RE: Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा
.ये पहली बार थी के मैं उन्हें नंगा देखा रहा था ..मैं उन्हें पाँच मिनट्स तक इससे ही देखता रहा …तब वो बोली क्या तौन यार…बस यार हो गया …तो मैंने भी कहा भाभी मैं तो इस लिए खड़ा था के शायद आप की पीठ पर साहबुन लगाना हो तो मैं मदद कर दम…तो भाभी हँसी…और बोली शैठान…यानि भाभी नाराज़ नहीं थी ..फिर मैंने दरवाजा बंद किया और दरवाजा बंद करते करते मेरे कानों में आवाज़ आई ..”फिर कभी‚ और एक हँसी…मेरा हाल बुरा होने लगा था …मैं अभी तक ख़यालो में भाभी को नंगा ही तसवीर कर रहा था..
..इतनी देर में भाभी नहा के मेरे रूम में आ गयी उनके शरीर पर सिर्फ़ एक टावल था और वो हंसते हुए बोली अब मेरी बड़ी है तुम जब नहाओ तो दरवाजा बंद मत करना मैंने भी तुम्हें नहाते हुए देखना है मैं बोला ओके भाभी मैं बस अभी नहाता हूँ..5 मिनट में मैं बाथरूम में था और नहा रहा था बिलकुल न्यूड ..अगले .पाँच मिनट के बाद भाभी की साइड का दरवाजा खुला और भाभी मुझे नंगा नहाते हुए देखने लगी… रे लिंग को पकड़ के साहबुन लगाया और सुपाडे के टोपे को खोल के उस पर भी साहबुन लगाया और फिर उसे अच्छे से धोया मेरे..इससे ही 5 मिनट देखने के बाद भाभी बोली अगर कहो तो मैं तुम्हारे पीठ पर साहबुन माल दम मैं बोला भाभी ..ई विल लव इट ..भाभी तुरंत अंदर आ गयी और मेरे पीठ पर साहबुन मलने ;आ गयी तो मैं बोला भाभी पीठ के साथ साथ कमर के नीचे और टांगों पर भी इनायत कर दो तो मजा आ जाएगा….भाभी ना कहा जरूर और मेरे पीठ और पैरों चूतड़ आधी पर साहबुन लगा के मलने लगी ..फिर उन्हूने मुझे एज झुकने को कहा और अच्छी तरह से मेरे चूतड़ गुदा और अंडकोष और उस के आस पास साहबुन लगा के पानी से हाथों हाथ धोती भी रही ..गांड पे साहबुन लगते और धने के दौरान भाभी ने मेरी गांड में एक उंगली डाल के अच्छे से घुमा दी …..भाभी के स्पर्श से अब मेरा लिंग खड़ा होने लगा था..भाभी सामने की और आ गयी और मेरे लिंग को मलते हुए धोया इस दौरान मेरा लिंग ठाना गया था और कभी कभी उनके मुँह और कभी उनके होठों से टकरा रहा था ….भाभी ने कहा यार तरुण तेरा ये पप्पू तो बड़ा ही मस्त है ..एक दम शानदार और जानदार ओए देख कितना घमांण्दी है कैससे सर टन के खड़ा है…मैंने पूछा भाभी आप को पसंद है …भाभी बोली कुच्छ नहीं बस हां में सर हिला दिया…मुझे लगा शायद वो इसे मुँह में ले ले..लेकिन भाभी मेरी जांघों पैरों और टांगों को धोती रही …..इसी नहाने में भाभी का टावल भी गीला हो गया था और भाभी भी…तब मैंने कहा भाभी लाओ अब मैं तुम्हारी पीठ पर साहबुन माल लेता हूँ ..ये कहते हुए मैंने उनका टावल खोल दिया ..वो बस इनकार कराती ही रही गयी…..अब मैंने भाभी को मेरे एज खड़ा कर दिया और उनकी पीठ पर साहबुन मलना चालू किया इस दौरान मेरे हाथ उनके बूब्स पर भी फिसलते रहे….फ़वारा चालू था तो साहबुन लगाना और ढाना दोनों साथ साथ चल रहे थे …
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