RE: Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा
किराया माफ़ 2 पार्ट (कहानी 01)
कि मुझे पता ही नहीं चला, उसने कब दरवाजा खोल दिया।
मेरे तो होश उड़ गए उसे ऐसे देखकर।
वो घबरा गई और बोली- तुम मुझे देख रहे थे?
मैं एकदम से अन्दर जाकर बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया। ताकि वो वापिस ना जा सके। मैंने उसे अपनी बाँहों में खींच लिया और चूमने लगा।
वो बोली- मैं तुम्हारी मम्मी को बताऊँगी।
मैंने कहा- जानेमन, किराया ऐसे मैं थोड़े ही दे दूंगा।
तो वो बोली- अच्छा तो तुम समझ गए थे, नाटक कर रहे थे मेरे साथ।
मैंने उसका तौलिया हटाया और कहा- जब सब पता चल गया है तो शर्म काहे की।
मैं उसकी चूचियाँ दबाने लगा उसे नशा सा चरने लगा। मैंने भी अपने और उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसे अपना लण्ड चूसने को कहा, उसने मना कर दिया। लेकिन बाद में वो मान गई।
मैंने उससे पूछा- तुम पहले कितनी बार चुद चुकी हो?
उसने कहा- पहली बार चुद रही हूँ।
यह सुनते ही मैंने उसे उठा लिया और बेडरूम में लाकर बिस्तर पर पटक दिया और उसकी फुद्दी को देखने लगा जो अभी बंद थी।
मैं उसे चूसने लगा, वो ऊऊउ अह्ह्ह्ह की आवाजे निकालने लगी और कहने लगी- बस अब नहीं रहा जाता, धीरज डाल दो मेरी फुद्दी में, फाड़ दो इसे।
मैंने कहा- अगर इसमें डाल दिया तो बहुत रोएगी।
उसने कहा- आज रुला दो मुझे !
मैंने तेल लिया और उसकी फुद्दी पर लगा दिया और लंड पर भी लगाया और लंड उसकी फुद्दी के मुख पर रख दिया। मैंने जोर से धक्का दिया और लंड थोड़ा सा उसकी फुद्दी में गया तो वो दर्द के मारे चिल्लाने लगी- निकालो इसे !
मैंने उसके होंटों पर अपने होंट रख दिए ताकि आवाज ज्यादा ना आये और एक जोर का झटका और मारा, लंड उसकी फुद्दी को चीरता हुआ आधा अन्दर चला गया।
कुछ देर मैं ऐसे ही रहा उसके बाद धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किए।
उसे भी मजा आने लगा, वो भी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी। अब पूरे कमरे में पच पच पच की आवाजें आने लगी। वो दो बार झड़ चुकी थी। मैंने अपना लंड निकाला और देखा चादर पर खून लगा था। उसे दर्द हो रही थी। उससे उठा भी नहीं जा रहा था।
उसने कहा- अब कुछ और भी करना है क्या जो निकाल लिया।
मैंने कहा- तुम्हें पता नहीं क्या मेरा पानी अभी नहीं निकला।
वो बोली- अब यह क्या होता है मुझे नहीं पता।
मैंने कहा- जैसे तुम्हारी फुद्दी में से निकला है ऐसे ही मेरे लंड में से निकलेगा।
तो वो बोली- अब अन्दर मत डालना, दर्द हो रहा है।
मैंने कहा- चलो नहीं डालता, कहीं और डाल लेता हूँ।
पूछने लगी- कहाँ?
मैंने उसकी गांड की तरफ इशारा किया तो बोलने लगी- नहीं ! सुना है यहाँ ज्यादा दर्द होता है।
मैं उसकी गांड मारना चाहता था। मैंने अब तक जितनी भी लड़किया चोदी हैं सबकी गांड जरूर मारी है। गांड मारने का अपना अलग ही स्वाद है। मैंने उसे झूठा दिलासा दिया कि फुद्दी की बजाये गांड मरवाने में दर्द कम होता है। पहले ना नुकुर करती रही। बाद में मान गई।
मैंने वेसलिन की डिब्बी उठाई और उसकी गांड पर लगा दी।
वो बोली- यह क्या कर रहे हो।
मैंने कहा- इससे दर्द नहीं होगा !
और एक उंगली उसकी गांड में धीरे से डाल दी। उसे दर्द होने लगी।
मैंने कहा- अभी थोड़ी देर में मजा आयेगा मेरी जान !
मैंने उंगली निकाली और उसे घोड़ी बना दिया उसकी कमर कस कर पकड़ ली और लंड उसकी गांड में डालने लगा। लंड ज्यादा मोटा होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था, मैंने वेसलिन और लगा दी एक जोर का झटका दिया लंड आधा अंदर चला गया।
वो चिल्लाने लगी। मैंने पीछे से उसका मुह बंद कर दिया हाथ से और चोदने लगा पाँच मिनट के बाद मैं तैयार था फारिग होने के लिए। मैंने अपना लंड निकाला और उसके मुंह में दे दिया और उसके मुंह में पानी छोड़ दिया।
वो सारा पानी पी गई। उसे दर्द हो रहा था। मैंने उसे गोद में उठाया, बाथरूम ले गया और उसे फिर से नहलाया और खुद भी नहाया। उस दिन वो कॉलेज नहीं गई थी।
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