RE: Kamukta Story बदला
"ऊन्नह...ऊन्नह....!",कामिनी बिस्तर के हेडबोड को हाथो से पकड़े अपने
घुटनो पे बिस्तर पे थी & वीरेन उसकी अन्द्रुनि जाँघो को चूम रहा
था.पिच्छले 1 घंटे मे वो कोई 2 बार झाड़ चुकी थी मगर अभी तक उसकी चूत ने
उसके लंड से मुलाकात नही की थी. "आऐइययईईए....!",कामिनी ने हेडबोर्ड को
और ज़ोर से पकड़ लिया क्यूकी वीरेन की लपलपाति जीभ अब उसके दाने को चाट
रही थी & उसकी उंगली भी उसके चूत मे अंदर-बाहर हो रही थी.वो तीसरी बार
झड़ने के करीब पहुँच रही थी जब वीरेन ने अपनी ज़ुबान & उंगली को उसकी
चिकनी चूत से पीछे हटाया & अपना लंड उसमे दाखिल करा दिया. कमरे मे अंधेरा
था बस खिड़की से आती चाँदनी ही वाहा मौजूद थी & माहौल को और नशीला बना
रही थी.वीरेन उसकी चौड़ी गंद की फांको को फैलाते हुए अपने लंड को जड तक
उसकी चूत मे धँसाते हुए धक्के लगा रहा था.कामिनी का बुरा हाल था.लंड के
घुसते ही 3-4 धक्को मे ही वो झाड़ गयी थी मगर वीरेन की चुदाई मे उसे फिर
से तुरंत मस्त कर दिया था.चोद्ते हुए वीरेन झुका & अपने दाए हाथ से उसकी
चूचिया भींच के उन्हे मसलते हुए उसकी पीठ & गर्दन पे किस्सस की बौछार कर
दी. कामिनी अपने प्रेमी की मस्ताना हर्कतो से और मदहोश हो गयी & बेचैन हो
उसने अपना सर दाए तरफ घुमाया,वीरेन उसके बाए कंधे को चूमते हुए धक्के लगा
रहा था.सर घूमते ही कामिनी की नज़र कमरे की खिड़की पे पड़ी & उसके मुँह
से चीख निकलते-2 रह गयी.वाहा कोई आदमी खड़ा उनकी चुदाई देख रहा था जो
उसके सर घूमते ही वाहा से हट गया था. कामिनी को घबराहट हुई मगर उस वक़्त
उसका दिल उसके जिस्म का गुलाम था & उसका जिस्म वीरेन का लंड उसकी कोख पे
चोट कर उसके जिस्म मे मस्ती की लहरें दौड़ा रहा था.वीरेन ने अपना सर उसके
बाए कंधे से उठाया & उसके दाए तरफ घूमे हुए सर को अपने 1 हाथ से उपर कर
उसके लब से अपने लब लगा दिए.कामिनी भी उसकी किस मे सब भूल अपनी कमर
हिलाके चुदाई का मज़ा लेने लगी. "क्या कर रहे हैं,प्रसून?",बाथरूम मे
अपना अंडरवेर उतार के अपना लंड धोते प्रसून से रोमा ने पुचछा. "आप कितना
शरमाते हैं!",प्रसून उसे देख अपना लंड च्छुपाने लगा था,"ये देखिए मेरी भी
तो पॅंटी गीली हो गयी है.",रोमा ने इशारा किया तो प्रसून ने देखा की
सकमूच उसकी बीवी की पॅंटी के लेस पे भी 1 बड़ा सा धब्बा पड़ा हुआ था.वो
कुच्छ बोलता उस से पहले ही रोमा ने अपनी पॅंटी उतार दी & अपनी रस बहाती
चूत अपने पति के सामने कर दी. "ये देखिए..",प्रसून अपना नन्गपन भूल हैरत
मे रोमा की चूत देख रहा था.पहली बार उसने किसी जवान औरत को इस तरह नंगी
देखा था,"..चलिए उठिए.",उसने उसे हाथ पकड़ उठाया & फिर 1 तौलिया ले उसका
लंड पोंच्छ दिया.प्रसून ने दूर हटने की कोशिश की मगर रोमा ने उसकी 1 ना
सुनी. प्रसून तो झाड़ चुका था मगर रोमा की आग अभी भी वैसे ही भड़क रही
थी.प्रसून के लंड के एहसास ने उसे और पागल कर दिया था.सिकुड़ने के बावजूद
लंड कोई 4-5 इंच लंबा लग रहा था.उसके सख़्त होने पे उसकी लंबाई के बारे
मे सोच के रोमा की चूत फिर से गीली होने लगी. अपने पति का हाथ पकड़ वो
उसे वापस कमरे मे लाई & बिस्तर पे लिटा दिया,"आज से आपके सारे काम मैं
करूँगी.ठीक है.",वो भी उसके बगल मे लेट गयी,"..और आप भी 1 प्रॉमिस करिए."
"क्या?",प्रसून अपनी इस दोस्त की बातो से हैरान था. "कि आप मुझ से कभी भी
नही शरमाएँगे.ओके!" "ओके,प्रॉमिस." "थॅंक्स.",रोमा ने उसके गाल पे चूम
लिया & फिर उसे उसकी 1 स्केचबुक थमा दी,"चलिए अपनी और ड्रॉयिंग्स
दिखाइए." प्रसून उसे खुश होके ड्रॉयिंग्स दिखाने लगा & उनके बारे मे
बताने लगा. "आपके चाचा तो बहुत अच्छी ड्रॉयिंग करते हैं,प्रसून.आप उनसे
क्यू नही कहते की आपको सिखाएं." "हां,चाचा भी मुझे बेस्ट पेंटर कहते
हैं.पर मुझे तो सब आता है.मैं उनसे क्यू सीखू?",प्रसून के मासूम सवाल पे
रोमा को हँसी आ गयी.वो उसके बाई तरफ लेटी थी,उसने करवट बदली & प्रसून के
गाल पे प्यार से हाथ फेरा,"वो आपसे बड़े हैं ना & पता है उन्हे बहुत
प्राइज़स भी मिले हैं.वो आपको नये-2 रंगो के बारे मे भी बताएँगे & अलग-2
ड्रॉयिंग्स के बारे मे भी.",रोमा ने ये जानते ही की प्रसून ड्रॉयिंग करता
है,ये तय कर लिया था की वो अपने पति को अपने इस हुनर को और निखारने के
लिए ज़रूर प्रेरित करेगी. प्रसून ने जैसे उसकी बात नही सुनी थी & वो उसके
सीने को देखे जा रहा था,"क्या देख रहे हैं?" "तुम्हारे यहा पे बॉल क्यू
नही हैं?",उसने उसकी छातियो पे हाथ फेरा तो रोमा के बदन मे बिजली सी दौड़
गयी. "तो आपका सीना भी तो मेरे जैसा नही.",उसने उसके सीने के बालो मे हाथ
फिराया,"..जो आपके पास है वो मेरे पास नही & जो मेरे पास है वो आपके पास
नही.भगवान जी ने हमे जान के ऐसे बनाया है ताकि हम दोनो 1 दूसरे के पास से
वो ले लें जो हमारे पास नही है." उसने उसका हाथ पकड़ के अपनी चूत पे
लगाया"देखिए ये जगह भी आपके जैसी नही है ना." "हां.",प्रसून का लंड 1 बार
फिर खड़ा हो गया.रोमा की चूत पे हाथ फिराते हुए उसने अपनी 1 उंगली अंदर
डाल दी,"ऊव्व!" घबरा के प्रसून ने हाथ पीछे खींच लिया,"इतनी ज़ोर से नही
प्रसून आराम से कीजिए.",रोमा उठ के बैठ गयी तो प्रसून भी बैठ गया.दोनो
आमने-सामने बैठे थे,"..हां ऐसे ही धीरे से अंदर बाहर कीजिए.",उसने प्रसून
का हाथ पकड़ उसे उंगली से चूत मारना सिखाया.उसका दिल तो कर रहा था की
प्रसून के तने लंड को जो अब 9 इंच का हो गया था पकड़ के हिला दे मगर उसे
डर था की उसका अनारी पति कही फिर ना झाड़ जाए. "अब ऐसे इस्पे गोल-2..हां
बिल्कुल ऐसे..आअहह..",वो उसे अपने दाने को छेड़ना सीखा रही थी,"..रुक
क्यू गये?" "तुम्हे दर्द हो रहा है,तुम कराहती हो." "ओह्ह..मेरे
राजा!",उसने अपने भोले-भले पति के होंठ चूम लिए,"..जब मज़ा आता है तब भी
लड़किया कराहती हैं & आप घबराईए मत अगर मुझे तकलीफ़ होगी तो मैं आपको
बोलूँगी की रुक जाइए.ठीक है!",प्रसून ने बच्चो जैसे सिर हिलाया & उसकी
चूत मारने लगा.थोड़ी ही देर मे रोमा उसकी उंगलियो से परेशान हो अपनी कमर
हिलाके झड़ने लगी.उसने प्रसून की कलाइया कस के पकड़ के उन्हे रोक
दिया,उसे बहुत तकलीफ़ सी हो रही थी मगर साथ ही इतनी खुशी भी हो रही थी की
उसके आँसू निकल आए. "तुम रो रही हो,रोमा?",प्रसून उसे हैरत से देख रहा
था. "नही मेरी जान.",रोमा ने उसे खींच के अपने सीने से लगा लिया & उसके
सर को चूमने लगी.प्रसून का लंड उसके पेट मे चुभ रहा था.अब वक़्त आ गया था
की उसके अनारी पति को खिलाड़ी बनाया जाए. वो उसे लिए-दिए लेट गयी.बीवी के
उपर लेटते ही प्रसून की कमर फिर से खुद बा खुद हिलने लगी.अब उसे रोमा का
उसके मुँह मे अप्नी जीभ डालना भी बहुत अच्छा लग रहा था.रोमा ने उसे बोल
कर उसकी जीभ भी अपने मुँह मे घुस्वाई.प्रसून को इस खेल मे बहुत मज़ा आ
रहा था.उसके आंडो मे मीठा सा दर्द हो रहा था जिसका एहसास उसके लिए
बिल्कुल अनोखा था. "प्रसून,आप अपने घुटनो पे बैठ जाइए..",रोमा ने अपनी
टाँगे फैला प्रसून को उनके बीच लिया,"..हां..अब इसे यहा
घुसाइये..",प्रसून को मा की कही बात याद आ गयी & वो अपना लंड रोमा की चूत
मे धकेलने की कोशिश करने लगा. "ऊओवव्व..!रुकिये,प्रसून....ऐसे नही ..1
मिनिट..",उसने उसका लंड पकड़ा & अपनी चूत पे रखा,"..हां अब हल्के से
घुसाइए.",प्रसून ने उसकी बात मान हल्के से धक्का लगाया मगर नाकाम रहा.
"फिर से कोशिश कीजिए..",रोमा समझ गयी की उसकी कसी चूत की वजह से ये हो
रहा है,"..1 मिनिट रुकिये.",उसने दाए हाथ मे लंड को पकड़ा & बाए की 2
उंगलियो से अपनी चूत को फैलाया,"..अब घुसाइए." "आहह..!",इस बार लंड थोड़ा
अंदर घुसा & इसके बाद तो जैसे प्रसून को सब खुद समझ मे आ गया.उसने ऐसे
ताबड़तोड़ धक्के लगाने शुरू किए की ना सिर्फ़ रोमा की चूत मे वो जड़ तक
समा गया बल्कि 4 धक्को मे ही रोमा दोबारा झाड़ गयी.उसे पता ही ना चला की
उसे बहुत दर्द हो रहा है क्यूकी उसके उपर तो खुमारी च्छाई हुई थी. प्रसून
1 बार झाड़ चुका था & अब उसे वक़्त लग रहा था मगर वो था तो अनारी ही.वो
बस उउन्ण उउन्ण करता पागलो की तरह धक्के लगाए जा रहा था,"प्रसून..",अपनी
बीवी की आवाज़ सुन अपने हाथो पे आँखे बंद किए,उठे प्रसून ने उसे देखा तो
रोमा ने उसे खींच के अपने उपर सुला लिया & उसके हाथो को अपनी चूचियो पे
लगा दिया,"..इन्हे दबाइए & इन्हे किस भी कीजिए." धक्के लगाता प्रसून अपनी
नयी-नवेली दुल्हन से इस खेल के नये-2 गुर सीखने लगा.
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क्रमशः.........
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