RE: Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा
ऋतु : तुम दिनभर मुझे क्यों घूरते रहते हो? (मेरी तो आधी फट गई थी)
में : नहीं तो मेडम.. कब घूरता हूँ? ऐसा तो कुछ नहीं है।
ऋतु : अच्छा जब में बर्तन धोती हूँ.. कपड़े धोती हूँ और बाकि काम करती हूँ। फिर मैंने सोचा कि झूठ बोलूँगा.. तो और फंस जाऊंगा और मैंने सामने रखे बर्तनो को देखकर कहा।
में : में तो बस सोच में डूब जाता हूँ कि तुम सारा काम इतनी अच्छे से कैसे कर लेती हो.. अगर मैंने ट्राई किया.. तो नज़ारा कुछ और ही रहेगा।
ऋतु : ओह.. तो तुम्हे मेरा काम इतना अच्छा लगता है। (और फिर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया)
में : और नहीं तो क्या? तुम्हारे बर्तन कितने अच्छे से चमकते रहते है।
ऋतु : ओह रियली.. कौनसे ऊपर वाले या नीचे वाले?
में : मुझे सारे पसंद है.. पर काम ऊपर से नीचे हो तो अच्छा लगता है ना।
ऋतु : बाप रे तुमसे इन बातों में कोई नहीं जीत सकता.. राहुल मेरा एक काम करोगे?
में : हाँ बोलो मेडम जी।
ऋतु : पीछे से मेरी ब्रा का हुक ठीक कर दो ना.. पता नहीं क्यों 5-10 मिनट से चुभ रहा है और फिर मैंने उसकी कमीज़ उठाई.. तो वो उसके शरीर से बिल्कुल चिपक रही थी.. इसलिये मैंने उसे पूरा उतारना चाहा। फिर मैंने सोचा कि वो विरोध करेगी.. पर उसने खुद अपने हाथ ऊपर करके मुझे कमीज़ निकालने में हेल्प की.. और अब वो मेरी तरफ पीठ करके सिर्फ़ ब्रा में थी। उउउफ़फ्फ़ क्या बदन था उसका और बिना कमीज़ के उसकी उभरी हुई गांड भी कमाल की लग रही थी.. आपको क्या बताऊँ? उसकी दूध के रंग की पीठ को देखकर में किसी और दुनिया में पहुँच गया। फिर तभी वो बोली कि क्या हुआ? जल्दी करो। फिर मैंने उसका हुक ठीक करने के बजाये पूरा हुक खोल दिया और अब उसकी ब्रा उसके हाथ में थी और में धीरे धीरे उसकी पीठ को एक उंगली से सहलाने लगा और अब वो भी बड़ी अजीब आवाजें हम्मम्म अहह निकाल रही थी और मुँह इधर उधर कर रही थी।
फिर मैंने उसे अपनी तरफ मोड़ा और वो मुझसे चिपक गई.. मतलब गले लग गई। उसके नंगे बूब्स जब मेरी छाती से टच हुये.. तो मेरे अंदर सनसनी होने लगी और मेरा लंड लोहे की राड़ की तरह खड़ा हो गया और उसकी चूत पर मेरा लंड रगड़ने लगा। फिर हमने एक किस किया और में उस समय एक अलग ही दुनिया में था। 15-20 मिनट तक मेरे लिये तो समय रुक ही गया था और में जन्नत में पहुँच चुका था। हमने अपना थूक एक्सचेंज किया और हम एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे.. क्या बताऊँ यारों? में तो जन्नत में था और वो मेरी अप्सरा थी। फिर मुझे थोड़ा होश आया और में किस करते करते उसके बूब्स दबाने लगा और फिर उसे वही पर लेटा दिया और उसकी सलवार और पेंटी उतारकर अपने भी कपड़े उतार दिये।
फिर मैंने सोचा कि लेटकर उसकी चूचीयां दबाऊँ.. लेकिन मेरे लेटने से पहले ही उसने मेरा लंड जो कि पूरा 7 इंच का हो गया था और उसको पकड़कर आगे पीछे करने लगी और सारा मज़ा अकेले ही लूटेगा क्या? ऐसा बोलकर मेरा लंड चूसने लगी। वो तो जानवर जैसे मेरे लंड को चूस रही थी। में तो सातवें आसमान पर था और फिर 5 मिनट तक लंड चूसने के बाद वो मेरे अंडो को चूसने लगी और फिर बोली कि आज तो तोड़ दे मेरी सील और बन जा बहनचोद और फाड़ डाल मेरी चूत। वो भी पूरे जोश में थी और फिर में उसके ऊपर लेटा। (ये सब किचन में ही हुआ) फिर उसके एक बूब्स को आम जैसे चूसने लगा.. साथ ही साथ एक हाथ से दूसरा बूब्स मसलने लगा और दूसरे हाथ की उंगली को चूत में डालकर रगड़ने लगा.. वो पूरी उछल रही थी और चिल्लाने लगी.. हमम्म आहह उउउहह ससस्स और बोली और ना तड़पा मार दे मेरी चूत और अगर अब नहीं डाला.. तो में तड़पते तड़पते मर जाउंगी।
फिर मैंने अपना मुँह उसकी गुलाबी चूत के पास किया.. वहां पर एक भी बाल नहीं था और हल्का हल्का पानी निकल रहा था और उसकी खूशबु मेरी नाक में जा रही थी। फिर मैंने हल्की सी जीभ उसकी चूत पर लगाई.. क्या गर्म चूत थी और फिर में उसे चाटने लगा और वो आअहह उम्म्म ह्म्म्मम्म जैसी आवाजें निकालने लगी। फिर मैंने अपने हाथ के बीच की उंगली उसकी चूत में डाली.. वो बहुत टाईट थी। उसकी सील भी टूटी हुई नहीं थी.. वो वर्जिन थी और में भी अब मैंने अपनी उंगली पूरी तरह से उसकी चूत में डाल दी और आगे पीछे करने लगा और वो सिसकियां भरती रही। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के दरवाज़े पर रखा और डालने की कोशिश की और वो आधे से थोड़ा कम चूत में चला गया.. तभी वो ज़ोर से चिल्लाई आआहाआ और उसकी आँखों से आँसू आने लगे और वो छटपटाने लगी.. लेकिन मैंने ध्यान नहीं देते हुये पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। मुझे भी थोड़ा दर्द महसूस हुआ.. क्योंकि उसकी चूत काफ़ी टाईट थी और इस बार वो फिर चिल्लाने लगी।
फिर मैंने उसे किस करने की सोची और दोनों तरफ काम जारी रखा और दो तीन झटके और दे दिये और होंठ हटाकर उसके बूब्स चूसने लगा.. वो आह आ आ हम्म्म्म करने लगी। फिर 5 सेकंड के ब्रेक के बाद फिर मैंने जब उसकी चूत में लंड डाला और स्पीड बढ़ा कर चोदने लगा.. तो में 5 मिनट तक रुका ही नहीं और अब वो भी गर्म हो गई थी और गांड उछाल उछाल कर चुदवा रही थी और आआहह सस्स्सस्स उम्म आअहह करके सिसकियां ले रही थी। इससे मेरा कॉन्फिडेन्स और बढ़ रहा था और अब उसकी गुलाबी रंग की चूत लाल रंग की चूत हो चुकी थी। फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और लंड चूत में डाल दिया.. इस बार लंड जल्दी अंदर चला गया.. क्योंकि वो चुदाई के दौरान दो तीन बार झड़ चुकी थी और में अब तक इसलिये नहीं झड़ा.. क्योंकि मैंने सुबह ही मम्मी और उसके नाम की मूठ मारी थी।
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