RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
मैने चाटना बंद किया और कहा " देखो ना तुम अपने आप को कितने प्यार से मेरे हवाले कर देती हो , मैं तुम्हारे शरीर से खेलता रहता हूँ ..चाट ता हूँ ..चूस्ता हूँ , तुम बस आँखें बंद किए मस्ती लेटी हो ... दूसरी औरतें तो बस सीधा चुदने को तैय्यार रहती हैं .. "
"हां प्रीत ..मुझे भी बड़ा अच्छा लगता है तुम्हारा प्यार करना ..मेरे शरीर से खेलना ..जैसे तुम अपने टच से अपना पूरा प्यार जाहिर कर रहे हो ... यह भी तो एक तरेह की भाषा ही है ना राजा प्यार की भाषा ..."
मैंने देखा हमारी सोच कितनी मिलती हैं , और मैं और मस्ती में आ गया , उसे चूमने लगा , उसकी पीठ ..उसकी चूतड़ , उसके गाल ..उसके होंठ ...रस पी रहा था उसका ....मेरे लंड और उसकी चूत से लगातार रस टपक रहे थे ....मेरे हाथों में उसकी चूत का रस और उसके हाथ में मेरे लंड का रस ...दोनों रस अंदर ले लेते ..फिर चूमते चाट ते ...चूमते चाट ते , कभी उसकी जीभ चूस्ता ..उसके मुँह का रस अंदर ले लेता ...हम लोग बस बेहोश थे एक दूसरे में ...
अब मैं उसकी कमर पकड़ कर उठाया , उसे उसके घुटने पर लिटाया ... वो समझ गयी मैं क्या चाहता हूँ ..उस ने अपनी कमर नीचे करते हुए गांद उठा ली ..चूत बाहर आ गयी ..चमकीली चूत ..गीली चूत ..गुलाबी चूत ... मैने अपने तंन लंड को उसकी चूत पर टीकाया , उसकी कमर जकड़ी और लॉडा उसकी चूत में पेल दिया ....एक बार में ही पूरे का पूरा लॉडा अंदर था ..फतच ... "वाााआआः ,,,,आआआः ....हााआआ .." देखो ना गीली चूत में कितने आराम से लॉडा गया ..स्वेता ने कहा ...
"हां रानी .." मैने लंड को अंदर लगाए ही रखा थोड़ी देर ..और कमर हिलाते हुए उसे अंदर ही अंदर घूमाता रहा ..उसकी चूत के अंदर ...स्वेता सीहर उठी ..कांप उठी ,,,मस्ती मे ,,फिर मैने लॉडा बाहर किया और लगातार उसे चोदने लगा ..फका फक ..सटा सॅट ..कमर जाकड़ते हुए धक्के पे धक्का ..हर धक्के में उसकी चूतड़ नीचे हो जाती ... डॉगी स्टाइल में एक साथ चूत और चूतड़ दोनों का मज़ा मिल जाता है ..और जांघों का उसकी चूतड़ से जो टकराना होता है मज़ा और भी बढ़ जाता है और स्वेता की चूत में भी लंड की पूरी घीसाई हो रही थी ..पूरे का पूरा चूत अंदर और बाहर लंड की घीसाई ले रहा था .."हां राजा ..मेरे चूड़क्कड़ राजा ..चोदना कोई तुम से सीखे ......वाह क्या चोद रहे हो ....ऊऊऊऊऊऊऊऊऊ ..आआआः "
"हां रानी तुम भी तो कितनी मस्त चूदवा रही हो ...पूरी चूत , गांद , चूतड़ सब कुछ तुम ने मेरे हवाले कर दिया ...आआआआआः ..रानी ..मेरी रानी .... मैं चोदे जा रहा था ..चोदे जा रहा था
ठप ठप ..फतच फतच ... ऊवू अयाया की भाषा चल रही थी ..
फिर थोड़ी देर बाद उसकी जंघें , चूतड़ और चूत काँपने लगे ..मेरे लंड को अपनी चूत से जकड़ने लगी ...."ओओओओओओओह उईईईईईईईईईईई माआं मैं मर गाइिईईईई ,,मैं गाइिईईईई गाइिईईई रे मैं तो गाइिईईईईईईईईईईई " और उसकी चूतड़ उछल रही थी मेरी जांघों पर ..मेरे लंड पर .. और चूत से बारिश हो रही थी उसके रस की ..मैने उसे सीधा लीटा दिया ..टाँगें फैलाई और उसकी चूत में फिर से लॉडा डाला और दो चार जोरदार धक्के लगाए , उसे अपनी बाहों से जाकड़ लिया ..लॉडा चूत में ही था और मेरी भी पिचकारी छूट गयी ..उसकी चूत के अंदर ...वो मेरे कम की गर्म गर्म धार से मचल उठी ,,मस्त हो गयी ..उस ने आँखें बंद कर ली थीं और पूरा मज़ा ले रही थी ,,मैं उस के सीने से चीपक कर उसकी भारी भारी चूचियों पे सर रख लेट गया .. लंबी लंबी साँसें ले रहा था ..मैं भी वो भी ......दोनों एक दूसरे की बाहों में ऐसे पड़े थे जैसे काफ़ी गहरी नींद में बेसूध हों ..जमाने से बाख़बर.... सारी चींताओं से मुक्त ..एक ऐसी दुनियाँ में जहाँ सिर्फ़ मैं था स्वेता थी ..तीसरा कोई नहीं .... सब कुछ शांत था ....
उस रात मैने स्वेता को जी भर चोदा ... उसकी फूली फूली चूत को चोद चोद कर पोला कर दिया ...वो बहाल हो कर पड़ी थी ,टाँगें फैलाए ..फिर हम दोनों सो गये ..मैं सुबेह अंधेरा खुलने के पहले ही उठ गया और अपने घर चला गया ..जिस से कि मुझे कोई देख ना पाए ...
अब स्वेता को भी शायद मेरे लंड का चस्का लग गया था ... खूब मस्ती में चूदवाती ..कभी गांद मरवाती ..बड़े मज़े के दिन कट रहे थे हमारे .. चुदाई चुदाई और बस चुदाई ..यही था मेरा रुटीन ऑफीस से आने का बाद ..कभी मेरे यहाँ तो कभी स्वेता के यहाँ ...पर स्वेता जब भी मेरे पास होती ..चाहे हम चाइ पीते यह सिर्फ़ बातें करते ..उसके हाथ मेरे लंड पर हमेशा रहते ..हमेशा उस से वो खेलती रहती ...
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