RE: Kamukta Story बदला
सुरेन जी शहर गये हुए थे & रात के 11 बज रहे थे.शिवा खाना खा के अपने
कमरे मे आके कपड़े बदल रहा था कि दरवाज़े पे दस्तक हुई.बिजली की चमक &
बादलो की गरज के बीच उसने दरवाज़ा खोला तो सामने देविका को खड़ा
पाया,"मे'म..आप?..मुझे बुला लिया होता?"
"मुझे तुमसे कुच्छ पुच्छना है.",देविका ने उसके कमरे के अंदर कदम रखा.
"हाँ-2,पुछिये.",शिवा को हैरत हो रही थी.
"मेरे पति जब भी शहर जाते हैं तो क्या केवल काम करते हैं?"
"मैं समझा नही."
"ठीक है.मैं सॉफ-2 पुछ्ति हू.वो वाहा किसी लड़की से भी मिलते हैं?"
"मुझे नही पता.",शिवा घूम के उसकी ओर पीठ कर खड़ा हो गया.
"तुम्हे पता है!",देविका चीखी * उसे घुमा कर अपनी ओर किया,"..मुझे सच
बताओ मेरे पति क्या किसी लड़की के चक्कर मे हैं?",देविका ने उसकी शर्ट का
कॉलर खिचा.
"मुझे नही पता.",शिवा ने उसके हाथ अपनी कमीज़ से हटाने चाहे मगर देविका
ने ऐसा नही होने दिया.
"शिवा,तुम्हे बताना ही होगा.",देविका का सारी का पल्लू उसके सीने से
ढालाक गया & उसके ब्लाउस मे क़ैद बड़ी-2 छातियाँ जोकि गुस्से के मारे
उपर-नीचे हो रही थी उसके सामने आ गयी.
"प्लीज़,मे'म.मैं सच कहता हू मुझे कुच्छ नही पता.",शिवा उसकी पकड़ से
छूटने की कोशिश करने लगा मगर देविका तो जैसे गुस्से मे पागल थी.
"झूठे!तू भी उनके साथ मिला हुआ है ना!क्या वो तुझे भी रंगरेलिया मनाने
देते हैं अपनी उस वेश्या के साथ?",शिवा अब तक सब सुन रहा था मगर अपने
बारे मे ये बकवास उसे बर्दाश्त नही हुई.
"शूट अप!तब से बकवास कर रही हैं आप!जाइए यहा से मुझे कुच्छ नही
पता."देविका ने उसका कॉलर अब भी नही छ्चोड़ा.वो चिल्लाने लगी,"मैं नही
जाऊंगी..बताओ मुझे..बताओ...",गुस्से मे शिवा ने उसकी छातिया दबा उसे
धक्का दिया.
त़ड़क्ककक...!,देविका के करारे चाटे की आवाज़ बिजली की कड़क से भी तेज़
थी.अब शिवा को भी गुस्सा आ गया,उसने आगे बढ़ के देविका के बाल पकड़ लिए &
सर पीछे झुका दिया,"..अपने पति से क्यू नही पूछती जो मुझे परेशान कर रही
हो!"
तड़क्ककक....!,जवाब मे देविका ने 1 और तमाचा जड़ दिया उसे.अब शिवा गुस्से
मे पागल हो गया.उसने दोनो हाथो से देविका के बॉल पकड़ उसके सर को झुकाया
& उसके होंठो को चूमने लगा.देविका ने उसे परे धकेला & तड़क्ककक.....तीसरा
चांटा भी जड़ दिया.शिवा ने उसके बाल फिर पकड़े & फिर से चूमने लगा.देविका
ने उसे फिर धकेला फिर 1 थप्पड़ लगाया.
शिवा ने उसे पानी बाहो मे भींच लिया & उसकी आँखो मे आँखे डाल दी.देविका
की गुस्से से भरी आँखे ऐसी लग रही थी मानो उसे जला के रख देंगी.उसने फिर
से उसके बाल पकड़े तो इस बार देविका ने भी उसके बाल पकड़ लिए & जैसे ही
वो उसके होंठो पे झुका & चूमने लगा उसने उसके होंठ को काट
लिया,"..आहह..!"
शिवा के होन्ट से खून निकल आया था, ( दोस्तो ये कहानी आप राज शर्मा के
ब्लॉग कामुक कहानियाँ पर पढ़ रहे हैं )उसने उसे अपनी ओर खींचा & पागलो की
तरह चूमने लगा देविका उसके बदन पे कभी मुक्के बरसाती तो कभी नोचती मगर
शिवा उसे वैसे ही चूमता रहा.देविका ने उसे ज़ोर का धक्का दिया & अपने से
अलग कर दिया.
शिवा संभला & फिर उसे देखने लगा.देविका की सारी अस्त-व्यस्त थी & गुस्से
से उसका चेहरा तमतमाया हुआ था & साँसे तेज़ चल रही थी.दोनो 1 दूसरे को
देखे जा रहे थे.शिवा उसकी काली आँखो मे जैसे डूब रहा था.उसे पता ही ना
चला & उसके कदम अपनेआप देविका की ओर बढ़ने लगे.
वो उसके बिल्कुल करीब आ गया,दोनो अभी भी 1 दूसरे से नज़रे मिलाए खड़े
थे.शिवा को कुच्छ होश नही था,उसका सर नीचे देविका की ओर झुका तो देविका
ने अपने बाए हाथ से उसकी गर्दन पकड़ नीचे झुकाई & उसके होंठो को चूमने
लगी.
अब तो बाहर का तूफान जैसे कमरे के अंदर भी आ गया.दोनो 1 दूसरे को पकड़े
पागलो की तरह चूम रहे थे.शिवा उसे झुका उसकी गर्दन को चूमने लगता तो
देविका उसे वापस उठा उसके होंठ चूमने लगती.उस रात दोनो ने 1 दूसरे के
कपड़े उतारे नही बल्कि 1 दूसरे के जिस्म से फाड़ के अलग किए.
देविका का नंगा जिस्म जब शिवा ने पहली बार देखा तो उसकी सांस गले मे ही
रह गयी थी.उसने जैसा सोचा था देविका उस से भी कही ज़्यादा खूबसूरत
थी.उसका सपना सच हो रहा था मगर उसे देविका को छुतेहुए डर लग रहा था की
कही वो मैली ना हो जाए.
देविका ने उसे रुका देखा अपने उपर खींचा तो जैसे उसके दिल से सारे शुबहे
मिट गये.उसने उसके होंठ चूमते हुए उसकी चूचियो को अपने बड़े-2 हाथो तले
जम के रौंदा.देविका की ज़िंदगी मे ये पहला मौका था जब वो ऐसे मज़बूत
जिस्म वाले मर्द के साथ हुमबईस्तर हो रही थी.( दोस्तो ये कहानी आप राज
शर्मा के ब्लॉग कामुक कहानियाँ पर पढ़ रहे हैं )
शिवा के सख़्त हाथो के नीचे उसकी चूचिया & भी बड़ी हो गयी निपल्स इतने
कड़े की उसे उनमे दर्द सा महसूस हुआ.उसने उसे अपने सीने पे झुकाया तो
शिवा की आतुर जीभ ने उसकी चूचियो को अपने रंग से रंगना शुरू कर दिया.जब
उसने उसके बाए निपल को मुँह मे हर के कोई 1 मिनिट तक लगातार चूसा तो
देविका की चूत मे पानी छ्चोड़ दिया.
शिवा ने उसकी गोरी चूचियो को जम के मसला & चूसा,इन्होने उसे बहुत तडपया
था आजतक आज उसकी बारी थी.देविका के गोल,मुलायम पेट के नीचे उसकी गीली,कसी
चूत देख वो खुद को रोक नही पाया & झुक के उसने अपनी जीभ उस पे फिरा
दी.देविका की आहो मे अब और भी मस्ती आ गयी थी.
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