"आउच..!",बिस्तर पे लेटे वीरेन का लंड अपनी चूत मे लिए उसके उपर बैठी कामिनी ने उसे 1 प्यार भरी चपत लगाई,उसने उसके निपल को अपनी उंगलियो के बीच थोड़ा ज़ोर से मसल दिया था,"शरीर कही के!".कामिनी कमर हिला-2 के वीरेन के तगड़े लंड का लुत्फ़ उठाने लगी.वीरेन के हाथ उसकी मोटी चूचियो को मसले जा रहे थे.
"ऊहह..वीरेन....ये मॅनेजर लोग तुम्हारी ..आअहह...".उसकी कमर को अपनी बाहो मे कसते हुए उसने उसे खुद पे झुका लिया था & अब उसकी छातिया अपने प्रेमी के सीने से पीस गयी थी,"..तुम्हारी एस्टेट मे ही रहता हैं...ऊऊहह..!",वीरेन उसकी कमर को थामे नीचे से गंद उचका-2 के धक्के लगा रहा था.
"हां,एस्टेट मनेजर के लिए तो कॉटेज है मगर उस शिवा को भाय्या ने बंगल के अंदर ही 1 कमरा दिया था अपनी हिफ़ाज़त के लिए.",वो अपना सर उठाए उसके निपल्स पे जीभ चला रहा था.
"क्यू?उन्हे किसी से ख़तरा है क्या..आआआआआअहह..!",वीरेन ने अपना दाए हाथ की 1 उंगली उसके गंद के छेद मे घुसा दी थी जिसकी वजह से उसकी मस्ती और भी बढ़ गयी थी & उसकी कमर हिलाने की रफ़्तार भी.
"अरे नही,बस ऐसे ही प्रिकॉशन लिया था उन्होने."
"अच्छा..आहह..!",तो ये शिवा घर के अंदर रहता था..कही उस नयी दवा की डिबिया की गुत्थी उसी से तो नही सुलझेगी?..लेकिन उस नये मनेजर इंदर के बारे मे भी पता करना पड़ेगा....बहुत ज़रूरी था की वो अपने दिल का शक़ दूर करे.वो नही चाहती थी की अगर सुरेन सहाय किसी साज़िश के शिकार हुए थे तो उनके परिवार पे कोई आँच आए ख़ासकर के उसके प्रेमी पे जिसका लंड अब उसके अंदर बहुत खलबली मचा रहा था.
वीरेन की चुदाई की खुमारी अब पूरी तरह से कामिनी के उपर च्छा गयी थी.उसके ज़हन से एस्टेट की सारी चिंता हवा हो गयी & बस 1 ही बात रह गयी की वो वीरेन के साथ इन लम्हो का पूरा लुत्फ़ उठाए.उसने अपने होंठ अपने प्रेमी के होंठो से मिलाए & उछाल-2 कर उसके हर धक्के का जवाब देने लगी.