उसकी भारी जाँघो को उठाके जब उसने अपने कंधो पे रखा & उसकी चूत मे अपनी जीभ तबीयत से फिराई तो देविका के जिस्म मे बिजलिया दौड़ने लगी.शिवा को याद था की उस रात देविका उसकी जीभ से कोई 2 बार झड़ी थी.वो तो और भी चाटना चाहता था मगर उसकी प्रेमिका ने ही उसे खींच के उठाया था & अपने हाथो से उसका लंड पकड़ के अपनी चूत का रास्ता दिखाया था.
शिवा को तो जैसे जन्नत मिल गयी थी!देविका की कसी चूत मे अपना लंड जड तक धंसा के जब उसने चुदाई शुरू की तो उसकी मस्ती का ठिकाना ही नही रहा.देविका भी 1 बहुत मस्त औरत थी,उसके नीचे दबे हुए जब उसने उसे अपनी टाँगो मे क़ैद कर उसकी पीठ को अपने नखुनो से छल्नि कर दिया तो शिवा की भी आहे निकल पड़ी थी.
कोई 15 मिनिट तक चोदने के बाद वो उसके साथ-2 फारिग हुआ था.झड़ने के बाद भी वो उसके उपर से उतरा नही,"..मैं तुम्हे बहुत चाहता हू,देविका..बहुत चाहता हू...जब से यहा आया बस तुम ही तुम मेरे ख़यालो मे च्छाई रहती थी..",देविका ने उसके लबो को अपने लबो से सील दिया.ठीक ही तो किया उसने अब कुच्छ कहने की क्या ज़रूरत थी!
जब देविका ने उसके होंठ छ्चोड़े तो वो देविका की आँखो मे झाँकने लगा & तभी उसे वाहा पानी भरता दिखाई दिया.देविका की रुलाई छूट गयी & उसने उसे धकेल कर अपने उपर से उतारा & करवट ले तकिये मे मुँह च्छूपा सुबकने लगी.शिवा ने उसके बॉल सहलाते हुए उसके सर को चूमा & उसे पीछे से अपनी बाँहो मे भर लिया,"प्लीज़..देविका चुप हो जाओ..प्लीज़!",थोड़ी देर बाद जब उसकी रुलाई थमी तो उसने सर घुमाया.
आसुओं से लाल उसकी आँखो ने शिवा को दुखी कर दिया,"मैं तुम्हारा गुनेहगार हू-..",1 छ्होटे से हाथ ने उसके होंठो पे आ उसकी बात बीच मे ही काट दी.( दोस्तो ये कहानी आप राज शर्मा के ब्लॉग कामुक कहानियाँ पर पढ़ रहे हैं )
"नही..ऐसा नही है..अगर कोई गुनेहगार है तो वो है तुम्हारे बॉस.",बॉस का नाम सुन शिवा को थोड़ा बुरा लगा,आख़िर उसकी प्रेमिका थी तो उनकी बीवी & क्या उसके साथ रिश्ता जोड़ के वो उन्हे धोखा नही दे रहा था.उस रात दोनो प्रेमी 1 दूसरे को दिलासा देते रहे की वो ग़लत नही हैं बस हालात के मारे हैं.सवेरे तक शिवा ने उस हुसनपरी को 2 बार और चोदा था & उनके दिल मे बस खुशी ही खुशी थी गम था तो बस 1 की पास होके भी उन्हे दूर रहना था.
उसी रात देविका को भी अपने पति की आय्याश फ़ितरत के बारे मे सही तौर पे पता चला था मगर उसे अब उस बात की कोई खास परवाह नही थी.उसने उस से उस बात का बदला ले लिया था उसके नौकर के साथ सोके.