RE: Kamukta Story बदला
गतान्क से आगे...
"तुम जाओ,रजनी.",देविका ने रजनी के हाथो से सवेरे धुले & इस्त्री किए
कपड़े लिए,"..आज मैं प्रसून का कपबोर्ड ठीक कर देती हू.",प्रसून वही बैठा
कोई बच्चो की किताब पढ़ रहा था.
"ओके,मॅ'म.",रजनी मुस्कुराते हुए वाहा से चली गयी.
"अरे ये क्या प्रसून?"
"क्या हुआ मम्मी?",प्रसून ने किताब से सर उठाया.
"तुमने कल 2 पाजामे पहने थे क्या?"
जवाब मे प्रसून मा से नज़रे चुराने लगा,"बोलो,बेटा."
"नही.."
"पर यहा तो तुम्हारे 2 पाजामे धुले हैं.",देविका ने प्रसून क चेहरा अपनी
ओर घुमाया,"बताओ ना बेटा."
प्रसून सर झुकाए बैठा रहा,"प्रसून,तुम्हे शर्म आ रही है क्या?",प्रसून ने
हाँ मे सर हिलाया.देविका को हँसी आ गयी मगर उसने उसे रोक लिया.
"बेटा,रात को पाजामा खराब हो गया था ना?"
राज़ खुलने से प्रसून और शर्मिंदा महसूस करने लगा & उसके चेहरे को देख के
ऐसा लगा की मानो अभी वो रो पड़ेगा,"घबराने की कोई बात नही बेटा.अब तुम
बड़े हो गये हो ना,इसलिए ऐसा हो रहा है."
प्रसून ने मा को सवालिया नज़रो से देखा,"हां बेटा.मेरी बात धान से
सुनो.बेटा,जब हम बड़े हो जाते हैं ना तो हमारे बदन मे बहुत से बदलाव आते
हैं.वही तुम्हारे मे भी आए हैं.ये सारे बदलाव लड़के को बाप & लड़की को मा
बनाने के लिए होते हैं."
"तो क्या अब मैं पापा बन गया हू?",प्रसून का मासूम सवाल सुन देविका इस
बार अपनी हँसी नही रोक पाई.
"नही बेटा.तेरी शादी कहा हुई है अभी!जब शादी होगी तब तू पापा & तेरी बीवी
मम्मी बनेंगे & यही मैं तुझे आज बताउन्गी की कैसे बनते हैं पापा &
मम्मी.",देविका अब संजीदा हो गई थी.
"प्रसून,तुम्हारा पाजामा खराब हुआ था तो जो चीज़ तुम्हारे वाहा से निकली
थी वो चिपचिपी सी थी ना?",प्रसून ने हाँ मे सर हिलाया.
"उसे पानी कहते हैं या फिर वीर्या.तुम्हारा वो जहा से तुम पेशाब करते हो
वो कभी-2 बहुत कड़ा हो जाता है ना?",देविका के गाल शर्म से लाल हो गये थे
मगर ये कम करना ज़रूरी था.प्रसून ने फिर से हाँ मे सर हिलाया.
"तो जब ये कड़ा हो जाता है तब इसे अपनी बीवी के पेशाब करने की जगह,जोकि 1
छेद जैसी होती है,उसमे घुसा के उस वीर्या को अंदर गिराते हैं.इसी से बीवी
के पेट मे बच्चा आ जाता है.",देविका ने जल्दी से बात कही.
"ये काम सिर्फ़ बीवी के साथ करते हैं,मम्मी?"
"हाँ,बेटा सिर्फ़ उसी के साथ.",देविका ने उसके गाल थपथपाए,"..ये काम
सिर्फ़ बीवी के साथ करते हैं & इसके बारे मे सभी बाते भी.कभी भी ये बातें
अपनी बीवी & मेरे सिवा और किसी से नही करना.ओके?"
"ओके,मम्मी."
"अब रात को पाजामा गंदा हो तो परेशान मत होना.ठीक है?"
"ठीक है,मम्मी.".प्रसून के चेहरे पे डर या शर्म का नामोनिशान नही था.
"चलो अब खाना खाने चलते हैं."
"चलिए,मम्मी."
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"उम्म्म....",कामिनी ने वीरेन का सर अपनी बाई चूची से उठाया.दोनो चादर
ओढ़े उसके बिस्तर पे लेटे थे & वीरेन उसके सीने पे झुका था,"..जब देखो
वही झुके रहते हो!",वीरेन हंसते हुए उसका चेहरा चूमने लगा.
"वीरेन.."
"ह्म्म..",वो उसके गले को चूम रहा था.
"तुम्हारे भाय्या का कारोबार तुम्हारी भाभी संभाल लेंगी?"
"हां.बहुत..",वीरेन ने चूमना छ्चोड़ दिया & जैसे कुच्छ सोचने
लगा,"..समझदार औरत है वो.",कुच्छ पॅलो बाद उसने जवाब दिया.
"वैसे एस्टेट को चलाने के लिए स्टाफ तो होगा ही?"
"हां,1 मॅनेजर होता है जोकि सभी चीज़ो पे & सारे वर्कर्स पे नज़र रखता है
फिर 1 सेक्यूरिटी मॅनेजर भी है जो एस्टेट की सेक्यूरिटी संभलता है."
"अच्छा."
"हाँ,वो शिवा नाम का आदमी था ना.."
"हाँ,वो लंबा सा."
"हाँ,वोही..",वीरेन लेट गया तो कामिनी उसके सीने पे ठुड्डी टीका वाहा के
बालो से खेलती उसकी बात सुनने लगी,"..वो है सेक्यूरिटी मॅनेजर.",वीरेन
उसके चेहरे को सहला रहा था,"..& वो इंदर है मॅनेजर जोकि कुच्छ ही दिन
पहले आया है."
"अच्छा.इस से पहले वो कहा था?"
"पता नही.ये डीटेल्स तो वही एस्टेट के लोग जानते होंगे.",कामिनी सोच मे
पड़ गयी.पहले उसने सोचा था की वीरेन को वो सुरेन सहाय की दवा वाली बात
बता दे मगर फिर उसने सोचा की पहले कुच्छ & पुख़्ता सबूत मिल जाए जिस से
किसी पे शक़ भी थोडा यकीन मे बदले,फिर बताएगी.
"क्यू पुच्छ रही हो?"
"बस ऐसे ही.इतनी बड़ी जयदाद कैसे संभलेगी ये ख़याल तो आता ही है ना."
"हां,वो तो है मगर भाभी सब संभाल लेगी.",वीरेन जैसे फिर कुच्छ सोचने लगा.
"कहा खो जाते हो?",कामिनी ने उसके निपल को नाख़ून से छ्चोड़ा.
"तुम्हारे यहा होते मैं कही और खो सकता हू!",उसने उसकी गंद पे चूटी काटी.
"ऊव्वव....!",जवाब मे शोखी से मुस्कुराती कामिनी ने उसके आंडो को पकड़ के
दबा दिया.1 बार फिर से दोनो का मस्ताना खेल शुरू हो गया.
"उन्न्ह...उन्न्ह.....",देविका अपने कमरे मे 1 सिंगल-सीटर सोफे पे पाई
उपर चढ़ाए बैठी थी,उसके जिस्म पे 1 धागा तक नही था & उसका दीवाना शिवा
ज़मीन प्यू अपने घुटनो पे बैठ उसकी चूत पे अपनी लपलपाति जीभ फिरा रहा था.
"आआननह...आनह....!",शिवा अपनी जीभ अब उसके दाने के बजाय उसकी चूत मे ऐसे
अंदर-बाहर कर रह हो मानो वो कोई लंड हो.देविका को बहुत मज़ा आ रह
था.मस्ती मे पागल हो उसने शिवा के बॉल पकड़ लिए & उन्हे खींचती हुई उसके
सर को अपनी चूत पे भींचते हुए कमर हिलाने लगी.
"शी..वाअ...ऊव्ववव...डार..लिंग...1 का..आम
है..तुमसे...आआअनन्नह..!",देविका उसके बाल खींचते हुए अपनी कमर हिलाते
हुए झाड़ रही थी.
"कैसा काम,मेरी जान.",शिवा ने अपनी प्रेमिका के झाड़ते ही सर उसकी चूत से
उठाया & घुटनो पे बैठे-2 ही अपना लंड सोफे पे बैठी देविका की चूत मे
घुसाने लगा.
"ऊव्वव...",देविका ने अपना सर सोफे के बॅक पे टीका के पीछे झुका लिया तो
शिवा ने लंड अंदर घुसते हुए मुँह मे उसकी दाई मोटी चूची को भर
लिया,"..मैं प्रसून की शादी करना चाहती हू."
"क्या?!!मगर वो..",देविका ने अपने हैरान प्रेमी के होंठो को अपने होंठो
से सील दिया.उसकी चूत मे उसका लंड बहुत गहरे तक उतरा था.उसने अपनी टाँगे
उसकी गंद पे कस उसे और अंदर किया & अपनी बाँहो मे उसका उपरी बदन भर उसे
खुद से चिपका लिया,"..तुम्हारी हैरानी बाद मे दूर करूँगी."
उसके होंठ छ्चोड़ उसने बेचैनी से कमर हिलाते हुए उसके सीने के बालो मे
उंगलिया फिराई,"..ये है उस लड़की की तस्वीर जिसे मैने प्रसून के लिए पसंद
किया है,इसका नाम है रोमा वेर्मा.प्नच्महाल मे रहती है अपने बड़े भाई
संजय वेर्मा के साथ."
"..ये हैं सारे डीटेल्स.",तस्वीर के साथ 1 काग़ज़ उसने शिवा को
दिखाया,"..शिवा मैं चाहती हू कि ज़रा तुम इस लड़की & इसके परिवार के बारे
मे सब पता कर दो ताकि ये पता चले की ये कैसे लोग हैं & ये लड़की मेरे
प्रसून के लिए सही है या नही."
"वो तो ठीक है मगर..",शिवा के माथे पे अभी भी शिकन पड़ी हुई थी.
"डार्लिंग,बस थोड़ी देर मे तुम्हे सारी बात बताउन्गि मगर पहले मुझे प्यार
तो करो.तुम्हारा लंड मेरे अंदर पड़ा मुझे पागल कर रहा है,जान!",अपनी
जान,अपनी प्रेमिका की बात भला शिवा कैसे टाल सकता था.उसने उसके होंठो को
अपने होंठो की गिरफ़्त मे लिया & उसकी छातिया मसल्ते हुए उसकी चुदाई करने
लगा.
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