RE: Hindi XXX Kahani वो सात दिन
आंटी पिछली सीट पे आ गयी और मेरे उपर लेट गयी.
अनु कार चलाने लगी…. कब सोलन का बेज़ार आया और निकल गया पता ही नही लगा…
मैं भी आंटी के नीचे अपने काम में मस्त रहा. हम लोग शिमला पहुँचने वाले
थे तब याद आया के मेरे पास पहने के लिए कपड़े नही हैं….
हमने रोडसाइड पे ही एक होटेल में गाड़ी रोकी….
आंटी और अनु होटेल में गये और कमरा बुक किया.
आंटी के कुछ कपड़े कार में थे.
पार्किंग में कोई और नही था… तो मैने कार में बैठे बैठ ही , वोही सलवार
कमीज़ पहने और अपना चेहरा शॉल से ढक लिया.
जैसे ही अनु ने इशारा किया मैं झट से पार्किंग से निकला और सीधा होटल की
रिसेप्षन पे बिना रुके उनके साथ हो गया और सीधे रूम में जा के ही साँस
ली…. अनु और आंटी मुझे जनाना कपड़ो में देख के बहुत हंस रहे थे…
हम सब ने होटेल रूम में ही ब्रेकफास्ट किया.
अनु – हम जा के कपड़े ले आते हैं, तुम यही आराम करो..
सुबीए – मैं अकेला ही… यहाँ रहू.
अनु – दीदी आप यही सूबी के साथ रहो… मैं कार में जा के कपड़े खरीद लाती हूँ…
आंटी – ह्म्म… ठीक है….
आंटी ने रूम बंद किया और मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरी छाती पे बैठ
गयी, दोनो पैर मेरे कंधो के साइड पे रख दिए और तोड़ा सा आगे हो के मेरे
लिप्स पे अपने सेंटर पॉइंट के लिप्स से चूमा दिया… मैं भी अपने मुँह से
आंटी के सेंटर पॉइंट को चूमने लगा…
धीरे धीरे आंटी बहुत गरम हो गई और मेरी छाती से उठ के सीधे मेरे लंड पे
बैठ गयी और शुरू हो गयी मेरी चुदाई….. आज जैसे आंटी अपनी पीछले कई साल का
जोश निकालना चाहती थी…. काफ़ी देर तक उपर नीचे होने के बाद वो मेरे तरफ
अपनी बॅक कर के मेरे उपर लेट गयी…. और अब मेरे मुँह पे ताज़ी ताज़ी चुदी
हुई आंटी का सेंटर पॉइंट और बॅक थी…. आंटी मेरे लंड चूस रही थी जो कि
थोड़ा नरम हो गया था… पर अभी मेरा माल छूटा नही था. आंटी के चूसने से लंड
फिर हार्ड हो गया…
आंटी – मेरे बॅक चाट …
मैं चाटने लगा… मेरे चाटते ही आंटी को जैसे करेंट लग गया.. और भी तेज़ी
से मुझे चूसने लगी….
मैं बोला –" मेरा छूट जाएगा…"
आंटी – अभी नही…
पर मैं क्या करता… ऐसी बातों में मेरा एक्सपीरियेन्स नही था… सो मेरा माल
उन के मुँह पे ही निकल गया. आंटी गुस्सा हो गयी….और थूकने लगी… वो बेड पे
खड़ी हो गयी और मुझे 2-4 किक्स लगाई… फिर गुस्से से मेरे मुँह पे अपनी
बॅक साइड खोल के बैठ गयी और रगर्ने लगी… मुझे साँस भी मुश्किल से आ रही
थी….
कुछ देर बाद आंटी ठंडी हुई
आंटी – सूबी, आइ आम सॉरी, मैने तुम्हे मारा… पर क्या करू मुझ से कंट्रोल
नही होता… मेरी सेक्स की यही दीवानगी मेरे तलाक़ का कारण थी. तभी मैने
तलाक़ के बाद शादी नही की ना ही किसी के साथ सेक्स किया.. क्या करूँ मेरी
सॅच्स्फॅक्षन ही नही होती.
मुझे शुरू से ही शौक था कि मेरा हज़्बेंड मेरी चॅट, चूसे.. पर उनको यह
पसंद नही था और उनका छूट भी जल्दी जाता था… तो मैने डिल्डो और वाइब्रटर
उसे करना शुरू कर दिया. एक दिन उनको यह पता चल गया और बॅस वही से दूरियाँ
ऐसी हुई के तलाक़ तक हो गया…
बॅस तुम्हारे चाटने से मेरा काफ़ी माल निकल गया और मुझे फिर से शिमला की
यादें आने लगी… अपने अनकंट्रोलबल सेक्स ड्राइव की वजह से मैने किसी के
साथ सेक्स नही किया…
सोचा था तुम और अनु के साथ शिमला में अपने पुराने अरमान पूरे करूँगी पर
आज फिर से मैने वोही ग़लती की और तुम पे भी मार पीट शुरू कर दी
मैं बोला – कोई बात नही आंटी.. मैं पॉवेर प्लस की टॅबलेट खा लूँगा फिर
रात में जो मर्ज़ी , जितना मर्ज़ी करना
आंटी भी मुस्कुरा दी.
कुछ देर बाद अनु आ गयी ….. और हम शिमला घूमने निकल गये,
शिमला में आंटी ने मुझे और अनु को अपनी लाइफ के, ख़ासकर अपनी सेक्स लाइफ
के सारे राज बताए… आंटी एक न्यंफ़ोमिनियाक (बहुत ज़्यादा सेक्स की भूकि)
लेडी थी. वो सेक्स पूरा ना होने पे वाय्लेंट हो जाती और इसी वजह से उनका
तलाक़ हो गया था. मेरे आने से उनकी सेक्स ड्राइव भी तेज हो गयी थी. यह
सुन कर मैं कुछ डर गया. कुछ परेशान भी हो गया कि कहीं आंटी आउट ऑफ
कंट्रोल हो गयी तो भरी जवानी में मेरा क्या होगा.
आंटी – घबराओ नही.. यह देखो मैं अपने पास यह डिल्डो रखती हूँ… पर आज
डिल्डो का नही कुछ और ही मूड है.
मैं बोला – वो देखो केमिस्ट, मैं जा के पोवेर पिल्स ले आता हूँ.
अनु मुस्कुराने लगी.
क्रमशः...................
|