे आ गयी और अगली सीट को
डाउन कर लिया. वो अपनी टांगे उठा के , जीन्स को घोटनो तक ले आई. मैने
अपना सिर उसके टाँगों के बीच में रख दिया और मुँह सेंटर पॉइंट से लगा
दिया
अनु – सूबी, तेरा इम्तिहान है.. कार में एक बूँद भी नही गिरनी चाहिए…
आंटी – रुक, मैं इस के सिर को पकड़ के रखती हूँ ताकि से मुँह हटा ना सके
वरना मेरी कार सीट्स गंदी हो जाएँगी..
अनु – दीदी चिंता मत करो… यह मेरे रस का इतना दीवाना है के मेरे पीशब की
एक बूँद भी नही गिरने देगा..
आंटी – अर्रे पहली बार पी रहा है… अगर इस से नही पीया गया तो…
अनु – पहली बार नही तीसरी बार पी रहा है. एक दिन पहले भी जब मेरा रस चाट
रहा था तो भी मैने इस को अपना पीशाब पिलाया था.
आंटी – पर आज तो तुम सीधा पीशाब ही पीला रही हो ना इस दीवाने को…
अनु – दीदी, बहुत चालू है यह कुत्ता.. मेरी सहेली वीना का भी पी चुक्का
है…चलो सूबी तय्यार हो जाओ.. मैं कोशिष्कारूँगी धीरे धीरे करूँ ताकि
तुम्हे पीने में कोई तकलीफ़ ना हो….
मैने कुछ ना बोलते हुए सिर हिला दिया और अपनी जीब को बीच में डाल दिया और
अनु को गुदगुदी करने लगा…
क्रमशः...................
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