RE: Kamukta Story बदला
गतान्क से आगे...
आख़िरकार वो दिन भी आ ही गया जब प्रसून & रोमा की शादी हो गयी.देविका आज
बहुत खुश थी.उसने जैसे सोचा था सब कुच्छ वैसे ही हुआ.वो अपने बंगल के
दरवाज़े पे खड़ी जो चंद मेहमान आए थे उन्हे विदा कर रही थी.वीरेन भी उसके
साथ खड़ा था.कामिनी पहले ही उसकी कॉटेज मे जा चुकी थी.सारे मेहमआनो के
जाने के बाद देविका बंगल के अंदर चली गयी & वीरेन अपनी कॉटेज. अपनी कॉटेज
मे दाखिल होते ही वीरेन ने देखा की कामिनी कॉटेज के बेडरूम की खिड़की के
पास खड़ी बाहर देख रही थी,"क्या देख रही हो?",वीरेन ने उसे पीछे से बाहो
मे भर लिया. "वो दूसरी कॉटेज किसकी है?",वीरेन की कॉटेज बंगल से थोड़ा हट
के कुच्छ पेड़ो के पीछे इस तरह से बनी थी कि उसकी 1 खिड़की से बुंगला तो
दूसरी से मॅनेजर की कॉटेज नज़र आती थी & अगर कॉटेज के दूसरे कमरे की
खिड़की से देखते तो सर्वेंट क्वॉर्टर्स नज़र आ जाते लेकन उसकी कॉटेज
सिर्फ़ बंगले से ही नज़र आती थी. "वो मॅनेजर की कॉटेज है.",वीरेन ने उसकी
गर्दन पे चूमा. "लेकिन वाहा इतना अंधेरा क्यू है?",कामिनी ने अपने हाथ
अपने पेट पे बँधे उसके हाथो पे रख दिए. "पता नही.",वीरेन बस उसकी खुश्बू
महसूस करता हुआ उसे चूमे जा रहा था. "मॅनेजर तो वही रहता है फिर कोई
रोशनी क्यू नही है?",कामिनी ने अपना सवाल दोहराया. "अकेला आदमी है.सो गया
होगा.",उसने कामिनी की सारी का पल्लू नीचे गिरा दिया,"..अब उस बेचारे की
कॉटेज मे ऐसा गुल कहा जो गुलज़ार हो.",उसकी बात पे कामिनी को हँसी आ गयी
तो वीरेन ने उसे बाहो मे भरा & अपने बिस्तर की ओर ले जाने लगा.
------------------------------
----------------------------------------------------------------------------------------------
रोमा & प्रसून अपने कमरे मे अकेले थे.ये पहली बार था जब प्रसून अपनी मा
के अलावा किसी और औरत के साथ अपने बेडरूम मे रात को सोने वाला था.उसे
काफ़ी शर्म आ रही थी,उसे कपड़े बदलने थे & उसे समझ नही आ रहा की इस लड़की
की मौजूदगी मे वो ऐसा कैसे करे. शर्म तो रोमा को भी आ रही थी मगर वो
जानती थी की इस रिश्ते मे अगर वो ये उम्मीद करे की प्रसून पहल करेगा तो
वो शायद ज़िंदगी भर उस से चुद नही पाएगी.आख़िर था तो वो 1 मर्द के जिस्म
मे बच्चा ही.यहा उसे ही अपनी शर्मोहाया छ्चोड़ अपने पति को भी बेशर्म
बनाना होगा. "सुनिए..",प्रसून उसकी आवाज़ सुन घुमा,"..कपड़े बदलने है ना
आपको?",प्रसून ने हा मे सर हिलाया. "तो बदलते क्यू नही?",वो उसके करीब आ
गयी.प्रसून के गाल जैसे शर्म से जल रहे थे,"..मुझसे कैसा शरमाना.मैं तो
आपकी बीवी हू ना.",वो उसके पास बिस्तर पे बैठ गयी,"..लाइए मैं मदद करती
हू.",उसने उसका कुर्ता पकड़ के उपर किया तो प्रसून पीछे हो गया,"..मैं
खुद कर लूँगा." उसने उसकी तरफ पीठ की & कुर्ता उतारने लगा.रोमा को उसके
बच्पने पे हँसी आ गयी मगर उसने ठान लिया था की अपने पति से वो आज रात
दोस्ती कर ही लेगी.वो भी अपनी सारी उतारने लगी.प्रसून पाजामा उतारने के
लिए बाथरूम जाने लगा तो रोमा ने उसे रोका,"सुनिए." "क्या है?" "ज़रा ये
हुक्स खोल दीजिए ना.मुझ से नही खुलते,",वो उसके सामने ब्लाउस & पेटिकोट
मे खड़ी हो गयी.प्रसून का शर्म के मारे बुरा हाल था.काँपते हाथो से उसने
उसके सीने के बड़े-2 उभारो को ढँके हुए ब्लाउस के हुक्स खोले & फिर वाहा
से जाने लगा,"रुकिये,पहले यहा बैठिए.",हाथ पकड़ रोमा ने उसे अपने साथ
बिस्तर पे बिठाया. "मुझसे शरमाते क्यू हैं.मैं तो आपसे दोस्ती करने आई
हू.",प्रसून ने उसकी तरफ देखा. "हां.",रोमा ने उसका हाथ थाम लिया,"मैं
आपकी दोस्त हू.आप मुझे बताइए की आपको क्या अच्छा लगता है हम वही करेंगे."
भोले प्रसून को उसकी बात बहुत अच्छी लगी,"मुझे पैंटिंग बहुत पसंद है."
"सच.",रोमा ने बहुत खुशी से कहा,"तो दिखाइए ना." "अभी लाता हू.",रोमा ने
अपना ब्लाउस निकाल दिया.अब वो लाल ब्रा मे & पेटिकोट मे बिस्तर पे बैठी
थी. प्रसून उसे अपनी ड्रॉयिंग्स दिखाने लगा.रोमा उस से सॅट के बैठी थी &
उसे थोड़ा अजीब सा अभी भी लग रहा.उसकी नज़र बार-2 रोमा के ब्रा पे जा रही
थी,उसके बदन से आती खुश्बू उसे बहुत अछी लग रही थी & उसने देखा की उसके
पाजामे मे उसका लंड खड़ा हो गया है.1 बार फिर उसे शर्म आने लगी & उसने
अपनी 1 स्केचबुक अपनी गोद मे रख ली. "वाउ!",प्रसून के बाए अरफ़ बैठी रोमा
ने अपना दाया हाथ उसकी नंगी पीठ पे रखा तो वो सिहर गया,"..आप कितनी अच्छी
ड्रॉयिंग करते हैं,प्रसून.मुझे भी सिखाएँगे.",वो 1 बच्चे की तरह मचली मगर
अपने पति के चेहरे की उड़ी रंगत देख उसके माथे पे भी शिकन पड़ गयी. "क्या
हुआ प्रसून?",उसने उसके चेहरे पे हाथ फेरा,".आपकी तबीयत तो ठीक है?",उसके
माथे पे उसने हाथ रख देखा की कही उसे बुखार तो नही. "मैं ठीक हू." "फिर
क्या हुआ?",रोमा ने अपने बाए हाथ से उसका चेहरा अपनी ओर
घुमाया,"बोलिए.अपनी फ्रेंड से नही कहेंगे.",प्रसून को सब कुच्छ बहुत अजीब
सा लग रहा था मगा रोमा की करीबी उसे बहुत भा रही थी.उसका बदन,उसकी खुश्बू
उसे समझ नही आ रहा था की आख़िर ये हो क्या रहा था.रोमा का दाया गाल उसके
करीब था & उसने उसपे हल्के से चूम लिया. रोमा अपने गाल पे हाथ रखथोडा
पीछे हुई & अपना सर झुका लिया तो प्रसून घबरा गया & बिस्तर से उतरने
लगा,"नही." "क्यू जाते हैं?",रोमा ने उसे रोका. "तुम गुस्सा नही हो?",1
बार फिर प्रसून 1 मासूम बच्चा बन गया था. "नही तो..",रोमा फिर से उसके
करीब आ गयी,"..मैं तो आपकी बीवी हू.आप तो मुझे कभी भी प्यार कर सकते
हैं." "कभी भी?" "हां.",रोमा ने उसके होंठो पे अपने गाल रख दिए तो प्रसून
ने फिर से उसे चूमा.जवाब मे रोमा ने भी उसके गाल को चूम लिया.ये मस्ताना
हरकत बच्चो का खेल बन गयी.प्रसून उसका गाल चूमता तो रोमा भी उसका 1 गाल
चूम लेती.वो उसकी नाक चूमता तो वो भी ऐसा ही करती.दोनो हंसते हुए ये खेल
खेल रहे थे.रोमा 1 जवान लड़की थी & प्रसून दिमाग़ से बच्चा था मगर जिस्म
से हटटा-कट्ता जवान मर्द था.उसकी करीबी से वो भी मदहोश हो रही थी & उसके
अरमान भी जाग उठे थे. इस बार उसने प्रसून के नंगे बालो भरे सीने पे
बीचोबीच चूम लिया.खेल मे मगन प्रसून ने भी आव देखा ना ताव & उसके ब्रा से
झाँकते उसके बड़े क्लीवेज पे चूम लिया मगर चूमते ही उसे ऐसा लगा मानो
उसने बहुत बड़ी ग़लती कर दी & वो झट से पीछे हो गया लेकिन रोमा ने ऐसे
जताया जैसे उसे कुछ लगा ही ना हो & उसने झुक के प्रसून के पेट पे चूम
लिया. अब प्रसून को भी लगा की उसकी नयी दोस्त उसके साथ खेल ही रही
है.उसने भी उसके पेट पे चूम लिया.रोमा का जिस्म अब पूरी तरह से गरम हो
चुका था.वो बिस्तर पे ही खड़ी हो गयी,"उम्म....चलिए पहले कपड़े बदल लेते
हैं फिर खेलेंगे.",उसने अपनी पेटिकोट की डोर खोल दी.अब वो लाल रंग की लेस
की ब्रा & पॅंटी मे थी,"आप भी बदलिए ना कपड़े." बहुत शरमाते हुए प्रसून
ने अपना पाजामा नीचे किया.रोमा ने अपने पति को केवल 1 काले अंडरवेर मे
देखा तो जैसे उसकी टाँगो ने उसका साथ छ्चोड़ दिया.उसका गला सुख गया &
उसने थूक गटका.उसने अपनी पीठ प्रसून की तरफ कर दी & अपने बाल अपने हाथो
मे पकड़ अपनी पीठ से हटाए,"ज़रा ये हुक खोल दीजिए." प्रसून ने उसकी बात
मानी & जैसे ही उसने ब्रा के हुक्स को खोला रोमा उसे अपने सीने से नीचे
गिराती हुई घूम कर उसके सामने आ गयी.रोमा की 34 साइज़ की बड़ी-2 चूचिया &
उनपे सजे हुए जोश से कड़े भूरे निपल्स अब प्रसून की आँखो के सामने
थे.उसने ज़िंदगी मे पहली बार 1 औरत की नंगी चूचिया देखी थी,"ऐसे क्या देख
रहे हैं?" प्रसून ने जैसे अपनी बीवी का सवाल सुना ही नही.उसे वो गेंद
जीसी चीज़े बड़ी अजीब सी लग रही थी,"क्या हुआ?पहले कभी नही देखी क्या
आपने ये?",रोमा ने अपनी मस्त चूचियो की ओर इशारा किया.प्रसून ने ना मे सर
हिलाया. "तो अब देख लीजिए.",रोमा ने उसका हाथ पकड़ के अपने सीने पे रख
दिया.उसे खुद पे भी हैरत हो रही थी की वो इतनी बेबाक कैसे हो गयी थी की
पहली रात को ही अपने पति से ऐसे खुल के पेश आ रही थी.माना की वो
मंदबुद्धि था फिर भी उसकी शर्मोहाया यू हवा हो जाएगी उसे उम्मीद भी नही
थी. "उम्म..",प्रसून ने उसकी चूची को हौले से दबाया तो उसकी टाँगो ने
उसका साथ छ्चोड़ दिया & वो बिस्तर पे गिर पड़ी. "क्या हुआ
रोमा?सॉरी...मैं अब ज़ोर से नही दबाउन्गा..!",घबराया प्रसून आँखे बंद किए
रोमा के उपर झुका हुआ था.रोमा के अपने इस बुद्धू पति पे बहुत प्यार आया &
उसने उसे अपने उपर खींचा & उसके होंठो से अपने होंठ लगा दिए.उसकी ज़ुबान
प्रसून के मुँह मे घुस उसकी जीभ से लड़ने लगी तो प्रसून घबरा गया & उसकी
बाँहो से निकलने की कोशिश करने लगा मगर रोमा अब पूरी तरह से बेकाबू हो
गयी थी.उसने उसे नही छ्चोड़ा. प्रसून अपनी बीवी के उपर पड़ा हुआ था &
उसका लंड उसकी चूत पे था.उसका दिमाग़ कमज़ोर था उसका जिस्म नही & चूत को
महसूस करते ही उसकी कमर अपने आप हिलने लगी & वो अपने अंडरवेर के अंदर से
& उसकी पॅंटी के उपर से ही धक्के लगाने लगा.रोमा की कमर भी हिल रही
थी.अचानक प्रसून को अपने अंदर बहुत ही मज़ा जैसा कुच्छ लगा & उसकी कमर और
ज़ोर से हिलने लगी & वो अपने उंड़रएवर मे ही झाड़ गया. रोमा ने भी ये
महसूस किया & उसे थोड़ी खिज महसूस हुई.प्रसून को अब बहुत ज़्यादा शरम आई
& वो जल्दी से रोमा के उपर से उतरा & बाथरूम मे भाग गया.
-------------------------------------------------------------
|