सुरेन जी ने उसके पीछे जाके उसकी गंद को हौले से सहलाया..इस उम्र मे भी कैसी कसी हुई थी!उन्होने सैकड़ो वेश्याओ को चोदा था मगर अपनी बीवी जैसी पूर्कशिष हुस्न की मल्लिका उन्होने आज तक नही देखी थी.देविका के चेहरे पे खुमारी की लाली बिखर गयी थी,"..पहले नहा तो लीजिए..",उसने अपना सर पीछे खड़े अपने पति के सीने से टीका दिया & अपने हाथ पीछे ले जाके उसके बदन के बगल मे सहलाने लगी.
"हूँ..",सुरेन जी ने उसकी 30 इंच की कमर को बाहो के घेरे मे भर उसके चेहरे को चूम लिया,"..मैं कितना ख़ुसनसीब हू,देविका..की मुझे तुम मिली!",उन्होने उसकी 38 साइज़ की चूचियो को अपने हाथो मे तौला..उम्र के साथ गंद की तरह इनमे भी ज़रा भी ढीलापन नही आया था & ये गुलाबी निपल्स..अफ!सुरेन जी ने उन्हे उंगलियो मे पकड़ के मसला,"..आहह..!",देविका अब पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी.
सुरेन जी ने शाम को ही कल्लगिर्ल के साथ रंगरेलियाँ मनाई थी & वो अभी उतने बेचैन नही हुए थे,उनके दिल मे ख़याल आया की पहले नहा ही लिया जाए फिर आराम से बीवी के जिस्म का लुत्फ़ उठाएँगे,"..अभी नहा के आता हू..सोना मत.",उन्होने उसे चूमा & बाथरूम मे घुस गये.
देविका थोड़ी मायूस हुई & जाके अपने ड्रससिंग टेबल के स्टूल पे बैठ गयी.देविका ने अपना बेडरूम विक्टोरियन स्टाइल मे डेकरेट करवाया था & सारा फर्निचर इंग्लेंड से आया था,देखने से लगता था मानो पुराने ज़माने के किसी अँग्रेज़ रानी के कमरे मे आ गये हो.
गद्देदार स्टूल पे नंगे ही बैठ के कंघी उठा के अपने बालो मे फिराने लगी तभी सामने के आईने मे 1 अक्स उभरा जिसे देखते ही देविका के चेहरे पे डर फैल गया,वो पीछे घूमी ही थी की वो इंसान उसे अपनी बाहो मे भरते हुए उसके पीछे स्टूल पे उस से सॅट के बैठ गया,"शिवा..अभी नही..प्लीज़..जाओ!",देविका ने उसे परे धकेला पर शिवा मानने वाला कहा था,वो तो पूरी तैय्यारि के साथ आया था.
वो ऐसे बैठा था की उसकी दोनो जंघे देविका की दोनो जाँघो के दोनो तरफ उनसे सटी थी & वो बाए हाथ से उसकी चूचियो को दबाता हुआ अपना दाया हाथ उसकी बिना बालो की चिकनी चूत के उपर फिरा रहा था,"..ऊहह..",धीमी आवाज़ मे देविका करही,"..वो बाथरूम मे हैं..कही बाहर ना आ जाए..",देविका फुसफुसाई तो शिवा ने उसे अपने होंठो से चूम के चुप करा दिया,उसकी उंगली देविका के दाने पे गोल-2 घूम रही थी.सुरेन जी की हरकटो से वो पहले ही मस्त हो चुकी थी & अब शिवा ने तो उसे बिल्कुल बेचैन कर दिया.उसे पकड़े जाने का डर भी था पर साथ ही दिल मे अजीब सा एहसास था-उत्साह,डर & उमंग का मिला जुला एहसास.
शिवा केवल 1 ट्रॅक पॅंट पहने आया था & उसके पॅंट के अंदर क़ैद उसका लंड देविका की नंगी गंद मे चुभ रहा था.देविका ने अपना बदन उसकी बाहो मे ढीला छ्चोड़ दिया था & उसकी किस का मज़ा उठाते हुए उसने अपना दाया हाथ पीछे ले जाके उसके लंड को दबोच लिया.सुरेन जी को नहाने मे कम से कम आधा घंटा लगता था,दोनो इस बात से वाकिफ़ थे मगर फिर भी ख़तरा मोल लेने मे कोई समझदारी तो थी नही.